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नोएडा पहुंची Corning, भारत में बनेगा सबसे मजबूत स्मार्टफोन ग्लास?
स्मार्टफोन खरीदते हुए आपने पाया होगा कि डिस्प्ले के फीचर्स में आमतौर पर ‘Corning Gorilla Glass’ लिखा होता है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 8 months ago
ये दौर स्मार्टफोन्स का है और स्मार्टफोन्स का एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण पक्ष हैं उनकी डिस्प्ले. जहां एक स्मार्टफोन की डिस्प्ले में ब्राईटनेस, रंग और साइज जैसे पक्षों पर प्रमुख रूप से ध्यान दिया जाता है, वहीँ दूसरी तरफ एक स्मार्टफोन की डिस्प्ले की मजबूती भी एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण पक्ष है. दूसरी तरफ जब बात दुनिया के सबसे मजबूत स्मार्टफोन ग्लास बनाने की आती है तो कोर्निंग (Corning) का नाम ही दिमाग में आता है.
भारत आ रही है Corning
एप्पल (Apple), शाओमी (Xiaomi), विवो (Vivo), और सैमसंग (Samsung) जैसी जानी-मानी स्मार्टफोन कंपनियों के स्मार्टफोन खरीदते हुए अगर आपने कभी फीचर्स की लिस्ट पर ध्यान दिया होगा तो पाया होगा की डिस्प्ले के फीचर्स में आमतौर पर ‘Corning Gorilla Glass’ लिखा होता है. इसमें Corning कुछ और नहीं बल्कि कंपनी का नाम है और ज्यादातर लोगों को यह नहीं पता होता है. कोर्निंग सिर्फ स्पेशलिटी ग्लास ही नहीं बनाती बल्कि स्पेशलिटी ग्लास बनाने वाली यह दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी भी है. अब खबर आ रही है कि स्पेशलिटी ग्लास बनाने वाली कंपनी कोर्निंग (Corning) जल्द ही अपना बिजनेस लेकर भारत आ रही है.
भारत इम्पोर्ट करता है ग्लास
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कोर्निंग ग्लास बनाने की अंतिम प्रक्रिया के लिए नोएडा आधारित Opteimus Infra के साथ साझेदारी की है. रिपोर्ट्स में यह दावा भी किया जा रहा है कि शुरूआती चरण में कंपनियां तेलंगाना में फैक्टरी लगाने के बारे में विचार कर रही हैं और इस संबंध में ही 1000 करोड़ रूपए की इन्वेस्टमेंट भी की जा सकती है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ग्लास एक ऐसा प्रमुख कारक है जिसे वर्तमान में भारत में इम्पोर्ट किया जाता है.
800 लोगों को मिलेगी नौकरी
अगर मीडिया रिपोर्ट्स में किए गए दावों को मानें तो दोनों कंपनियों के बीच किए गए समझौते में Opteimus की हिस्सेदारी 70% की होगी जबकि बाकी की हिस्सेदारी कोर्निंग (Corning) की होगी. कोर्निंग एक प्रमुख टेलीकम्युनिकेशन कंपनी एवं इलेक्ट्रॉनिक कंपनी है जो कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर मैन्युफैक्चरिंग करती है. इसके साथ ही यह भी माना जा रहा है कि जब देश में ही प्रमुख रूप से ग्लास का निर्माण शुरू होगा तो सरकार द्वारा इम्पोर्ट को कम करने की कोशिश भी की जा सकती है. इसके साथ ही यह भी बताया जा रहा है कि इस जॉइंट वेंचर की बदौलत लगभग 800 लोगों को नौकरी प्राप्त हो सकती है.
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