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ED ने M3M के प्रमोटर रूप कुमार बंसल को क्यों किया गिरफ्तार, क्या है पूरा मामला?
प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने काले धन को सफेद बनाने के मामले में दिल्ली NCR की एक रियल एस्टेट फर्म के प्रमोटर को गिरफ्तार किया है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 10 months ago
रियल एस्टेट फर्म M3M के प्रमोटर रूप कुमार बंसल (Roop Bansal) को गिरफ्तार कर लिया गया है. एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट यानी ED ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में कार्रवाई करते हुए बंसल को गिरफ्तार किया है. मीडिया रिपोर्ट्स के बताया गया है कि बंसल की गिरफ़्तारी ईडी द्वारा दिल्ली और गुरुग्राम में रियल एस्टेट डेवलपर्स IREO ग्रुप और M3M ग्रुप के सात स्थानों पर चलाए गए तलाशी अभियान के बाद हुई है. अधिकारियों का कहना है कि इन फर्मों के खिलाफ कथित रूप से फंड डायवर्ट करने, गबन करने और हेराफेरी के आरोपों की जांच चल रही है. इतना ही नहीं ED ने IREO ग्रुप और M3M ग्रुप द्वारा 400 करोड़ रुपए से अधिक की मनी लॉन्ड्रिंग का पता भी लगाया है.
छापेमारी में मिला था काफी कुछ
IREO Group और M3M Group के ठिकानों पर हुई ED की छापेमारी में कई लग्जरी कारों सहित 5.75 करोड़ रुपए के आभूषण, 15 लाख नकद और विभिन्न दस्तावेज, डिजिटल साक्ष्य और बही खाते जब्त किए गए थे. ED के मुताबिक, M3M ग्रुप के मालिक, कंट्रोलर और प्रमोटर बसंत बंसल, रूप कुमार बंसल, पंकज बंसल और अन्य जानबूझकर जांच से बचते रहे. बता दें कि IREO समूह के खिलाफ दर्ज हुईं कई FIR को ध्यान में रखते हुए ED ने मामले जांच शुरू की, जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए.
इस तरह चला हेराफेरी का सिलसला
जांच एजेंसी का कहना है कि M3M समूह के माध्यम से सैकड़ों करोड़ रुपए का गबन किया गया था. एम3एम ने शेल कंपनियों के माध्यम से आईआरईओ समूह से लगभग 400 करोड़ रुपए प्राप्त किए थे, जिसे आईआरईओ के दस्तावेजों में डेवलपमेंट राइट्स के भुगतान के रूप में दिखाया गया था. शुरुआत में M3M ग्रुप ने 10 करोड़ के भुगतान पर पांच शेल कंपनियों को जमीन के विकास अधिकार बेचे. उसकी तरफ से यह दावा किया गया कि ये पांच कंपनियां असंबद्ध संस्थाएं हैं, लेकिन जांच से पता चला कि ये कंपनियां असल में एम3एम समूह द्वारा संचालित थीं.
प्रमोटर्स की देखरेख में हुआ सबकुछ
ED के अनुसार, बाद में इन कंपनियों ने उसी भूमि के विकास अधिकार लगभग 400 करोड़ रुपए में IREO समूह को बेच दिए. इसके बाद उस राशि को एम3एम ग्रुप को ट्रांसफर कर दिया गया. सभी शेल कंपनियों का स्वामित्व और संचालन M3M ग्रुप द्वारा इसके प्रमोटर्स बसंत बंसल, रूप कुमार बंसल और उनके परिवार के सदस्यों के निर्देशन में किया गया था. इस तरह, आईआरईओ और एम3एम ने 400 करोड़ रुपये की हेराफेरी की, जो निवेशकों और ग्राहकों के थे. आरोपों की कड़ी जोड़ने के बाद ED ने रूप कुमार बंसल को गिरफ्तार कर लिया है.
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