विनर्स एंड अचीवर्स के संस्थापक सत्यरूप सिद्धांत ने युवा एडवेंचरर्स पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि विनर्स एंड अचीवर्स में हम युवाओं में साहस की भावना को पोषित करने में विश्वास करते हैं.
प्रसिद्ध पर्वतारोही सत्यरूप सिद्धांत की एडवेंचर कंपनी विनर्स एंड अचीवर्स और रांची के आई 3 फाउंडेशन के नेतृत्व में एडवेंचर के एक सफल कैंप का समापन किया गया. इस एडवेंचर अभियान में तेलंगाना के चार युवा एडवेंचरर्स ने पहाड़ों की रोमांचक यात्रा के दौरान नए मानक स्थापित किए. इस अभियान में 11 से 16 वर्ष के तेलंगाना से लट्टूपल्ली ललित्या रेड्डी, शमीन रमेश क्याथम, लट्टूपल्ली श्रीहन रेड्डी, गोली प्रीथम शामिल हुए. इन युवाओं ने अभियान के दौरान विभिन्न चुनौतियों का सामना करते हुए अदभ्य साहस का परिचय दिया. जिन्हें विनर्स एंड अचीवर्स द्वारा व्यापक सुरक्षा उपाय प्रदान किए गए और चुनौतियों से निपटने के लिए विशेषज्ञ मार्गदर्शन दिया गया.
सुरक्षा के उच्चतम मानकों को सुनिश्चित करने के लिए, विनर्स एंड अचीवर्स ने हेलीकॉप्टर निकासी सेवाओं सहित व्यापक बीमा कवरेज की व्यवस्था की. युवा एडवेंचरर्स ने अपनी ऑक्सीजन आपूर्ति खुद की और यात्रा के दौरान किसी भी चिकित्सा आवश्यकता को पूरा करने के लिए एक डॉक्टर का भी प्रबंध किया गया. ये उपाय कंपनी की अपने प्रतिभागियों की सुरक्षा के प्रति अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं.
विनर्स एंड अचीवर्स के संस्थापक सत्यरूप सिद्धांत ने युवा एडवेंचरर्स पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि विनर्स एंड अचीवर्स में, हम युवाओं में साहस की भावना को पोषित करने में विश्वास करते हैं. यह अभियान हमारे युवाओं की क्षमता और दृढ़ संकल्प का एक आदर्श उदाहरण है. लट्टूपल्ली ललित्या रेड्डी, शमीन रमेश क्याथम, लट्टूपल्ली श्रीहन रेड्डी और गोली प्रीथम ने असाधारण धैर्य और जुनून दिखाया है और वे हम सभी के लिए प्रेरणा हैं.
लट्टुपल्ली ललिथ्या रेड्डी ने इस एडवेंचर अभियान पर अपने विचार सांझा करते हुए कि यह अभियान जीवन बदलने वाला अनुभव था. मैंने टीमवर्क के बारे में बहुत कुछ सीखा. इस अविश्वसनीय अवसर के लिए विनर्स एंड अचीवर्स का धन्यवाद करता हूं. शमीन रमेश क्याथम ने कहा कि ऊंचाइयों पर चढ़ने से मुझे इस बारे में एक नया दृष्टिकोण मिला है कि मैं क्या हासिल कर सकता हूं. मैं सत्यरूप सिद्धांत, उनके टीम के समर्थन और मार्गदर्शन के लिए आभारी हूं.
लट्टुपल्ली श्रीहन रेड्डी ने कहा कि यात्रा कठिन थी, लेकिन बेहद फायदेमंद थी. विनर्स एंड अचीवर्स का समर्थन हमें अपने लक्ष्यों तक सुरक्षित रूप से पहुंचने में मदद करने में महत्वपूर्ण था. इसके साथ ही गोली प्रीथम ने कहा कि इस अभियान ने मुझमें एक नया जुनून जगा दिया है. मैं अधिक आत्मविश्वास महसूस कर रहा हूं और आगे भी नई चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हूं. इसे संभव बनाने के लिए विनर्स एंड अचीवर्स को धन्यवाद देता हूं.
विनर्स एंड अचीवर्स सुरक्षा और विशेषज्ञ पर्यवेक्षण के साथ युवा अभियानों के लिए मानक निर्धारित कर रहा है. इस अभियान का सफलतापूर्वक समापन अगली पीढ़ी के साहसी लोगों को प्रेरित और सशक्त बनाने के कंपनी के मिशन में एक और मील का पत्थर है.
बिहार के गया जिले में रहने वाले एक मजदूर को इनकम टैक्स विभाग ने 2 करोड़ रुपये का टैक्स नोटिस भेजा है. इस नोटिस से मजदूर काफी परेशान है.
अगर आपकी इनकम टैक्स स्लैब में नहीं आती, उसके बाद भी इनकम टैक्स विभाग आपको नोटिस भेज दे, तो आप क्या करोगे? दरअसल, बिहार में एक ऐसा ही अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जहां आयकर विभाग (Income Tax Department) ने एक गरीब मजदूर को 2 करोड़ रुपये का नोटिस भेजा है. नोटिस मिलने के बाद मजदूर कई दिनों से आयकर विभाग के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उनकी की परेशानी का कोई समाधान नहीं निकला है. विभाग ने तकनीकी समस्या बताते हुए उन्हें इस नोटिस के खिलाफ अपील करने की सलाह दी है. तो चलिए जानते हैं क्या है ये पूरा मामला?
