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पैकेज्ड उत्पादों पर इसलिए लगाना पड़ा GST, निर्मला सीतारमण ने 14 ट्वीट में बताई ये बड़ी वजह
पैकेट में बंद और लेबल वाले दूध, दही, दाल आटा, चावल पर जैसी वस्तुओं पर 5 फीसदी जीएसटी लगा दिया गया है. हालांकि खुले में बिकने वाली इन वस्तुओं पर किसी तरह का कोई टैक्स नहीं लगा है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
नई दिल्लीः वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने पैकेज्ड और लेबल युक्त खाद्य पदार्थों पर लगाई गईं नई जीएसटी दरों को लेकर के आम जनमानस में फैली भ्रांतियों को दूर करने का प्रयास करते हुए लगातार 14 ट्वीट करके अपनी सफाई पेश की है. वित्तमंत्री ने उस वजह को भी बताया जिसके चलते सरकार को इन सामानों पर टैक्स लगाना पड़ा.
रोजमर्रा की वस्तुओं पर लगा है टैक्स
पैकेट में बंद और लेबल वाले दूध, दही, दाल आटा, चावल पर जैसी वस्तुओं पर 5 फीसदी जीएसटी लगा दिया गया है. हालांकि खुले में बिकने वाली इन वस्तुओं पर किसी तरह का कोई टैक्स नहीं लगा है. जिन वस्तुओं को खुला बेचने पर कोई टैक्स नहीं लगेगा उनमें दूध, दही, लस्सी, दाल, गेहूं, राई, ओट्स, मकई, आटा, चावल, सूजी, बेसन, मुरमुरा आदि शामिल हैं.
"The GST Council has exempt from GST, all items specified below in the list, when sold loose, and not pre-packed or pre-labeled. They will not attract any GST," tweeted Union Finance Minister Nirmala Sitharaman pic.twitter.com/pGh1ha8tUV
— ANI (@ANI) July 19, 2022
इस वजह से लगा है टैक्स
वित्तमंत्री ने कहा कि फिटमेंट कमेटी ने कहा था कि जब जीएसटी लागू किया गया था, तो ब्रांडेड अनाज, दाल, आटे पर 5 फीसदी की जीएसटी दर लागू की गई थी. हालांकि, जल्द ही इस प्रावधान का दुरुपयोग देखने को मिला. इससे राजस्व में गिरावट आई थी. इस गिरावट को पूरा करने के लिए सभी पैकेज्ड और लेबलयुक्त सामानों पर समान रूप से जीएसटी लगाने का प्रस्ताव दिया था.
फैसले में विपक्षी दलों के मंत्री भी शामिल
वित्तमंत्री ने बताया है कि यह फैसला जीएसटी काउंसिल के जिस ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स ने लिया है उनमें पश्चिम बंगाल, राजस्थान, केरल, उत्तर प्रदेश, गोवा और बिहार के सदस्य शामिल थे. इस जीओएम की अध्यक्षता कर्नाटक के मुख्यमंत्री कर रहे थे.
उन्होंने यह भी बताया है कि जीएसटी काउंसिल की मीटिंग के दौरान गैर भाजपा शासित राज्यों पंजाब, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और केरल ने भी पांच फीसदी लेवी लगाने पर सहमति व्यक्त की थी.
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