एलपीजी गैस सिलेंडर के लिए ई-केवाईसी (E-KYC) लागू होने के बाद एजेंसियों पर ग्राहकों की लंबी कतारें लग रही हैं. इसे लेकर
अगर आपके पास भी एलपीजी गैस सिलेंडर का कनेक्शन है तो यह खबर आपके काम की हो सकती है. दरअसल, ऑयल एंड मार्केटिंग कंपनियों (OMC) की ओर से किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी को रोकने के लिए एलपीजी ग्राहकों के लिए ई-केवाईसी (LPG eKYC) को लागू कर दिया है. ई-केवाईसी अनिवार्य होने के बाद गैस एजेंसियों पर ग्राहकों की लंबी कतारें लग रही हैं. ग्राहकों की इस परेशानी को लेकर केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता वीडी सतीसन (VD Satheesa) ने केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) को एक पत्र लिखा है. वहीं, इस पत्र का जवाब केंद्रीय मंत्री ने अपने ऑफिशियल एक्स हैंडल पर एक पोस्ट के माध्यम से दिया है. तो चलिए जानते हैं हरदीप सिंह पुरी ने इस पोस्ट में क्या बात कही?
फर्जी बुकिंग पर नकेल कसने के लिए जरूरी ई-केवाईसी
हरदीप सिंह पुरी ने एलपीजी कस्टमर्स को बड़ी राहत दी है. हरदीप सिंह पुरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लेकर केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता वीडी सतीसन के एक पत्र का जवाब देते हुए लिखा है कि फेक अकाउंट को खत्म करने और कमर्शियल गैस सिलेंडर की हो रही फर्जी बुकिंग पर नकेल कसने के लिए ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने ई-केवाईसी को लागू किया है.
Oil Marketing Companies are undertaking eKYC aadhar authentication for LPG customers to remove bogus customers against whose name commercial cylinders are often booked by certain gas distributors. This process is in place for more than 8 months now.
— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) July 9, 2024
In this process, the LPG… https://t.co/D8ApxHkjP5
ई-केवाईसी के लिए नहीं है कोई समय सीमा
केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि ईकेवाईसी की प्रक्रिया पिछले 8 महीने से भी ज्यादा समय से चल रही है. उन्होंने साफ कर दिया है कि ऑयल मार्केटिंग कंपनियों और केंद्र सरकार की ओर से भी ई-केवाईसी कंप्लीट करने के लिए कोई समय सीमा नहीं दी की गई है. इसका मतलब है कि ग्राहकों को ईकेवाईसी के लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है. ग्राहक अपनी सुविधा अनुसार ई-केवाईसी करा सकते हैं. पुरी ने बताया कि ईकेवाईसी अभियान का उद्देश्य है कि केवल असली ग्राहक को ही एलपीजी सर्विस मिले और फर्जी बुकिंग पर रोक लगाई जा सके.
एजेंसी जाने की जरूरत नहीं, घर पर हो जाएगी ई-केवाईसी
हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि ग्राहकों को ई-केवाईसी करने के लिए गैस एजेंसी जाने की जरूरत नहीं है. वह घर पर भी आसानी से ई-केवाईसी करवा सकते हैं. ग्राहक गैस एजेंसी के कर्मचारी के जरिये भी ई-केवाईसी करवा सकते हैं. उसके लिए आपको इन स्टेप्स को फॉलो करना होगा.
1. एलपीजी सिलेंडर की डिलीवरीकरने वाले गैस एजेंसी के कर्मचारी मोबाइल ऐप के जरिये आधार क्रेडेंशियल्स को कैप्चर करेंगे.
2. आधार क्रेडेंशियल्स कैप्चर होने के बाद कस्टमर के रजिस्टर मोबाइल नंबर पर ओटीपी आएगा.
3. ओटीपी दर्ज करने के बाद ई-केवाईसी हो जाएगी.
खुद भी कर सकते हैं ई-केवाईसी
अगर आपको गैस एजेंसी के कर्मचारी के साथ ओटीपी शेयर नहीं करना तो, आप खुगद भी ई-केवाईसी कर सकते हैं. आपको बता दें, ग्राहक ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के ऐप के जरिये अपने फोन पर खुद भी ई-केवाईसी कर सकते हैं.
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सर्च इंजन प्लेटफॉर्म गूगल ने हाल ही में इसके Google Flights सेक्शन में एक नया फीचर शामिल किया है, जिसकी मदद से यात्री सबसे सस्ती फ्लाइट्स बुक कर पाएंगे.
अगर आप कोई हवाई यात्रा करने की प्लानिंग कर रहे हैं और आपको सबसे सस्ती फ्लाइट बुक करनी है, तो ये खबर आपके बहुत काम आने वाली है. दरअसल, गूगल (Google) एक नया फीचर लेकर आया है, जिसकी मदद से यूजर्स को सबसे सस्ती फ्लाइट्स बुक करने का विकल्प मिल रहा है. तो चलिए जानते हैं आप इस फीचर का इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं?
