होम / एक्सपर्ट ओपिनियन / दलाई लामा को माफी नहीं मांगनी है, बल्कि तिब्बती समुदाय से माफी मांगे दुनिया 

दलाई लामा को माफी नहीं मांगनी है, बल्कि तिब्बती समुदाय से माफी मांगे दुनिया 

तिब्बतियों के लिए यह गहरे आघात की तरह है. उनकी आंखों से नींद इसलिए उड़ गई है, क्योंकि उनके परम आदरणीय धर्मगुरु को निशाना बनाया गया है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago

  • तेनजिनन पेमा

पूज्य धर्मगुरु से कभी किसी क्षमा याचना की आवश्यकता नहीं थी. कोई क्षमा नहीं. कोई स्पष्टीकरण नहीं. कोई बयान नहीं. क्योंकि प्रेम, विश्वास और करुणा के विशुद्ध कार्यों के लिए किसी क्षमा याचना की आवश्यकता नहीं होती. क्योंकि एक "ओथुक"(oothuk) - हमारी संस्कृति में शुद्ध प्रेम, सम्मान को दर्शाने के लिए माथे को स्पर्श करने- के लिए माफी की आवश्यकता नहीं होती. क्योंकि बच्चों को बड़ों द्वारा और बच्चों द्वारा बड़ों को होठों पर दी गई 'किस' या ;पो' (PO)हमारी संस्कृति में आम है और विशुद्ध, बेदाग प्यार का एक और संकेत है - बेशक, आप अपने खुद के हाइपरसेक्सुअल विचारों/संस्कृति या हर चीज पर नकारात्मक अनुभव को थोपते हैं और उसी लेंस से शुद्ध प्रेम के प्रत्येक कार्य को देखते हैं; ऐसे उदाहरण में, एक दादा द्वारा अपने ही पोते को चूमने को भी "बाल दुर्व्यवहार" के तौर पर देखा जाएगा.

बाकी दुनिया से अलग
क्योंकि धर्मगुरु से एक छोटे बच्चे या एक वयस्क के "चेहरे पर फूंक मारने" का अनुरोध करना -  किसी भी अन्य संस्कृति में गलत समझा जा सकता है - लेकिन हमारी संस्कृति में यह आम है और इसके अपने अलग मायने हैं. यह बीमार बच्चों वाले माता-पिता के लिए एक आशा की तरह है. यह मृत्यु की दहलीज पर पहुंच चुके लोगों के लिए मन की शांति है, क्योंकि वे दुनिया से रुखसत होने से पहले धर्मगुरु की 'फूंक' को महसूस करना चाहते हैं. 'मेरे चेहरे पर फूंक मारें' - तिब्बती दुनिया में बेहद शुद्ध शब्द/कार्य है, और यह शेष दुनिया से बहुत अलग है.

आशा और विश्वास का प्रतीक
शब्द "ब्लो" (Blow) यानी फूंक या "ब्लो-इंग" यानी फूंक मारना हमारी संस्कृति और हमारे समुदाय के लिए आशा एवं विश्वास और शांति एवं संतोष और पूर्ति एवं करुणा और दया का प्रतिनिधित्व करता है. किसी ऐसे व्यक्ति के लिए इसे समझना नामुमकिन है, जिसे तिब्बती जीवन शैली की रत्ती भर भी समझ नहीं है, और न ही उसे इसे जानने या समझने की परवाह है. और इसी तरह शब्द "nge che le jip" - तिब्बती बुजुर्गों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले आम शब्द है, यह विशुद्ध प्रेम को दर्शाता है, लेकिन जब इसका अंग्रेजी में अनुवाद किया जाता है - 'suck my tongue' तो इसका पूरा मतलब ही बदल जाता है.पवित्रता पर गलत नजरिया
इसलिए फिर से दोहराना चाहती हूं - धर्मगुरु से कभी किसी क्षमा याचना की आवश्यकता नहीं थी. फिर भले ही लोग ऐसी पवित्रता को भी गलत नजरिये से क्यों न देखते हों, उन्हें हर पवित्र रिश्ते में केवल वासना ही नजर क्यों न आती हो. इसके बजाय, विश्व को, तिब्बती दुनिया और उसके धर्मगुरु से माफी मांगनी चाहिए. हमें हर उस चीज के लिए माफी मांगनी चाहिए, जो रिश्तों की पवित्रता को ठेस पहुंचाती है, उसका गलत चित्रण करती है. धर्मगुरु पर शाब्दिक हमले और जिस तरह से कुछ तथाकथित लोग अचानक एक निष्कर्ष पर पहुंचे हैं, वह मेरे लिए और दुनिया भर के लाखों लोगों के लिए बेहद दुखदायी है.

