केन्द्र सरकार जिन बदलावों को लेकर काम कर रही है उसमें वित्त मंत्रालय, भारी उद्योग मंत्रालय, सहित वाणिज्य मंत्रालय विमर्श कर रहा है.
केन्द्र सरकार भारत में ईवी कारों के निर्माण को और आसान बनाने के लिए पॉलिसी लेवल पर बड़ा परिवर्तन करने की तैयार कर रही है. इन पॉलिसी बदलावों को लेकर वित्त मंत्रालय, भारी उद्योग मंत्रालय और वाणिज्य मंत्रालय जैसे अहम मंत्रालय इस पर काम कर रहे हैं. सरकार इस पर विचार कर रही है कैसे मौजूदा पॉलिसी को आसान बनाकर ईवी निर्माताओं को राहत दी जा सकती है, प्रोडक्शन को बढ़ाया जा सके.
किन मुद्दों पर हो सकती है चर्चा?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सरकार जिन बदलावों पर विचार कर रही है उनमें आयात शुल्क में कटौती और तेजी से मंजूरी जैसे मामले शामिल हैं. मौजूदा समय में 40 हजार डॉलर से ऊपर की कारों पर 70 प्रतिशत आयात शुल्क लगता है. जबकि 40 हजार से ऊपर की कारों पर 100 प्रतिशत आयात शुल्क लगता है. इस विमर्श में कंपनियों को मिलने वाली कई तरह के प्रोत्साहनों के बारे में फिर से विचार करने के बारे में भी सोच रही है. ये बदलाव ऐसे में और जरूरी हो जाते हैं जब टेस्ला भारत आने की तैयारी कर रही हो.
पीएमओ भी कर चुका है इस संबंध में मीटिंग
मीडिया रिपोर्ट यहां तक कह रही है कि इन रिफॉर्म को तेजी से किए जाने को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय तक बैठक कर चुका है. सबसे अहम ये है कि पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान उनकी टेस्ला के ओनर ईलॉन मस्क के साथ मुलाकात हुई थी. यही नहीं रिपोर्ट के अनुसार आने वाली 26 जनवरी को पीएम मोदी की ओर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन को निमंत्रण भेजा गया है. ऐसे में माना जा रहा है कि तब कई बड़े ऐलान हो सकते हैं.
अगर बदलाव हुए तो और तेजी से हो सकेगा निर्माण
मौजूदा ईवी प्रोडक्शन में तेजी लाने और मेड इन इंडिया उपक्रम को आगे बढ़ाने को लेकर सरकार जल्द इसे मंजूरी दे सकती है. अगर आयात शुल्क कम होता है तो उसका असर कीमतों पर भी पड़ सकता है. अब देखना होगा कि इसमें कब तक फाइनल हो पाता है.
पिछले साल के मुकाबले इस साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो उसमें 18 प्रतिशत से ज्यादा का इजाफा हुआ है लगभग सभी सेगमेंट इजाफा हुआ है सिर्फ ट्रैक्टर सेगमेंट में कमी देखने को मिली है.
42 दिनों के इस त्योाहारी सीजन में अब सभी सेक्टरों के आंकड़े सामने आने लगे हैं. इस साल ऑटो सेल के जो आंकड़े सामने आए हैं उनमें इस साल जबरदस्त कार सेल के आंकड़े सामने आए हैं. इस साल गणेश पूजा से लेकर दिवाली तक 37 लाख से ज्यादा कारों की सेल हुई है. ये आंकड़े बता रहे हैं कि बाजार में खपत तेजी से बढ़ रही है, यही नहीं इससे सभी कंपनियों के तिमाही नतीजों के भी बेहतर होने की उम्मीद बढ़ गई है.
18.73 प्रतिशत की हुई है ग्रोथ
इस साल सभी टू व्हीलर, थ्री व्हीलर, फोर व्हीलर से लेकर पैसेंजर और कमर्शियल सेक्टर में बड़ी ग्रोथ देखने को मिली है. फाडा ( फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर एसोसिएशन ) ने मंगलवार को जो रिपोर्ट जारी की है उसके अनुसार पिछले साल के मुकाबले इस साल 18 प्रतिशत से ज्यादा की ग्रोथ देखने को मिल रही है. हालांकि इस बार ट्रैक्टर सेग्मेंट में कमी देखने को मिली है.