मिलेगा 'Cheapest' टैब का विकल्प
गूगल पर कोई फ्लाइट सर्च करने पर आपको Google Flights नाम से एक अलग सेक्शन दिखाई देता है, जहां से आप अपनी सर्च को फिल्टर कर सकते हैं और इसमें बदलाव कर सकते हैं. यहां आपको पहले से ही 'Fastest', 'Nonstop' और 'Less emissions' जैसे विकल्प मिलते हैं. इसी सेक्शन में अब एक नया टैब 'Cheapest' नाम से शामिल किया गया है. इस टैब पर क्लिक करने के बाद यूजर्स को उनके रूट के लिए सबसे सस्ती फ्लाइट्स दिखाई जाएंगी.
नए फीचर के फायदे
1. Google Flights लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए अलग-अलग एयरलाइन्स और ट्रैवल एजेंट्स के डाटा को स्कैन करता है. इसके बाद यात्रियों को सबसे सस्ती फ्लाइट्स स्क्रीन पर दिखाई जाती हैं. यह सेक्शन सस्ती फ्लाइट्स दिखाते वक्त इन बातों का ध्यान भी रखता है कि इसमें टैक्स और गुड्स फीस वगैरह भी शामिल हों.
2. नए टैब का फायदा यह है कि यात्रियों को ऐसे मिलेगा कि उन्हें अलग-अलग वेबसाइट्स पर जाकर फ्लाइट्स का प्राइस कंपेयर नहीं करना होगा. इस सेक्शन में जाने के बाद यूजर्स को सस्ती फ्लाइट्स के हिसाब से अपनी यात्रा प्लान करने का विकल्प मिल जाएगा.
3. इसके अलावा फ्लाइट बुकिंग के दौरान कई फीचर्स और ऐड-ऑन्स जैसे ऑप्शंस मिल जाते हैं.
ऐसे बुक करें सस्ती टिकट
1. सबसे पहले गूगल फ्लाइट्स पर जाएं और उन शहरों की जानकारी दें, जहां की फ्लाइट्स लेना चाहते हैं.
2. इसके बाद वह डेट चुनें, जब आप यात्रा करना चाहते हैं.
3. अब 'Cheapest' टैब पर क्लिक करें और आपको सबसे सस्ती फ्लाइट्स की लिस्ट दिखने लगेगी.
4. अब इनमें से कई फ्लाइट चुनने के बाद आप बुकिंग कर सकते हैं.
सरकार द्वारा शुरू किए गए ई-श्रम पोर्टल का उद्देश्य असंगठित श्रमिकों को एक UAN प्रदान करके उनका रजिस्ट्रेशन और सहायता करना है.
केंद्र सरकार ने दिवाली से पहले श्रमिकों के लिए एक खुशखबरी दी है. दरअसल, श्रम और रोजगार मंत्रालय ने असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का एक व्यापक राष्ट्रीय डेटाबेस बनाने के लिए 26 अगस्त, 2021 को ई-श्रम पोर्टल शुरू किया था, जिसे आधार से जोड़ा गया था. अब सरकार ई-श्रम पोर्टल का दूसरा एडिशन लॉन्च करने जा रही है. इससे श्रमिकों को रोजगार के अधिक अवसर मिलेंगे.
ई श्रम पोर्ट के दूसरे एडिशन में मिलेगी ये सुविधा
केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने जानकारी दी है कि ई-श्रम पोर्टल का दूसरा एडिशन अगले सप्ताह सोमवार को विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया जैसी नई सुविधाओं के साथ शुरू किया जाएगा. ई-श्रम पोर्टल नौकरियों की जानकारी देने वाली कंपनियों को अपने श्रमिकों को पोर्टल पर नामांकित करने की भी अनुमति देगा. इसे असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का राष्ट्रीय डेटाबेस बनाने के मकसद से बनाया गया है. उन्होंने बताया कि पंजीकृत श्रमिक पोर्टल पर विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लिए अपनी पात्रता देख सकेंगे.
क्या है ई श्रम पोर्टल का उद्देश्य?
श्रम और रोजगार मंत्रालय ने असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का एक व्यापक राष्ट्रीय डेटाबेस बनाने के लिए 26 अगस्त, 2021 को ई-श्रम पोर्टल (ईश्रम डॉट जीओवी डॉट इन) शुरू किया था, जिसे आधार से जोड़ा गया था. ईश्रम पोर्टल का उद्देश्य असंगठित श्रमिकों को एक सार्वभौमिक खाता संख्या (UAN) प्रदान करके उनका पंजीकरण और सहायता करना है. इसमें श्रमिकों का विवरण जैसे नाम, स्थायी पता, वर्तमान पता, व्यवसाय, शैक्षणिक योग्यता, कौशल प्रकार आदि दर्ज किए जाते हैं. ई-श्रम पोर्टल 30 व्यापक कारोबार क्षेत्रों और लगभग 400 व्यवसायों के तहत पंजीकरण की अनुमति देता है.
