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जल्द इस्तेमाल कर पायेंगे Digital Rupee, ये UPI है या है क्रिप्टोकरेंसी?
दुनिया की 95% GDP के लिए जिम्मेदार 105 देशों ने डिजिटल करेंसी को अपने इकोसिस्टम में शामिल करने के लिए प्रमुख कदम उठाये हैं.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
रिटेल डिजिटल रुपये के प्रोजेक्ट की शुरुआत 1 दिसंबर 2022 से की गयी थी. इस प्रोजेक्ट की शुरुआत में डिजिटल रुपये को मुंबई, बैंगलोर, नई दिल्ली और भुवनेश्वर में लॉन्च किया गया था. रिटेल डिजिटल रुपये प्रोजेक्ट की शुरुआत एक क्लोज्ड-यूजर ग्रुप में हुई थी और इसमें SBI (स्टेट बैंक ऑफ इंडिया), ICICI बैंक, Yes बैंक और IDFC फर्स्ट बैंक जैसे 4 प्रमुख बैंक शामिल थे.
क्या होती है डिजिटल कर्रेंसी?
बाद में इस प्रोजेक्ट को अहमदाबाद, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, गंगटोक, कोच्ची, लखनऊ, पटना और शिमला जैसे शहरों में भी लॉन्च किया जाना था. इस प्रोजेक्ट की जांच करने के लिए आगे चलकर प्रोजेक्ट में और ज्यादा बैंकों, यूजर्स और शहरों को शामिल किया जाना था. इस प्रोजेक्ट के कॉन्सेप्ट नोट्स की मानें तो CBDC (सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी) भारत के केंद्रीय बैंक, RBI (रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया) की आधिकारिक करेंसी का ही एक रूप है. RBI ने बताया था कि CBDC को ही डिजिटल रुपये या ई-रुपये के तौर पर जाना जाता है और यह इंटरचेंजेबल होने के साथ-साथ आम कर्रेंसी की तरह ही होती है.
डिजिटल करेंसी और UPI में फर्क
CBDC ट्रैकर की मानें तो दुनिया की 95% GDP के लिए जिम्मेदार 105 देशों ने डिजिटल करेंसी को अपने इकोसिस्टम में शामिल करने के लिए प्रमुख कदम उठाये हैं. इनमें से 50 देश डिजिटल करेंसी को लॉन्च करने के एडवांस फेज पर पहुंच चुके हैं जबकि 10 देश ऐसे हैं जो पूरी तरह से डिजिटल करेंसी को लॉन्च भी कर चुके हैं. फाइनेंशियल एडवाइज देने वाली कंपनी ‘श्री कंसलटेंट’ के फाउंडर Kishore Subramanian ने डिजिटल करेंसी और UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) के बीच अंतर बताते हुए कहा कि, डिजिटल करेंसी केंद्रीय बैंक द्वारा जारी की गयी फिजिकल करेंसी की तरह ही है और यह RBI की लायबिलिटी है जबकि UPI सिर्फ पेमेंट्स का एक तरीका है. UPI द्वारा की गयी कोई भी ट्रांजेक्शन एक विशेष बैंक की लायबिलिटी होती है.
इस तरह इस्तेमाल कर पायेंगे डिजिटल रूपया
ई-रुपये एक डिजिटल टोकन के रूप में उपलब्ध होगा और कानूनी सीमाओं से बंधा हुआ होगा. डिजिटल रुपया उतनी ही कीमतों के साथ जारी किया जाएगा जितनी कीमत पर अभी पेपर करेंसी और सिक्कों को जारी किया जाता है. डिजिटल रुपये को मध्यस्थ बैंकों के माध्यम से बांटा जाएगा. यूजर्स इस डिजिटल रुपये का इस्तेमाल e-Rs-R के द्वारा एक डिजिटल वॉलेट के माध्यम से कर पायेंगे जो तय बैंकों द्वारा यूजर्स के मोबाइल फोन पर उपलब्ध करवाया जाएगा. डिजिटल रुपये की ट्रांजेक्शन P2P (एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति) और P2M (एक व्यक्ति से मर्चेंट) के बीच भी की जा सकेगी. मर्चेंट्स को भुगतान करने के लिए मर्चेंट के QR कोड को स्कैन करना होगा.
डिजिटल रूपया इस्तेमाल करने का फायदा
डिजिटल रुपये के इस्तेमाल से सिक्योरिटी प्रिंटिंग के 4,984.80 करोड़ रुपये बचेंगे. सिक्योरिटी प्रिंटिंग का यह खर्चा अभी आम जनता, कारोबारियों, बैंकों, और RBI द्वारा उठाया जाता है. डिजिटल रूपया क्रिप्टोकरेंसी नहीं है और क्रिप्टो-करेंसी से भी कोसों दूर है. डिजिटल रुपया साफ तौर पर फिजिकल करेंसी है जिसे डिजिटल करेंसी में बदल दिया गया है. इससे न सिर्फ हमारी रोजाना की जिन्दगी आसन होगी बल्कि आने वाले समय में यह हमारे देश और इकॉनमी को भी काफी आगे लेकर जाएगा.
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