क्या है पूरा मामला?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बिहार के गया जिले में रहने वाले राजीव कुमार वर्मा अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए मजदूरी करते हैं. उन्हें इनकम टैक्स विभाग से 2 करोड़ रुपये का नोटिस प्राप्त हुआ है, जो उन्हें बहुत ही चौंकाने वाला लगा. राजीव कुमार ने बताया है कि उन्होंने 22 जनवरी 2015 को कॉर्पोरेशन बैंक की गया शाखा में 2 लाख रुपये की एक एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) की थी, लेकिन इसे 16 अगस्त 2016 को समय से पहले निकाल लिया था. इसके बावजूद उन्हें आयकर विभाग से भारी भरकम नोटिस भेजा गया है.
10 हजार रुपये महीना है कमाई
बता दें, यह मामला न केवल राजीव कुमार वर्मा और उनके परिवार के लिए सदमे की तरह आया है, बल्कि इसे एक तकनीकी गलती या प्रशासनिक लापरवाही के रूप में भी देखा जा रहा है. राजीव कुमार एक गरीब मजदूरी हैं, जो मजदूरी करके 10,000 रुपये महीना कमाते हैं, वो इस नोटिस से बेहद परेशान हैं. विभाग ने उन्हें इस नोटिस के खिलाफ अपील करने की सलाह दी है और इसे तकनीकी समस्या बताया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार राजीव कुमार ने ने जीवनभर इतनी बड़ी राशि कभी नहीं कमाई और वह इतनी बड़ी राशि चुकाने की स्थिति में भी नहीं हैं. नोटिस में उनसे दो दिन के भीतर 67 लाख रुपये का जुर्माना भरने की बात कही गई है, जो उनकी मासिक आय से बहुत ज्यादा है.
इनकम टैक्स से नोटिस मिलने पर क्या करें?
अगर आपको कभी ऐसे नोटिस मिल जाए, तो घबराने की बजाय तुरंत इनकम टैक्स विभाग में अपील करें. अपनी आमदनी और बैंक अकाउंट से जुड़ी सही जानकारी, पैन कार्ड, और बैंक स्टेटमेंट जैसी जरूरी दस्तावेज जमा करके अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए. आयकर विभाग से संपर्क करके इस समस्या का समाधान निकाला जा सकता है, जिससे किसी भी तकनीकी या प्रशासनिक गलती को सुधारा जा सके.
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सऊदी अरब में WhatsApp पर 'रेड हार्ट' इमोजी भेजने पर 2 से 5 साल की जेल और 1 लाख सऊदी रियाल का जुर्माना हो सकता है.
अगर आप व्हाट्सएप (WhatsApp) यूज करते हैं और आप कभी किसी को भी दिल वाला इमोजी भेज देते हैं, तो आपको इसके लिए जेल भी हो सकती है. जी हां, सऊदी अरब में ऐसा ही एक कानून आया है, जहां पर इमोजी भेजने पर आपको जेल के चक्कर काटने पड़ सकते हैं. तो चलिए आपको इसकी पूरी जानकारी देते हैं.
सऊदी अरब में दिल वाला इमोजी भेजने पर होगी ये कार्रवाई
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सऊदी अरब में लाल दिल (Red Heart) इमोजी भेजने पर लोगों के ऊपर सख्त कार्रवाई हो सकती है. अगर कोई आरोपी इसमें दोषी पाया जाता है तो उसे 2 से 5 साल तक के लिए जेल हो सकती है. इसके अलावा उस पर 1 लाख Saudi Riyals का जुर्माना भी लग सकता है. इस बात का खुलासा सऊदी साइबर क्राइम एक्सपर्ट्स ने किया है.
Red Heart इमोजी भेजना माना जाएगा उत्पीड़न
सऊदी साइबर क्राइम एक्सपर्ट्स ने कहा है कि देश में 'Red Heart' इमोजी भेजना लोगों को मुश्किल में डाल सकता है, क्योंकि इसे उत्पीड़न की श्रेणी में देखा जाएगा. इसका मतलब आपने किसी को लाल दिल वाला इमोजी भेजा तो आपको कानूनी मुश्किलों को जरूर सामना करना पड़ सकता है. यही वजह है कि यहां पर लोग अब इस इमोजी को भेजने से परहेज कर रहे हैं, क्योंकि अगर आपने किसी को दिल वाला इमोजी भेजा दिया और उसे यह पसंद नहीं आया और उसने आपके खिलाफ शिकायत कर दी, तो आपको जेल जाना पड़ सकता है.
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गुजरात पुलिस ने ट्रेन पलटने की साजिश के मामले में बड़ा खुलासा किया है. पुलिस का कहना है कि प्रमोशन और सम्मान की चाहत में रेल कर्मचारियों ने खुद ऐसा किया था.
पिछले कुछ समय में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां ट्रेन पलटने की साजिश की बात कही गई है. हाल ही में गुजरात में भी ऐसा मामले सामने आया था, लेकिन अब इस मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है. बताया जा रहा है कि यह साजिश नहीं बल्कि प्रमोशन और पुरस्कार की चाहत में रेलवे कर्मचारियों की कारगुजारी थी. ऐसे में अब यह सवाल खड़ा हो गया है कि क्या बाकी जगहों पर भी ऐसा ही कुछ किया गया?
