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5 दिन की मैराथन WTO बैठक से भारत को क्या हुआ हासिल? क्या सुरक्षित हैं भारत के हित
भारत चाहता है कि अनाज की जो सार्वजनिक होल्डिंग होती है उसे लेकर स्थायी समाधान तलाशा जाना चाहिए. भारत इसमें काफी हद तक कामयाब भी रहा है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 2 months ago
5 दिन की मैराथन बैठक के बाद कई विषयों को लेकर जारी गतिरोध अभी भी बरकरा है. कृषि और मत्स्य ऐसे विषय हैं जिन पर अभी भी गतिरोध जारी है. हालांकि भारत सरकार की ओर से इसमें भाग लेने गए केन्द्रीय व्यापार मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इस बैठक के बाद भारत के हित पूरी तरह से सुरक्षित हैं. इस बैठक के बाद कई लोगों ने इस गतिरोध को लेकर भारत को भी जिम्मेदार बताया है.
पीयूष गोयल ने मीटिंग को लेकर क्या कहा?
केन्द्रीय कॉमर्स मंत्री पीयूष गोयल ने इस मीटिंग के बाद कहा कि भारत ने अपने किसानों और मछुआरों के हितों को ध्यान में रखते हुए बनाई जाने वाली नीतियों को जारी रखा है. उन्होंने पांच दिन की बैठक के बाद कहा कि मीटिंग का नतीजा भारत के लिए अच्छा रहा है और उसके हित में रहा. भारत इस मीटिंग में अनाज की पब्लिक होल्डिंग को रोके जाने को लेकर अपनी बात रखी.
क्या बोले यूरोपियन कमिश्नर?
यूरोपीय व्यापार आयुक्त वाल्डिस डोम्ब्रोव्स्की ने मत्स्य पालन, कृषि और व्यापक सुधारों पर आम सहमति न बनने पर निराशा व्यक्त की और इसके लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने एक बयान में कहा कि हम किसी भी समझौते तक नहीं पहुंच सके. समझौते को लेकर ज्यादातर देश समर्थन कर रहे थे लेकिन मुट्ठी भर देशों द्वारा इसमें अवरोध पैदा कर दिया गया. इस पूरी मीटिंग के खत्म होने के बाद पीयूष गोयल ने कहा कि हमने कुछ भी नहीं खोया है. मैं खुश और संतुष्ट होकर वापस जा रहा हूं.
भारत की क्या रही है मांग?
WTO (World Trade Orgnization) में मौजूदा समय में 166 सदस्य हैं. लेकिन सभी सदस्य खाद्य सुरक्षा जैसे मामलों को लेकर किसी भी अंतिम निर्णय पर नहीं पहुंच सके. भारत ने खाद्य सुरक्षा जैसे मामले को प्रमुखता से उठाया था क्योंकि ये पूरी दुनिया के 800 मिलियन लोगों से जुड़ा हुआ है. भारत ज्यादा मछली पकड़ने और खत्म होने वाली सब्सिडी पर अंकुश लगाने की मांग कर रहा था. इसमें भारत कामयाब भी रहा. भारत ने खाद्य सुरक्षा कार्यक्रमों के लिए अनाज की सार्वजनिक स्टॉक होल्डिंग (पीएसएच) के मुद्दे के स्थायी समाधान के लिए दबाव डाल रहा है.
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