किस सेगमेंट में कितनी हुई है सेल
फाडा के चेयरमैन मनीष राज सिंघानिया ने इस मौके पर कहा कि अगर सेगमेंट के अनुसार ग्रोथ को देखें तो उसमें बेहतरीन इजाफा हुआ है. इसमें टू व्हीलर में 21 प्रतिशत, थ्री व्हीलर में 41 प्रतिशत, कमर्शियल व्हीकल में 8 प्रतिशत, और पैसेंजर व्हीकल में 10 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. जबकि ट्रैक्टर सेग्मेंट में 0.5 प्रतिशत की कमी देखने को मिली है. पिछले साल इसी 42 दिन के फेस्टिव सीजन में 2893107 टू व्हीलर की बिक्री हुई थी जबकि पिछले साल के आंकड़े को देखें तो वो 2396665 था. इसी तरह से पैसेंजर व्हीकल के आंकड़ों को देखें तो वो इस साल 547246 लाख व्हीकल बिके हैं जबकि पिछले साल 142875 लाख व्हीकल बिके थे.
इस सेगमेंट की यहां देखने को मिली ज्यादा खपत
सिंघानिया ने ये भी बताया कि ग्रामीण इलाकों में टू व्हीलर की बड़ी सेल देखने को मिली है. वहीं ग्रामीण इलाकों में पैसेंजर व्हीकल सेक्शन में नवरात्रि के दौरान उतनी सेल नहीं थी लेकिन बाद में दिवाली तक उसमें 10 प्रतिशत तक का इजाफा देखने को मिला है. इस फेस्टिव सीजन में एसयूवी की मांग में बड़ा इजाफा देखने को मिला है. वहीं पैसेंजर व्हीकल सेक्शन में देरी देखने को मिल रही है क्योंकि ओईएम कारों को आगे नहीं बढ़ा रहे हैं. नवरात्रि के दौरान ट्रैक्टर की सेल में गिरावट का आंकड़ा 8.3 प्रतिशत तक पहुंच गया था लेकिन त्योहार खत्म होने तक ये आंकड़ा 0.5 प्रतिशत की कमी 7.8 प्रतिशत की कमी के साथ खत्म हुआ. इस साल FADA ने वाहन बिक्री को लेकर जो अनुमान जताया था वही देखने को मिल रहा है.
ये भी देखें: खता सरकार से हुई, खामियाजा इन कंपनियों ने भुगता; लग गया मोटा जुर्माना!*
मारुति सुजुकी ने बढ़ती लागत का हवाला देते हुए अपनी सभी कारों के दाम बढ़ाने का फैसला लिया है.
यदि आप मारुति (Maruti) की कोई कार खरीदने का मन बना रहे हैं, तो फिर यही सही समय है. अगले साल से आपको अपनी फेवरेट कार खरीदने के लिए ज्यादा कीमत चुकानी होगी, क्योंकि मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड (Maruti Suzuki India Limited) ने कीमतों में इजाफे की बात कही है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी ने अपनी सभी कारों की कीमत में बढ़ोत्तरी का ऐलान किया है. कंपनी का कहना है कि जनवरी 2024 से उसकी कारें महंगी हो जाएंगी. हालांकि, कंपनी ने अभी ये स्पष्ट नहीं किया है कि किस मॉडल पर कितनी कीमत बढ़ेगी.
कंपनी ने लागत का दिया हवाला
मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड ने कीमतों में इजाफे के पीछे बढ़ती लागत का हवाला दिया है. कंपनी का कहना है कि प्रोडक्शन कॉस्ट बढ़ने की वजह से उसे अपनी कारों के दाम बढ़ाने पड़ रहे हैं. अगले साल की शुरुआत से मारुति की कारें नए रेट पर मिलेंगी. मारुति ने एक्सचेंज फाइलिंग में बताया कि जनवरी 2024 से कंपनी ने अपनी कारों की कीमतें बढ़ाने की योजना बनाई है. समग्र महंगाई और कमोडिटी की कीमतों में इजाफे के चलते लागत का दबाव बना हुआ है. कंपनी लागत कम करने के प्रयास कर रही है, लेकिन इसके बावजूद उसे कुछ भार को बाजार पर ट्रांसफर करन होगा.
ये भी पढ़ें - क्या है Cyber Security System, जिसे कार में लगाना हो सकता है अनिवार्य?
अप्रैल में भी बढ़ाए थे दाम
मारुति ने आखिरी बार इसी साल 1 अप्रैल से सभी मॉडल की कीमतों में 0.8% की बढ़ोतरी की थी. कंपनी, एंट्री-लेवल छोटी कार ऑल्टो से लेकर मल्टी-यूटिलिटी व्हीकल तक बेचती है. ग्रैंड विटारा ने कंपनी के सेल्स फिगर्स को एकदम से ऊपर उठा दिया है. मारुति की इस SUV को काफी पसंद किया जा रहा है. मारुति सुजुकी इंडिया ने अक्टूबर में 1,99,217 यूनिट बेचीं थीं, जो उसकी अब तक की सबसे अधिक मासिक बिक्री थी. फिलहाल तो मारुति ने ही अपनी कारें महंगी करने का ऐलान किया है, लेकिन माना जा रहा है कि दूसरी कंपनियां भी दाम बढ़ा सकती हैं. लिहाजा, अगर आप नई कार खरीदने का मन बना चुके हैं, तो इसी साल ऐसा कर डालिए, वरना आपकी जेब कुछ ज्यादा ढीली हो सकती है.
