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बॉम्बे हाई कोर्ट ने माइक्रोसॉफ्ट के फाउंडर बिल गेट्स को भेजा नोटिस, जानें क्या है मामला
साल 2020 में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के साथ एक साझेदारी की थी. ये साझेदारी कोरोना वैक्सीन के निर्माण में तेजी लाने के लिए की गई थी,
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
बॉम्बे हाई कोर्ट ने माइक्रोसॉफ्ट के फाउंडर बिल गेट्स को नोटिस भेजा है. उनके साथ ही ‘कोविशील्ड’ वैक्सीन बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को भी नोटिस भेजा गया है. अदालत ने ऐसा एक याचिका पर किया है, जिसमें वैक्सीन को लेकर गंभीर आरोप लगाए गए हैं. दिलीप लूणावत नामक शख्स ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड के साइड इफेक्ट की वजह से उनकी बेटी की मौत हो गई थी. उन्होंने 1000 करोड़ रुपए के मुआवजे की मांग की है.
2020 में हुई थी साझेदारी
इस मामले में बिल गेट्स को नोटिस इसलिए भेजा गया है, क्योंकि साल 2020 में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के साथ एक साझेदारी की थी. ये साझेदारी कोरोना वैक्सीन के निर्माण में तेजी लाने के लिए की गई थी, ताकि भारत और कम आय वर्ग वाले देशों के लिए कोविशील्ड की 10 करोड़ खुराकों की आपूर्ति हो सके.
इन्हें भी बनाया गया वादी
अपनी याचिका में लूणावत ने भारत सरकार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत के दवा नियंत्रक महानिदेशक डॉ. वीजी सोमानी और एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया को भी वादी बनाया है. बॉम्बे हाई कोर्ट ने सभी से याचिका पर जवाब मांगा है. मूल रूप से औरंगाबाद के रहने वाले दिलीप लूणावत ने अदालत को बताया कि उनकी बेटी डॉक्टर थी. मेडिकल कॉलेज में जब सभी स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना वैक्सीन लेने के लिए कहा गया, तब उनकी बेटी ने भी वैक्सीन लगवाई थी. उनका आरोप है कि कोविशील्ड वैक्सीन के साइड इफेक्ट की वजह से 1 मार्च 2021 को उनकी बेटी की मौत हो गई.
सुरक्षा का दिलाया था भरोसा
लूणावत का कहना है कि उनकी बेटी को भरोसा दिलाया गया कि वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है. डॉ. सोमानी और डॉ. गुलेरिया ने भी वैक्सीन के सुरक्षित होने को लेकर कई इंटरव्यू दिए थे. केन्द्र सरकार की खुद की 2 अक्टूबर 2021 की AEFI रिपोर्ट में कोरोना के वैक्सीन के साइड इफेक्ट के संकेत दिए गए थे. इसलिए उन्होंने सभी को अपनी याचिका में वादी बनाया है.
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