शनिवार का है मामला
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सूरत के पुलिस अधीक्षक (SP) होतेश जॉयसर ने बताया कि इस मामले में तीन रेल कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है. सुभाष पोद्दार (39), मनीष मिस्त्री (28) और शुभम जायसवाल (26) रेलवे के रखरखाव विभाग में ट्रैकमैन के पद पर तैनात हैं. तीनों ने कोसांबा और किम स्टेशन के बीच शनिवार सुबह 5.30 बजे पटरी की जांच के दौरान साजिश का दावा किया था. उन्होंने उच्च अधिकारियों को भेजी सूचना में कहा था कि शरारती तत्वों ने ट्रेन को पटरी से उतारने के लिए एक तरफ की पटरी से इलास्टिक क्लिप और दो फिशप्लेट हटा दी है. आरोपियों ने इसका वीडियो भी रिकॉर्ड किया था.
ऐसे सामने आया सच
रेलवे से मिली शिकायत के बाद पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत केस दर्ज करके जांच शुरू की. जांच में पुलिस ने पाया कि जब क्षतिग्रस्त पटरी का वीडियो बनाया गया, उससे कुछ पल पहले ही वहां से एक ट्रेन गुजरी थी. पटरी के क्षतिग्रस्त होने और ट्रेन के गुजरने के समय के बीच अंतर इतना कम था कि पुलिस को पूरी कहानी पर शक हो गया. इसके बाद पुलिस ने तीनों रेल कर्मचारियों के मोबाइल फोन की जांच की, जिसमें पता चला कि देर रात 2.56 बजे से तड़के 4.57 तक उन्होंने पटरी से छेड़छाड़ वाले कई वीडियो बनाए थे.
पहले ही बना लिए थे वीडियो
मनीष मिस्त्री ने अपने मोबाइल से खींचीं गईं तस्वीरें भी डिलीट की थीं. जांच में यह सामने आया कि वीडियो वरिष्ठ रेल अधिकारियों को सुबह 5:30 पर भेजे गए, लेकिन उन्हें रिकॉर्ड काफी पहले किया गया था. इसके बाद पुलिस तीनों कर्मचारियों को थाने ले आई और कड़ाई से पूछताछ की. आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है. पुलिस के मुताबिक, रेल कर्मचारियों को लगा था कि ऐसा करके उन्हें प्रमोशन और सम्मान मिल सकता है. साथ ही उनकी चौकसी के मद्देनजर उन्हें आगे भी नाइट ड्यूटी दी जाएगी, जिससे दिन में वे परिवार के साथ समय बिता सकेंगे. सबसे पहले इस कारगुजारी का ख्याल पोद्दार के मन में आया और तीनों ने मिलकर इसे अंजाम दिया.
Air India की फ्लाइट को लेकर अक्सर यात्रियों की शिकायतें सामने आती हैं. अब एक बिजनेसमैन ने फ्लाइट का एक वीडियो बनाकर अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर पोस्ट कर दिया है, जोकि काफी वायर हो रहा है.
अगर आप फ्लाइट से यात्रा करते हैं, तो इस खबर पर ध्यान जरूर दें. दरअसल, फ्लाइट में सफर करने के दौरान काफी यात्रियों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. कई बार एयरलाइंस की तरफ से मिलने वाली सुविधाओं में काफी कमी होती है. ऐसा ही एक नया मामला एयर इंडिया (Air India) से जुड़ा है, जहां फ्लाइट में सफर के दौरान एक बिजनसमैन ने सीट के पास गंदगी मिलने और उसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया. इसके बाद एयरलाइंस को उस यात्री का किराया वापस करना पड़ा. तो चलिए जानते हैं कौन हैं ये बिजनेसमैन और उन्हें कंपनी ने कितना किराया लौटाया?
बिजनेसमैन ने इंस्टाग्राम पर फ्लाइट का वीडियो किया पोस्ट
अनीप पटेल एक कंपनी के बिजनसमैन हैं. वह शिकागो (अमेरिका) स्थित VC फर्म CaPatel Investments के फाउंडर हैं. वह हाल ही में एयर इंडिया फ्लाइट में फर्स्ट क्लास की टिकट से शिकागो से दिल्ली आ रहे थे. उनका यह सफर 15 घंटे का था और फ्लाइट नॉन-स्टॉप थी. सफर से दौरान उन्होंने देखा कि वहां काफी गंदगी थी. सीट और कालीन पर काफी दाग-धब्बे थे. फ्लाइट में वाई-फाई नहीं था, मेनू में लिखी 30 प्रतिशतदी से चीजें मौजूद नहीं थीं. सीट के पास गंदगी और केबिन में बचा हुआ खाना और कचरा अभी भी था. ऐसे में उन्होंने फ्लाइट का एक वीडियो बनाया और अपने इंस्टग्राम पर पोस्ट कर दिया. उन्होंने ये सभी कमियां बताते हुए लिखा कि अगर आप एयर इंडिया की फ्लाइट में सफर कर रहे हैं तो सावधान रहें.