ताइवान की कंपनी गोगोरो भारत में अपना पहला EV स्कूटर लॉन्च करने वाली है. कंपनी ने इसका नाम गोगोरो क्रॉसओवर रहा है.
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का बाजार (EV Market) लगातार बढ़ा होता जा रहा है. खासतौर पर टू-व्हीलर सेगमेंट में कई कंपनियों ने अपने EV उतारे हैं. इसी कड़ी में अब एक ताइवान की कंपनी का नाम भी जुड़ने जा रहा है. गोगोरो (Gogoro) ने भारतीय बाजार को लेकर अपनी योजना का खुलासा कर दिया है. कंपनी अगले महीने यानी दिसंबर में भारत में अपना पहला इलेक्ट्रिक स्कूटर लॉन्च करने वाली है. गोगोरो क्रॉसओवर (Gogoro Crossover) नाम का ये स्कूटर तमाम खूबियों से लैस है. इस स्कूटर का प्रोडक्शन औरंगाबाद स्थित एक प्लांट में शुरू हो चुका है.
इन कंपनियों से मिलाया हाथ
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, Gogoro Crossover की बिक्री अगले साल यानी 2024 से शुरू हो सकती है. शुरुआत में कंपनी B2B पार्टनर्स की जरूरतों को पूरा करने पर केंद्रित रहेगी. इसके लिए गोगोरो ने Zomato और Swigy जैसी कंपनियों के साथ टाई-अप भी किया है. Gogoro ने महाराष्ट्र में 1.5 बिलियन डॉलर (करीब 12,300 करोड़ रुपए) के निवेश की बात कही है. बता दें कि कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए Zomato जैसी कंपनियां EV के इस्तेमाल को बढ़ावा दे रही हैं. Zomato की दिल्ली और बेंगलुरु में होने वालीं हर पांच में से एक डिलीवरी EV बेस्ड है. इसलिए Gogoro को उम्मीद है कि वो B2B पार्टनर्स के जरिये ही मार्केट में अच्छी पकड़ बना लेगी.
इसलिए खास है ये स्कूटर
इस इलेक्ट्रिक स्कूटर की बात करें, तो इसके डिजाइन से पता चलता है कि ये एक बार में काफी सामान का बोझ उठाने में सक्षम है. गोगोरो क्रॉसओवर में कंपनी ने स्टील ट्यूबलर फ्रेम का इस्तेमाल किया है. टेलिस्कोपिक फ्रंट फोर्क्स और डुअल रियर शॉक एब्जॉर्बर के सस्पेंशन सेटअप वाले इस स्कूटर में 12 इंच के पहिए दिए हैं. स्कूटर का ग्राउंड क्लीयरेंस 142 मिमी और वजन 126 किलोग्राम है. Gogoro Crossover की खास बात ये है कि इसमें दो बैटरी पैक दिए गए हैं, जिनमें से प्रत्येक की कैपेसिटी 1.6 kWh हो सकती है. हालांकि, कंपनी ने भारत के लिए इसके पावरट्रेन का खुलासा अभी नहीं किया है.
कंपनी ने बताया मिनी SUV
इस EV स्कूटर की टॉप स्पीड 60-65 किमी प्रति घंटा हो सकती है. फुल चार्ज करने पर ये 100 किमी तक की रेंज देगा. Gogoro Crossover के निर्माण में लोकल कॉम्पोनेंट इस्तेमाल किए जा रहे हैं, ताकि भारत में इनकी कीमत कम रखी जा सके. कंपनी का दावा है कि गोगोरो क्रॉसओवर एक मिनी SUV है, यानी ये स्कूटर हर तरह की सड़क सड़कों पर फर्राटा भरने में सक्षम है. इसके अलावा, ताइवान की कंपनी गोगोरो बैटरी-स्वैपिंग स्टेशनों के अपने नेटवर्क को बढ़ाने पर भी ध्यान केन्द्रित कर रही है. फिलहाल, कंपनी ने इसके लिए हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) के साथ पार्टनरशिप की है.
भारत की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी Maruti Suzuki को लेकर इस वक्त एक बड़ी खबर सामने आ रही है.
