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क्या अब रूक जाएगा रेपो रेट में बढ़ोतरी का सिलसिला, जानिए क्या कहते हैं विशेषज्ञ
रिजर्व बैंक ने आज एक बार फिर रेपो रेट में बढ़ोतरी करके साफ इशारा कर दिया है कि वो महंगाई को काबू में रखने के अपने दीर्घकालीन उपायों को जारी रखने वाला है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक बार फिर चालू वित्त वर्ष में लगातार छठी बार रेपो रेट में 25 आधार अंकों की बढ़ोतरी कर इसे 6.50 फीसदी कर दिया है. केंद्रीय बैंक विकास को समर्थन देते हुए यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा है, जिससे मुद्रास्फीति उसके लक्ष्य के अंदर बनी रहे. मई 2022 से अब तक अगर देखा जाए तो ब्याज दरों में 250 आधार अंकों की वृद्धि की जा चुकी है. रिवर्स रेपो रेट में हुई बढ़ोतरी का बाजार पर कोई खास असर नहीं दिखाई दिया.
लेकिन सवाल ये खड़ा होता है कि रिजर्व बैंक की रेपो रेट में बढ़ोतरी का ये सिलसिला क्या अब समाप्त हो गया है. क्या अब आने वाली एमपीसी की बैठक में रेपो रेट को नहीं बढ़ाया जाएगा. अगली एमपीसी की बैठक 3, 5 और 6 अप्रैल, 2023 के दौरान निर्धारित की गई है. बाजार पर अपनी नजर रखने वाले कई विशेषज्ञों की इसे लेकर मिली जुली राय है. जानते हैं कि आखिर विशेषज्ञ क्या कहते हैं. इस बढ़ोतरी के साथ, आरबीआई ने मई 2022 से ब्याज दरों में अब तक 250 आधार अंकों की बढ़ोतरी की है.
महंगाई न बढ़ी तो स्थिर रहेंगी भविष्य की दरें
बाजार के एक जानकार कहते हैं कि हमें लगता था कि बाजार में कम हो रही महंगाई के चलते इस बार रेपो रेट में 50 प्रतिशत तक की कमी आएगी. विशेषज्ञों का कहना है कि इसके पीछे की वजह मुद्रास्फीति के मोर्चे पर,अप्रैल 2022 के बाद आई कमी इसकी सबसे बड़ी वजह रही थी. इसके विपरीत, ऐसा लगता है कि भारतीय रिजर्व बैंक एक वर्ष से अधिक समय से उच्च मुद्रास्फीति को लेकर अधिक चिंतित है. इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि दुनिया के कई देशों में अभी भी ब्याज दरों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. इनमें बैंक ऑफ इंग्लैंड, ईसीबी, और यूएस फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में निरंतर बढ़ोतरी और विदेशी मुद्रा बाजार में इनके प्रभाव ने आरबीआई को भी प्रभावित किया और उसने रेपो रेट में इजाफा कर दिया. जब तक महंगाई में बड़ी वृद्धि नहीं होती है तब तक हम उम्मीद करेंगे कि केंद्रीय बैंक 2023 के बाकी साल के इसे स्थिर बनाए रखेगा. यह ऋण और इक्विटी बाजार दोनों के लिए सकारात्मक होगा.
उम्मीद थी कि रेपो रेट में स्थिरता आएगी
जबकि कुछ जानकारों का मानना है कि रेपो रेट में 25bp की वर्तमान वृद्धि हमारी अपेक्षाओं के अनुरूप थी, लेकिन जानकार मानते हैं कि उम्मीद ये थी कि पिछली कई बार से रेपो रेट बढ़ाने के क्रम के बीच इस बार आरबीआई स्थिरता की नीति पर काम करेगा. जैसे, आरबीआई गवर्नर के हवाले से आई कुछ बातों ने इस ओर पहले ही इशारा कर दिया था कि आरबीआई वित्त वर्ष 24 के लिए महंगाई की अपनी डेडलाइन 5.3 प्रतिशत पर काम कर रहा है. आरबीआई ने विकास पर विश्वास जताते हुए यह संकेत दिया कि मौद्रिक नीति की स्थिति अभी भी पूर्व-महामारी जैसी तंग नहीं है.
आगे फिर बढ़ सकती रेपो रेट
एक अन्य विशेषज्ञ का कहना है कि आरबीआई ने अगले वित्त वर्ष 2024 के लिए 6.4 प्रतिशत की मजबूत ग्रोथ अनुमान दिया है. इसी तरह, आरबीआई को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 24 में मुद्रास्फीति 5.3 प्रतिशत रहेगी. इन दोनों पूर्वानुमानों से, यह स्पष्ट प्रतीत होता है कि आरबीआई आगे चलकर और अधिक दरों में वृद्धि कर सकता है. आरबीआई की टिप्पणी यूएस फेड की टिप्पणी - स्थिर मुद्रास्फीति और विकास के समान है. यूएस फेड की तरह, आरबीआई भी किसी विराम का संकेत नहीं दे रहा है. हमारा मानना है आने वाले समय में एक और बढ़ोतरी की मजबूत संभावना है. यही नहीं वो ये भी कहते हैं कि हमारी घरेलू नीति अभी भी वैश्विक केंद्रीय बैंकों की नीतियों से जुड़ी हुई है.
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