कंपनी ने वापस किए 5.25 लाख रुपये
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बिजनेसमैन का ये वीडियो वायरल होने के बाद कंपनी ने उन्हें उनके किराए की रकम वापस की दी. शिकागो से दिल्ली तक का किराया 6300 डॉलर (करीब 5.25 लाख रुपये) था. पटले ने कहा कि उन्होंने इस बारे में एयर इंडिया को कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई थी. कंपनी ने सोशल मीडिया पर वीडियो देखा पटेल को कॉल किया और पूरी उड़ान का पैसा वापस कर दिया. बता दें, एयर इंडिया की फ्लाइट में इस तरह की शिकायत पहले भी आई हैं. ऐसे में एयर इंडिया कई घंटों या दिनों तक देरी से चलने वाली कुछ फ्लाइट्स पर यात्रियों को रिफंड जारी कर रही है. वहीं, अब इसने टूटी हुई सीटों के लिए भी रिफंड जारी करना शुरू कर दिया है.
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पूर्व केंद्रीय मंत्री और जाने माने वकील पी चिदंबरम ने अपने ऑफिशियल X हैंडल पर एक पोस्ट करके कोलकाता एयरपोर्ट पर चाय की ऊंची कीमत को लेकर नाराजगी जताई है.
महंगाई ने आम आदमी ही नहीं बल्कि बड़े नेताओं को भी परेशान कर दिया है. दरअसल, पूर्व केंद्रीय मंत्री और जाने माने वकील पी चिदंबरम (P. Chidambaram) ने कोलकाता एयरपोर्ट (Airport) पर चाय की कीमत जानकर हैरान हो गए. एयरपोर्ट पर चाय की कीमत उन्हें इतनी ज्यादा लगी कि उन्होंने अपने ऑफिशियल एक्स (X) पर पोस्ट करके इसकी शिकायत की है. तो चलिए जानते हैं चाय की कीमत कितनी है और पूर्व केंद्रीय मंत्री ने क्या पोस्ट किया है?
चिदंबरम ने किया ये पोस्ट
चिदंबरम ने X पर पोस्ट करके लिखा है कि मुझे अभी पता चला कि कोलकाता एयरपोर्ट में गरम चाय और टी बैग की कीमत 340 रुपये है. रेस्टोरेंट का नाम ‘The Coffee Bean and Tea Leaf’ है. कुछ साल पहले मैंने पाया कि चेन्नई एयरपोर्ट पर गरम पानी और टी बैग की कीमत 80 रुपये थी। मैंने इस बारे में ट्वीट किया. एएआई ने इसका संज्ञान किया और इस पर कार्रवाई की. चिदंबरम के इस ट्वीट के जवाब में कोलकाता एयरपोर्ट ने कहा है कि सर, आपने कीमत में अनियमितता के बारे में आपकी बात नोट कर ली है. हम इसे देखेंगे और इस बारे में जल्दी आपको अपडेट करेंगे.
I just discovered that Tea made of Hot Water and a Tea Bag costs Rs 340 in Kolkata airport
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) September 13, 2024
The restaurant is 'The Coffee Bean and Tea Leaf'
A couple of years ago I found that
'hot water and tea bag' cost Rs 80 in Chennai airport, and I tweeted about it. AAI took note and took…
कंपनी ने भी दिया जवाब
अमेरिका की कॉफी चेन The Coffee Bean and Tea Leaf का कहना है कि वह इंटरनेशनल, नेशनल और लोकल ब्रांड को ऑपरेट कर रही है. हर ब्रैंड का टेस्ट और एक्सपीरियंस को लेकर अपना स्टैंडर्ड है इस हिसाब से उनकी कीमत है. हर मैन्यू पर कीमत डिस्प्ले की जाती है. क्वालिटी, हाइजीन, क्वांटिटी आदि को लेकर हर ब्रांड का अपना स्टैंडर्ड है जो भारत और विदेशों में सभी यूनिट्स में एक बराबर होना चाहिए.
एयरपोर्ट मैनेजमेंट करेगा समीक्षा
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ब्रैंड ने दावा किया है कि कई एयरपोर्ट्स पर उसके आउटलेट हैं और उनमें कीमत 20 रुपये से शुरू होती है, लेकिन कोलकाता एयरपोर्ट को यूज करने वाले यूजर्स की शिकायत है कि फूड एंड बेवरेज आउटलेट पर कीमत बहुत ज्यादा है. एयरपोर्ट के एक अधिकारी ने कहा कि मैनेजमेंट कोलकाता एयरपोर्ट की स्थिति की समीक्षा करेगा, लेकिन उन्होंने कहा कि एफएंडबी आउटलेट को मास्टर फ्रेंजाइजी ने लीज पर दिया है, इसलिए एएआई का कीमतों पर ज्यादा कंट्रोल नहीं है.
ई-कॉमर्स साइट्स से लेकर देशभर में बिक रहा नकली आदिवासी हेयर ऑयल, इस पर असली आदिवाली हेयल ऑयल बनाने वाले हक्की पिक्की समुदाय ने चिंता व्यक्त की है.
अगर आप सोशल मीडिया पर हैं, तो आपने कभी न कभी तो आदिवासी हेयर ऑयल का नाम सुना ही होगा. दरअसल, प्रसिद्ध आदिवासी हेयर ऑयल के नाम से बाजार में कई नकली हेयर ऑयल भी बिक रहे हैं. आपको बता दें, असली आदिवासी हेयर ऑयल हक्की पिक्की समुदाय द्वारा 108 औषधीय जड़ी-बूटियों से सावधानीपूर्वक तैयार किया जाता है, लेकिन आज ये नकली उत्पादों की एक लहर का सामना कर रहा है.