भारत की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी को लेकर इस वक्त एक काफी बड़ी खबर सामने आ रही है. माना जा रहा है कि मारुती सुजुकी (Maruti Suzuki India) के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स द्वारा प्राथमिकता के आधार पर कंपनी के 1 करोड़ 23 लाख शेयरों को सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन (SMC) को आवंटित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है.
क्या है पूरा मामला?
कंपनी द्वारा यह जानकारी आज एक रेगुलेटरी फाइलिंग के दौरान दी गई. आपको बता दें कि अक्टूबर में ऑटोमोबाइल क्षेत्र की प्रमुख कंपनी ने निर्णय लिया था कि वह अपने पहले से पेड-अप 1 करोड़ 23 लाख इक्विटी शेयरों को 10,420 रुपए प्रति शेयर की कीमत पर सुजुकी मोटर को आवंटित करेगी और इस डील के लिए कुल 12,800 करोड़ रुपयों की कीमत तय की गई थी. शेयरों का आवंटन किये जाने के बाद MSIL यानी मारुती सुजुकी इंडिया लिमिटेड में सुजुकी मोटर की हिस्सेदारी 58.19% पर पहुंच जायेगी जबकि अभी यह 56.48% है.
इस दौरान बेची सबसे ज्यादा कारें
इतना ही नहीं, सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन ने भी निर्णय लिया है कि वह गुजरात में मौजूद अपने मैन्युफैक्चरिंग प्लांट के स्वामित्व को MSIL को सौंप देगी और इसके लिए कंपनी ने 12,800 करोड़ रुपयों की कीमत तय की है. शेयर बाजार में फिलहाल मारुती सुजुकी इंडिया का स्टॉक 10,501 रुपए प्रति शेयर की कीमत पर ट्रेड कर रहा है और आज की ट्रेडिंग के दौरान कंपनी के शेयरों में 0.11% की वृद्धि देखने को मिली है. हाल ही में मारुती सुजुकी ने अपनी अब तक की सबसे अधिक मासिक बिक्री की जानकारी भी दी है. आपको बता दें कि अक्टूबर 2023 में कंपनी ने 199,217 यूनिट्स बेची थीं. कंपनी के कुल एक्सपोर्ट्स में भी सालाना आधार पर लगभग 7% की बढ़ोत्तरी देखने को मिली है.
कंपनी की बिक्री में हुई वृद्धि
इस साल की शुरुआत से अभी तक मारुती सुजुकी (Maruti Suzuki) की बिक्री में लगभग 8.36% की वृद्धि देखने को मिली है. पिछले साल के मुकाबले इस साल साल अप्रैल से अक्टूबर के बीच कंपनी ने 96,456 ज्यादा गाडियां बेची हैं. पिछले महीने मारुती सुजुकी ने जानकारी दी थी कि सालाना आधार पर कंपनी के प्रॉफिट में 80.3% की वृद्धि देखने को मिली थी, जिसके बाद कंपनी का प्रॉफिट 2061 करोड़ रुपए से बढ़कर 3716 करोड़ रुपए पहुंच गया है. इतना ही नहीं कंपनी ने यह भी कहा है कि इस तिमाही के दौरान कंपनी की बिक्री में सालाना आधार पर 24.5% की वृद्धि देखने को मिली है.
यह भी पढ़ें: अब देश की इस बड़ी समस्या के उपाय को लेकर काम करेगा Google, तकनीक से जुड़ी है समस्या
टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने इनोवा हाईक्रॉस का GX लिमिटेड-एडिशन लॉन्च कर दिया है. कंपनी ने इसमें कई बदलाव किए हैं.
हाइब्रिड कारों के कद्रदानों के लिए Toyota कुछ खास लेकर आई है. कंपनी ने अपनी पॉपुलर हाइब्रिड SUV इनोवा हाईक्रॉस (Innova Hycross) का एक लिमिटेड एडिशन लॉन्च किया है, जो इस गाड़ी के पेट्रोल GX वैरिएंट पर बेस्ड है. इनोवा हाईक्रॉस GX लिमिटेड-एडिशन की कीमत GX से 40,000 रुपए ज्यादा रखी गई है. कंपनी ने इसमें कुछ एक्सटीरियर और इंटीरियर बदलाव किए हैं. भारतीय बाजार में इस SUV का मुकाबला मारुति की इनविक्टो से होगा, जो Innova Hycross पर ही आधारित है.
