अमेरिकी मोबिलिटी कंपनी Uber ने हाल ही में अपने ऐप का रिडिजाइन वर्जन पेश किया है जिससे लोगों को कैब बुक करने में आसानी होगी और एक बेहतर अनुभव भी मिलेगा.
अमेरिकी मोबिलिटी कंपनी Uber ने हाल ही में अपने ऐप को बेहतर बनाने के लिए नए फीचर्स के साथ इसे रिलॉन्च किया है. इन नए फीचर्स की वजह से अब कैब बुकिंग ज्यादा आरामदायक होगी और राइडर्स आसानी से कहीं भी आ जा सकेंगे. Uber का रिडिजाईन्ड ऐप अब राइडर की पसंद के अनुसार काम करेगा.
आपकी पसंद आपका ऐप
Uber के ऐप को पहले से ज्यादा सहज बनाया गया है और अब यह हर व्यक्ति की पसंदीदा जगहों और कैब टाइप के हिसाब से काम करेगा. राइडर्स सभी सेवाओं का फायदा उठा सकते हैं और कैब बुकिंग की प्रक्रिया को भी पहले से काफी आरामदायक बनाया गया है. अब कैब बुक करते हुए ऐप आपकी सबसे पसंदीदा जगहों, और कैब्स को ध्यान में रखता है जिससे आपको कैब बुक करने में आसानी होती है इसके साथ-साथ ऐप की होम-स्क्रीन में भी बदलाव किया गया है.
आसानी से कर सकेंगे नेविगेट
अपडेटेड ऐप पर टिप्पणी करते हुए Uber इंडिया और साउथ एशिया के सेंट्रल ऑपरेशंस के निर्देशक, नितीश भूषण ने कहा – Uber में हम हमेशा ही राइडर्स को सिर्फ कुछ टैप के माध्यम से मोबिलिटी की सब सेवाएं उपलब्ध करवाना चाहते हैं. हम सभी के जीवन जिस गति से आगे बढ़ रहे हैं उसे देखते हुए हमें एप्स में जल्दी से जल्दी नेविगेट करने की जरूरत को समझना होगा. हमने Uber ऐप को रिडिजाइन किया है ताकि कस्टमर्स बहुत ही आसानी से नेविगेट कर सकें. राइडर्स अपनी पसंदीदा जगहों और कैब्स को ऐप में सबसे ऊपर ही देख पायेंगे और इससे हर राइडर के पास अपनी जरूरत के हिसाब से एक अलग ऐप होगा.
होम स्क्रीन में किये गए बदलाव
होम-स्क्रीन को पहले से ज्यादा सिंपल बनाया गया है ताकि राइडर्स अब और आसानी से कैब बुक कर सकें. नए रिडिजाईन्ड ऐप में एक ‘Services’ टैब भी है जो राइडर्स को कंपनी द्वारा उनके शहर में उपलब्ध करवाये जा रहे सभी प्रोडक्ट्स के बारे में जानकारी देता है, फिर चाहे वह मोटो हो या ऑटो, इंटरसिटी कैब हो या रेंटल कैब, रिजर्व कैब हो या Uber कनेक्ट. नए ‘Activity Hub’ की मदद से पिछली और आने वाली सभी राइड्स को एक ही जगह पर देखा जा सकता है.
ज्यादा पर्सनलाइज होगा नया वर्जन
अब Uber ऐप में ‘कहां जा रहे हैं’ के ऑप्शन पर उंगली रखते ही ‘सेव्ड जगहों’ का ऑप्शन राइडर के सामने आएगा जिसमें ऐप राइडर की पसंदीदा जगहों और कैब टाइप को बताएगा. ऐप हर राइडर को उनके द्वारा चुनी गयी राइड्स और पसंदीदा जगहों के हिसाब से उनकी यात्रा प्लान करेगा और अगली बार के लिए इस यात्रा की जानकारी को बचाकर रखेगा. उदाहरण के लिए, अगर एक राइडर ज्यादातर Uber ऑटो का इस्तेमाल करता है तो ऐप उसे पहले ऑप्शन के रूप में ऑटो ही दिखाएगा. साथ ही ऐप राइडर को दुसरे अफोर्डेबल ऑप्शंस भी दिखाएगा.
लाइव एक्टिविटी से कर पायेंगे लाइव ट्रेकिंग
लॉक स्क्रीन पर ‘लाइव एक्टिविटी’ के माध्यम से अब राइडर अपनी राइड की लाइव ट्रेकिंग भी कर पायेगा. लाइव ट्रेकिंग के माध्यम से राइडर को कैब की डिटेल्स, कैब के आने का समय और ट्रिप का स्टेटस जैसी सभी जरूरी जानकारी बिना ऐप खोले, लॉक स्क्रीन पर ही मिल जायेगी. फिलहाल इस फीचर को iOS डिवाइसों के लिए ही जारी किया जा रहा है, लेकिन जल्दी ही यह फीचर एंड्राइड फोनों पर भी देखने को मिलेगा. रिडिजाइन किये गए ऐप और उसके नए फीचर्स को इस्तेमाल करने के लिए राइडर्स को ध्यान रखना होगा कि उनका Uber ऐप आधुनिक अपडेट, सोफ्टवेयर से लैस हो और उनके पास ऐप का लेटेस्ट वर्जन हो.