62 वर्ष पुराने तेल की प्रतिष्ठा का हो रहा दुरुपयोग
62 वर्षों की समृद्ध परंपरा के साथ हक्की पिक्की समुदाय के तेल को इसकी बेजोड़ गुणवत्ता और प्रामाणिकता के लिए विश्व स्तर पर सराहा गया है. हालांकि अब कुछ धोखेबाज विक्रेता इस प्रतिष्ठित उत्पाद के नकली उत्पाद बेचकर समुदाय की प्रतिष्ठा का दुरुपयोग कर रहे हैं. कर्नाटक के हक्की पिक्की समुदाय के साथ-साथ अन्य स्थानीय समुदायों में अपने उत्पादों का नामकरण पारंपरिक रूप से अपने देवी-देवताओं के नाम पर किया जाता है. ऐसा ही एक उद्यम 'यल्लवा हर्बल प्रोडक्ट्स' है जिसे 'चिन्नू पी.' द्वारा संचालित किया जाता है, ऐसे में उनके असली आदिवासी हेयर ऑयल को लक्षित करने वाली नकली प्रथाओं के बढ़ते मुद्दे के बारे में चिंता जताई है, जिससे इसकी विश्वसनीयता कम हो रही है.
ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर भी बिक रहा नकली ऑयल
इसके अलावा बड़े ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म इन नकली उत्पादों के लिए स्थान प्रदान कर रहे हैं, जिससे असली 'यल्लवा हर्बल प्रोडक्ट्स' की विश्वसनीयता और प्रतिष्ठा को और नुकसान पहुंच रहा है. ग्राहकों को धोखाधड़ी से बचने के लिए अविश्वसनीय स्रोतों से खरीदारी से बचने की सलाह दी जाती है. हमेशा विक्रेता की प्रमाणिकता की पुष्टि करें और हक्की पिक्की समुदाय से जुड़ाव का प्रमाण मांगे.
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केवल मैसूर में उलब्ध है असली हेयर ऑयल
आदिवासी हेयर ऑयल, जो पूर्वजों की विधियों से बनाया गया है और जिनके पास एक वैध जीएसटी नंबर और एमएसएमई प्रमाणपत्र है, केवल मैसूर में हक्की पिक्की समुदाय से जुड़े सत्यापित विक्रेताओं के माध्यम से ही उपलब्ध है. अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने और उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद को प्रदान करने के प्रति समुदाय की प्रतिबद्धता ने व्यापक प्रशंसा अर्जित की है.
ग्राहकों ने कही ये बात
-पटना की 41 वर्षीय ग्राहक पूनम कुमारी ने बताया है कि वह वर्षों से आदिवासी हेयर ऑयल का उपयोग कर रही हूं और इसकी प्रभावशीलता अद्वितीय है. इसकी गुणवत्ता हर बूंद में स्पष्ट है। नकली उत्पादों को इसकी प्रतिष्ठा को धूमिल करते हुए देखना दुखद है.
-दिल्ली की 45 वर्षीय निवासी रंजिता सिन्हा ने कहा कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से मैसूर में हक्की पिक्की विक्रेताओं से मिलने के बाद, उनकी तेल की प्रामाणिकता और उत्कृष्टता की पुष्टि की है. अब नकली उत्पादों को उनके कठिन परिश्रम को कम करते हुए देखना निराशाजनक है.
-गुरुग्राम के 28 वर्षीय रंजीत ढींगरा ने जोर देते हुए कहा है कि आदिवासी हेयर ऑयल मेरे दैनिक जीवन का हिस्सा है. असली उत्पाद अद्वितीय है और तेल की विरासत को बनाए रखने के लिए असली विक्रेताओं का समर्थन करना आवश्यक है.
बैंक की ओर से कर्नाटक महर्षि वाल्मिकी अनुसूचित जनजाति विकास निगम लिमिटेड के करोड़ों रुपये दूसरे खातों में ट्रांसफर कर दिए. इस मामले के चलते निगम के एक अधिकारी ने आत्महत्या भी कर ली.
बेंगलुरु स्थित यूनियन बैंक के अधिकारियों पर एक बड़े घोटाले का आरोप लगा है. शिकायत के बाद बैंक के 6 अधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है. दरअसल, बैंक के अधिकारियों द्वारा कर्नाटक महर्षि वाल्मिकी अनुसूचित जनजाति विकास निगम लिमिटेड के खाते से करोड़ों रुपये धोखाधड़ी से विभिन्न अन्य बैंक खातों में ट्रांसफर किए गए हैं. अधिकारियों के खिलाफ ये कार्रवाई रविवार को निगम के एक अधिकारी द्वारा आत्महत्या करने के बाद की गई है.
क्या था मामला?
बता दें, 28 मई को दायर शिकायत में कर्नाटक महर्षि वाल्मिकी अनुसूचित जनजाति विकास निगम के महाप्रबंधक ए राजशेखर ने बेंगलुरु के यूनियन बैंक ऑफ इंडिया एमजी रोड शाखा के प्रबंधन और अन्य थर्ड पार्टियों पर गंभीर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है. उन्होंने बताया कि 19 फरवरी को कर्नाटक महर्षि वाल्मिकी अनुसूचित जनजाति विकास निगम ने अपना खाता वसंतनगर शाखा से राष्ट्रीय बैंक की एमजी रोड शाखा में ट्रांसफर किया था.
