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Raksha Bandhan Movie Review: एक ऐसी फिल्म जो आपको हंसाएगी भी और रुलाएगी भी
Raksha Bandhan Movie Review: जानिए, कैसी है अक्षय कुमार की फिल्म रक्षा बंधन? हिंदी में पढ़िए फिल्म रिव्यू.
चंदन कुमार 1 year ago
फिल्म : रक्षा बंधन (Raksha Bandhan)
मुख्य कलाकार : अक्षय कुमार, भूमि पेडनेकर, सादिया खातिब, दीपिका खन्ना, सहजमीन कौर, स्मृति श्रीकांत, नीरज सूद, सीमा पेहवा
निर्देशक : आनंद एल. राय
निर्माता : आनंद एल. राय और हिमांशु शर्मा
रेटिंग : 4/5
दहेज आज भी समाज में एक अभिशाप की तरह है. एक पिता, एक भाई पाई-पाई जोड़कर, अपनी जिंदगी दांव पर लगाकर दहेज के लिए पैसा इकट्ठा करता है, सिर्फ इसलिए ताकि उसकी बेटी, उसकी बहन की शादी ठीक से हो जाए. वो एक अच्छे घर में चली जाए, पर अफसोस इसके बावजूद इस बात की कोई गारंटी नहीं कि दहेजलोभी उस लक्ष्मी जैसी बेटी को अपने घर में खुशियां ही दें. इस बात की कोई गारंटी नहीं कि उसकी जिंदगी स्वर्ग जैसी बन जाए. इस बात की कोई गारंटी नहीं कि उसकी जिंदगी सही-सलामत रहे. आज रिलीज हुई अक्षय कुमार की फिल्म 'रक्षा बंधन' में इसी कड़वे सच को दिखाने की कोशिश की गई है.
क्या है फिल्म की कहानी
लाला केदारनाथ (अक्षय कुमार), जो दिल्ली के चांदनी चौक में चाट और गोलगप्पे बेचकर अपनी चार बहनों का लालन-पालन करता है. उसकी एक ही चिंता है, कैसे इन चार बहनों की अच्छे घर में शादी हो जाए, जो उसने अपनी स्वर्गवाशी मां को वचन दिया था. उसने ये वचन दिया था कि जब तक वह अपनी चार बहनों की शादी नहीं कर देता, अपनी शादी नहीं करेगा. इस काम में उसकी मदद करता है सौभाग्यशाली मैरिज ब्यूरो, जिसकी मालिकन जानी-मानी एक्ट्रेस सीमा पेहवा हैं. बहुत मुश्किल से सबसे बड़ी बहन गायत्री (सादिया खातिब) की शादी तय होती है, लेकिन इसके लिए उसे 18 लाख रुपये का इंतजाम करना होता है. बहन की शादी के लिए केदारनाथ अपनी उस दुकान को गिरवी रख देता है, जो उसकी कमाई और जीवनयापन का मुख्य जरिया है. अन्य बहनों की शादी के लिए उसे अपनी एक किडनी तक बेचनी पड़ जाती है. पर, इतने पैसे खर्च करके और 18 लाख दहेज देने के बाद भी बड़ी बहन गायत्री के साथ क्या हुआ. कहानी में असली ट्विस्ट यहीं पर है. कहानी में यहीं से असली मोड़ आता है. फिल्म हंसी-मजाक के साथ आगे बढ़ रही होती है, तभी कुछ ऐसा होता है, जो आपको झकझोर कर रख देगी. आपकी चेहरे की हंसी के तुरंत बाद आपकी आंखों से आंसू निकलने लगेंगे.
भूमि पेडनेकर का रोल
फिल्म में सपना (भूमि पेडनेकर) लाला केदारनाथ के बचपन का प्यार है और दोनों शादी के लिए भी तैयार हैं, पर वादे का पक्का लाला मां को दिए हुए वचन को नहीं तोड़ता है. इस दौरान उसे कई ताने भी सुनने पड़ते हैं, पर वो अपने इरादे से डगमगाता नहीं है. फिल्म के पहले हाफ में आप कई जगह खिलखिला उठेंगे. भाई और बहन के बीच की नोंकझोक आपको काफी गुदगुदाएगी. फिल्म की शुरुआत में लाला केदारनाथ की दुकान की खासियत जो बताई गई है, वो भी काफी मजेदार है. दूसरे हाफ में फिल्म काफी सीरियस हो जाती है और आपको आज की सच्चाई बताती है.
कैसा है अभिनय
अभिनय की बात करें तो एक भाई की भूमिका में अक्षय कुमार ने जबरदस्त एक्टिंग की है. चाहे कॉमेडी हो या फिर सीरियस सीन हो, अक्षय कहीं कमजोर नजर नहीं आते. भूमि पेडनेकर ने भी अक्षय का अच्छा साथ दिया है. अक्षय की बहनों में दीपिका खन्ना, जो दुर्गा के रोल में हैं, अपने अभिनय से खासा प्रभावित किया है. साहिल मेहता ने लाला की दुकान पर सहायक की भूमिका निभाई है. उनकी कॉमेडी भी लोगों को हंसाने में कामयाब रहती है. सीमा पेहवा का रोल बहुत बड़ा नहीं है, पर बहुत प्रभावी है. नीरज सूद ने लाला की गर्लफ्रेंड सपना के पिता का किरदार निभाया है. फिल्म में उन्हें थोड़ा निगेटिव दिखाया गया है और अपने रोल को उन्होंने ईमानदारी से निभाया है.
फिल्म कहां बोझिल लगती है
वैसे तो पूरी फिल्म आपको बांधकर रखने में कामयाब है, लेकिन जब लाला अपनी प्रेमिका सपना को किसी और से शादी करने के लिए कहता है तो उस दौरान का संवाद फिल्म के सब्जेक्ट के हिसाब से जरूरत से ज्यादा लगता है. उसकी जगह यदि बड़ी बहन गायत्री की शादी के बाद की जिंदगी पर थोड़ा प्रकाश डाला जाता तो और ज्यादा असरदायक होता.
क्यों देखनी चाहिए फिल्म
इस फिल्म में एक सोशल मैसेज है, जो दर्शकों पर गहरा असर डालने में कामयाब भी है. बहुत ही बारीकी से एक सच दिखाया गया है, जिसे हम गलत तो कहते हैं, पर जब अपनी बारी आती है तो चुपके से सपोर्ट करने लगते हैं. ये सच देखने के लिए आपको ये फिल्म जरूर देखनी चाहिए. अक्षय की एक्टिंग आपको प्रभावित करेगी और आप यह कह सकेंगे कि इस रोल के लिए उनसे बेहतर एक्टर कोई और नहीं होता.
क्यो न देखें ये फिल्म
यदि आप आज भी दहेज को सही मानते हैं, तो इस फिल्म को न देखें, क्योंकि आपसे सच बर्दाश्त नहीं हो पाएगा. आपको ऐसा लगेगा जैसे किसी ने आपके गाल पर एक जोरदार तमाचा जड़ दिया हो.
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