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माना जा रहा है कि Honda Activa Electric को ग्लोबली लॉन्च किया जाएगा. इसे सबसे पहले एशिया, यूरोप और जापान के बाजारों में पेश किया जाएगा.
इलेक्ट्रिक व्हीकल यानी कि EV की डिमांड में पिछले कुछ समय से तेजी आई है. यही वजह है कि वाहन निर्माता कंपनियों ने EV प्रोडक्शन पर ध्यान देना शुरू कर दिया है. टू-व्हीलर सेगमेंट में Ola सहित कई कंपनियों के स्कूटर बाजार में हैं और अब Honda भी अपने Activa को इलेक्ट्रिक अवतार में पेश कर सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी की तरफ से जल्द ही इस बारे में कोई घोषणा हो सकती है.
मिलेगा फिक्सड बैटरी पैक
रिपोर्ट्स बताती हैं कि Honda इस महीने के आखिरी में Activa Electric की घोषणा कर सकती है. हालांकि अभी इसके बारे में कंपनी की तरफ से कोई जानकारी साझा नहीं की गई है. बता दें कि बीते दिनों एक्टिवा स्मार्ट के लॉन्च इवेंट के मौके पर Honda Motorcycle & Scooter India के एमडी, प्रेसिडेंट एवं सीईओ अत्सुशी ओगाटा ने कहा था कि कंपनी मार्च 2024 तक EV स्कूटर पेश करने की योजना पर काम कर रही है. नया इलेक्ट्रिक मॉडल मौजूदा Activa मॉडल पर ही बेस्ड होगा. ये फिक्सड बैटरी पैक के साथ बाजार में उतारा जाएगा, जिसकी टॉप स्पीड करीब 50 किलोमीटर प्रति/घंटा होगी.
ग्लोबली किया जाएगा लॉन्च
माना जा रहा है कि Honda Activa Electric को ग्लोबली लॉन्च किया जाएगा. इसे सबसे पहले एशिया, यूरोप और जापान के बाजारों में पेश किया जाएगा. Honda किसी नए नाम से इलेक्ट्रिक स्कूटर पेश करने के बजाए 'एक्टिवा' ब्रैंड का ही इस्तेमाल करेगी, क्योंकि भारत में Activa ने एक अलग पहचान स्थापित कर ली है. एक्टिवा देश में सबसे ज्यादा बेची जाने वाले स्कूटरों में शामिल है. लिहाजा, कंपनी को उम्मीद है कि इस नाम के साथ लॉन्च EV भी लोगों के बीच अपनी पैठ बना लेगा.
अगले साल आएगा बाजार में!
इस महीने के अंत में इलेक्ट्रिक स्कूटर की घोषणा हो सकती है और संभव है इस अगले साल तक बाजार में उतार दिया जाए. ये देखने वाली बात होगी कि Activa के इलेक्ट्रिक अवतार का लुक और डिजाइन कैसा होता है. गौरतलब है कि फिलहाल इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर सेगमेंट में ओला का दबदबा है. शुरुआत में आग लगने की घटनाओं के बावजूद कंपनी के प्रोडक्ट्स पर भरोसा करने वालों की संख्या में कमी नहीं आई है.
लग्जरी कार ब्रैंड मर्सिडीज बेंज इंडिया ने अपनी कारों की कीमत में 2 से 12 लाख तक का इजाफा किया है.
यदि आप लग्जरी कारों के शौकीन हैं और मर्सिडीज आपका फेवरेट ब्रैंड है, तो फिर ये खबर आपके लिए है. मर्सिडीज बेंज इंडिया ने अपनी कारों की कीमतों को 2 से 12 लाख रुपए तक बढ़ाने का ऐलान किया है. कारों पर नई कीमतें 1 एक अप्रैल से लागू हो जाएंगी. यानी एक अप्रैल से आपको मर्सिडीज की कार खरीदने के लिए पहले से ज्यादा जेब ढीली करनी होगी. बता दें कि तीन महीनों में यह दूसरा मौका है जब कंपनी ने अपनी कारों की कीमतें बढ़ाई हैं.
इस वजह से बढ़ाए दाम
इससे पहले जनवरी में मर्सिडीज कारों की कीमतों में 5% की बढ़ोतरी की गई थी. मीडिया रिपोर्ट्स में मर्सिडीज बेंज इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO संतोष अय्यर के हवाले से बताया गया है कि पिछले कुछ महीनों में यूरो की तुलना में रुपया कमजोर हुआ है. अक्टूबर में एक यूरो लगभग 78-79 रुपए का था, जो अब 87 रुपए का हो गया है, जिसके चलते कंपनी की मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट बढ़ रही है. इसी को ध्यान में रखते हुए कारों की कीमत में इजाफे का फैसला लिया गया है.
अब इतनी होगी कीमत
मर्सिडीज-बेंज की A-क्लास लिमोसिन और GLA की कीमतों में 2-2 लाख की बढ़ोतरी की गई है. जबकि C-क्लास, E-क्लास और S-क्लास की कीमतों में 2.5 लाख, 3.5 लाख और 6 लाख रुपए का इजाफा हुआ है. इसी तरह, GLE 300d 4Matic और GLE 400d 4Matic के दाम क्रमशः 2 लाख और 3 लाख रुपए बढ़ गए हैं. जबकि GLS क्लॉस में सीधे 10 लाख रुपए कंपनी ने बढ़ा दिए हैं. वहीं, Maybach S580 की कीमत 12 लाख की बढ़ोत्तरी के बाद अब 2.69 करोड़ रुपए से शुरू होगी. EQS 580 के लिए भी अब 4 लाख ज्यादा देने होंगे. इसकी एक्स शोरूम कीमत 1.59 करोड़ रुपए हो गई है.