94.73 करोड़ रुपये का है घोटाला
निगम की ओर से कहा गया है कि विभिन्न बैंकों और राज्य हुजूर ट्रेजरी खजाने-II से कुल 187.33 करोड़ रुपये यूनियन बैंक ऑफ इंडिया,एमजी रोड शाखा में हमारे बचत बैंक खाते में ट्रांसफर किए गए थे. आचार संहिता का हलावा देकर निगम ने बैंक से बातचीत नहीं की. उन्होंने शिकायत में कहा नतीजतन बैंक हमारे रजिस्टर्ड पते पर नई पासबुक और चेकबुक भेजने में विफल रहा. जब अधिकारी 21 मई को दस्तावेज़ लेने के लिए ब्रांच में गए तो शाखा अधिकारी ने उन्हें वो देने से मना कर दिया. इसके बाद अधिकारी 22 मई को निगम कार्यालय गए और उन्हें कहा गया कि दस्तावेज़ पहले ही जारी किए जा चुके थे और ये बात बिल्कुल गलत थी. पासबुक के वेरिफिकेशन के बाद पता चला कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर यूनियन बैंक की ओर से उनके खाते से 94.73 करोड़ रुपये निकाले गए थे.
बैंक ने कहा
यूनियम बैंक की ओर से बयान आया है कि जैसे ही अनियमितताओं को पता चला तो बैंक ने तत्काल लेनदेन को छलपूर्ण घोषित कर दिया था. इसके बाद गहन जांच और दोषियों की शीघ्र पहचान सुनिश्चित करने के लिए CBI को शिकायत भी दी गई. बैंक ने जांच लंबित रहने तक 3 अधिकारियों को निलंबित भी कर दिया है.
रविवार को निगम के एक अधिकारी ने कर ली आत्महत्या
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अधिकारियों पर यह कार्रवाई रविवार को निगम के एक अधिकारी के आत्महत्या करने के बाद हुई है. मरने से पहले अधिकारी ने एक नोट छोड़ा था, जिसमें उन्होंने प्रबंध निदेशक जे जी पद्मनाभ,लेखा अधिकारी परशुराम जी दुरुगन्नावर और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के मुख्य प्रबंधक सुचिस्मिता रावल का नाम लिया था.
इस कार्यक्रम ने एक स्थायी भविष्य के लिए धरती माता के साथ शांति प्राप्त करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया.
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, नई दिल्ली में फ्यूरो इनोवेशंस ने अपना पहला प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित किया ताकि पारिस्थितिक शांति (Ecological Peace) के लिए अपने दृष्टिकोण को प्रस्तुत किया जिसकी थीम "भविष्य के लिए फिट, साथ मिलकर निर्माण" थी. ये प्रेस कॉन्फ्रेंस संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षक दिवस पर आयोजित की गई. इस कार्यक्रम ने एक स्थायी भविष्य के लिए धरती माता के साथ शांति प्राप्त करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया. दिल्ली की AQI से संबंधित समस्याओं के समाधान और श्वेत पत्र प्रस्तुत किए गए. इस सम्मेलन में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ एकत्र हुए ताकि शहीद हुए नायकों को सम्मानित किया जा सके और महात्मा गांधी की चेतना को जागृत किया जा सके.
Ecological Peace के कार्यक्रम का आयोजन
फाउंडर रचना शर्मा के सक्षम नेतृत्व में, जो हार्वर्ड एलुमनी एंटरप्रेन्योर्स की संस्थापक सदस्य और हार्वर्ड बिजनेस स्कूल की पूर्व छात्रा बी हैं, प्रेस मीट ने ऐसे संस्थान की तात्कालिक आवश्यकता पर जोर दिया जो स्पष्ट प्रक्रियाओं और लक्ष्यों के साथ ठोस समाधान लागू करने पर केंद्रित हो. रचना शर्मा ने सरकार से ऐसे संस्थान को सशक्त बनाने का आग्रह किया और जलवायु से संबंधित समस्याओं को मिलकर सुलझाने के लिए साझा विचारों को दर्शाने वाले शांति के वैन डायग्राम का उदाहरण दिया.
महात्मा गांधी से लें सीख
रचना शर्मा ने इस मौके पर कहा कि हमारी शक्ति हमारे भीतर है, महात्मा गांधी की शिक्षाओं में निहित है, जिसे हमने भूल गए हैं. जब मैं शांति की बात करती हूं, तो मैं विशेष रूप से सकारात्मक शांति की बात करती हूं. ऐसे दृष्टिकोण, संस्थान और संरचनाएँ जो शांतिपूर्ण समाजों का निर्माण और स्थायित्व करती हैं. रचना शर्मा ने हरी तकनीक और रचनात्मक समाधान (Harnessing green technology and creative solutions) का उपयोग करने के महत्व पर जोर दिया ताकि पारिस्थितिक शांति रक्षकों का समर्थन किया जा सके.
युवा प्रतिभाओं को करें पोषित
भारतीय डायस्पोरा के संस्थापक मेल्विन विलियम्स ने भविष्य के बारे में सोचने, प्रतिभा को बनाए रखने और लोगों को कई राष्ट्रीयताओं की अनुमति देने की महत्वपूर्णता पर जोर दिया ताकि युवा प्रतिभाओं को पोषित किया जा सके जो अक्सर अन्य देशों में खो जाती हैं. उन्होंने कहा कि समाज में शांति के लिए हर किसी को अपनी प्राकृतिक क्षमताओं से योगदान देना आवश्यक है.
