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G20 की बैठक में PM मोदी ने गिनाईं डिजिटल पेमेंट ईकोसिस्टम की खूबियां
'हमारी G20 की अध्यक्षता के दौरान, हमने एक नई प्रणाली बनाई है, जो हमारे G20 मेहमानों को भारत के लोकप्रिय डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म UPI का उपयोग करने देती है'.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने G20 देशों के वित्त मंत्रियों और सेंट्रल बैंक गवर्नर्स की बैठक को संबोधित करते हुए भारत के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर पर बात की. PM ने कहा कि हमने बीते कुछ सालों में एक बेहद सुरक्षित, विश्वसनीय और किफायती सार्वजनिक डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया है. इस डिजिटल पेमेंट्स ईकोसिस्टम ने वित्तीय समावेश के साथ-साथ आम लोगों की जिंदगी को आसान बना दिया है.
मेहमान इस्तेमाल कर सकेंगे UPI
बैठक को वर्चुअली संबोधित करते हुए PM मोदी ने कहा - जैसा कि आप भारत की टेक कंपनी, बेंगलुरु में मिल रहे हैं, आपको प्रत्यक्ष अनुभव होगा कि कैसे भारतीय उपभोक्ताओं ने डिजिटल भुगतान को अपनाया है. हमारी G20 की अध्यक्षता के दौरान, हमने एक नई प्रणाली बनाई है, जो हमारे G20 मेहमानों को भारत के लोकप्रिय डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म UPI का उपयोग करने देती है. उन्होंने आगे कहा कि भारतीय ग्राहक और उत्पादक भविष्य को लेकर आशावान हैं. हम उम्मीद करते हैं कि आप इस सकारात्मकता को वैश्विक अर्थव्यवस्था में फैलाएंगे.
कोरोना पर भी की बात
इसके साथ ही PM मोदी ने कोविड महामारी की चुनौतियों का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि कोरोना से वैश्विक अर्थव्यवस्था को जोर का झटका लगा है. कई देश विशेष रूप से विकासशील अर्थव्यवस्थाएं अभी भी इसके दुष्परिणामों का सामना कर रही हैं. उन्होंने कहा - आप ऐसे समय में वैश्विक वित्त और अर्थव्यवस्था के नेतृत्व का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं जब दुनिया गंभीर आर्थिक कठिनाइयों का सामना कर रही है. हम दुनिया के विभिन्न हिस्सों में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव को भी देख रहे हैं. हालांकि, भारतीय उपभोक्ता और निर्माता भविष्य को लेकर आशान्वित एवं आश्वस्त हैं. हम आशा करते हैं कि आप उसी सकारात्मक भावना को वैश्विक अर्थव्यवस्था में प्रसारित करने में सक्षम होंगे.
भारत का अनुभव आदर्श
पीएम ने कहा कि वित्त की दुनिया में प्रौद्योगिकी तेजी से आगे बढ़ रही है. महामारी के दौरान डिजिटल भुगतान ने संपर्क रहित और निर्बाध लेनदेन को सक्षम बनाया. हालांकि, डिजिटल फाइनेंस में हाल के कुछ नवाचारों में अस्थिरता और दुरुपयोग का जोखिम भी है. लेकिन मुझे आशा है कि आप यह पता लगाएंगे कि इसके संभावित जोखिमों को नियंत्रित करने के लिए मानक विकसित करते समय तकनीक की शक्ति का उपयोग अच्छे के लिए कैसे किया जा सकता है. भारत का अपना अनुभव एक आदर्श हो सकता है. हमने एक बेहद सुरक्षित, विश्वसनीय और किफायती सार्वजनिक डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया है.
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