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Muthoot Finance को CCI ने एक ही मामले में दूसरी बार भेजा नोटिस, जानें क्या है मामला?
CCI ने Muthoot Finance को शो-कॉज नोटिस भेजा है. खास बात ये है कि इस मामले में मुथूट फाइनेंस खुद ही CCI के पास शिकायत लेकर पहुंची थी और अब खुद ही फंस गई है
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 month ago
कॉम्पिटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने गोल्ड लोन बांटने वाली नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी मुथूट फाइनेंस (Muthoot Finance) को शो कॉज नोटिस भेजा है. सीसीआई द्वारा कंपनी को एक ही मामले में यह दूसरा नोटिस भेजा गया है. सत्रों के अनुसार मुथूट फाइनेंस को यह नोटिस आंकड़ों को गलत तरीके से पेश करने के चलते भेजा गया है. आपको बता दें, इस मामले में मुथूट फाइनेंस खुद ही सीसीआई के पास शिकायत लेकर पहुंची थी और अब खुद ही फंस गई है.
क्यों मिला नोटिस?
सीसीआई द्वारा भेजे गए इस नोटिस में डिबेंचर ट्रस्टियों से जुड़े एक मामले में कंपनी की ओर से महत्वपूर्ण तथ्यों को नजर अंदाज करने पर सवाल उठाया गया है. नोटिस में कहा गया है कि एक ट्रस्टी का काम आमतौर पर डिबेंचर धारकों के हितों की रक्षा करना, कंपनी के परफार्मेस की निगरानी करना, सुरक्षा लागू करना, डिबेंचर धारकों को जानकारी प्रदान करना और डिफॉल्ट के मामले में कानूनी कार्रवाई करना है.
ये है पूरा मामला
सितंबर 2021 में मुथूट फाइनेंस ने डिबेंचर धारकों के खिलाफ एक शिकायत देते हुए कहा था कि वे मार्केट में अपनी पोजिशन का गलत फायदा उठा रहे हैं और नॉन कंवर्टिबल डिबेंचर जारी करने की सुविधा के लिए अधिक फीस ले रहे हैं. हालांकि इस मामले में जब सीसीआई ने जांच की तो पता चला कि मुथूट ने इसी प्रकार की शिकायत सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) के पास भी की थी और इसके बारे में सीसीआई को कुछ नहीं बताया.
इस कानून के तहत भेजा नोटिस
कॉम्पिटीशन एक्ट के सेक्शन 45 के तहत सीसीआई अधूरी और झूठी जानकारी देने के खिलाफ किसी पक्ष को नोटिस भेज सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस मामले में मुथूट को यह दूसरा नोटिस भेजा गया है. इससे पहले जो नोटिस भेजा गया था, उस पर सितंबर 2023 में केरल हाई कोर्ट ने स्टे लगा दिया था. कोर्ट ने सीसीआई को इस मामले पर फिर से विचार करने के लिए कहा था. वहीं. अब डिंबेंचर ट्रस्टियों ने बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. उनका कहना है कि सीसीआई के पास इस मामले में सुनवाई का कोई अधिकार नहीं है. ये मामला सेबी के दायरे में आता है.
कंपनी से यहां हुई चूक
इस मामले में लीगल एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह एक अनोखा मामला है कि जिसमें इंफार्मेंट यानी शिकायत देने वाले के खिलाफ ही नोटिस भेजा गया है. लीगल एक्सपर्ट्स के अनुसार कंपनी से इस मामले में यह चूक हो गई है कि उसने सीसीआई से सेबी को दी शिकायत के बारे में कुछ नहीं बताया, जबकि सीसीआई के जनरल रेगुलेशंस के रेगुलेशन 10 (2) के तहत इंफॉर्मेंट को अपनी शिकायत से जुड़े सभी लंबित विवादों का खुलासा करना होता है. अब यह मामला अधिकार क्षेत्र की लड़ाई में भी बदल गया है.
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