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इन शहरों में Petrol से भी महंगी हुई CNG, इस वित्त वर्ष में तीसरी बार बढ़ गई कीमत
देश के कई शहरों में सीएनजी की कीमतें पेट्रोल और डीजल से ज्यादा हो गई हैं.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
नई दिल्लीः जहां पहले सीएनजी को पेट्रोल व डीजल के मुकाबले सस्ता समझा जाता था,इसलिए लोग सीएनजी की गाड़ियों को खरीदना काफी सही समझते थे, क्योंकि इससे गाड़ी में प्रति किलोमीटर खर्च काफी कम आता था. हालांकि अब ऐसा नहीं है. देश के कई शहरों में सीएनजी की कीमतें पेट्रोल और डीजल से ज्यादा हो गई हैं.
लखनऊ और उन्नाव में ये हो गई है नई कीमत
ग्रीन गैस लिमिटेड जो कि गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (गेल) का एक उपक्रम है, उसने लखनऊ और उन्नाव सहित यूपी के कई शहरों में सीएनजी की कीमतों में 5.30 रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी कर दी है. इससे इन शहरों में सीएनजी की नई कीमत 96.10 रुपये प्रति किलोग्राम और 97.55 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है. लखनऊ में फिलहाल पेट्रोल की कीमत 96.57 पैसे प्रति लीटर और डीजल की कीमत 89.76 पैसे प्रति लीटर है. कंपनी द्वारा चालू वित्त वर्ष में ये तीसरी बार बढ़ोतरी की गई है. अप्रैल में सीएनजी की कीमत 84.25 रुपये प्रति किलो थी, वहीं मई में यह बढ़कर के 87.80 पैसे प्रति किलोग्राम हो गई थी.
आगरा में भी बढ़ गई कीमतें
आगरा महानगर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन महामंत्री मुकेश कुमार गर्ग ने बताया, सरकार ने डीजल के टेम्पो बंद करा दिए हैं. सीएनजी के दाम लगातार बढ़ा रहे हैं. इससे तो लोकल ट्रांसपोर्ट और भी ज्यादा महंगा हो जाएगा. छह माह में सीएनजी 72 रुपये से बढ़कर 97.25 रुपये प्रति किलो पर पहुंच चुकी है. परिवहन विभाग के मुताबिक सीएनजी वाहनों के पंजीकरण में कमी आई है. पहले यह संख्या प्रतिमाह 800 थी, जोकि आधी रह गई है.
महाराष्ट्र में इस शहर ने तोड़े हैं सारे रिकॉर्ड
फिलहाल महाराष्ट्र के नागपुर शहर में सीएनजी की कीमतों ने पूरे देश में सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले हैं. यहां पर गैस की कीमत 115 रुपये प्रति किलो है जो राज्य के अलावा पूरे देश में ही सबसे ज्यादा है. www.mypetrolprice.com के अनुसार राज्य के अन्य शहरों में पुणे में सीएनजी की कीमत 85 रुपये और मुबंई में 80 रुपये है. राज्य के ज्यादातर शहरों में पेट्रोल शतक लगाए हुए है.
आखिर क्यों बढ़ रही हैं नेचुरल गैस की कीमतें
इस समय पूरी दुनिया में गैस की सप्लाई (Natural Gas Supply) गड़बड़ाई हुई है. गैस की मांग अधिक है और आपूर्ति कम है. कोरोना वायरस महामारी से उबरने के बाद साल 2021 से ही एनर्जी की मांग (Energy Demand) दुनियाभर में तेजी से बढ़ी है. लेकिन जिस तरह से मांग बढ़ी, उस तरह से सप्लाई नहीं बढ़ पाई. इसके बाद रूस-यूक्रेन युद्ध और पश्चिमी देशों द्वारा रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाने के चलते तेल विनियमित क्षेत्रों से नेचुरल गैस के उत्पादन की कीमत दोगुनी से अधिक हो गई.
प्रॉफिट मार्जिन
नेचुरल गैस ड्रिस्ट्रीब्यूटर्स के पास सीएनजी की कीमतें तय करने की पूरी आजादी है. सीएनजी पर पेट्रोल और डीजल की तुलना में टैक्स भी कम है. इससे नेचुरल गैस ड्रिस्ट्रीब्यूटर्स को काफी बड़ा प्रॉपिट मार्जिन होता है. केंद्रीय एजेंसियों की तरफ से कम रेगुलेशन या अधिक आजादी के चलते डिस्ट्रीब्यूटर्स अपने प्रॉफिट मार्जिन को बनाए रखने के लिए कीमतों में बढ़ोतरी करते हैं.
घट रही सीएनजी की लोकप्रियता
समय के साथ निजी खरीदारों के लिए सीएनजी अब कम लोकप्रिय हो गई है. वहीं, यह गैस सार्वजनिक परिवहन, निजी कैब व्यवसाय और ऑटो-रिक्शा चालकों के लिए पसंदीदा फ्यूल बना है।.लेकिन कीमतों में वृद्धि के साथ यह ईंधन अब अपने इन ग्राहकों में भी अपनी लोकप्रियता खो रहा है. पेट्रोल की बजाय सीएनजी का उपयोग करने पर होने वाला लाभ धीरे-धीरे घट रहा है. साथ ही नए ग्राहक अब सीएनजी की गाड़ी खरीदने में कम दिलचस्पी दिखा रहे हैं. हालांकि, एक ईंधन के रूप में सीएनजी पेट्रोल-डीजल की तुलना में पर्यावरण की दृष्टि से अधिक अनुकूल है.
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