इतनी रखी है कीमत
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, टोयोटा किर्लोस्कर मोटर द्वारा 20 नवंबर यानी आज लॉन्च की गई इनोवा हाईक्रॉस GX लिमिटेड-एडिशन की कीमत 20.07 लाख रुपए से 20.22 लाख रुपए (एक्स-शोरूम) के बीच रखी है. कंपनी ने इस गाड़ी में कुछ बदलाव किए हैं, जो इसे पहले से बेहतर बनाते हैं. उदाहरण के तौर पर, इसके फ्रंट में ग्रिल एक नया क्रोम गार्निश दिया गया है. फ्रंट और रियर बंपर पर नई फॉक्स सिल्वर स्किड प्लेट्स लगाई गई हैं. हालांकि, प्लैटिनम व्हाइट एक्सटीरियर पेंट शेड के लिए आपको 9500 रुपए अतिरिक्त चुकाने होंगे. चूंकि ये SUV लोअर लेवल के GX ट्रिम पर बेस्ड है, इस वजह से इसमें हाई ट्रिम्स में मौजूद बंपर गार्निश और बड़े मेटैलिक अलॉय व्हील की कमी दिखाई देती है.
ये भी पढ़ें - क्या है Cyber Security System, जिसे कार में लगाना हो सकता है अनिवार्य?
ये अपडेट भी मिलेंगे
इस लिमिटेड एडिशन में कुछ दूसरे बड़े अपडेट भी देखने को मिलते हैं. इसके डैशबोर्ड और डोर ट्रिम्स के लिए एक नया सॉफ्ट-टच, चेस्टनट ब्राउन फिनिश मिलता है, जो नियमित GX ट्रिम में ब्लैक प्लास्टिक में दिया गया है. इसके अलावा, विंडो कंट्रोल के चारों ओर एक नया फॉक्स वुड ट्रिम भी है. साथ ही फैब्रिक सीट कवर में नया ड्यूल टोन ब्लैक और ब्राउन फिनिश मिलता है. कंपनी ने GX लिमिटेड-एडिशन को 7-सीटर और 8-सीटर, दोनों कॉन्फ़िगरेशन में उतारा है. GX लिमिटेड-एडिशन केवल 2.0-लीटर एस्पिरेटेड पेट्रोल इंजन के साथ उपलब्ध है, जो CVT गियरबॉक्स से जुड़ा हुआ है. यह इंजन 172hp और 205Nm का टॉर्क पैदा करती है. ये SUV 21.1 kmpl का माइलेज देगी.
हीरो की सेल में जो रिकॉर्ड बना है उसमें ग्रामीण क्षेत्र में बिक्री का बड़ा योगदान देखने को मिला है. कंपनी आने वाले दिनों में भी यही उम्मीद कर रही है.
इस साल के फेस्टिवल सीजन से सभी को बड़ी उम्मीद थी. अब जबकि दिवाली जा चुकी है तो ऐसे में उसके नतीजे भी आने शुरू हो गए हैं. हीरो मोटोकाॅप की ओर से इस त्योहारी सीजन में सेल के जो आंकड़े जारी किए गए हैं उन्होंने नया रिकॉर्ड बना दिया है. इन आंकड़ों के अनुसार कंपनी 32 दिनों के फेस्टिवल सीजन में 14 लाख गाडि़यां बेचने में कामयाब रही है. कंपनी इस त्योहारी सीजन में अब तक 19 प्रतिशत ज्यादा गाडि़यां बेचने में कामयाब रही है.
क्या बोले कंपनी के सीईओ?
त्योहारी सीजन में कंपनी के सेल के इन आंकड़ों पर अपनी बात रखते हुए कंपनी के सीईओ निरंजन गुप्ता ने कहा कि हम इस त्योहारी बिक्री से खुश हैं, और हमारे सभी ग्राहकों को बहुत-बहुत धन्यवाद, जिन्होंने ब्रैंड हीरो में अपना भरोसा और विश्वास बनाए रखा है. हीरो ब्रैंड के हमारे मजबूत पोर्टफोलियो, वितरण के पैमाने और इस साल किए गए नए लॉन्च ने सभी भौगोलिक क्षेत्रों में इस वृद्धि को बढ़ाने में मदद की है. त्योहारी सीजन इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि ग्रामीण क्षेत्र फिर से विकास की ओर लौट रहे हैं. जो सामान्य रूप से देश और विशेष रूप से दोपहिया उद्योग के लिए अच्छा संकेत है.
क्या बोले कंपनी के बिजनेस हेड?