नेट जीरो समुदाय की हो स्थापना
भारत सरकार के पूर्व सचिव और IAS आनंद कुमार ने नवाचारी प्रोटोटाइप विकसित करने के लिए निरंतर जागरूकता और अनुसंधान की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने भारत में "नेट जीरो" समुदाय स्थापित करने का सपना साझा किया. महिलाओं और बच्चों और पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए विशेष पुलिस आयुक्त और IPS अजय चौधरी ने शांति स्थापना में शामिल सैनिकों को सम्मानित किया और अनसुने नायकों को उनकी शांति बनाए रखने में योगदान के लिए श्रद्धांजलि दी, उन्होंने कहा कि शांतिरक्षक आशा और दृढ़ता के दूत हैं.
कला के माध्यम से शांति को दें बढ़ावा
राहें घराना की संस्थापक शेफाली खन्ना ने कहा कि शांति को बढ़ावा देने का सबसे अच्छा तरीका संगीत, कला और साहित्य के माध्यम से है. समाज के बीच में सांस्कृतिक आदान-प्रदान से निकटता और समझदारी बढ़ती है और भूली हुई विरासत को पुनर्जीवित किया जाता है. वह भविष्य को स्थिर करने के लिए जागरूकता बढ़ाने के प्रयासों के लिए फ्यूरो इनोवेशंस का समर्थन करती हैं.
‘शांति का मतलब विश्व शांति’
इस साल की थीम "भविष्य के लिए फिट, साथ मिलकर बेहतर निर्माण" फ्यूरो इनोवेशंस के साथ गहराई से जुड़ी, और भारतीय सरकार और प्रेस से ऊर्जा, जलवायु, और अंतरिक्ष पर एक संस्थान स्थापित करने का अनुरोध किया. ऐसा संस्थान पारिस्थितिक शांति में एक महत्वपूर्ण योगदान होगा. आज, धरती माता के साथ शांति का मतलब विश्व शांति है. प्रेस कॉन्फ्रेंस ने मानवता के साथ साझा की गई शिक्षा में अत्यधिक वृद्धि को रेखांकित किया, और एक अधिक शांतिपूर्ण दुनिया की ओर सामूहिक कार्रवाई का आह्वान किया.
भारत में एक्सपायर्ड फूड प्रोडक्ट बेचने पर 6 महीने तक की कैद की सजा और जुर्माने का भी प्रावधान है. बावजूद Zepto ने एक ग्राहक को एक्सपायरी डेट के पास का फूड प्रोडक्ट डिलवर कर दिया.
नेक्स्ट डोर क्विक कॉमर्स ऐप जेप्टो (Zepto) ने वह भी तब जबकि भारत में खराब फूड प्रोडक्ट बेचना कानूनन जुर्म है और इसके लिए छह माह तक की जेल की सजा है। यही नहीं, ऐसा करने वाले पर 1,000 रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
ग्राहक ने एक्स पर किया पोस्ट
जेप्टो ने हाल में दिल्ली निवासी ग्राहक गजेंद्र यादव को नियर टू एक्सपायर आटा बेच दिया. ग्राहक ने अपनी आपबीती एक्स प्लेटफार्म पर जेपटो को टैग करते हुए लिखा कि मैंने जेप्टो पर 10 किलो आटा का ऑर्डर किया, जो आटा आया, उसकी एक्सपायरी डेट आठ दिन बाद की है. 8 दिन में 10 किलो आटा कैसे खत्म करें? जेप्टो इधर आओ, मिल कर खत्म करते हैं. गजेंद्र यादव ने एक फोटो भी अटैच किया, जिसमें दिख रहा है कि इसकी एक्सपायरी डेट 25 मई 2024 है और ये आटा उन्हें 17 मई को प्राप्त हुआ.
पोस्ट हुई वायरल
इस पोस्ट को काफी लोगों ने देखा और शेयर किया. यहां तक लोगों ने खूब मजेदार कमेंट भी किए. अनिल कुमार पांडेय नाम के एक यूजर ने लिखा भाई भंडारा करा दो और खाने वाले से कुछ चंदा ले लो, पुण्य भी मिल जाएगा और पैसे भी आ जाएंगे. वहीं कई लोगों ने अपने-अपने अनुभव भी साझा किए. कई लोगों ने कहा कि उनके साथ भी ऐसा हुआ है.
एक्सपायरी या खराब सामान भेजने की सजा
भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 273 के मुताबिक एक्सपायरी डेट या खराब फूड प्रोडक्ट बेचना कानूनन जुर्म है. इसके लिए 6 महीने तक कैद की सजा हो सकती है. यही नहीं, ऐसा करने वाले पर 1,000 रुपये तक का जुर्माना भी हो सकता है. इसके साथ ही पैकेज्ड कमोडिटीज रेगुलेशन आर्डर 1975 और फूड सेफ्टी एंड स्टेंडर्ड एक्ट 2006 में भी एक्सपायर्ड सामान बेचने की मनाही है.
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जेप्टो ने क्या दिया जवाब
इस पोस्ट के वायरल होने के बाद जेप्टो ने जवाब दिया और ग्राहक से ऑर्डर का विवरण साझा करने के लिए कहा. कंपनी ने आगे लिखा कि उसकी टीम जल्द ही उनसे संपर्क करेगी. हालांकि स्थिति तब बिगड़ गई जब यादव को कस्टमर केयर से कॉल आया. यादव ने एक्स पर पोस्ट करके बताया कि लाइन के दूसरी ओर मौजूद महिला ने उससे कहा कि कुछ नहीं किया जा सकता और उसे सात दिनों में गेहूं का पैकेट खत्म कर देना चाहिए.
