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Electoral Bond: सुप्रीम कोर्ट ने SBI से पूछा 26 दिनों तक क्या कर रहे थे?
सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की संविधान पीठ ने 15 फरवरी को इलेक्टोरल बॉन्ड की बिक्री पर रोक लगा दी थी.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 2 months ago
इलेक्टोरल बॉन्ड (Electoral Bond) मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में आज यानी सोमवार को सुनवाई हुई. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बैंक को जमकर फटकार लगाई. दरअसल, SBI ने इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी देने के लिए अतिरिक्त समय की मांग की थी, जिससे अदालत नाराज हो गई. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, स्टेट बैंक ने सुनवाई के दौरान कहा कि बॉन्ड से जुड़ी जानकारी देने में हमें कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन इसके लिए कुछ समय चाहिए. इस पर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने पूछा कि पिछली सुनवाई (15 फरवरी) से अब तक, इन 26 दिनों में आपने क्या किया?
EC करे प्रकाशित
CJI ने SBI से कहा कि कृपया आप मुझे बताएं कि आप 26 दिनों से क्या कर रहे थे? इसके बाद जस्टिस खन्ना ने कहा कि आप खुद स्वीकार कर रहे हैं कि डिटेल देने में कोई दिक्कत नहीं है, तो इन 26 दिनों में तो काफी काम हो सकता था. करीब 40 मिनट की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की संविधान पीठ ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को निर्देश दिया कि वह 12 मार्च तक सारी जानकारी का खुलासा करे. साथ ही चुनाव आयोग (EC) सभी जानकारी को इकट्ठा कर 15 मार्च शाम 5 बजे तक इसे अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित करे. सुप्रीम कोर्ट यह भी कहा कि SBI अपने चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर का एफिडेविट फाइल करे कि दिए गए आदेशों का पालन किया जाएगा. हम अभी कोई कंटेंप्ट नहीं लगा रहे हैं, लेकिन SBI को नोटिस देते हैं कि यदि हमारे आदेश का पालन नहीं किया गया, तो हम कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं.
कोई विकल्प नहीं
सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की संविधान पीठ ने 15 फरवरी को इलेक्टोरल बॉन्ड की बिक्री पर रोक लगा दी थी. साथ ही SBI को 12 अप्रैल 2019 से अब तक खरीदे गए इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी 6 मार्च तक चुनाव आयोग को देने का निर्देश दिया था. हालांकि, SBI निर्धारित समय अवधि तक जानकारी उपलब्ध कराने में विफल रही, इसी को लेकर कोर्ट ने SBI को कड़ी फटकार लगाई है. बता दें कि SBI ने याचिका दायर करते हुए जानकारी मुहैया कराने के लिए 30 जून तक का समय मांगा था, जिससे चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने इंकार कर दिया है. अब स्टेट बैंक को हर हाल में 12 मार्च तक डेटा उपलब्ध कराना होगा.
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