होम / टेक / इस युवक को गेम खेलने से मिली 10 लाख LPA वाली नौकरी!
इस युवक को गेम खेलने से मिली 10 लाख LPA वाली नौकरी!
गेमिंग के क्षेत्र में महारत हासिल कर इसे करियर के तौर पर चुनने वाले लोगों को ‘गेमर’ कहा जाता है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 8 months ago
पिछले कुछ समय के दौरान भारत में टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में काफी तेजी से विकास हुआ है. टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में ऐसे बहुत से परिवर्तन हुए हैं जिनके बारे में अभी भी ज्यादातर लोगों को नहीं पता. ऐसा ही एक क्षेत्र है गेमिंग (Gaming), जो पहले सिर्फ मोबाइल फोन पर गेम खेलने की प्रक्रिया के रूप में इस्तेमाल किया जाता था लेकिन अब इस शब्द का इस्तेमाल करियर के तौर पर भी होने लगा है.
सिर्फ मनोरंजन के लिए गेमिंग?
गेमिंग के क्षेत्र में महारत हासिल कर इसे करियर के तौर पर चुनने वाले लोगों को ‘गेमर’ कहा जाता है. ज्यादातर माता-पिता यही सोचते हैं कि उनका बच्चा पढ़ाई-लिखाई पर ही ध्यान दे और सिर्फ मनोरंजन के लिए ही गेमिंग इत्यादि करे. लेकिन हाल ही में कुछ ऐसा हुआ है जिसे सुनकर आप हैरान रह जाएंगे. ये कहानी कानपूर में रहने वाले श्वेतांक पांडेय की है.
श्वेतांक की कहानी
कहानी ये है कि सभी माता-पिता की तरह श्वेतांक के माता-पिटा को भी यही लगता था कि गेमिंग करियर नहीं बन सकता. लेकिन श्वेतांक को अपने दोस्तों के माध्यम से एक कंपनी में नौकरी की खबर मिलती है. यह कॉन्ट्रैक्ट आधारित 6 महीने की एक जॉब थी. पद का नाम था, CGO यानी चीफ गेमिंग ऑफिसर. CGO बनने के लिए आपके पास कुछ चुनी हुई स्किल्स होनी चाहिए. इन स्किल्स में कम्युनिकेशन, गेमिंग की जानकारी और गेमप्ले से संबंधित जानकारी का होना जरूरी था. श्वेतांक के साथ-साथ देश भर के 60,000 गेमर्स ने भी इस प्रतियोगिता में भाग लिया था.
USIT से IQOO तक का सफर
लेकिन सभी को पीछे छोड़ते हुए श्वेतांक ने इस नौकरी को अपने नाम कर लिया और अब वह 10 लाख प्रतिवर्ष की आय पर फोन निर्माता कंपनी IQOO में CGO यानी चीफ गेमिंग ऑफिसर के पद पर काम करेंगे. श्वेतांक की उम्र अभी महज 23 वर्ष की है और इससे पहले वह USIT में काम करते थे. अपनी पिछली जॉब में श्वेतांक रात भर जागकर HR के तौर पर गूगल, माइक्रोसॉफ्ट जैसी नामी कंपनियों के लिए हायरिंग करते थे.
यह भी पढ़ें: BW MarketWorld: तकनीक के इस्तेमाल से कैसे बदल रही है मार्केटिंग?
टैग्स