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BYJU'S में क्या गहरा रहा है वित्तीय संकट? यहां पर कर्मचारियों को बाहर कर बंद किया ऑफिस
कंपनी की वित्तीय हालत अंदर से डवांडोल हो चुकी है, क्योंकि कंपनी अपने कई राज्यों में ऑफिस को बंद करके कर्मचारियों को मजबूर करके इस्तीफा ले रही है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
नई दिल्ली: एडटेक कंपनी बायजू में बहुत कुछ शायद अच्छा नहीं चल रहा है. कंपनी की वित्तीय हालत अंदर से डवांडोल हो चुकी है, क्योंकि कंपनी अपने कई राज्यों में ऑफिस को बंद करके कर्मचारियों को मजबूर करके इस्तीफा ले रही है. ताजा मामला केरल का है, जहां कंपनी के तिरुवनंतपुरम के टेक्नोपार्क में स्थित कार्यालय को बंद करने का ऐलान कर दिया है. साथ ही यहां काम कर रहे 170 कर्मचारियों से जबरन इस्तीफा लेने का ऐलान कर दिया है.
कर्मचारियों ने की लेबर मिनिस्टर से दर्ज की शिकायत
ऑफिस में काम कर रहे 170 से अधिक कर्मचारियों ने राज्य के श्रम मंत्री वी शिवनकुट्टी से मुलाकात की और मुआवजे और लंबित वेतन की मांग की. “टेक्नोपार्क तिरुवनंतपुरम से बायजू ऐप के कर्मचारी मुझसे मिलने आए थे. कर्मचारियों को नौकरी जाने सहित कई शिकायतें हैं. श्रम विभाग इस संबंध में एक गंभीर जांच करेगा, ”मंत्री शिवनकुट्टी ने अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट किया.
सोशल मीडिया पर पोस्ट किया अपना दुखड़ा
टेक्नोपार्क के कर्मचारियों के सामुदायिक मीडिया प्लेटफॉर्म टेक्नोपार्क टुडे ने अपने सोशल मीडिया पेजों पर पोस्ट किया कि बायजू का प्रबंधन कर्मचारियों को इस्तीफा देने के लिए मजबूर कर रहा है. टेक्नोपार्क के कर्मचारियों के लिए एक कर्मचारी कल्याण संगठन, प्रतिद्वीनी की मदद से, कर्मचारी एक नवंबर 2022 को अक्टूबर 2022 के सैलरी का भुगतान. नवंबर 2022 से 31 जनवरी तकआगामी तीन महीनों के लिए एकमुश्त सैलरी का भुगतान की मांग कर रहे हैं.
50 हजार कर्मचारी कार्यरत
वर्तमान में बायजू के करीब 50,000 कर्मचारी हैं. वित्त वर्ष 23 तक लाभदायक होने के लिए, कंपनी को अपने कर्मचारियों की संख्या को युक्तिसंगत बनाने के लिए चरणबद्ध तरीके से 5% यानी 2,500 लोगों की छंटनी करने की उम्मीद है.
कंपनी पर पहले भी लगे हैं कई आरोप
कंपनी पर नैतिकता से काम न करने के कई आरोप लगे हैं. 2021 में, बीबीसी ने बायजू के झूठ को रिपोर्ट करते हुए रिफंड और सेवाओं की कमी से संबंधित ग्राहक विवाद के बारे में बताया था. इसके अलावा माता-पिता को कर्ज के बोझ में धकेलना और असंतुष्ट कर्मचारियों को आक्रामक लक्ष्यों के साथ धमकाया भी जाता है.
बीबीसी ने बताया था कि कंपनी की बिक्री रणनीति में "लगातार कोल्ड कॉल और बिक्री पिचें शामिल हैं, जिसका प्रभाव उन्हें यह समझाने के लिए था कि यदि वे बायजू का उत्पाद नहीं खरीदते हैं तो उनका बच्चा पीछे छूट जाएगा". पीड़ित माता-पिता ने आरोप लगाया कि उन्हें बिक्री एजेंटों द्वारा गुमराह किया गया था, जो बिक्री समाप्त होने के बाद रिफंड के बारे में "कम से कम परेशान" थे.
इनसे मिल रही है कंपनी को फंडिंग
2011 में बायजू रवींद्रन द्वारा स्थापित, दुनिया का सबसे मूल्यवान एडटेक स्टार्टअप फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग के चैन जुकरबर्ग इनिशिएटिव और टाइगर ग्लोबल और जनरल अटलांटिक जैसी प्रमुख निजी इक्विटी फर्मों द्वारा वित्त पोषित है.
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