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थोक महंगाई दर में कागजों में मिली बड़ी राहत, फेस्टिव सीजन अभी भी महंगाई से राहत नहीं
थोक महंगाई के सभी कंपोनेंट में राहत देखने को मिली है. हालांकि महंगाई अभी भी 10 फीसदी से ऊपर ही बनी हुई है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
नई दिल्लीः आज थोक महंगाई दर के आंकड़े सरकार ने जारी कर दिए हैं. इन आंकड़ों के मुताबिक अगस्त के मुकाबले थोक महंगाई दर में सितंबर महीने में गिरावट आई है, लेकिन फिलहाल मौजूदा समय में त्योहारी सीजन में लोगों को महंगाई से कतई राहत नहीं मिली है. मौजूदा थोक महंगाई दर 10.7 फीसदी रह गई है.
अगस्त माह में इतनी थी महंगाई दर
सितंबर के दौरान थोक कीमतों पर आधारित खाद्य महंगाई 9.93 फीसदी से घटकर 8.08 फीसदी पर आ गई है. इसका असर सितबर डब्लूपीआई पर देखने को मिला है.हालांकि महंगाई अभी भी 10 फीसदी से ऊपर ही बनी हुई है. आज आए आंकड़ों के मुताबिक सितंबर के महीने में थोक महंगाई दर घटकर 10.7 फीसदी पर आ गई है जो कि इससे पिछले महीने अगस्त में 12.41 फीसदी पर थी.
थोक महंगाई के सभी कंपोनेंट में मिली राहत
थोक महंगाई के सभी कंपोनेंट में राहत देखने को मिली है. महंगाई दर में सबसे ज्यादा 64 फीसदी भार मैन्युफैक्चर्ड आइटम का रहता है.जिसमें हल्की गिरावट देखने को मिली है. मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट की महंगाई दर इसी अवधि में 7.51 फीसदी से घटकर 6.34 फीसदी पर आ गई है.
महंगाई का सबसे ज्यादा असर फ्यूल सेग्मेंट का है जो अभी भी ऊंचे स्तरों पर स्थिर ही बनी हुई है. फ्यूल और पावर सेग्मेंट की महंगाई दर 32.61 फीसदी रही है, जो कि एक महीने पहले 33.67 फीसदी पर थी.
खुदरा महंगाई दर अभी भी 7 फीसदी से ऊपर
सितंबर के महीने में खुदरा महंगाई दर 5 महीने के उच्चतम स्तर पर 7 फीसदी से बढ़कर 7.4 फीसदी तक पहुंच गई है. रिजर्व बैंक अपनी नीतियों के लिए खुदरा महंगाई दर पर ही नजर रखता है. रिजर्व बैंक के लिए खुदरा महंगाई दर की सीमा 2 से 6 प्रतिशत के बीच है.
रुपये में गिरावट से बढ़ जाएगी महंगाई
रुपये की कमजोरी त्योहारी सीजन के बाद कई ऐसी वस्तुओं की महंगाई को बढ़ावा दे सकती है, जिनके लिए आयात पर निर्भरता रहती है. इस साल अप्रैल से अब तक डॉलर के मुकाबले रुपये में 9 फीसदी की गिरावट आ चुकी है. डॉलर का भाव 82.68 रुपये तक चला गया है. आपको बता दें कि त्योहारों पर महंगाई का तड़का लगा है.
कई चीजों के दाम पहले से बढ़े हुए हैं. हालांकि सरकार का दावा है खाने-पीने की चीजों के दाम 2 से 11 परसेंट तक कम हुए हैं. लेकिन ये कमी इस हिसाब से है कि कुछ महीने पहले खाने-पीने की चीजों के दाम आसमान पर चढ़ गए थे जिनमें अब हल्की कमी देखी जा रही है.
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