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वाडिया ग्रुप की बढ़ी दोहरी चिंताएं, इस रेटिंग एजेंसी ने जताई चिंता
एक ओर जहां समूह की विमान कंपनी ने हाल ही में दिवालिएपन के लिए स्वयं अपना आवेदन दायर किया है वहीं दूसरी ओर बॉम्बे डाइंग की स्थिति पहले से ठीक नहीं है.
ललित नारायण कांडपाल 11 months ago
गो फर्स्ट को लेकर सामने आई परिस्थितियों के बाद वाडिया समूह के लिए दोहरी परेशानी खड़ी होती हुई दिखाई दे रही है. एक ओर जहां गो फर्स्ट ने खुद को दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है वहीं दूसरी ओर बॉम्बे डॉइंग के कर्ज को लेकर स्थिति पहले से ही खराब बनी हुई है. इन हालातों ने वाडिया ग्रुप पर दोहरी परेशानी ला दी है. वहीं केयर रेटिंग ने कर्ज चुकाने को लेकर अगल तरह की चिंताएं जताई हैं.
बॉम्बे डाइंग को कितना चुकाना है कर्ज
बॉम्बे डाइंग गारमेंट सेक्टर की एक नामी कंपनी है. लेकिन इस कंपनी पर 3597 करोड़ रुपये का कर्ज है. इसी कर्ज को लेकर केयर रेटिंग ने वित्तीय वर्ष 2024 और 2025 में कर्ज चुकाने को लेकर चिंता जताई है. केयर रेटिंग ने ये चिंता 940 करोड़ रुपये जुटाने को लेकर जाहिर की है. CARE रेटिंग्स का मानना है कि FY24 में किए जाने वाला भुगतान और 2025 में बने रहने वाले कैश फलो में काफी समानता देखने को मिल रही है. केयर रेटिंग का मानना है कि अगर वो असेट मोनेटाइजेशन के जरिए इस पैसे को चुकाने में कामयाब नहीं होता है तो उसे इसे रिफाइनेंस करने की आवश्यकता है. क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ने बॉम्बे डाइंग को लेकर इसकी लॉग टर्म फाइनेंसिंग को लेकर चिंता जताते हुए इसकी समीक्षा करते हुए इसकी लॉन्ग-टर्म बैंक फाइनेंसिंग टू बीबीबी- पर अपनी रेटिंग घटा दी है और इसके आउटलुक को संशोधित कर नेगेटिव कर दिया है.
रेटिंग एजेंसी ने क्यों उठाया कदम?
रेटिंग देने वाली एजेंसी ने ये कार्रवाई 940 करोड़ रुपये के राइट्स इश्यू को पूरा करने में देरी और असेट मॉनेटाइजेशन करने में हुई देरी के कारण उठाया है. केयर रेटिंग एजेंसी का कहना है कि अगर विनियामक की समय पर मंजूरी मिल जाती है तो ये 31 मार्च 2023 तक इसके पूरा हो जाना चाहिए था. रेटिंग एजेंसी का कहना है कि वो गो फर्स्ट के द्वारा दिवालिया प्रक्रिया के लिए जाने के बाद वो पूरी प्रक्रिया पर पैनी नजर बनाए हुए हैं. एजेंसी ये भी देख रही है कि उसकी इस पूरी प्रक्रिया का असर पूरे ग्रुप की फाइनेंशियल स्थिति पर क्या पड़ता है.
क्या है कंपनी की फाइनेंशियल स्थिति
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मार्च 2023 को समाप्त तिमाही में बॉम्बे डाइंग का समेकित शुद्ध घाटा एक साल पहले की अवधि में ₹41.74 करोड़ के शुद्ध घाटे से बढ़कर ₹246.1 करोड़ हो गया है. तिमाही के दौरान कोर ऑपरेशंस से इसका समेकित राजस्व सालाना आधार पर ₹598.01 करोड़ से 12% बढ़कर ₹670.17 करोड़ हो गया. FY23 के दौरान, तय कर्ज चुकौती आंशिक रूप से प्रमोटर इन्फ्यूजन (ICD) और समूह की कंपनियों में इसके द्वारा रखे गए शेयरों की बिक्री के कारण हुई है. क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ने कहा कि शेयरों की बिक्री और बाकी बची नकदी शेष के कारण कंपनी के पास उपलब्ध तरलता की कमी हो गई है. CARE का मानना है कि कंपनी के वित्तीय जोखिम प्रोफाइल में सुधार केवल पर्याप्त डिलीवरेजिंग के बाद ही होने की संभावना है, जो वित्त वर्ष 24 में प्रस्तावित मुद्रीकरण और फंड जुटाने की योजनाओं के सफल कार्यान्वयन के परिणामस्वरूप होगा. वाडिया समूह के स्वामित्व वाली गोफर्स्ट एयरलाइन, देश की चौथी सबसे बड़ी विमान वाहक कंपनी है.
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