30 करोड़ से अधिक असंठित श्रमिकों ने कराया पंजीकरण
ई-श्रम पोर्टल एक सुचारू प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए पंजीकरण के कई तरीके प्रदान करता है, जिसमें स्वयं और सहायता प्राप्त पंजीकरण शामिल हैं. स्व-पंजीकरण में ई-श्रम पोर्टल और यूनिफाइड मोबाइल एप्लिकेशन फॉर न्यू-एज गवर्नेंस (उमंग) मोबाइल ऐप के माध्यम से पंजीकरण शामिल है. सहायता प्राप्त पंजीकरण में साझा सेवा केंद्रों (CSC) और राज्य सेवा केंद्रों (SSK) के माध्यम से पंजीकरण शामिल है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार अब तक 30 करोड़ से अधिक असंगठित श्रमिकों ने ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण कराया है.
त्यौहारी सीजन में लोगों को सस्ता प्याज उपलब्ध कराने के लिए सरकार पहली बार एक विशेष ट्रेन चलाने जा रही है. ये ट्रेन प्याज लेकर महाराष्ट्र से दिल्ली पहुंचेगी.
केंद्र सरकार ने प्याज की बढ़ती कीमत पर रोक लगाने के लिए पूरी तैयारी कर ली है. दरअसल, त्यौहारी सीजन में महंगाई की मार से लोगों को राहत देने के लिए सरकार ने कम कीमत पर प्याज की बिक्री करने की एक योजना बनाई है. इस योजना के तहत सरकार पहली बार रेल के जरिए बफर स्टॉक (भंडार) से 1,600 टन प्याज महाराष्ट्र से दिल्ली तक पहुंचाएगी. तो आइए जानते हैं क्या है सरकार का पूरा प्लान?
20 अक्टूबर को दिल्ली पहुंचेगी कांदा एक्सप्रेस
लोगों तक सस्ती प्याज पहुंचाने के लिए सरकार पहली बार रेल का इस्तेमाल करने जा रही है. उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने घोषणा की कि ‘कांदा एक्सप्रेस’ (Kanda Express) नाम की विशेष ट्रेन महाराष्ट्र के लासलगांव रेलवे स्टेशन से रवाना होगी और 20 अक्टूबर को दिल्ली के किशनगंज रेलवे स्टेशन पर पहुंचेगी. बता दें, सरकार को उम्मीद है कि इस आपूर्ति से दिल्ली-एनसीआर में कीमतों को स्थिर करने में मदद मिलेगी, जहां बफर स्टॉक का प्याज वर्तमान में 35 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर बेचा जा रहा है. वर्तमान में विभिन्न शहरों में प्याज की खुदरा कीमतें 75 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई हैं.
ट्रेन से प्याज मंगावाने की लागत कम
खरे ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक पहल है. इसी तरह की व्यवस्था लखनऊ, वाराणसी और असम, नगालैंड और मणिपुर सहित पूर्वोत्तर राज्यों में भी की जाएगी. उन्होंने कहा कि नासिक से दिल्ली तक एक ट्रेन (56 ट्रकों के बराबर) के परिवहन पर रेल द्वारा 70.20 लाख रुपये का खर्च आता है, जबकि सड़क मार्ग से 84 लाख रुपये का खर्च आता है. इस प्रकार प्रति ट्रेन 13.80 लाख रुपये की बचत होती है.
5 सितंबर से सस्ता प्याज बेच रही है सरकार
सरकार 5 सितंबर से मोबाइल वैन, नेशनल कंज्यूमर कोऑपरेटिव फेडरेशन (NCCF) और भारतीय नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (NAFED) दुकानों, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म, मदर डेयरी की सफल दुकानों और केंद्रीय भंडार सहित अलग-अलग माध्यमों से भंडार में रखे प्याज को रियायती दरों पर बेच रही है. रिटेल कीमतें कम करने के लिए अपनी कार्रवाई तेज करते हुए दिवाली से पहले ‘मोबाइल वैन’ की संख्या 600 से बढ़ाकर 1,000 कर दी जाएगी.
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त्योहारी सीजन में अक्सर लोगों को रेलवे की टिकट के लिए लंबी वेटिंग का इंतजार करना पड़ता है. इस समस्या को खत्म को करने के लिए रिजर्वेशन टिकट सिर्फ 60 दिन पहले ही बुक कराया जा सकेगा.
