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खुलासे का साइड इफेक्ट: जान बचाने वाली वैक्सीन से हुई मौत, अब सीरम को Court में घसीटेंगे 2 परिवार
ब्रिटिश फार्मा कंपनी ने अदालत में दाखिल दस्तावेजों में खुलासा किया है कि उसकी कोरोना वैक्सीन से साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 2 weeks ago
कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) के साइड इफेक्ट्स का मुद्दा अब बड़ा बनता जा रहा है. ब्रिटिश कंपनी AstraZeneca के साथ ही भारतीय कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं. SII के खिलाफ 2 परिवारों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है. उनका दावा है कि सीरम इंस्टीट्यूट की वैक्सीन कोविशील्ड का पहला डोज लेने के कुछ दिनों बाद ही उनकी बेटियों की मौत हो गई थी. बता दें कि AstraZeneca ने स्वीकार किया है कि उसकी कोरोना वैक्सीन के कुछ गंभीर दुष्परिणाम का खतरा रहता है. SII की वैक्सीन भी AstraZeneca के फ़ॉर्मूले पर आधारित है.
2 सप्ताह के अंदर मौत
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 18 वर्षीय रितिका ओमैत्री को मई 2021 में कोविशील्ड का पहला डोज लगाया गया था. इसके सात दिनों के अंदर उन्हें तेज बुखार आया और चलने में दिक्कत होने लगी. MRI स्कैन में पाया गया कि उनके दिमाग में खून के कई थक्के हैं. दो सप्ताह के अंदर ही उनकी मौत हो गई. रितिका के पैरेंट्स ने बेटी की मौत का सही कारण जानने के लिए RTI दाखिल की. इसके जवाब से उन्हें पता चला कि रितिका थ्रोम्बोसिस से जूझ रही थीं और उनकी मौत वैक्सीन प्रोडक्ट से जुड़े रिएक्शन की वजह से हुई. अब उनका परिवार वैक्सीन बनाने वाली कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई चाहता है.
पिता ने की जांच की मांग
ऐसी ही एक घटना जुलाई 2021 में हुई थी. पीड़ित वेणुगोपाल गोविंदन का कहना है कि उनकी बेटी करुण्या की कोविशील्ड वैक्सीन लेने के महीने भर बाद मौत हो गई थी. करुण्या की मौत मामले में परिवार की शिकायत पर सरकार ने राष्ट्रीय समिति का गठन भी किया था, लेकिन समिति ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि करुण्या की मौत का कारण वैक्सीन है, इसके पर्याप्त सबूत नहीं मिले. अब गोविंदन ने अपनी बेटी की मौत की जांच के लिए स्वतंत्र मेडिकल बोर्ड की नियुक्ति की मांग करते हुए अदालत में एक याचिका दायर की है.
इसलिए भारत में है चिंता
भारत में सबसे ज्यादा कोविशील्ड वैक्सीन लगाई गई हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में कोविशील्ड के 175 करोड़ डोज लगे हैं. जबकि कोवैक्सीन के केवल 36 करोड़ डोज लगाए गए थे. इस वजह से लोगों में चिंता और घबराहट काफी ज्यादा है. हालांकि, एक्सपर्ट्स का कहना है कि अब चिंता करने वाली कोई बात नहीं है. वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स खुराक लेने के कुछ दिन बाद ही सामने आते हैं. अब वैक्सीन को लगे काफी समय गुजर चुका है, इसलिए घबराने वाली कोई बात नहीं है. बता दें कि अदार पूनावाला भारत में कोविशील्ड वैक्सीन बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ हैं. 1966 में अदार पूनावाला के पिता साइरस पूनावाला ने सीरम इंस्टीट्यूट की नींव रखी थी.
क्या कहा है कंपनी ने?
ब्रिटिश फार्मा कंपनी ने अदालत में दाखिल दस्तावेजों में खुलासा किया है कि उसकी कोरोना वैक्सीन से कुछ मामलों में थ्रॉम्बोसिस थ्रॉम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS) हो सकता है. इस बीमारी से शरीर में खून के थक्के जम जाते हैं और प्लेटलेट्स की संख्या गिरने लगती है. एस्ट्राजेनेका पर आरोप है कि उसकी कोवीशील्ड से कई लोगों की मौत हुई थी. जबकि कई लोगों को गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ा. कंपनी के खिलाफ ब्रिटिश हाई कोर्ट में करीब 51 केस चल रहे हैं. पीड़ितों ने कंपनी से करीब 1 हजार करोड़ रुपए का हर्जाना मांगा है.
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