19 प्रतिशत ग्रोथ के आंकड़ों पर बोलते हुए हीरो मोटोकॉर्प के चीफ बिजनेस ऑफिसर रंजीवजीत सिंह ने कहा, देश में एक बहुत पसंद किए जाने वाले और भरोसेमंद ब्रैंड के रूप में, हीरो मोटोकॉर्प अपने ग्राहकों के लिए सर्वश्रेष्ठ लाने में गर्व महसूस करता है, और हम उस वादे पर खरे उतरे हैं. मध्य, उत्तर, दक्षिण और पूर्व क्षेत्रों में अच्छी दोहरे अंकों की वृद्धि के साथ, बाजारों में मजबूत ग्राहक आकर्षण के कारण रिकॉर्ड नंबर हासिल हुए हैं. प्रमुख शहरी केंद्रों में बहुत सकारात्मक भावनाओं के अलावा, ग्रामीण बाजारों में मजबूत ग्राहक मांग के कारण यह रिकॉर्ड खुदरा बिक्री हुई. इसने हमें शेष वित्तीय वर्ष के लिए स्थिर विकास पथ पर स्थापित कर दिया है.
इतनी बढ़ी कंपनी की सेल
बिक्री की सेल का आंकड़ा देखें तो पिछले साल के मुकाबले कंपनी ने 19 प्रतिशत वाहन ज्यादा बेचे हैं. वहीं 2019 में कंपनी इसी त्योहारी सीजन में 12.7 लाख दो पहिया बेचने में कामयाब रही थी. कंपनी ने इस त्योहारी सीजन के लिए कई तरह की तैयारियां भी की थी इनमें नए मॉडल लॉन्च करने से लेकर स्पेशल टू व्हीलर स्कीम शामिल थी. कंपनी ने ग्रैंड गिफ्ट स्कीम भी शुरू की थी,जिसने ग्राहकों को काफी लुभाया.
साइबर हमलों से वाहनों को बचाने के लिए नितिन गडकरी का मंत्रालय एक योजना पर काम कर रहा है.
क्या आपकी कार भी साइबर हमलावरों (Cyber Attack) की जद में आ सकती है? आपको भले ही यह सवाल अटपटा लगे, लेकिन इसका जवाब है 'हां'. यही वजह है कि केंद्र सरकार इस दिशा में काम कर रही है और आने वाले समय में पैसेंजर और कमर्शियल वाहनों में साइबर सिक्योरिटी मैनेजमेंट सिस्टम लगाना अनिवार्य किया जा सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार वाहन निर्माताओं के लिए वाहनों में साइबर सिक्योरिटी मैनेजमेंट सिस्टम लगाना अनिवार्य कर सकती है, ताकि साइबर हमलों से वाहनों को सुरक्षित किया जा सके.
सरकार ने तैयार किया ड्राफ्ट
नितिन गडकरी के नेतृत्व वाले सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने इसके लिए ड्रॉफ्ट भी तैयार किया है. रिपोर्ट्स में एक सरकारी अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि अगले महीने यानी दिसंबर की शुरुआत तक इसके लिए अधिसूचना जारी कर दी जाएगी. ये सिस्टम गाड़ियों के डेटा को हैकर्स से बचाने में मदद करेगा. ड्रॉफ्ट के अनुसार, सभी वाहन निर्माता कंपनियों को वाहनों में एक साइबर सिक्योरिटी मैनेजमेंट सिस्टम लगाना होगा. वाहनों की मंजूरी के समय इसके लिए सर्टिफिकेट पेश करना होगा. ऐसे सभी पैसेंजर व्हीकल और गुड्स कैरियर जिनमें एक भी इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल यूनिट है, उन्हें इस नियम के तहत रखा जाएगा.
ये भी पढ़ें- आखिर ऐसा क्या हुआ कि 6 Airbags पर नितिन गडकरी को लेना पड़ गया यू-टर्न?
कैसे हो सकता है Cyber Attack?
अब सवाल ये उठता है कि वाहनों पर साइबर हमले क्यों हो सकते हैं? इसका जवाव बेहद सरल है. मौजूदा वक्त में ज्यादातर अधिकांश वाहन ऑटोनॉमस ड्राइविंग, इंफोटेनमेंट सिस्टम और कनेक्टेड सर्विसेज जैसी अडवांस्ड टेक्नॉलजी से लैस हैं. आप कार चलाते समय अपना फोन कार के इंफोटेनमेंट सिस्टम से कनेक्ट कर देते हैं, ऐसे में हैकर्स उसके जरिए आपका डेटा चुरा सकते हैं. इसके अलावा, इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन भी साइबर हमलों की जद में आ सकते हैं. इसे ध्यान में रखते हुए भी नीति बनाई जा रही है.
महिंद्रा एंड महिंद्रा ने सितंबर तिमाही में बाजार अनुमान से ज्यादा कमाई की है और मुनाफा कमाया है.