दिवाली से लेकर छठ पर्व तक के इस त्योहारी सीजन में अक्सर लोगों को रेलवे में लंबी वेटिंग का सामना करना पड़ता है. इसकी एक बड़ी वजह लोगों का मौजूदा व्यवस्था में रेलवे के रिजर्वेशन टिकट की बुकिंग 120 दिन पहले करा लेना है. इस समस्या को देखते हुए रेलवे बोर्ड ने अब एक बड़ा फैसला लिया है, जो लंबी वेटिंग की समस्या को खत्म कर सकता है. दरअसल, गुरुवार को रेल रिजर्वेशन के नियम में बदलाव करते हुए रेलवे की रिजर्वेशन टिकट की एडवांस बुकिंग अब 60 दिन पहले करने की घोषणा की है. तो चलिए जानते हैं ये व्यवस्था कब से लागू होगी और इससे लोगों को क्या फायदा होगा?
कब से लागू होगी व्यवस्था
रेलवे बोर्ड ने एक आधिकारिक बयान में कहा है कि 1 नवंबर 2024 से रिजर्वेशन टिकट की एडवांस बुकिंग सिर्फ 60 दिन पहले होगी. जबकि 31 अक्टूबर 2024 तक 120 दिन पहले एडवांस टिकट बुक कराने की सर्विस जारी रहेगी.
ताज और गोमती एक्सप्रेस में लागू रहेगी पुरानी व्यवस्था
रेलवे बोर्ड ने साफ किया है कि एक ही दिन में यात्रा पूरी करने वाली कुछ स्पेशल एक्सप्रेस ट्रेन में रिजर्वेशन की जो पुरानी व्यवस्था है, यानी एडवांस टिकट बुक करने की जो लोअर लिमिट तय है, वह पहले की तरह ही लागू रहेगी. इस तरह की ट्रेन में ताज एक्सप्रेस और गोमती एक्सप्रेस समेत कई ट्रेन शामिल हैं.
विदेशी नागरिक व पर्यटकों के लिए भी नहीं बदले नियम
रेलवे बोर्ड ने ये भी कहा है कि विदेशी नागरिक या पर्यटकों के लिए 365 दिन पहले एडवांस में रेलवे रिजर्वेशन टिकट बुक कराने की सुविधा पहले की तरह बरकरार रहेगी. इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है.
कालाबाजारी पर लगेगी रोक
अगर सिर्फ 60 दिन पहले रेलवे का रिजर्वेशन टिकट बुक होगा, तो लोग पहले से टिकट बुक और होल्ड करके नहीं रख पाएंगे. वहीं, एजेंट्स के टिकट को होल्ड करने पर भी पाबंदी लगेगी. जबकि 60 दिन पहले एडवांस बुकिंग की सुविधा में टिकट को बुक कराने से इसकी कालाबाजारी पर भी रोक लगेगी. हालांकि आईआरसीटीसी पहले ही टिकटों की कालाबाजारी रोकने के लिए कई उपाय करता है. इसमें टिकट बुकिंग की लिमिट शामिल है.
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इनकम टैक्स डिपार्टमेंट टैक्सपेयर्स की परेशानियों को देखते हुए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करना और आसान बनाने के लिए नया ITR ई-फाइलिंग पोर्टल 3.0 लॉन्च करने की तैयारी में है.
इनकम टैक्स रिटर्न के लिए ई-फाइलिंग आईटीआर पोर्टल में 'काफी' बदलाव किए जाने वाले हैं, जो टैक्सपेयर्स के लिए रिटर्न फाइल करने में अधिक अनुकूल होंगे. ईटी वेल्थ ऑनलाइन के सूत्रों के मुताबिक इनकम टैक्स विभाग के एक इंटरनल सर्कुलर जो सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं है, उसमें (8 अक्टूबर, 2024) को कहा गया है कि मौजूदा इंटीग्रेटेड ई-फाइलिंग (IEC) और सेंटरलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर (CPC) 2.0 का संचालन चरण समाप्त हो रहा है और एक नए प्रोजेक्ट IEC 3.0 (जो मौजूदा प्रोजेक्ट IEC 2.0 की जगह लेगी) लाने की प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है.
नया ई-फाइलिंग ITR पोर्टल IEC 3.0 कैसे करेगा मदद
पहले बताए गए इंटरनल सर्कुलर के मुताबिक इनकम टैक्स विभाग ने कहा कि IEC प्रोजेक्ट एक ई-फाइलिंग प्लेटफॉर्म प्रदान करती है जो टैक्सपेयर्स को इलेक्ट्रॉनिक रूप से अपने ITR फाइल करने, वैधानिक फॉर्म जमा करने और विभिन्न अन्य सेवाओं का उपयोग करने की अनुमति देती है. IEC प्रोजेक्ट का एक महत्वपूर्ण तत्व सेंटरलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर (CPC) है, जो ई-फाइलिंग पोर्टल और ITBA के जरिये प्रस्तुत आईटीआर को संसाधित करने के लिए जिम्मेदार है.
