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निवेश के मामले में आखिर महिलाएं क्यों चुन रही हैं Mutual Fund?
Mutual Fund में निवेश के आंकड़े बता रहे हैं कि 18-24 साल तक की उम्र की महिलाओं की संख्या निवेश करने के मामले में 2019 से लेकर 2024 तक चार गुना से ज्यादा बढ़ चुकी है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
लगातार बदलते निवेश के माहौल के बीच कई दिलचस्प आंकड़े सामने आए हैं. अब लोग पारंपरिक तौर पर निवेश के लिए बनाई गई योजनाओं की बजाए बाजार में मौजूद दूसरे विकल्पों की तरफ तेजी से आगे आ रही हैं. विशेषतौर पर हालिया एक सर्वे में जो बात निकलकर ये सामने आई है कि महिलाएं भी अब म्यूचुअल फंड बाजार में तेजी से निवेश कर रही हैं. आंकड़े बता रहे हैं पिछले 6 साल में इसमें चार गुना तक इजाफा हुआ है.
क्या कहता है ये सर्वे
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एएमएफआई) के आंकड़ों के अनुसार उन्होंने ये आंकड़े पैन कार्ड की बढ़ती संख्या के आधार पर जारी किए हैं. एसोसिएशन की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार 2019 में जहां पैन धारकों की संख्या 46.99 लाख रुपये थी वहीं दिसंबर 2022 में अब ये संख्या 74.5 लाख तक पहुंच गई है. इससे भी महत्वपूर्ण बात ये है कि पैन कार्ड की संख्या में ये इजाफा टॉप 30 शहरों में हुआ है. इन शहरों में महिला निवेशकों की संख्या में 50 प्रतिशत का इजाफा हुआ है और ये 2019 के 19.05 लाख के मुकाबले 2022 में 41.7 लाख तक जा पहुंचा है. जबकि बी 30 लोकेशन पर 2019 में जहां ये 19.05 लाख ये संख्या थी वहीं 2022 में ये संख्या 32.3 लाख तक जा पहुंची है.
किस आयु की महिलाएं दिखा रही हैं ज्यादा दिलचस्पी
मीडिया रिपोर्ट के आंकड़े बता रहे हैं कि निवेश के मामले में 18-24 वर्ष की महिलाएं ज्यादा दिलचस्पी दिखा रही हैं. ये बात आंकड़ों से निकलकर सामने आई है. आंकड़े बता रहे हैं कि ऐसे निवेशकों की संख्या दिसंबर 2019 में 66,417 थी जो दिसंबर 2022 में बढ़कर 2.82 लाख हो गई है. इसी तरह, अगर 25-35 साल के आयु वर्ग की महिला निवेशकों की संख्या पर नजर डालें तो ये 8.6 लाख से बढ़कर लगभग 20 लाख हो गई. अगर दिसंबर 2019 और दिसंबर 2022 के बीच कुल तीन साल की अवधि में 18-35 साल के आयु वर्ग में महिला निवेशकों की संख्या देखें तो ये 9.26 लाख से बढ़कर 22.8 लाख हो गई है.
एसआईपी फिगर में लगातार हो रहा है इजाफा
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एक यूनियन एसेट मैनेजमेंट कंपनी के सीईओ ने कहा कि सर्वे रिपोर्ट बताती है कि मार्च 2023 के आंकड़ों को देखें तो पता चलता है कि SIP के जरिए कुल निवेश ₹14,276.06 करोड़ रुपये रहा जो पिछले महीने से लगभग ₹13,700 करोड़ के प्रवाह से अधिक था. SIP की राशि मार्च में 14,276 करोड़ रुपये के अब तक के सबसे उच्च स्तर पर पहुंच गई है. ये बताता है कि घरेलू निवेशकों का विश्वास बढ़ा है और उन्हें लग रहा है कि पैसा कमाने का एक बेहतरीन तरीका म्यूचुअल फंड भी है.
उन्होंने कहा, नवंबर में लगभग ₹2,250 करोड़ के निचले स्तर से, इक्विटी फंड में हर महीने लगातार बढ़ रहा है, जो इन बाजारों के लिए अच्छा है. इसके अलावा, अगर एसआईपी खातों की बात करें तो फरवरी 2023 में जहां ये 6.28 करोड़ थी वहीं दूसरी ओर 31 मार्च, 2023 में ये 6.36 करोड़ तक जा पहुंची है. एक अन्य एकसपर्ट कहते हैं कि जिस तरह से खुदरा निवेशक बाजार की ओर आ रहा है उसे देखते हुए ये लगता है कि अब बाजार का लीडर यही है.
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