10 नए मॉडल होंगे लॉन्च
मर्सिडीज भारतीय बाजार में 10 नए मॉडलों को पेश करने की तैयारी कर रही है. हाल ही में कंपनी ने यह घोषणा की थी. भारत के लग्जरी कारों के बाजार पर Mercedes-Benz ने अच्छी पकड़ बना की है. पिछले साल यानी 2022 में कंपनी की बिक्री में करीब 41% के इजाफा हुआ था. उसने इस दौरान 15822 यूनिट बेची थीं, जो कंपनी का भारत में अब तक सबसे शानदार रिकॉर्ड है. यही वजह है कि Mercedes भारत में कम से कम 10 नए मॉडल लॉन्च करने की तैयारी कर रही है.
नितिन गडकरी ने कहा कि हम 16 लाख करोड़ रुपए तक का ईंधन हर साल आयात करते हैं, लेकिन बहुत जल्द, हमारे किसान ग्रीन फ्यूल और ग्रीन हाइड्रोजन प्रोड्यूस करेंगे.
पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के चलते इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की मांग में तेजी आई है. वहीं, सरकार भी इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ-साथ ग्रीन फ्यूल और हाइड्रोजन से चलने वाली गाड़ियों पर जोर दे रही है. बजट में भी सरकार की तरफ से इस बारे में कई प्रावधान किए गए हैं. इस बीच, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने एक कार्यक्रम में कहा कि हाइड्रोजन भारत का फ्यूचर फ्यूल है और हाइड्रोजन एवं ग्रीन फ्यूल से चलने वाली गाड़ियां भारत का भविष्य हैं.
घटेगी बैटरी की कीमत
नितिन गडकरी ने कहा कि आने वाले सालों में बैटरी की कीमतों में गिरावट होगी, जिससे इलेक्ट्रिक गाड़ियां पहली की तुलना में सस्ती हो जाएंगी. उन्होंने कहा कि समयसीमा के बारे में तो फिलहाल कुछ नहीं कहा जा सकता, लेकिन आने वाले सालों में भारत इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर शिफ्ट हो जाएगा. बता दें कि गडकरी का बयान ऐसे समय आया है जब भारत सरकार लिथियम-आयन इलेक्ट्रिक बैटरी, हाइड्रोजन, इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल आदि जैसे ग्रीन फ्यूल सोल्यूशन पर तेजी से जोर दे रही है.
इतना फ्यूल करते हैं आयात
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लिथियम-आयन बैटरी पेट्रोल-डीजल चालित कारों की वर्तमान श्रेणी से बदलाव का नेतृत्व करेगी. हम 16 लाख करोड़ रुपए तक का ईंधन हर साल आयात करते हैं, लेकिन बहुत जल्द, हमारे किसान ग्रीन फ्यूल और ग्रीन हाइड्रोजन प्रोड्यूस करेंगे. गौरतलब है कि अभी बैटरी की लागत काफी ज्यादा है, जिसकी वजह से इलेक्ट्रॉनिक वाहनों की कीमतें अधिक हैं. ये भी एक वजह है कि जिस रफ्तार से इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के मार्केट को रफ्तार पकड़नी चाहिए थी, उतनी दिखाई नहीं दे रही है.
हाइब्रिड गाड़ियों की समस्या
इस समय मार्केट में फुल हाइब्रिड और माइल्ड हाइब्रिड गाड़ियां भी मौजूद हैं. फुल हाइब्रिड गाड़ियों को पसंद किया जा रहा है, क्योंकि इससे फ्यूल की बचत ज्यादा होती है, लेकिन ऐसी गाड़ियों की सबसे बड़ी खामी उनका बूट स्पेस है. बैटरी के चलते बूट स्पेस काफी कम हो जाता है. आने वाले समय में जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी में बदलाव होगा, इस समस्या के भी दूर होने की संभावना है. वहीं, सरकार वाहनों की सुरक्षा के मुद्दे पर भी गंभीरता से काम कर रही है.
बैंगलोर स्थित इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली कंपनी ओला, 7610 करोड़ रुपयों की इन्वेस्टमेंट से भारत में दुनिया का सबसे बड़ा इलेक्ट्रिक व्हीकल हब बनाना चाहती है.
भारतीय कंपनी ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड 7610 करोड़ रुपयों की इन्वेस्टमेंट की बदौलत भारत में दुनिया सबसे बड़ा इलेक्ट्रिक व्हीकल हब बनाना चाहती है ताकि वह परिवहन के ज्यादा बेहतर और साफ़ विकल्प उपलब्ध करवा पाए. दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु में 2000 एकड़ के क्षेत्र में बना यह हब दोपहिया वाहनों और चारों की मैन्युफैक्चरिंग के साथ साथ बैटरी सेल बनाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाएगा.