ऑटो सेक्टर की दिग्गज कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M) के लिए सितंबर तिमाही अच्छी रही. कंपनी ने इस तिमाही में बाजार अनुमानों से बेहतर प्रदर्शन किया है. जिसकी वजह से उसका स्टैंडअलोन प्रॉफिट पिछले साल के मुकाबले 66.9% बढ़ा है. इसके साथ ही M&M की इनकम में 15.7% की ग्रोथ दर्ज हुई है. एबिटडा में भी पिछले साल के मुकाबले 20 प्रतिशत की बढ़त आई है और मार्जिन में भी सुधार हुआ है. हालांकि, इस सबके बावजूद कंपनी के शेयरों में नरमी का रुख है. कंपनी के शेयर आज करीब 2% की गिरावट के साथ 1,523.50 रुपए पर बंद हुए.
अनुमान से ज्यादा प्रॉफिट
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, महिंद्रा का स्टैंडअलोन प्रॉफिट पिछले साल के 2,068 करोड़ के मुकाबले सितंबर तिमाही में 3,452 करोड़ रुपए पर पहुंच गया. जबकि बाजार का अनुमान था कि कंपनी को 2775 करोड़ रुपए का मुनाफे होगा. यानी महिंद्रा ने अनुमानों से बेहतर प्रदर्शन किया है. कंपनी की स्टैंडअलोन आय 25,773 करोड़ रुपए रही है, जो पिछले साल की समान अवधि में 22,105 करोड़ थी. M&M ने बताया है कि मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में उसका स्टैंडअलोन EBITDA 2,447 करोड़ रुपए से बढ़कर 2,934 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है. .
SUV सेगमेंट में बढ़ी हिस्सेदारी
कंपनी ने बताया ही कि ऑटोमोटिव सेगमेंट से उसकी आय पिछले साल के मुकाबले 22% बढ़त के साथ 18405 करोड़ रुपए रही है. वहीं फार्म इक्विपमेंट सेगमेंट की इनकम 5919.5 करोड़ रुपए रही, जो पिछले साल के आसपास है. इस दौरान, कंपनी की SUV बाजार में हिस्सेदारी बढ़कर 19.9 फीसदी हो गई है. मारुति की इसमें हिस्सेदारी 23.3 फीसदी है. बता दें कि महिंद्रा की XUV700 और XUV 300 के अपडेटेड वर्जन को काफी पसंद किया जा रहा है. इसके साथ ही कंपनी इलेक्ट्रिक वाहनों पर भी फोकस कर रही है. अगले कुछ सालों में उसकी योजना कई इलेक्ट्रिक कारें बाजार में उतारने की है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार अगले साल की शुरुआत तक टेस्ला को सभी जरूरी अप्रूवल दे सकती है.
यदि सबकुछ ठीक रहा, तो अगले साल से देश की सड़कों पर एलन मस्क की इलेक्ट्रिक कार टेस्ला (Tesla) दौड़ती नजर आएगी. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, केंद्र सरकार टेस्ला को मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने के लिए जनवरी 2024 तक सभी जरूरी अप्रूवल देने की तैयारी में है. बता दें कि एलन मस्क काफी समय से भारत में एंट्री की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सरकार के साथ सहमति नहीं बन पाने की वजह से उनका सपना अब तक पूरा नहीं हो सका है.
क्या है टेस्ला की योजना?
रिपोर्ट्स सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि प्रधानमंत्री ऑफिस में सोमवार को एक हाई लेवल मीटिंग हुई थी, जिसमें टेस्ला के निवेश प्रस्ताव सहित देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग के अगले चरण को लेकर चर्चा हुई. वैसे तो यह बैठक मुख्य रूप से सामान्य नीतिगत मामलों को लेकर थी, लेकिन जनवरी 2024 तक देश में टेस्ला के प्रस्तावित निवेश को अप्रूवल भी एक प्रमुख एजेंडा था. Musk की कंपनी टेस्ला भारत में इलेक्ट्रिक कार के साथ बैटरी स्टोरेज सिस्टम बनाना और बेचना चाहती है. कंपनी ने इसके लिए भी भारत को एक प्रपोजल दिया है.
PM से की थी मुलाकात
इसी साल जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से न्यूयॉर्क में टेस्ला के मालिक एलन मस्क ने मुलाकात की थी. इसके बाद 17 मई को टेस्ला के अधिकारियों ने भारत सरकार के अधिकारियों के साथ एक बैठक की थी, जिसमें कंपनी ने भारत में इलेक्ट्रिक कार बनाने के लिए एक मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने की इच्छा जताई थी. इससे पहले मस्क भारत में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने के पक्ष में नहीं थे. वह चाहते थे कि वह पहले भारत में अपनी कारों की बिक्री करें, और रिस्पांस के आधार पर प्लांट स्थापित करने पर फैसला लें. लेकिन सरकार ने साफ कर दिया था कि बगैर भारत में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाए उन्हें सभी सुविधाएं और छूट नहीं मिल सकती.
