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Laptop Import: रंग दिखा रही सरकार की शुरुआती सख्ती, अब ये करने को तैयार कंपनियां!
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो कुछ दिग्गज कंपनियों ने भारत में मैन्युफैक्चरिंग की दिशा में काम करना शुरू कर दिया है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 7 months ago
कुछ हफ्ते पहले, भारत सरकार ने लैपटॉप, टैबलेट और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था. इस संबंध में नए नियम 1 नवंबर, 2023 से लागू होने वाले थे, लेकिन फिलहाल सरकार इसे टालने के मूड में है. माना जा रहा है कि सरकार इस इंपोर्ट रिस्ट्रिक्शन को 9 से 12 महीने के लिए ठंडे बस्ते में डाल सकती है. संभव है कि अगले कुछ दिनों में इसकी घोषणा भी हो जाए, मगर सरकार की शुरुआती सख्ती का असर दिखाई देता नजर आ रहा है.
ASUS ने इससे मिलाया हाथ
मोदी सरकार की इस पूरी कवायद का मकसद स्थानीय कंपनियों को बढ़ावा देने और इंटरनेशनल ब्रैंड्स को भारत में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के प्रोडक्शन के लिए प्रेरित करना है. सरकार द्वारा शुरू में दिखाए गए तेवर के चलते अब इस फील्ड की कुछ दिग्गज कंपनियों ने भारत में मैन्युफैक्चरिंग की दिशा में काम करना शुरू कर दिया है. खबर है कि ताइवान की दिग्गज लैपटॉप और PC निर्माता कंपनियां भारत में कांट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग की कोशिश में लगी हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आसुस (ASUS) ने सरकार की 17000 करोड़ रुपए के PLI स्कीम के लिए फ्लेक्स नाम की मैन्युफैक्चर से साझेदारी की है. बता दें कि फ्लेक्स अमेरिकी कंपनी है, जो भारत में अपना कामकाज तेजी से बढ़ा रही है.
चेन्नई में लगेगी फैक्ट्री!
भारत सरकार प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम के लिए 17000 करोड़ रुपए की मदद दे रही है, ताकि वैश्विक कंपनियां भारत में मैन्युफैक्चरिंग के लिए प्रेरित हो सकें. सरकार की शुरुआती सख्ती से आशंकाओं में घिरी कंपनियों को PLI एक बेहतरीन मदद नजर आ रही है, इसलिए दुनिया की दिग्गज टेक हार्डवेयर कंपनियां भारत की स्थानीय कंपनियों से लैपटॉप भारत में बनाने के लिए बातचीत करने में जुट गई हैं. ASUS की जरूरत के अनुसार फ्लेक्स चेन्नई में एक डेडीकेटेड फैक्ट्री बनाने पर विचार कर रही है. इस समय फ्लेक्स का भारत में सबसे बड़ा ग्राहक HP है.
दूसरी कंपनियां भी करेंगी करार!
आसुस की तरह, ताइवान की एसर (Acer) भी भारत में लैपटॉप बनाने के अपने कामकाज में तेजी लाने में जुट गई है. एसर ने पहले से ही नोएडा की कांटेक्ट मैन्युफैक्चरर डिक्शन टेक्नोलॉजी के साथ पार्टनरशिप की हुई है. माना जा रहा है कि कुछ और दिग्गज कंपनियां भी भारत में मैन्युफैक्चरिंग के लिए स्थानीय कंपनियों से करार कर सकती हैं. बता दें कि आयत पर प्रतिबंध के मुद्दे पर सरकार ने हाल ही में एक संयुक्त बैठक आयोजित की थी, जिसमें आसुस, डेल, एसर, एपल, सैमसंग, इंटेल आदि कंपनियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था. बैठक का एजेंडा आयात प्रतिबंधों के प्रभाव पर चर्चा करना और भारत में लैपटॉप के लोकल प्रोडक्शन को बढ़ाने के लिए समाधान तलाशना था.
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