आंखों से उड़ गई है नींद 
मेरी 77 वर्षीय मां जैसे कई तिब्बतियों के लिए यह गहरे आघात की तरह है, जिनकी आंखों की नींद इसलिए उड़ गई है, क्योंकि उनके परम आदरणीय धर्मगुरु के साथ-साथ पूरे तिब्बत समुदाय, उसकी संस्कृति पर सवाल खड़े किए गए हैं. उन्हें निशाना बनाया है. मेरी मां ने मुझे रोते हुए कहा- उन्हें नींद नहीं आती- यह तिब्बती विश्वास और जीवन जीने के तिब्बती तरीके पर अब तक का सबसे बुरा हमला है. और वह सही हैं. यह हमारी संस्कृति, हमारी जीवन शैली, हमारी मासूमियत, हमारा हास्य, हमारा अबाधित आशावाद, हमारा लचीलापन, हमारा भोलापन और हमारा विश्वास - सब पर हमला है.

मुझे इस बात का है डर
तीन बच्चों की तिब्बती मां के रूप में - जिनमें से दो की विशेष जरूरतें हैं -- मुझे इस बात का डर है कि यह घटना हमारी तिब्बती दुनिया और तिब्बती जीवनशैली को इतनी तेजी से बदल देगी कि कल यदि मुझे परम धर्मगुरु से यह कहना पड़े कि 'मेरी बच्चियों के चेहरे पर फूंक दें', तो वे कभी भी इतने विशेषाधिकार प्राप्त नहीं होंगे. और मुझे डर है कि ये यहीं नहीं रुकेगा - कल, हमारे जैसे कई अन्य तिब्बती माता-पिता के पास फिर कभी ऐसा अवसर नहीं होगा कि वे अपने बच्चों के लिए तिब्बती बौद्ध समुदाय के किसी भी अन्य आध्यात्मिक गुरु से आशीर्वाद प्राप्त कर सकें और उनके विशुद्ध प्रेम, करुणा का अहसास कर सकें.

फिर उठाए जाएंगे सवाल
ऐसा इसलिए है क्योंकि फिर किसी दिन दुनिया- हमारी संस्कृति के प्यार, करुणा और विश्वास के विशुद्ध तरीके को अपने गलत नजरिये वाले लेंस से देखेगी और फिर हमारी आस्था पर चोट पहुंचाई जाएगी. एक बार फिर से, परम आदरणीय धर्म गुरु की ओर से किसी माफी, स्पष्टीकरण और बयान की कभी आवश्यकता नहीं थी. इसके बजाय, विश्व को तिब्बती दुनिया और हमारे धर्मगुरु से माफी मांगनी चाहिए. 
#ApologiseNow

(तेनजिनन पेमा एक पुरस्कार विजेता पत्रकार हैं, जिन्हें विभिन्न वैश्विक और राष्ट्रीय मीडिया संगठनों में लेखन, संपादन और टीमों का नेतृत्व करने का 16 से अधिक वर्षों का अनुभव है. इस लेख में व्यक्त विचार उनके निजी विचार हैं.)
 