जल्द शुरू होगा प्रोडक्शन
कुछ समय के बाद ही ओला इस नए हब में सेल की मैन्युफैक्चरिंग शुरू कर देगा. इलेक्ट्रिक वाहनों की सप्लाई चेन के प्रमुख पदार्थ जैसे बैटरियों को लोकल बनाने से इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत में कमी आएगी. लिथियम-आयन बैटरी की घरेलु मांग को पूरा करने के लिए भारत के पास कच्चे माल का बस कुछ हिस्सा ही उपलब्ध है. ओला के अलावा अरबपति मुकेश अम्बानी की कंपनी RIL (रिलायंस इंडिया लिमिटेड) और राजेश एक्सपोर्ट्स लिमिटेड को भी एडवांस्ड बैटरी सेल विकसित करने के 2.3 बिलियन डॉलर्स की कीमत वाले सरकारी प्रोग्राम के अंतर्गत इंसेंटिव दिया जाएगा.
लोकल सप्लाई चैन है बहुत जरुरी
एक विश्वसनीय सप्लाई चैन बनाकर ओला इलेक्ट्रिक वाहन मैन्युफैक्चरिंग की दिक्कतों को दूर कर सकती है. एक बैच में बनाये गए स्कूटर्स में से एक के आग पकड़ लेने के बाद बैंगलोर स्थित कंपनी ने 1441 इलेक्ट्रिक स्कूटर्स को वापस मंगवा लिया था. इतना ही नहीं, ओला को अपने स्कूटर्स की डिलीवरी के लिए भी कस्टमर्स को अच्छा ख़ासा इंतजार करवाना पड़ा था क्योंकि भारत अधिकतर पार्ट्स के लिए आयातों पर निर्भर है और एक ग्लोबल चिप की कमी की वजह से इन पार्ट्स की सप्लाई में काफी दिक्कत आ गयी थी.
500 मिलियन डॉलर्स का मिला है इन्वेस्टमेंट
ओला ने पिछले साल बैंगलोर स्थित अपने बैटरी इन्नोवेशन सेंटर द्वारा विकसित लिथियम-आयन सेल को प्रदर्शित किया था. जिसके बाद इस स्टार्टअप को 500 मिलियन डॉलर्स का इन्वेस्टमेंट भी प्राप्त हुआ. आने वाले दशक में ओला अपना पूरा ध्यान एक स्थानीय सप्लाई चैन को बनाने में लगाएगा जिससे मोटर्स, रेयर अर्थ मैग्नेट्स, सेमी कंडक्टर्स, लिथियम आयन प्रोसेसिंग और ग्रेफाइट, निकेल जैसे मिनरल्स के द्वारा इलेक्ट्रोड प्रोडक्शन जैसे जरुरी हिस्सों की मांग को वह पूरा कर सके.
इलेक्ट्रिक वाहनों का क्रेज पिछले कुछ वक्त में काफी बढ़ा है. कैब कंपनियां भी अब इलेक्ट्रिक कारों को अपने बेड़े में शामिल करने पर जोर दे रही हैं.
टाटा मोटर्स (Tata Motors) और कैब सर्विस देने वाली कंपनी उबर (Uber) के बीच एक बड़ी डील हुई है. दोनों ने इलेक्ट्रिक कारों की खरीद को लेकर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. इसे ग्रीन मोबिलिटी स्पेस का सबसे बड़ा सौदा बताया जा रहा है. डील के मुताबिक, टाटा मोटर्स 25000 इलेक्ट्रिक कार उबर को देगी और उबर इन कारों को अपनी प्रीमियम कैटेगरी की राइडिंग सर्विस में इस्तेमाल करेगी.
इन शहरों में दौड़ेंगी EV कैब
टाटा मोटर्स ने सोमवार को कहा कि वह उबर को 25,000 XPRES-T इलेक्ट्रिक वाहन यूनिट की आपूर्ति करेगी. टाटा और उबर ने ज्वाइंट स्टेटमेंट में कहा कि उबर अपनी प्रीमियम कैटेगरी की सर्विस में इलेक्ट्रिक सेडान का उपयोग करेगी. इलेक्ट्रिक फ्लीट को दिल्ली NCR, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुरु और अहमदाबाद की सड़कों पर उतारा जाएगा. टाटा मोटर्स इस महीने से अलग-अलग फेज में उबर को कारों की डिलीवरी शुरू करेगी. उबर का कहना है कि इस समझौते से वह ग्रीन मोबिलिटी स्पेस में खुद को मजबूत कर सकेगी.
पर्यावरण के अनुकूल राइड
वहीं, टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स और टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के MD शैलेश चंद्रा ने कहा कि देश में टिकाऊ गतिशीलता बढ़ाने की हमारी प्रतिबद्धता के तहत हम भारत के प्रमुख राइड-शेयरिंग प्लेटफॉर्म Uber के साथ साझेदारी करके खुश हैं. उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक कारों की मदद से उबर अपने ग्राहकों को पर्यावरण के अनुकूल राइड मुहैया करा पाएगी. साथ ही इससे हरित और स्वच्छ पर्सनल राइड-शेयरिंग प्लेटफॉर्म को अपनाने में भी तेजी आएगी.
