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क्या है Mother’s Day के पीछे की कहानी, कैसे 3 महिलाओं के संघर्ष को है समर्पित!

वैसे तो हर रिश्ते का अपना अलग महत्त्व है लेकिन एक मां और बच्चे का रिश्ता शब्दों से परे है, इसे किसी भी तरह से शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 11 months ago

‘भगवान हर जगह नहीं हो सकता और इसीलिए उसने मां को बनाया’ एक व्यक्ति के जीवन में मां के महत्त्व को समझाने के लिए यह वाक्य एकदम सटीक है. मां, दुनिया में नया जीवन लेकर आती है, उसका पालन-पोषण करती है और उस नए जीवन की ऐसी देखभाल करती है, जैसी कोई भी और नहीं कर सकता. हर धर्म में मां को बच्चे का सबसे बड़ा सुरक्षा कवच बताया गया है. एक मां ही अपने बच्चे को सबकुछ  सिखाती है और उसे एक अच्छा इंसान बनाती है. 

बदली है मां की भूमिका
वैसे तो हर रिश्ते का अपना अलग महत्त्व है लेकिन एक मां और बच्चे का रिश्ता शब्दों से परे है, इसे किसी भी तरह से शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता. हर महिला की जिंदगी में मां की भूमिका बहुत ही महत्त्वपूर्ण होती है और वह अपने बच्चे के लिए एक योद्धा भी बनती हैं. पहले मां की भूमिका सिर्फ घर के कामों तक ही सीमित थी लेकिन आज दुनिया में मां की भूमिका इन सीमाओं से परे हैं और एक मां बच्चों के साथ-साथ अपने घर और अपनी नौकरी की भी देखभाल कर रही हैं.   

मदर्स-डे का इतिहास
मदर्स-डे का इतिहास बहुत चर्चित तो नहीं है लेकिन यह बहुत ही समृद्ध है और यह एक ऐसा इतिहास है जिसे लोगों द्वारा भुलाया जा चुका है. अमेरिका में Ann Reeves Jarvis, Julia Ward Howe और Ann की बेटी Anna M. Jarvis द्वारा चलाई गयी मूवमेंट की वजह से मदर्स-डे अस्तित्व में आया. इन तीनों ने समाज की अन्य स्त्रियों को उनका सम्मान दिलवाने के लिए काफी संघर्ष किया था. इस संघर्ष की शुरुआत Ann Reeves Jarvis से हुई थी जो एक एक्टिविस्ट और टीचर थीं. Ann Reeves Jarvis हर रविवार को स्कूल का आयोजित करती थीं. वह समाज में मौजूद उच्च मृत्य दर को लेकर काफी चिंतित थीं और उन्होंने वेस्ट विर्जिनिया में “मदर्स डे वर्क क्लब्स” की स्थापना की थी. अमेरिका में गृहयुद्ध के दौरान Ann Reeves सभी महिलाओं को एक दूसरे की मदद करने के लिए प्रोत्साहित कर रही थीं. 

Ann Reeves Jarvis
आगे चलकर यह कार्य Julia Ward Howe को ट्रान्सफर कर हो गया. Julia Ward Howe एक क्रांतिकारी होने के साथ-साथ एक कवियत्री भी थीं. उन्होंने “The Battle Hymn Of The Republic” जैसी किताबें लिखीं थीं. इसके साथ ही Julia ने अमेरिका में गृहयुद्ध के दौरान एक साफ-सुथरा माहौल भी प्रदान किया था. 1870 के आस-पास Julia Howe ने युद्ध खत्म होने और शांति को सेलिब्रेट करने के लिए “शांति के लिए मदर्स डे” नामक कार्यक्रम का आयोजन किया. उनका मानना था कि सबको इकट्ठा होकर युद्ध की क्रूरता के खिलाफ लड़ना चाहिए. Ann Reeves Jarvis की बेटी Anna M. Jarvis अपनी मां की जिंदगी को यादगार बनाना चाहती थीं. इसके लिए उन्होंने एक कैम्पेन की शुरुआत की और एक ऐसा दिन चुना जिसे सभी माओं के सम्मान में मनाया जाएगा. वह मातृत्व को सम्मान देना चाहती थीं और इसे आधिकारिक मदर्स डे बनाने के लिए वह सभी राजनीतिक और कानूनी प्रक्रियाओं से गुजरने के लिए तैयार थे. साल 1914 में प्रेजिडेंट Woodrow Wilson ने एक बिल पर साइन करते हुए मई के दूसरे रविवार को कानूनी रूप से “मदर्स-डे” के रूप में मनाये जाने का आदेश दिया. 

मदर्स डे की प्रासंगिकता
एक मां के तौर पर महिलायें बहुत ही लम्बे समय से घर के वित्तीय कामकाज संभालने में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती आई हैं. वह हर प्रकार के खर्च का ध्यान रखती हैं और भविष्य के लिए बचत भी करती हैं. समय के साथ-साथ मां की भूमिका ने भी कई सीमायें पार की हैं और साथ ही खुद को वित्तीय रूप से स्वतंत्र बनाने के लिए बिजनेस से भी जुड़ी हैं. आजकल सोशल मीडिया पर बहुत सी महिलायें अपने घर के काम काज करने के तरीकों और बच्चों को संभालने का विडियो बना रही हैं और इन्हें ‘Mompreneurs’ के नाम से संबोधित किया जाता है. जॉब या बिजनेस करने वाली मां अब कोई बड़ी बात नहीं हैं हालांकि यह एक ऐसा पॉजिटिव ट्रेंड बन गया है जो लाखों महिलाओं को खुद को बेहतर बनाने के लिए प्रेरित कर रहा है. 

क्या है मदर्स-डे 2023 की थीम? 
वैसे तो मदर्स-डे 2023 को मानाने के लिए कोई एक तय थीम नहीं है लेकिन यह दिन हमेशा दुनिया में मौजूद सभी मां के महत्त्व की याद में हर साल मनाया जाता है. एक मां द्वारा अपने बच्चे को जन्म देने के लिए झेला गया दर्द उसकी अपनी शक्ति के बारे में बताता है और यह दिन मां को उनकी आतंरिक क्षमता के बारे में याद दिलाने के लिए मनाया जाता है. समाज को प्रण लेना चाहिए कि वह हर मां की देख-रेख करेंगे और उन्हें एक सही मौका भी प्रदान करेंगे ताकि वह आगे बढ़ सकें और बेहतर प्रदर्शन कर सकें. 
 

यह भी पढ़ें: Mother's Day Special: बेटे को बचाने की जंग जीती, फिर खड़ी कर डाली हर्बल कंपनी 

 


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