इनकम टैक्स विभाग ने इंटरनल सर्कुलर में कहा कि इसके अलावा, IEC एक बैक-ऑफिस (BO) पोर्टल प्रदान करता है, जिसका उपयोग फील्ड अधिकारियों द्वारा टैक्सपेयर फाइलिंग और प्रोसेसिंग डेटा तक पहुंचने के लिए किया जाता है. इनकम टैक्स विभाग के इंटरनल सर्कुलर में कहा गया है कि IEC प्रोजेक्ट 3.0 की परिकल्पना न केवल IEC प्रोजेक्ट 2.0 द्वारा प्रदान की जाने वाली सर्विस की निरंतरता प्रदान करने के लिए की गई है, बल्कि एक सुरक्षित और यूजर्स के अनुकूल वातावरण सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण रूप से बेहतर सिस्टम स्थापित करने के लिए भी की गई है.
इनकम टैक्स विभाग लोगों से मांग रहा है सुझाव
इनकम टैक्स विभाग नए ITR ई-फाइलिंग 3.0 पोर्टल को लॉन्च करने से पहले जनता से सुझाव मांग रहा है. इनकम टैक्स विभाग ने ऊपर दिए गए इंटरनल सर्कुलर में कहा है कि प्रोजेक्ट IEC 3.0 का आने वाले वर्षों में विभाग के कामकाज के साथ-साथ टैक्सपेयर्स और आम जनता पर भी दूरगामी प्रभाव पड़ेगा. इसलिए इनकम टैक्स विभाग के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह IEC 3.0 प्रोजेक्ट को टैक्सपेयर-अनुकूल बनाने के लिए ITR पोर्टल यूजर्स और अन्य हितधारकों से राय और सुझाव ले.
इंटरनल सर्कुलर में इनकम टैक्स विभाग ने कहा कि विभिन्न इंटीग्रेटेड ई-फाइलिंग (IEC) यूजर्स या0 हितधारकों के साथ व्यापक परामर्श करना और मौजूदा प्रोजेक्ट IEC 2.0 की अच्छी विशेषताओं या कमियों के साथ-साथ IEC 3.0 में किए जा सकने वाले ठोस सुधारों के संबंध में उनकी राय, विचार, सुझाव चाहता है.
मोदी कैबिनेट ने दिवाली से पहले रबी की 6 फसलों की MSP बढ़ाने का फैसला किया है. इनमें गेहूं, सरसों, चना, जौ, मसूर और कुसुम की फसलें शामिल हैं.
किसानों को मोदी सरकार ने दिवाली पर बड़ा गिफ्ट दिया है. सरकार ने रबी फसलों की MSP बढ़ा दी है. केंद्र सरकार ने 2025-26 सीजन के लिए रबी की 6 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी की घोषणा की है. इस फैसले के तहत अलग-अलग फसलों के MSP में वृद्धि की गई है, जिससे किसानों को उनकी फसलों के बेहतर दाम मिल सकेंगे.
इन फसलों पर MSP में इजाफा
• गेहूं का MSP ₹2,425 प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जो पहले ₹2,275 था.
• जौ का MSP ₹1,980 प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जो पहले ₹1,850 था.
• चना का MSP ₹5,650 प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जो पहले ₹5,440 था.
• मसूर (लेंस) का MSP ₹6,700 प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जो पहले ₹6,425 था.
• सरसों का MSP ₹5,950 प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जो पहले ₹5,650 था.
• कुसुम (सफ्लॉवर) का MSP ₹5,940 प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जो पहले ₹5,800 था.
किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध- अश्विनी वैष्णव
मोदी कैबिनेट में लिए गए फैसलों की जानकारी देने के साथ ही केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर बैठे किसानों का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि हम किसानों के कल्याण के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं और हमने किसानों को लाभ पहुंचाने वाले कई फैसले लिए हैं. मुझे उम्मीद है कि हमारी सरकार ने किसानों के लिए जो किया है, उसे देखते हुए वे कोई फैसला लेंगे.
MSP का मतलब क्या?
यहां ये समझ लेना जरूरी है कि आखिर एमएसपी होता क्या है. तो बता दें कि MSP वह न्यूनतम समर्थन मूल्य होता है, जो सरकार किसानों को उनकी फसलों के लिए सुनिश्चित करती है. साफ शब्दों में समझें तो ये वो प्राइस होता है, जिस पर सरकार किसानों से उनकी फसल की खरीद करती है. इसका उद्देश्य फसल की कीमत में उतार-चढ़ाव से किसानों को नुकसान से बचाना होता है.
महंगाई भत्ता और महंगाई राहत के बढ़ने के बाद केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स का अक्टूबर महीने का वेतन बढ़कर और एरियर के साथ आएगा.
केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को दिवाली का तोहफा दे दिया. केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (DA) में 3 फीसदी की बढ़ोतरी की गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में इस फैसले पर मुहर लगी. इसकी जानकारी केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी. डीए में इस वृद्धि के साथ यह बढ़कर 53 फीसदी हो गया है, यह बढ़ोतरी 1 जुलाई 2024 से लागू होगी. ऐसे में कर्मचारियों को जुलाई से लेकर अब तक का एरियर भी दिया जाएगा. इससे एक करोड़ से अधिक केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को लाभ होगा.