रिफंड के लिए किया कॉल
इस कॉल के बाद ग्राहक ने एक बार फिर एक्स पर जेपटो के फाउंडर्स को टैग करते हुए लिखा कि प्रिय आदित पालीचा, कैवल्य वोहरा, आपको अपनी ग्राहक सेवा के लिए सामान्य ज्ञान और तर्क पर कुछ ट्रेनिंग सेशन जोड़ने की जरूरत है. अगर आप एक्सपायरी के करीब उत्पाद बेचकर अपना व्यवसाय चला रहे हैं तो कम से कम अपने ऐप पर एक्सपायरी डेट दिखाएं. यादव ने आगे कहा, ऐसे उत्पाद को बेचने का कोई मतलब नहीं है जो शीघ्र ही एक्सपायर होने वाला है. हम सभी जानते हैं कि विभिन्न प्लेटफार्मों पर नियर टू एक्सपायर सामानों पर विशेष छूट की पेशकश की जाती है. हमने तो आटे की पूरी कीमत चुकाई है और हमें नियर टू एक्सपायर सामान मिला है.
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी की एक बच्ची का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस बच्ची की मदद के लिए गौतम अडानी आगे आए हैं.
सोशल मीडिया पर वायरल उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी की एक मासूम बच्ची की वीडियो देकखर उद्योगपति गौतम अडानी (Gautam Adani) भी कराह उठे. वायरल वीडियो में बच्ची के दुख और तकलीफ को देखकर अब गौतम अडानी ने उसकी मदद के लिए अपने हाथ आगे बढ़ाए हैं. इसे लेकर उन्होंने अपने ऑफिशियल एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर की है. तो चलिए आपको बताते हैं आखिर कौन है ये बच्ची और अडानी ने कैसे इसकी मदद करेंगे?
बुजुर्ग दादा-दादी के साथ रहती है बच्ची
लखीमपुर खीरी के कंधरापुर गांव की रहने वाली लवली की एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है. दरअसल, इस मासूम बच्ची की मां बचपन में ही गुजर गई थी. मां की मौत के बाद पिता सौतेली मां ले आए, तो बच्ची दादा-दादी के पास रहने लगी. अभी बच्ची पढ़ाई कर रही है, लेकिन इस बच्ची को इलाज की जरूरत है, क्योंकि उसका बांया पैर और हाथ दोनों ही बचपन से टेढे़ हैं और परिवार की हालत ऐसी नहीं कि उसका इलाज कराया जा सके.
वायरल हुई वीडियो
इस मासूम बच्ची की हालत गौतम अडानी से देखी नहीं गई और अब उन्होंने उसकी पूरी मदद करने का ऐलान किया है. इस समय में देश के अंदर लोकसभा चुनाव चल रहे हैं. इस दौरान देश के गांव-देहात से कभी संघर्ष की तो कभी पीड़ा की कई अनोखी कहानियां लोगों तक पहुंच रही हैं. लवली का दर्द भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लोगों तक पहुंचा. इसे लेकर जो पोस्ट की गई, उसमें सवाल किया गया ‘कौन सुनेगा दर्द बचपन का…’, इस सवाल का जवाब खुद गौतम अडानी ने दिया है.
बच्ची का इलाज कराएगी अडानी फाउंडेशन
पांचवी कक्षा में पढ़ने वाली लवली की पीड़ा को लेकर गौतम अडानी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट लिखा है. उनका कहना है, ” एक बेटी का बचपन यूं छिन जाना दुखद है. छोटी सी उम्र में लवली और उसके दादा-दादी का संघर्ष बताता है कि एक आम भारतीय परिवार कभी हार नहीं मानता. अडानी फाउंडेशन यह सुनिश्चित करेगा की लवली को बेहतर इलाज मिले और वो भी बाकी बच्चों के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ सके. हम सब लवली के साथ हैं. गौतम अडानी के इस कदम की सोशल मीडिया पर जमकर तारीफ हो रही है.
एक बेटी का बचपन यूं छिन जाना दुखद है!
— Gautam Adani (@gautam_adani) May 17, 2024
छोटी सी उम्र में लवली और उसके दादा-दादी का संघर्ष बताता है कि एक आम भारतीय परिवार कभी हार नहीं मानता।@AdaniFoundation यह सुनिश्चित करेगा की लवली को बेहतर इलाज मिले और वो भी बाकी बच्चों के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ सके।
हम सब लवली के… https://t.co/0Zes20UOSu pic.twitter.com/StVhUrk7SU
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73 लाख जरूरतमंद लोगों के लिए काम करती है अडानी की फाउंडेशन
गौतम अडानी का कारोबारी ग्रुप अडानी फाउंडेशन चलाता है. यह शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य कई क्षेत्रों में काम करता है. गौतम अडानी की पत्नी प्रीति अडानी ने 1996 में अडानी फाउंडेशन की शुरुआत की थी और वह खुद शादी से एक डॉक्टर रही हैं. उनकी फाउंडेशन देश के 19 राज्यों में 5,753 गांव में 73 लाख लोगों के लिए काम करती है.