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अक्टूबर तक एक और झटके के लिए रहिए तैयार, रिलायंस को है ये अंदेशा
सरकार हर छह महीने में अंतरराष्ट्रीय कीमतों के आधार पर गैस का दाम तय करती है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
नई दिल्ली: अक्टूबर तक आपको एक और झटका लग सकता है. रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Reliance Industries Limited) की मानें तो देश में प्राकृतिक गैस की कीमतें अक्टूबर में फिर बढ़ने की उम्मीद है. हालांकि, इसके साथ ही कंपनी कीमतों पर लगाई गई अधिकतम सीमा (सीलिंग) को हटाने के पक्ष में भी है.
हर छह महीने में तय होती है कीमत
बता दें कि सरकार हर छह महीने में अंतरराष्ट्रीय कीमतों के आधार पर गैस का दाम तय करती है. कई तिमाहियों तक घाटे में रहने के बाद रिलायंस का गैस खोज कारोबार ऊर्जा की कीमतों में वैश्विक स्तर पर आए उछाल से लाभ में आना शुरू हुआ है.
कंपनी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष ने क्या कहा
कंपनी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संजय रॉय ने तिमाही नतीजों की घोषणा के बाद एक निवेशक चर्चा में कहा कि केजी-डी6 बेसिन से उत्पादित गैस की मूल्य सीमा 9.92 डॉलर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट (MMBTU) के मौजूद स्तर से अधिक हो जाएगी.
गैस की कीमत दोगुनी से भी अधिक
एक अप्रैल से पुराने या विनियमित क्षेत्रों से गैस की कीमत दोगुनी से भी अधिक 6.1 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू या प्रति इकाई हो गई है. वहीं गहरे समुद्र में स्थित गैस क्षेत्रों से निकलने वाली गैस के लिए कीमत 9.92 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू रखी गई है.
अक्टूबर के महीने में नई दरें होंगी जारी
इस तरह अक्टूबर के महीने में नई दरों को जारी किया जाना है. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि सरकारी तेल एवं गैस कंपनी ओएनजीसी के पुराने क्षेत्रों से निकली गैस की कीमत लगभग नौ डॉलर प्रति एमएमबीटीयू तक बढ़ जाएगी और मुश्किल क्षेत्रों वाली गैस के लिए मूल्य सीमा दहाई अंक तक पहुंच जाएगी.
1.9 करोड़ घन मीटर गैस का उत्पादन
रिलायंस ने अप्रैल-जून तिमाही में पूर्वी तट पर स्थित केजी-डी6 ब्लॉक में अपने नए क्षेत्रों से प्रतिदिन लगभग 1.9 करोड़ घन मीटर गैस का उत्पादन किया. यह ब्लॉक गहरे समुद्र में स्थित है। लिहाजा यहां से निकलने वाली गैस मुश्किल इलाकों वाली कीमतों पर बिकती है.
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