53 फीसदी हो गया डीए
केंद्रीय कर्मचारियों को डीए और पेंशनरों को डीआर मिलता है. अभी तक डीए मूल वेतन का 50 फीसदी था, आज हुई बढ़ोतरी के बाद यह 53 फीसदी हो गया है. काफी समय में डीए में वृद्धि नहीं हुई थी। ऐसे में माना जा रहा था सरकार इसमें त्योहारों से पहले वृद्धि कर सकती है. इसमें आखिरी बार मार्च 2024 में वृद्धि की गई थी, इसमें 4 फीसदी की वृद्धि की गई थी. यह वृद्धि जनवरी 2024 से लागू हुई थी. डीए बढ़ने से केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में भी इजाफा हो गया. अगर किसी कर्मचारी की मासिक सैलरी 50 हजार रुपये है तो डीए में 3 फीसदी की बढ़ोतरी होने पर उसे 1500 रुपये अतिरिक्त मिलेंगे.
साल में दो बार होती है बढ़ोतरी
डीए वृद्धि की घोषणा अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (AICPI) के आधार पर तय की जाती है, जो विभिन्न क्षेत्रों में खुदरा कीमतों में बदलाव को मापता है. आमतौर पर, केंद्र सरकार साल में दो बार, जनवरी और जुलाई में डीए में संशोधन करती है. इसकी आधिकारिक घोषणा आमतौर पर बाद में की जाती है. डीए मौजूदा कर्मचारियों पर लागू होता है, वहीं पेंशनभोगियों को डीआर मिलता है. डीए में बढ़ोतरी होने से सरकारी कर्मचारियों को बढ़ा हुआ वेतन मिलेगा.
अक्टूबर की सैलेरी-पेंशन आएगा एरियर के साथ
केंद्र सरकार साल में दो बार 49 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 68 लाख पेंशनर्स के महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी करती है. पहली बढ़ोतरी जनवरी से जून तक के लिए और दूसरा जुलाई से दिसंबर अवधि के लिए बढ़ाई जाती है. मौजूदा समय में केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों को 50 फीसदी महंगाई भत्ता दिया जा रहा है. कैबिनेट ने महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का जो फैसला लिया है वो एक जुलाई 2024 से लागू होगा. यानि केंद्रीय कर्मचारियों को अक्टूबर महीने की सैलेरी एरियर के साथ मिलेगी.
नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) यूजर्स को AEPS (Aadhaar Enabled Payment System) ऑफर कर रहा है.
आजकल लोग डिजिटल ट्रांजेक्शन ज्यादा कर रहे हैं. हालांकि कई बार ऐसे मौके आते हैं, जब हमें अचानक से कैश की जरूरत भी पड़ जाती है. ऐसे समय में लोग सीधे एटीएम जाते हैं, लेकिन उसमें भी कई बार लोग अपने साथ डेबिट कार्ड ले जाना ही भूल जाते हैं. अगर आपके साथ भी कभी ऐसा हुआ है, तो ये खबर आपके काफी काम आ सकती है. दरअसल, अधिकतर लोगों को ये जानकारी नहीं है कि आप केवल अपने आधार नंबर से भी कैश निकाल सकते हैं. जी हां, अगर आपके पास डेबिट कार्ड नहीं है, लेकिन आपको आधार नंबर याद है, तो भी आप कैश निकाल सकते हैं. तो आइए जानते हैं आप इस सर्विस का इस्तेमाल कैसे और कहां कर सकते हैं?
Aadhaar Enabled Payment System की सुविधा
नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) यूजर्स को AEPS (Aadhaar Enabled Payment System) ऑफर कर रहा है. यह सर्विस यूजर्स को आधार कार्ड नंबर और बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन से बैंकिंग से जुड़े काम को करने की सुविधा देती है. इसे कैश विड्रॉल, बैलेंस इंक्वायरी और माइक्रो-एटीएम पर फंड ट्रांसफर के लिए यूज किया जा सकता है. इस सर्विस को बैलेंस इंक्वायरी और माइक्रो-एटीएम पर फंड ट्रांसफर के लिए भी यूज किया जा सकता है. बता दें, AEPS सर्विस को लगभग सभी बड़े नेशनल और रीजनल बैंक ऑफर कर रहे हैं, हालांकि, इसकी उपलब्धता बैंक ब्रांच और एरिया पर भी निर्भर करती है.
आधार कार्ड की मदद से ऐसे निकालें कैश
आधार कार्ड से कैश निकालने के लिए सबसे जरूरी है कि आपका आधार नंबर बैंक अकाउंट से लिंक हो. अगर आपका आधार नंबर और बैंक अकाउंट लिंक है, तो आप इन स्टेप्स को फॉलो करें.
