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डेटा के फेर में फंसी चीनी मोबाइल कंपनी Realme, सरकार ने दिए एक्शन के संकेत
भारत के स्मार्टफोन मार्केट में चीनी कंपनी रियलमी ने अपनी एक अलग पहचान स्थापित कर ली है. उसने हाल ही में दो नए मोबाइल भी लॉन्च किए हैं.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 11 months ago
चीनी स्मार्टफोन कंपनी रियलमी (Realme) एक बड़ी मुश्किल में फंसती नजर आ रही है. कंपनी पर यूजर्स का पर्सनल डेटा कैप्चर करने का आरोप है. दरअसल, कंपनी के मोबाइल फोन में एक ऑप्शन है, जो डिफ़ॉल्ट रूप से चालू रहता है. इसके चलते चीनी कंपनी अपने यूजर्स का पर्सनल डेटा कैप्चर करती है. वहीं, सरकार अब इस मामले में एक्शन मोड में नजर आ रही है. IT मंत्री राजीव चंद्रशेखर (Rajeev Chandrasekhar) ने कहा है कि आरोपों की जांच कराई जाएगी.
Sheth छोड़ चुके हैं साथ
रियलमी (Realme) को हाल ही में एक बड़ा झटका लग चुका है. 5 सालों तक कंपनी के साथ रहे माधव सेठ (Madhav Sheth) उसका साथ छोड़ चुके हैं. माधव रियलमी इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) की जिम्मेदारी संभाल रहे थे और उन्हीं के नेतृत्व में Realme भारत में एक बड़े ब्रैंड के रूप में खुद को स्थापित करने में सफल रही. माधव के कार्यकाल में रियलमी 50 करोड़ से अधिक प्रोडक्ट्स को सबसे तेजी से बेचने वाली कंपनी बन गई थी. इसके साथ ही रियलमी एक समय पर देश में स्मार्टफोन मार्केट का दूसरा बड़ा प्लेयर कहलाने लगी थी. ऐसे में यूजर्स का पर्सनल डेटा कैप्चर करने का आरोप कुछ ही दिनों में कंपनी के लिए दूसरा बड़ा झटका माना जा रहा है.
Will hv this tested and checked @rishibagree
— Rajeev Chandrasekhar (@Rajeev_GoI) June 16, 2023
copy: @GoI_MeitY https://t.co/4hkA5YWsIg
क्या चीन जा रहा डेटा?
ट्विटर पर Rishi Bagree नामक एक यूजर ने लिखा है कि रियलमी स्मार्टफोन में एक फीचर (एनहांस्ड इंटेलीजेंट सर्विस) है, जो यूजर्स का डेटा (कॉल लॉग, SMS और लोकेशन संबंधी जानकारी) कैप्चर करता है और ये फीचर डिफ़ॉल्ट रूप से ऑन रहता है. जब आप फोन की सेटिंग में जाते हैं, तभी आपको पता चलता है कि ये डिफ़ॉल्ट रूप से चालू रहता है. Rishi ने आगे लिखा है कि भारतीय यूजर्स को अंधेरे में रखा जा रहा है और उनकी मर्जी के बिना उनका डेटा कैप्चर किया जा रहा है. इसे जबरन सहमति कहा जा सकता है, क्योंकि यह डिफ़ॉल्ट रूप से चालू है. क्या यह डेटा चीन को भेजा जा रहा है?
मंत्री ने दिया जवाब
आरोपों वाले इस ट्वीट का जवाब देते हुए आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने लिखा है कि मामले की जांच की जाएगी. उन्होंने अपने इस ट्वीट में मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल को भी टैग किया है. माना जा रहा है कि इस मुद्दे को लेकर चीनी कंपनी रियलमी मुश्किल में फंस सकती है. बता दें कि रियलमी भारत में एक लोकप्रिय ब्रैंड बन गई है. यहां उसके पास करीब 14.5% बाजार हिस्सेदारी है. वैसे, ये पहली बार नहीं है कि किसी चीनी कंपनी पर यूजर्स का डेटा एकत्र करने के आरोप लगे हैं. अमेरिका ने इसी आरोप में Huawei के देश में कारोबार करने पर बैन लगा दिया था.
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