टैग्स
सम्बंधित खबरें

अगले कई वर्षों में 6.5 प्रतिशत या उससे अधिक की वृद्धि दर हासिल कर सकता है भारत: IMF

इंटरनेशनल मॉनेट्री फंड (IMF) में एशिया पैसिफिक विभाग के निदेशक कृष्णा श्रीनिवासन (Krishna Srinivasan) ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 6.8 प्रतिशत विकास दर के आंकड़े को बहुत प्रभावी बताया है.  

20-April-2024

एलन मस्क भारतीय start-up में लगाएंगे पैसा, UN में भारत की स्‍थाई सदस्‍यता पर भी साथ

हालांकि इस मामले को लेकर जानकारों की राय बंटी हुई है. कुछ का मानना है कि उनकी राय का कुछ असर हो सकता है जबकि कुछ मानते हैं कि कोई असर नहीं होगा. 

18-April-2024

मौजूदा कठिन होती वैश्विक परिस्थितियों में प्राइवेट कंपनियों के लिए क्‍या हैं चुनौतियां?

संकट के समय ही आविष्कार का जन्म होता है और महान रणनीतियां सामने आती हैं. जो संकट पर विजय प्राप्त कर लेता है, वह स्वयं पर विजय प्राप्त कर लेता है वो भी बिना पराजित हुए- अल्बर्ट आइंस्टीन

12-April-2024

जानिए कब तक मिलेगी आपको सस्ती ईएमआई की सौगात, क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट्स?

शुक्रवार को आरबीआई ने वित्त वर्ष 2024-25 की बैठक में रेपो रेट में कोई भई बदलाव न करने का फैसला लिया गया, ऐसे में अब ईएमआई की दरें भी स्थिर रहेंगी.

05-April-2024

टियर 2 व 3 शहरों में क्या है रिटेल सेक्टर का भविष्य, जानें रिटेलर्स की जुबानी?

BW Retail World Summit में रिटेल की दुनिया से जुड़ी हस्तियों ने पैनल चर्चा में भाग लेकर रिटेल इंडस्ट्री के भविष्य और कंज्यूमर्स की आवश्कताओं जैसे बिंदुओं पर चर्चा की.

28-March-2024


बड़ी खबरें

IFC ने इस बैंक को दिया करोड़ों का फंड, अब महिलाएं बनेंगी आत्मनिर्भर, जानें कैसे?

एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) को महिलाओं को छोटे लोन देने के लिए अंतरराष्ट्रीय वित्तीय निगम (IFC) से 500 मिलियन डॉलर (4100 करोड़) का फंड मिला है.

43 minutes ago

चुनाव को लेकर रतन टाटा ने की अपील, कही बड़ी बात, वायरल हुई पोस्ट

पांचवें चरण का मतदान सोमवार सुबह 7 बजे शुरू होगा और शाम 6 बजे तक चलेगा. मुंबई स‍िटी और मुंबई सबअर्बन में छह लोकसभा सीटें हैं, इन सभी पर सोमवार को मतदान होगा.

31 minutes ago

सिंगापुर हांगकांग के बाद अब  इस पड़ोसी देश ने इन मसालों पर लगाया बैन, बताई ये वजह 

भारत दुनिया के उन देशों में शामिल है जो सबसे ज्‍यादा मसालों का निर्यात करता है. भारत ने पिछले साल 75 हजार करोड़ रुपये का निर्यात किया है. 

19 minutes ago

सिंगापुर, हांगकांग के बाद अब  इस पड़ोसी देश ने इन मसालों पर लगाया बैन, बताई ये वजह 

भारत दुनिया के उन देशों में शामिल है जो सबसे ज्‍यादा मसालों का निर्यात करता है. भारत ने पिछले साल 75 हजार करोड़ रुपये का निर्यात किया है. 

19 minutes ago

सबसे कम उम्र में PSU बैंक के चेयरमैन बनने वाले Narayanan Vaghul का निधन

बैंकिंग इंडस्ट्री के दिग्गज नारायणन वाघुल का निधन हो गया है. उन्होंने आज चेन्नई के अस्पताल में आखिरी सांस ली.

1 hour ago