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अब Policy के साथ झूठ नहीं बेच सकेंगे बीमा एजेंट, सरकार उठा रही है ये बड़ा कदम!
कई बार ऐसा होता है कि बीमा एजेंट पॉलिसी बेचने के लिए बड़े-बड़े दावे कर देते हैं, जिससे बाद में ग्राहक को परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 4 months ago
इंश्योरेंस पॉलिसी (Insurance Policy) बेचने के लिए कई बार एजेंट ऐसे दावे भी कर देते हैं, जिनका कंपनी से कोई लेनादेना नहीं होता. इसके साथ ही कभी-कभी पॉलिसी से जुड़ी ऐसे जानकारी भी छिपा ली जाती हैं, जिसके बारे में आपको पता होना चाहिए. इसी को ध्यान में रखते हुए उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय को कुछ सुझाव दिए हैं. मंत्रालय ने फाइनेंस मिनिस्ट्री को भेजे पत्र में बताया है कि किस तरह से एजेंट के झूठे दावों पर रोक लगाई जा सकती है. यदि वित्त मंत्रालय इन सुझावों पर अमल करता है, तो बीमा एजेंट्स पॉलिसी बेचने के लिए झूठे दावे नहीं कर पाएंगे.
ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग हो अनिवार्य
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने सुझाव दिया है कि इंश्योरेंस एजेंट के लिए किसी ग्राहक को पॉलिसी की जानकारी देते समय ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य की जानी चाहिए. उसे पॉलिसी से जुड़ी छोटी-बड़ी हर बात बतानी होगी. जब इसकी रिकॉर्डिंग होगी, तो मिस सेलिंग की घटनाओं पर रोक लगेगी और कोई भी बाद में अपनी बात से मुकर नहीं पाएगा. बता दें कि पिछले कुछ समय में झूठी जानकारी के आधार पर इंश्योरेंस पॉलिसी बेचने के मामले बढ़े हैं, इसी को ध्यान में रखते हुए उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने एक प्रस्ताव तैयार किया है.
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अमूमन इसलिए होते हैं विवाद
प्रस्ताव में कहा गया है कि इंश्योरेंस एजेंट को नियम एवं शर्तों, पॉलिसी की समरी को पढ़कर सुनना चाहिए. इस दौरान ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग की जानी चाहिए. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उपभोक्ता मंत्रालय के सचिव रोहित कुमार सिंह की तरफ से लिखे गए पत्र में कहा गया है कि ग्राहक और इंश्योरेंस एजेंट के बीच अधिकांश विवाद नियम एवं शर्तों की गलत जानकारी के कारण होते हैं. यह भी सामने आया है कि इंश्योरेंस एजेंट पॉलिसी की केवल सकारात्मक बातें ही ग्राहक को बताते हैं. जिसके चलते भविष्य में क्लेम संबंधी विवाद उत्पन्न होते हैं. पत्र में यह भी कहा गया है कि बीमा पॉलिसी के नियम एवं शर्तों की भाषा स्पष्ट होनी चाहिए, ताकि लोग उन्हें आसानी से समझ सकें. इन सुझावों पर अंतिम फैसला वित्त मंत्रालय के तहत आने वाली इंश्योरेंस रेगुलेटरी एवं डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) को लेना है.
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