होम / बिजनेस / Monetary Policy: होम लोन की EMI का बोझ और बढ़ेगा! RBI ने फिर बढ़ाईं ब्याज दरें
Monetary Policy: होम लोन की EMI का बोझ और बढ़ेगा! RBI ने फिर बढ़ाईं ब्याज दरें
RBI ने महंगाई के लक्ष्यों को स्थिर रखा है, लेकिन जीडीपी ग्रोथ के अनुमान में हल्की कटौती कर दी है. रिजर्व बैंक की पॉलिसी अनुमानों के हिसाब से ही रही है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
मुंबई: जैसी की उम्मीद थी RBI ने ब्याज दरों में 0.50% का इजाफा कर दिया है. रेपो रेट अब 5.4% से बढ़कर 5.9% हो गया है. रिवर्स रेपो रेट में भी 0.5% का इजाफा किया गया है, रिवर्स रेपो रेट अब 3.85% हो गया है. यानी आपकी EMI बढ़ना तय है. MPC के 6 सदस्यों में से 5 सदस्य ब्याज दरें बढ़ाने के पक्ष में थे. MSF को भी 5.65% बढ़ाकर 6.15% कर दिया है.
महंगे होंगे होम लोन और ऑटो लोन
रेपो रेट बढ़ने की वजह से सभी तरह के लोन, जैसे होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन सबकुछ महंगा हो जाए, रिजर्व बैंक मई से लेकर अबतक ब्याज दरों में 1.90 परसेंट तक का इजाफा कर चुका है. आगे भी ब्याज दरों में बढ़ोतरी की आशंका है. तो आगे भी लोन महंगे होंगे, पिछले महीने 5 अगस्त को भी RBI ने रेपो रेट में 0.50 फीसदी का इजाफा किया था. रेपो रेट वो दर होती है जिस पर बैंक्स रिजर्व बैंक से लोन लेते हैं.
महंगाई से बाहर आने में वक्त लगेगा
रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने अपनी पॉलिसी ऐलान के दैरान कहा कि महंगाई पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय है. पूरी दुनिया में तनाव का माहौल है, लेकिन ऐसे में भारत की इकोनॉमी आज भी मजबूत है. RBI के गर्वनर शक्तिकांत दास ने कहा, "मुद्रास्फीति की ऊंची दर को देखते हुए मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी ने सूझ-बूझ के साथ मौद्रिक नीति को लेकर अकोमोडेटिव रुख को वापस लेने के रुख पर कायम रहने का फैसला किया है.
रुपया बाकी करेंसी से बेहतर
FY23 की दूसरी छमाही में मांग में सुधार देखने को मिलेगा, त्योहारों की वजह से मांग में सुधार देखने को मिल सकता है. सरकारी खर्च बढ़ने से लिक्विडिटी में सुधार होगा. रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा कि दूसरी करेंसी के मुकाबले रुपया मजबूत है. रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा कि महंगाई दरें अभी ज्यादा बनी रहेंगी, लेकिन कच्चे तेल में कमी आने से थोड़ा सपोर्ट जरूर मिला है.
महंगाई का लक्ष्य स्थिर
रिजर्व बैंक ने महंगाई के लक्ष्यों को नहीं छेड़ा है, महंगाई के लक्ष्यों को उन्होंने इस साल के लिए जस का तस रखा है, उन्होंने कहा कि CPI हमारे लक्ष्य से ऊपर है इसलिए ब्याज दरें बढ़ाने का फैसला लिया गया है. सप्लाई की चिंताओं की वजह से महंगाई में तेजी देखने को मिली है. कमोडिटी की कीमतों में कमी से आने वाले समय में महंगाई में कमी आने की उम्मीद है. FY23 की दूसरी तिमाही में महंगाई दर 6% रहने का अनुमान है. FY23 में महंगाई दर 6.7 परसेंट रहने का अनुमान है, FY24 की पहली तिमाही में महंगाई दर 5 परसेंट रहने का अनुमान है, यानी अगले वित्त वर्ष तक महंगाई रिजर्व बैंक की सीमा रेखा से बाहर ही रहेगा, तबतक ब्याज दरों में बढ़ोतरी का अनुमान है.
GDP का अनुमान घटाया
रिजर्व बैंक ने भले ही महंगाई को स्थिर रखा है लेकिन ग्रोथ अनुमानों को घटा दिया है. RBI ने FY23 के लिए GDP ग्रोथ का अनुमान 7.2% से घटाकर 7% कर दिया है, FY23 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के दौरान रियल GDP ग्रोथ 6.3% रहेगी; तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) के दौरान रियल GDP ग्रोथ 4.6% रहने का अनुमान है, जबकि चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में भी रियल GDP ग्रोथ 4.6% रहने का अनुमान है. ध्यान देने वाली बात है कि रिजर्व बैंक ने तीसरी और चौथी तिमाही में ग्रोथ अनुमानों को बढ़ाया है. वित्त वर्ष 24 की पहली तिमाही में रियल जीडीपी ग्रोथ 7.2 परसेंट रहने का अनुमान है.
टैग्स