1. AEPS सपोर्ट करने वाले बैंकिंग एजेंट या माइक्रो-एटीएम पर जाएं. ये आमतौर पर ग्रामीण इलाकों, बैंकिंग आउटलेट्स या मोबाइल बैंकिंग सर्विस में मिलते हैं.
2. माइक्रो एटीएम पर अपने 12 डिजिट वाले आधार नंबर को एंटर करें.
3. फिंगरप्रिंट स्कैनर से मदद से बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को पूरा करें. ऑथेंटिकेशन के सफल होने के लिए आधार कार्ड से आपका डेटा मैच होना चाहिए.
4. ऑथेंटिकेशन के बाद सिस्टम आपको कई ऑप्शन दिखाएगा. इसमें से 'Cash Withdrawal' को सेलेक्ट करें.
5. जितना कैश आप निकालना चाहते हैं, वह अमाउंट एंटर करें. ऐसा करने के बाद आपके लिंक्ड बैंक अकाउंट से पैसे डेबिट हो जाएंगे. ध्यान रहे कि आप जो अमाउंट डाल रहे हैं, वह विड्रॉल लिमिट के अंदर होना चाहिए.
6. ट्रांजैक्शन पूरा होने के बाद बैंकिंग एजेंट आपको कैश दे देगा. साथ ही आपे रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ट्रांजैक्शन पूरा होने का मेसेज भी आएगा.
कैश निकालते समय इन बातों का रखें ध्यान
1. अपना आधार नंबर ऑथराइज्ड बैंकिंग सर्विसेज को ही बताएं.
2. ट्रांजैक्शन अलर्ट के लिए अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर को अपडेट रखें.
3. ध्यान रखें कि प्रोसेस में यूज होने वाला फिंगरप्रिंट स्कैनर सिक्योर हो.
दिल्ली मेट्रो में यात्रियों को यात्रा करने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. मेट्रो स्टेशन पर यात्रियों को अब किराए के भुगतान के लिए स्मार्ट कार्ड नहीं मिल रहे हैं.
दिल्ली मेट्रो के यात्री इन दिनों एक नई दिक्कत झेलने को मजबूर हैं. फेस्टिव सीजन के बीच में बार-बार आई तकनीकी खराबी के चलते वैसे ही यात्री परेशान हैं. अब मेट्रो स्टेशनों पर नया स्मार्ट कार्ड खरीदने वक्त भी यात्रियों को एक नई समस्या से दो चार होना पड़ रहा है. नया कार्ड खरीदने पहुंच रहे यात्रियों को मेट्रो के सामान्य स्मार्ट कार्ड की जगह अब जबरन RuPay आधारित नैशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (NCMC) थमाया जा रहा है. इसे लेकर रोज यात्रियों की ढेरों शिकायतें सामने आ रही हैं.
नॉर्मल स्मार्ट और NCMC कार्ड में फर्क
एनसीएमसी कार्ड को नॉर्मल कार्ड की तरह टिकट वेंडिंग मशीन में रिचार्ज नहीं किया जा सकता है. इस कार्ड को रिचार्ज करने के लिए आपको एयरटेल थैंक्स ऐप की मदद लेनी होगी. इसकी पेमेंट भी एयरटेल थैंक्स ऐप के जरिए ही की जा सकती है. आप यूपीआई पेमेंट को सपोर्ट करने वाले किसी भी दूसरे ऐप के जरिए रिचार्ज या पेमेंट नहीं कर सकते.
इसमें सबसे बड़ी परेशानी ये है कि जो लोग कभी-कभी 50-100 रुपये का रिचार्ज वेंडिंग मशीन से कर लिया करते थे, अब वो नहीं कर पाएंगे. अगर कस्टमर केयर सेंटर से रिचार्ज कराते हैं तो उन्हें 200 या इससे ज्यादा का रिचार्ज ही कराना पड़ेगा. अब जो लोग स्मार्टफोन यूज नहीं करते उन्हें रिचार्ज के पैसे बढ़ाने ही पड़ेंगे.
NCMC कार्ड और एयरटेल ऐप
NCMC कार्ड को एयरटेल ऐप के जरिए रिचार्ज करने के बाद डायरेक्ट यूज नहीं कर सकते हैं, आपको इसे मेट्रो स्टेशन के कस्टमर केयर पर जाकर वैलिडेट कराना पड़ेगा. जिसके लिए वहां पर आपको लंबी कतार में खड़ा होना ही पड़ेगा. एक तरीके से कार्ड रिचार्ज करने का प्रोसेस बढ़ने के साथ बदल ही गया है. बहरहाल डीएमआरसी ने नॉर्मल स्मार्ट कार्ड के बंद होनी की ऑफिशियल जानकारी शेयर नहीं की है. लेकिन अब नया मेट्रो कार्ड बनवाने वालों को नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड थमाया रहा है.
इस मुद्दे पर क्या बोला DMRC?
दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) ने पुराने स्मार्ट कार्ड लोगों को न देने के आरोप को नकार दिया है. DMRC का कहना है कि यात्रियों की इच्छा के हिसाब से पुराने कार्ड भी उपलब्ध है. वहीं, DMRC ने पुराने स्मार्ट कार्ड की तुलना में नए नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (NCMC) को अच्छा बताया. DMRC ने कहा कि देश भर के सभी मेट्रो और गाजियाबाद-मेरठ रीजनल रैपिड रेल में भी इस नए कार्ड से किराए का भुगतान किया जा सकता है. केंद्र सरकार भी एक देश एक कार्ड के रूप में एनसीएमसी को बढ़ावा दे रही है.
AU Small Finance Bank ने मैजिक बस इंडिया फाउंडेशन के साथ मिलकर महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक नई पहल की है.
एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक (AU Small Finance Bank) और मैजिक बस इंडिया फाउंडेशन ने महिला सशक्तिकरण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. दरअसल, इन दोनों की साझेदारी के अंतर्गत एयू उद्योगिनी कार्यक्रम चलाया जाएगा, जिसके जरिए ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों की महिलाओं को आर्थिक लाभ प्रदान किया जाएगा. बैंक की ओर से महिलाओं को सशक्त बनाने के साथ उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान करने तक पूरी मदद की जाएगी. तो चलिए जानते हैं इस कार्यक्रम का लाभ किन महिलाओं को मिलेगा और कैसे?
इन दो राज्यों में चलाया जाएगा कार्यक्रम
एयू उद्योगिनी कार्यक्रम द्वारा मध्य प्रदेश और राजस्थान में महिलाओं को वित्तीय मदद, क्षमता-निर्माण के लिए ट्रेनिंग और लगातार सपोर्ट मिलेगा, जिससे वे अपने कारोबार को सफलतापूर्वक चला सकें. इस कार्यक्रम से मध्य प्रदेश और राजस्थान की महिलाओं को अपने कारोबारी बनने के सपनों को वास्तविकता में बदलने का अवसर मिलेगा, जिससे वे अपने परिवार और समुदाय के जीवन को बेहतर बना सकें. बता दें. एयू उद्योगिनी कार्यक्रम ने पहले ही लगभग 1100 से अधिक महिला कारोबारियों को आर्थिक सहायता प्रदान की है, जिससे ग्रामीण समुदायों में सामाजिक और आर्थिक प्रगति देखने को मिली है.
1300 महिलाओं का ऐसे होगा चयन
यह कार्यक्रम 31 मार्च 2026 तक चलाया जाएगा, जिसके लिए 3.58 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इस कार्यक्रम का लाभ 1300 महिलाओं को होगा. इन महिलाओं के चयन के लिए एक व्यापक एयू उद्योगिनी रेटिंग कार्ड का उपयोग किया जाएगा. यह रेटिंग कार्ड पारिवारिक स्थिति, साक्षरता स्तर, सामाजिक प्रतिष्ठा और बहुत कुछ सहित विभिन्न कारकों का आंकलन करता है. इसमें उन महिलाओं को चुना जाएगा, जो आर्थिक और सामाजिक पिरामिड के निचले पायदान पर हैं, फिर भी बाधाओं को तोड़ने और उद्यमी बनने का दृढ़ संकल्प रखती हैं, जिससे उनके जीवन में समग्र परिवर्तन होता है. चयन प्रक्रिया के तहत बैंक के कर्मचारी व सहयोगी टीम द्वारा घर-घर जाकर दौरा भी करेगी.
महिलाओं को दिया जाएगा प्रशिक्षण
महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए विशेषज्ञों की एक टीम प्रशिक्षण देगी, जिसके लिए बैंक सुविधा प्रदान करेगा. ग्रामीण क्षेत्र में पंचायत भवन और सरकारी स्कूल जैसी जगहों पर ये प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जाएगा. इसमें उद्यमिता विकास कार्यक्रम (ईडीपी) प्रशिक्षण और बहीखाता प्रशिक्षण शामिल है. एक बार दुकान चालू हो जाने पर, हम वित्तीय साक्षरता पर प्रशिक्षण और सरकारी कल्याण योजनाओं के साथ एकीकरण पर मार्गदर्शन प्रदान करते हैं. यह प्रशिक्षण भविष्य में व्यवसाय को उन्नत बनाने की दृष्टि से प्रदान किया जाता है.
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ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना उद्देश्य
एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक के फाउंडर, एमडी और सीईओ संजय अग्रवाल ने कहा है कि जब एक महिला सशक्त होती है, तो वह एक पूरे समुदाय को सशक्त बनाती है. उन्होंने कहा कि एयू उद्योगिनी कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की यात्रा है. वहीं, मैजिक बस इंडिया फाउंडेशन के ग्लोबल सीईओ जयंत रस्तोगी ने कहा ग्रामीण महिलाओं का आर्थिक रूप से सशक्त होना आर्थिक और सामाजिक परिवर्तन का एक महत्वपूर्ण चालक है.