दमदार बैटरी वाली XPRES-T
बता दें कि जुलाई 2021 में टाटा मोटर्स ने विशेष रूप से फ्लीट के ग्राहकों के लिए 'XPRES' ब्रैंड लॉन्च किया था और XPRES-T EV नाम से पहला वाहन था. नई XPRES-T इलेक्ट्रिक सेडान दो रेंज ऑप्शन 315 किमी और 277 किमी के साथ आती है. इसमें 26 kWh और 25.5 kWh की हाई पॉवर बैटरी होती है, जिसे फास्ट चार्जिंग का इस्तेमाल करके 59 मिनट और 110 मिनट में 0-80 प्रतिशत से चार्ज किया जा सकता है. इसे सामान्य रूप से किसी भी 15A प्लग पॉइंट से चार्ज किया जा सकता है.
ओला भी कर रही है तैयारी
इलेक्ट्रिक वाहनों का क्रेज पिछले कुछ वक्त में काफी बढ़ा है. कैब कंपनियां भी अब इलेक्ट्रिक कारों को अपने बेड़े में शामिल करने पर जोर दे रही हैं. ओला के फाउंडर भाविश अग्रवाल ने कुछ वक्त पहले कहा था कि उनकी कंपनी 10,000 कारों के साथ EV फ्लीट लॉन्च करने की तैयारी कर रही है. दरअसल, ओला इलेक्ट्रिक टैक्सी के अपने बेड़े के जरिए उबर और ब्लूस्मार्ट इलेक्ट्रिक मोबिलिटी (BluSmart Electric Mobility) को टक्कर देना चाहती है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, उबर दिल्ली-NCR में ऐसे ही प्रोजेक्ट का ट्रायल कर रही है. जबकि ब्लूस्मार्ट का कारोबार फिलहाल गुरुग्राम और दिल्ली के कुछ हिस्सों के साथ-साथ ईस्ट एवं साउथ बेंगलुरु तक ही सीमित है.
सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में तीसरे स्थान पर रहे गौतम अडानी अब 24वें स्थान पर पहुंच गए हैं. जानिये ऐसी शानदार गाड़ियों के बारे में जो अडानी के नेट वर्थ को दर्शाती हैं.
अडानी ग्रुप ऑफ कम्पनीज के मालिक, गौतम अडानी के पिछले कुछ दिन बहुत ही मुश्किल भरे रहे हैं. 24 जनवरी 2022 को हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद से ही मार्केट में अडानी ग्रुप के शेयर्स में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है. गौतम अडानी जो विश्व के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में तीसरे स्थान तक पहुंच गए थे, हिंडनबर्ग विवाद के बाद अब 24वें स्थान पर पहुंच गए हैं. लेकिन फोर्ब्स के अनुसार इतना सब होने के बाद भी गौतम अडानी की नेट वर्थ 52.2 बिलियन डॉलर्स के आस पास है.
गौतम अडानी की नेट वर्थ का अंदाजा कोई उनकी गाड़ियों के लम्बे चौड़े कलेक्शन से भी लगा सकता है. ऐसे में हम गौतम अडानी की कलेक्शन से आपके लिए लेकर आये हैं कुछ शानदार गाड़ियां:
रेंज रोवर LWB (लॉन्ग व्हील बेस): गौतम अडानी के पास एक शानदार मिड-स्पेक वाली रेंज रोवर LWB (लॉन्ग व्हील बेस) मॉडल है. माना जाता है कि यह सेवन सीटर गाड़ी एक चलता फिरता होटल का कमरा है. इस गाडी को तीन लीटर के इनलाइन सिक्स डीजल इंजन से ताकत मिलती है. यह इंजन 350PS की पॉवर के साथ साथ 700 न्यूटन मीटर भी जनरेट करता है और इसे एक 8 स्पीड ऑटोमाटिक ट्रांसमिशन के साथ जोड़ा गया है. इतना ही नहीं इस गाडी के अन्दर एक फोर व्हील ड्राइव पावरट्रेन है. इस गाड़ी की एक्स-शोरूम कीमत 3.94 करोड़ रुपये के आस पास बतायी जाती है.
BMW 7 सीरीज: एक लग्जरी SUV के अलावा अडानी के गैराज में एक BMW 7 सीरीज सेडान भी मौजूद है. हालांकि हमें इस मॉडल और इसके फीचर्स के बारे में एकदम ठीक ठीक जानकारी नहीं है लेकिन, रिपोर्ट्स के अनुसार अडानी की BMW 7 सीरीज सेडान को 3 लीटर के एक ट्विन-टर्बो इनलाइन सिक्स इंजन से ताकत मिलती है. यह इंजन 380PS की ताकत के साथ-साथ 520 न्यूटन मीटर जनरेट करता है. इसके साथ साथ सेडान में 31.3 इंच की एक 8K टच-स्क्रीन डिस्प्ले भी है. इस सेडान की एक्स-शोरूम कीमत 1.70 करोड़ रुपये मानी जाती है.
रोल्स रोय्स घोस्ट: अडानी हाई नेट इनकम वाले उन कुछ लोगों में शामिल हैं जिनके गैराज में एक रोल्स रोय्स घोस्ट खड़ी हुई है. इस कार को लग्जरी कारों में सबसे बेस्ट माना जाता है. इस रोल्स रोय्स घोस्ट को अपनी तरह कि आखिरी V12 मोटर इंजन से ताकत मिलती है जो 569PS की ताकत और 780 न्यूटन मीटर जनरेट करता है. रिपोर्ट्स की मानें तो इस गाड़ी की एक्स शोरूम कीमत लगभग 6.95 करोड़ रुपये है.
