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Happy Birthday Piyush Goyal: नेता से पहले रहे हैं प्रोफेशनल
मोदी सरकार के सबसे खास मंत्री माने जाने वाले पीयूष गोयल आज अपना जन्मदिन मना रहे हैं.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 11 months ago
मोदी सरकार (Modi Government) के सबसे काबिल मंत्रियों में पीयूष गोयल (Piyush Goyal) का नाम भी शामिल है. रेल मंत्री के तौर पर उन्होंने कई क्रांतिकारी बदलाव लाने की कोशिश की. उन्होंने पैसेंजर सेफ्टी पर फोकस करने के साथ-साथ रेलवे की आय बढ़ाने का भी इंतजाम किया, जिसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी. फिलहाल, वह वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के साथ-साथ कई जिम्मेदारियां संभाल रहे हैं. गोयल को PM मोदी का करीबी माना जाता है और ये नजदीकी उन्होंने अपने काम की बदौलत हासिल की है. पीयूष गोयल आज यानी 13 जून को अपना 59वां जन्मदिन मना रहे हैं. उनका जन्म 13 जून 1964 को महाराष्ट्र के मुंबई में हुआ था.
राजनीति से पुराना नाता
पीयूष गोयल का राजनीति से पुराना नाता है. उनके पिता वेद प्रकाश गोयल भी भाजपा से जुड़े हुए थे और अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री भी रहे. जबकि उनकी मां चंद्रकांता गोयल 1990 से लेकर 2004 तक विधायक रहीं. हालांकि, इसके बावजूद पीयूष गोयल ने अपनी एक अलग राह पकड़ी. उन्होंने राजनीति में जाने के बजाए दूसरा करियर चुना. गोयल ने बतौर बैंकर अपने करियर की शुरुआत की. वह SBI और बैंक ऑफ बडौदा के बोर्ड में गवर्नमेंट नॉमिनी के तौर पर शामिल रहे. कम लोग जानते हैं कि गोयल ने लॉ की पढ़ाई भी की है. उन्होंने मुंबई यूनिवर्सिटी से सेकंड रैंक में डिग्री हासिल की थी. इतना ही नहीं, उन्होंने CA फाइनल में ऑल इंडिया में दूसरी रैंक हासिल की थी. वह Yale University, Oxford University और Princeton University के लीडरशिप प्रोग्राम का हिस्सा भी रहे हैं.
फैमिली रूट्स की तरफ लौटे
बैंकर के तौर पर काम करने के बाद गोयल आखिरकार अपनी फैमिली रूट्स की तरफ लौट आए, यानी कि राजनीति. उन्होंने भाजपा के साथ अपने राजनीतिक करियर को आगे बढ़ाया. वह भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य बने और राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष सहित कई महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी संभाली. गोयल पहली बार 2010 में राज्यसभा के सदस्य बने. 2014 में जब नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र में सरकार बनी, तो पीयूष गोयल को स्वतंत्र प्रभार का राज्य मंत्री बनाया गया. कोयला मंत्रालय जैसा महत्वपूर्ण पोर्टफोलियो संभालने के बाद 2017 में उन्हें रेल मंत्रालय जैसी बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई. उनके नेतृत्व में रेलवे ने हादसे रोकने की दिशा में कई महत्वपूर्ण काम किए. साथ ही उन्होंने रेलवे की कमाई बढ़ाने पर भी फोकस किया.
मौका मिला और हिट हो गए
पीयूष गोयल सही मायनों में उस समय लाइमलाइट में आए जब उन्हें 2019 का बजट पेश करने का मौका मिला. दरअसल, तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली की तबीयत खराब हो गई थी और वह बजट पेश करने की स्थिति में नहीं थी. इस वजह से PM मोदी ने पीयूष गोयल को यह जिम्मेदारी सौंपी. उस बजट में गोयल के नेतृत्व में कई बड़े फैसले लिए गए, जिसकी सराहना भी हुई. गोयल ने 2021 तक रेल मंत्रालय का कामकाज संभाला था. फिलहाल उनके पास वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अलावा कपड़ा मंत्रालय का कामकाज भी है. गोयल भाजपा की गिनती भाजपा के उन चुनिंदा नेताओं में होती है, जो बोलने की कला में माहिर हैं यानी बेहतरीन वक्ता हैं.
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