गडकरी ने कही थी ये बात
हाल ही में एक मीडिया हाउस को दिए इंटरव्यू में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि यदि Elon Musk के नेतृत्व वाली टेस्ला चीन में निर्माण करके भारत में कारें बेचना चाहती है, तो रियायतें नहीं दी जाएंगी. गडकरी ने कहा था कि Tesla का भारत में स्वागत है, लेकिन तभी जब वो कारों को भारत में बनाती है. टेस्ला की भारत में मैन्युफैक्चरिंग से जुड़े एक सवाल पर केंद्रीय मंत्री ने कहा था - हम भारत में टेस्ला का स्वागत करते हैं. भारत एक बड़ा बाजार है और यहां हर तरह के विक्रेता मौजूद हैं. यदि टेस्ला भारत में स्थानीय स्तर पर मैन्युफैक्चरिंग करती है, तो उसे छूट मिलेगी. लेकिन अगर कंपनी चीन में निर्माण करके भारत में अपनी कारें बेचना चाहती है, तो रियायतें नहीं दी जाएंगी.
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन यानी FADA ने अक्टूबर में वाहनों की बिक्री के आंकड़े जारी कर दिए हैं.
महंगाई के दौर में भी इस साल वाहनों की बिक्री में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है. सितंबर में वाहनों की बिक्री में करीब 20% की बढ़ोत्तरी हुई थी, लेकिन अक्टूबर की शुरुआत में इस रफ्तार पर कुछ हद तक ब्रेक लग गया. घरेलू बाजार में खुदरा वाहन बिक्री सालाना आधार पर अक्टूबर में 7.73 प्रतिशत गिरकर 21,17,596 यूनिट रह गई. फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) के आंकड़े बताते हैं अक्टूबर, 2022 में घरेलू बाजार में खुदरा वाहन बिक्री 22,95,099 थी, जिसमें इस साल करीब 8 की गिरावट दर्ज की गई.
इस वजह से थमी रफ्तार
ऐसे में यह सवाल लाजमी हो जाता है कि फुल स्पीड से भाग रही वाहनों की बिक्री आखिरकार अक्टूबर में क्यों धीमी पड़ गई? FADA के अनुसार, इसकी एक बड़ी वजह रही श्राद्ध की अवधि (Shraddh Period) रही. दरअसल, पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2023) 29 सितंबर लेकर 14 अक्टूबर तक चला. हिंदू संस्कृति के अनुसार इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य नहीं होता. इसलिए वाहनों की बिक्री में भी गिरावट देखने को मिली. जबकि पिछले साल यानी 2022 में पितृ पक्ष 10 सितंबर से आरंभ होकर 25 सितंबर को समाप्त हुआ था.
...लेकिन यहां अच्छी रही सेल
FADA द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले महीने दोपहिया वाहनों की खुदरा बिक्री 12.60 प्रतिशत घटकर 15,07,756 यूनिट रही, जो पिछले साल अक्टूबर में 17,25,043 इकाई थी. इसी तरह, पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट में भी अक्टूबर में खुदरा बिक्री 1.35 प्रतिशत गिरकर 3,53,990 यूनिट रही, जबकि अक्टूबर, 2022 में यह 3,58,884 इकाई थी. हालांकि, थ्री-व्हीलर्स की बिक्री अक्टूबर में 45.63 प्रतिशत बढ़कर 1,04,711 इकाई हो गई, एक साल पहले यह आंकड़ा 71,903 इकाई था. इसी तरह, अक्टूबर में कमर्शियल वाहनों की खुदरा बिक्री 10.26 प्रतिशत बढ़कर 88,699 इकाई हो गई, जो एक साल पहले इसी महीने में 80,446 यूनिट थी.
पूरे महीने में 13% वृद्धि दर्ज
फाडा के अध्यक्ष मनीष राज सिंघानिया ने कहा कि अशुभ माना जाने वाला श्राद्ध काल 14 अक्टूबर तक रहा, इस वजह से वाहनों की बिक्री के आंकड़े प्रभावित हुए. अक्टूबर के पहले 15 दिन में सालाना आधार पर करीब 8 प्रतिशत की गिरावट देखी गई, लेकिन पूरे महीने की तुलना करने पर इसमें 13 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई, जो अच्छी बाजार मांग का संकेत है. पितृ पक्ष के खत्म होने के बाद नवरात्रि शुरू हो गई और 9 दिनों तक चलने वाले इस धार्मिक आयोजन का हर दिन शुभ माना जाता है, इसलिए नवरात्र में वाहनों की रिकॉर्ड तोड़ बिक्री हुईं.