फरारी कैलिफोर्निया 2008: BMW, रोल्स रोय्स और रेंज रोवर जैसी लग्जरी गाड़ियों के साथ साथ अडानी के पास साल 2008 की ओपन-टॉप स्पोर्ट्स कार फरारी कैलिफोर्निया भी है. यह ओपन-टॉप कार एक समय पर पोस्टर कार भी थी जिसे लोगों से बहुत प्यार मिला था. इस फरारी कैलिफोर्निया कार को एक V8 इंजन से ताकत मिलती है जो 459PS की पावर पैदा करने के साथ साथ 485 न्यूटन मीटर भी जनरेट करता है. यह कार 0 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार को मात्र 4 सेकंड्स में तय कर सकती है.
हर इंसान का सपना होता है कि वह एक स्पोर्ट्स कार खरीदे. लेकिन भारत में कार की कीमतें बहुत ज्यादा हैं, ऐसे में हम आपके लिए लेकर आये हैं 5 अफोर्डेबल स्पोर्ट्स कारों की लिस्ट.
हर इंसान का सपना होता है कि वो कभी न कभी स्पोर्ट्स कार में एक लम्बी ड्राइव पर जा पाए. लेकिन भारत में स्पोर्ट्स कार लेना और उसकी देख रेख करना दोनों ही बहुत मुश्किल काम हैं. भारत में एक तरफ जहां गाड़ियों की कीमत बहुत ज्यादा है तो वहीँ दूसरी तरफ यहां सडकें भी स्पोर्ट्स कार ड्राइव करने के लिए ठीक नहीं हैं. ज्यादातर सड़कों पर 60 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा की रफ्तार पर गाडी चलाने की अनुमति नहीं है और अगर आप धीरे भी चल रहे हों तो आपको कभी गुजरते हुए लोगों तो कभी सड़क पर बैठे आवारा जानवरों के लिए रुकना पड़ेगा. इसलिए हम आपके लिए लेकर आये हैं 5 अफोर्डेबल स्पोर्ट्स कार ऑप्शंस जिन्हें आप रोजाना अपनी सवारी के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
ऑडी ने पिछले साल भारतीय बाजार में अच्छी-खासी ग्रोथ दर्ज की थी, इस साल भी कंपनी को अच्छे की आस है.
जर्मनी की लग्जरी कार निर्माता कंपनी, ऑडी ने भारत में ऑल-न्यू ऑडी क्यू3 स्पोर्टबैक (Audi Q3 Sportback) की बुकिंग शुरू कर दी है. स्टैंडर्ड क्वॉट्रो ऑल-व्हील ड्राइव की सुविधा से लैस ऑडी क्यू 3 स्पोर्टबैक में 2 लीटर का टीएफएसआई पेट्रोल इंजन है, जो 190 हॉर्स पावर और 320 एनएम का टॉर्क उत्पन्न करता है. नई ऑडी क्यू 3 स्पोर्टबैक की बुकिंग 2 लाख रुपए से कराई जा सकती है. यह इस सेगमेंट में पहली कॉम्पैक्ट कूपे क्रॉसओवर कार है. Audi Q3 Sportback 7.3 सेकेंड में 0-100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ लेती है.
इस साल लॉन्च होंगे कई प्रोडक्ट्स
ऑडी इंडिया (Audi India) के हेड बलबीर सिंह ढिल्लन ने ऑडी क्यू3 स्पोर्टबैक अपनी कैटेगरी में यूनिक बॉडी टाइप के साथ आती है. यह ऐसे कस्टमर्स को सबसे ज्यादा पसंद आएगी, बेहतर परफॉर्मेंस और शानदार डिजाइन वाली कार की तलाश है. उन्होंने बताया कि 2022 में Audi की कारों की बिक्री में 27 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी. हमें विश्वास है कि 2023 भी हमारे लिए अच्छा रहेगा. इस साल हम ऑडी क्यू3 स्पोर्टबैक और कई नए प्रोडक्ट लॉन्च करेंगे.
7 स्पीड एस ट्रॉनिक ट्रांसमिशन
नई ऑडी क्यू3 स्पोर्टबैक पांच कलर ऑप्शन - टर्बो ब्लू, ग्लेशियर वाइट, क्रोनोस ग्रे, माइथोस ब्लैक और नवरारा ब्लू में उपलब्ध है. इसकी खासियत की बात करें तो 2.0 लीटर TFSI इंजन वाली ये कार 7.3 सेकेंड में 0-100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ लेती है. इसमें आपको क्वॉट्रो-ऑल व्हील ड्राइव, 7 स्पीड एस ट्रॉनिक ट्रांसमिशन, ऑडी ड्राइव सिलेक्ट, प्रोग्रेसिव स्टीयरिंग, कंफर्ट सस्पेंशन, हिल स्टार्ट असिस्ट, स्पीड लिमिटर के साथ क्रूज कंट्रोल सिस्टम, पैडल शिफ्टर्स के साथ स्टीयरिंग व्हीलमिलता है.
