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अब ऐसा क्या कर गई Patanjali कि सुप्रीम कोर्ट पूछ बैठा - आपकी हिम्मत कैसे हुई?
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने बाबा रामदेव की कंपनी को कड़ी फटकार लगाई है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 2 months ago
बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद को सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर कड़ी फटकार लगाई है. जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की खंडपीठ भ्रामक विज्ञापन को लेकर पतंजलि के रुख से काफी नाराज नजर आई. जस्टिस अमानुल्लाह ने पतंजलि के वकील से सवाल किया कि कोर्ट के आदेश के बावजूद आपने भ्रामक विज्ञापन छपवाने की हिम्मत कैसे की? बता दें कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने पतंजलि के खिलाफ याचिका दायर की है. IMA ने बाबा की कंपनी पर आधुनिक चिकित्सा प्रणालियों के खिलाफ भ्रामक दावे और विज्ञापन प्राकशित करने का आरोप लगाया है.
आपकी दवाएं कैसे हैं बेहतर?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस अहसानुद्दीन ने कहा - हमारे आदेश के बाद भी आपमें यह विज्ञापन लाने की हिम्मत की है. क्या आप कोर्ट को लुभा रहे हैं? जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह ने आगे कहा कि मैं प्रिंटआउट लेकर आया हूं. हम आज बेहद सख्त आदेश पारित करने जा रहे हैं. इस विज्ञापन को देखिए, आप कैसे कह सकते हैं कि हर बीमारी ठीक कर देंगे? हमारी चेतावनी के बावजूद आप विज्ञापन जारी करके कह रहे हैं कि हमारी दवाएं रसायन आधारित दवाओं से बेहतर हैं.
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क्या हैं पतंजलि पर आरोप?
पतंजलि आयुर्वेद के भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ IMA ने कुछ समय पहले याचिका दायर की थी. इस याचिका में एलोपैथी को बदनाम करने के लिए बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने पतंजलि से साफ शब्दों में कहा था कि इस तरह के विज्ञापन प्रकाशित न किए जाएं. कोर्ट ने चेतावनी भी दी थी कि ऐसा करने पर एक करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का आरोप है कि रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद ने साक्ष्य आधारित आधुनिक चिकित्सा प्रणाली के खिलाफ अखबारों में भ्रामक विज्ञापन छपवाए और अपनी दवा से मरीजों के ठीक होने का दावा किया.
बाबा ने कही थी ये बात
कोर्ट से पहली बार मिली फटकार के बाद बाबा रामदेव ने कहा था कि कुछ डॉक्टरों ने एक समूह बनाया है, जो लगातार योग, आयुर्वेद आदि के खिलाफ प्रचार करता है. यदि हम झूठे हैं, तो हम पर 1000 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाएं. हम मृत्युदंड के लिए भी तैयार हैं, लेकिन अगर हम झूठे नहीं हैं, तो उन लोगों को दंडित करें जो वास्तव में झूठा प्रचार कर रहे हैं. पिछले 5 वर्षों से रामदेव और पतंजलि को निशाना बनाकर दुष्प्रचार किया जा रहा है. बाबा रामदेव ने कहा था कि एलोपैथी और मार्डन मेडिकल साइंस की ओर से झूठ फैलाया जा रहा है. वह अदालत के समक्ष सैकड़ों मरीजों की परेड कराने के लिए भी तैयार हैं. वह कोर्ट में अपने सभी शोध भी दिखा सकते हैं. रामदेव ने यह भी कहा था कि वह सुप्रीम कोर्ट, देश के कानून और देश के संविधान का सम्मान करते हैं. हालांकि, वह झूठा प्रचार वह नहीं कर रहे, बल्कि डॉक्टरों का एक समूह इस काम में लगा हुआ है.
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