इन खूबियों से लैस
इसके अलावा, कार में एस-लाइन का एक्सटीयिर पैरेज, 45.72 सेमी (आर 18) 5-स्पोक वी स्टाइल (एस डिजाइन) अलॉय व्हील्स, पैनोरोमिक क्लास सनरूफ, LED हेडलैंप्स, डायनैमिक टर्न इंडिकेटर्स के साथ LED रियर कॉम्बिनेशन लैंप्स, हाई ग्लास स्टाइलिंग पैकेज, एम्बियंट लाइटिंग पैकेज प्लस (30 रंग), एमएमआई टच के साथ 25.65 सेमी (10.1 इंच) का एमएमआई नैविगेशन प्लस, ऑडी वर्चुअल कॉकपिट प्लस, ऑडी साउंड सिस्टम (10 स्पीकर्स, 6 चैनल एम्प्लीफायर, 180 वॉट), वायरलेस चार्जिंग सिस्टम के साथ ऑडी फोन बॉक्स, ऑडी स्मार्टफोन इंटरफेस, 2-जोन क्लाइमेंट कंट्रोल सिस्टम, रियर व्यू कैमरा के साथ पार्किंग ऐड प्लस आदि भी दिया गया है.
भारत में लग्जरी गाड़ियों की मांग भी तेजी से बढ़ रही है. 2022 के आंकड़ों के सामने आने के बाद भारत में लेंबोर्गिनी (Lamborghini) और पोर्शे (Porsche) की बिक्री में 33% और 64% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
भारत में एक और जहां मिडिल क्लास कारों का कारोबार तेजी से आगे बढ़ रहा है वहीं दूसरी ओर महंगी गाड़ियों की डिमांड में भी तेजी से बढ़ोतरी आ रही है. 2022 में लग्जरी गाड़ियों की बिक्री के आंकड़े निकल कर सामने आए हैं, जिसमें यह पता चलता है कि लेंबोर्गिनी जैसी महंगी कारों की बिक्री में 33% तक की बढ़ोतरी हुई है जबकि ओर पोर्शे की बिक्री में 64% तक का इजाफा देखा जा रहा है. लेंबोर्गिनी ने वर्ष 2022 में 92 कारों की बिक्री की जबकि 2021 में इसी कंपनी ने अपनी 69 कारों की बिक्री की थी. इन आंकड़ों की मानें तो कंपनी के कारोबार में 33 प्रतिशत तक का इजाफा हुआ है.
2022 लेंबोर्गिनी के लिए रहा अच्छा साल
2022 के खत्म होने के बाद अब धीरे-धीरे कंपनियां पिछले साल का बहीखाता सबके सामने रख रही है, जिसमें कई कंपनियों ने पिछले साल में बेहतरीन प्रदर्शन किया है जबकि कार बाजार में भी कई कंपनियां बेहतरीन प्रदर्शन करती नजर आ रही हैं. इनमें से एक है लग्जरी गाड़ी बनाने वाली कंपनी लैंबोर्गिनी. लैंबोर्गिनी के 2022 के आंकड़े बता रहे हैं कि उसके लिए वर्ष 2022 बेहतरीन रहा है. 2022 में कंपनी की बिक्री में 10% से अधिक की बढ़ोतरी देखी गई है. कंपनी पिछले साल में 9233 यूनिट की सेल करने में कामयाब रही है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार लेंबोर्गिनी के एशिया पेसिफिक निदेशक फ्रांसिस्को सारदाओनी ने कहा है कि वर्ष 2022 कंपनी के लिए बेहतरीन रहा है और इसमें भारतीय बाजार में अहम भूमिका निभाई है. लेंबोर्गिनी के अनुसार वर्ष 2022 में भारत में वो 92 यूनिट सेल करने में कामयाब रही जबकि इससे पहले 2021 में कंपनी की मात्र 69 यूनिट सेल कर पाई थी. 2022 में कंपनी की सेल में 33% से अधिक का इजाफा हुआ है.
पोर्शे की बिक्री में भी देखा गया है उछाल
लेंबोर्गिनी के अलावा जर्मनी की स्पोर्ट्स लग्जरी कार बनाने वाली कंपनी पोर्शे भी साल 2022 में भारत में 779 यूनिट की बिक्री करने में कामयाब रही जबकि 2021 में कंपनी मात्र 474 यूनिट सेल कर पाई थी। कंपनी के सेल के आंकड़े बता रहे हैं कि 2022 में कंपनी 64% अधिक कारोबार करने में कामयाब रही है. लग्जरी गाड़ियों की डिमांड में आई इस बढ़ोतरी के पीछे भारतीय बाजार के ग्राहकों की एसयूवी को लेकर बढ़ती हुई दिलचस्पी को सबसे बड़ी वजह माना जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पोर्शे इंडिया ने कहा है कि 2022 में उसकी बिक्री 69% बढ़ गई है. इसमें 78 इलेक्ट्रिक मॉडल टाइकन भी शामिल है. कंपनी के एक अधिकारी ने कहा कि भारतीय बाजार में 2021 से शुरू हुआ तेजी का यह सिलसिला आगे भी जारी रहने की उम्मीद है.
भारत में सामान्य कारों की बिक्री में भी हुआ है इजाफा
भारत में सिर्फ लग्जरी ही नहीं बल्कि दूसरे सेगमेंट की कारों की बिक्री में भी इजाफा देखा गया है. अगर सिर्फ दिसंबर में कारों की बिक्री के आंकड़ों पर नजर तो पता चलता है कि अलग-अलग कंपनियों की कारों में 23 प्रतिशत बढ़कर 37.93 लाख यूनिट के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। आंकड़ों पर नजर डालें तो जनवरी से दिसंबर 2022 में कारों की 37.93 लाख यूनिट रही. जबकि 2021 में ये 30.82 लाख रही थी. इसके अनुसार इसमें 23 प्रतिशत की बढ़ोतरी है.
इस बायोगैस का उपयोग Maruti Suzuki अपने सीएनजी,एथेनॉल मॉडल के लिए कर सकती है, कंपनी का भारत में सीएनजी कार बाजार में लगभग 70% शेयर है.
दुनियाभर में मौजूदा समय में लगातार बढ़ती ग्लोबल वॉर्मिंग की समस्या को खत्म करने के लिए जहां सभी देशों की सरकार अलग-अलग कोशिश कर रही हैं वहीं दूसरी ओर इसका समाधान तलाशने के लिए ऑटो कंपनियों ने भी काम शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में भारत की सबसे बड़ी कंपनी Maruti Suzuki भी प्रयास कर रही है. कंपनी CO2 उत्सर्जन जैसी समस्या के स्थायी समाधान को खोजने और अपनी कारों से इस पल्यूटेंट को कम करने के अपने प्रयासों के तहत एक महत्वाकांक्षी परियोजना पर काम कर रही है, जिसमें गाय के गोबर का उपयोग अपने आंतरिक दहन इंजन में उपयोग के लिए करने की तैयारी शामिल है. इसमें कंपनी के सीएनजी, बायोगैस और इथेनॉल जैसे वाहन शामिल हैं जिनके लिए वो इस तकनीक का इस्तेमाल करने की योजना बना रही है.
इस पर Maruti Suzuki का क्या है कहना
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कंपनी के एक प्रमुख ने ये बात ‘2030 के लिए विकास योजना’ जैसे विषय पर अपनी बात रखते हुए कही. कंपनी का कहना है कि मारुति सुजुकी कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए अपने प्रोडक्ट और सर्विस की एक पूरी सीरिज देने के लिए न केवल बैटरी ईवी प्रदान करेगी बल्कि सीएनजी का उपयोग करने वाले कार्बन तटस्थ आंतरिक दहन (carbon neutral internal combustion engine) इंजन वाले व्हीकल को लेकर भी काम कर रही है. कंपनी इसे कई अन्य देशों में निर्यात करने की भी योजना बना रही है.
इस नए उपाय को लेकर कंपनी के प्रमुख ने कहा कि इस चुनौती से निपटने के लिए Maruti Suzuki की अनूठी पहल बायोगैस का इस्तेमाल करने की है, जिसमें वो डेयरी अपशिष्ट जो मुख्य रूप से भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में पाए जाते हैं उनका इस्तेमाल करने की योजना पर काम कर रही है. कंपनी गाय के गोबर से प्राप्त बायोगैस का उत्पादन और आपूर्ति कर इस पर काम करने की तैयारी कर रही है.
कंपनी की इसके निर्यात की भी है तैयारी
कंपनी के अनुसार Maruti Suzuki की न केवल भारत में बायोगैस के सीएनजी ऑटोमोटिव सल्यूशन विकसित करने की एक महत्वाकांक्षी योजना है, बल्कि भविष्य में अफ्रीका, आसियान और जापान सहित अन्य कृषि क्षेत्रों में इसे निर्यात करने की भी योजना है. कंपनी ने कहा, हम मानते हैं कि भारत में बायोगैस व्यवसाय न केवल कार्बन कम करने में योगदान देता है, बल्कि ये भारत के समाज में योगदान देने के साथ-साथ आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा.
कंपनी इसके लिए कर चुकी है साझेदारी
पिछले साल, जापानी वाहन निर्माता ने बायोगैस परियोजना शुरू करने के लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं. इसके बाद 2024 के मध्य तक बायोगैस का व्यावसायिक उत्पादन करने के लिए NDDB, SMC और गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन की एक डिवीजन बनास डेयरी के बीच एक त्रिपक्षीय समझौता समझौता हुआ है. कंपनी ने Fujisan Asagiri Biomass में भी निवेश किया है जो जापान में गाय के गोबर से प्राप्त बायोगैस से बिजली का उत्पादन करती है.
Maruti Suzuki जल्द लॉन्च करेगी अपनी EV
कंपनी के अनुसार क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत अगले फाइनेंसियल वर्ष में अपनी पहली EV को भी लॉन्च करने की तैयारी कर रही है, जिसका सभी को बेसब्री से इंतजार है. कंपनी की योजना है वर्ष 2030 तक वो हर साल एक इलेक्ट्रिक व्हीकल को लॉन्च करेगी. जानकारों का मानना है कि कंपनी 48kWh या 59kWh का बैट्री पैक दे सकती है, जो एक बार में चार्ज होने पर 400-500 किलोमीटर तक आसानी से चल सकती है. अगर ऐसा हुआ तो EV बाजार में कंपनी धमाका मचा सकती है.