MP Election 2023: 'बहनों' के लिए यूं ही नहीं खोला है शिवराज सिंह ने सरकारी खजाना 

राज्य में कुल 5 करोड़ 61 लाख 36 हजार 229 मतदाता हैं, जिसमें महिलाओं की संख्या 2 करोड़ 72 लाख है. नई वोटर लिस्ट में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है.

नीरज नैयर by
Published - Friday, 06 October, 2023
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Friday, 06 October, 2023
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मध्य प्रदेश को इस साल विधानसभा चुनाव से गुजरना है. इस बार का चुनाव बेहद दिलचस्प होने वाला है, क्योंकि अब तक आए सर्वेक्षणों ने सत्ताधारी भाजपा की नींद उड़ा दी है. भाजपा सत्ता के इस खेल में बने रहने के लिए सभी दांव चल रही है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चुनाव ने ऐन वक्त पर 'लाड़ली बहना योजना' के रूप में गुगली फेंकने का प्रयास किया है. इसके साथ ही राज्य सरकार ने महिलाओं के लिए सरकारी नौकरी में 35% आरक्षण का प्रावधान भी कर दिया है. वन विभाग को छोड़कर सभी विभागों में 35% आरक्षण का फ़ॉर्मूला लागू होगा. वैसे, 'लाड़ली बहना योजना' प्रदेश में महिलाओं के लिए चलाई जा रही कोई पहली योजना नहीं है. CM शिवराज ने अपने कार्यकाल में महिला सशक्तिकरण पर काफी फोकस किया है. 2003 में राज्य का महिला एवं बाल बजट 262.60 करोड़ था, जबकि 2023 में यह बढ़कर 14.688 करोड़ रुपए हो गया है. 

अब तक बांटे इतने करोड़ 
मध्य प्रदेश में महिलाओं के लिए प्रमुख रूप से एक दर्जन से अधिक योजनाएं चलाई जा रही हैं. इसमें सबसे नया नाम 'मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना' का जुड़ा है. इस योजना के तहत पहले हर पात्र महिला के खाते में 1000 रुपए सरकार की तरफ से दिए जा रहे थे. बाद में यह राशि बढ़ाकर 1250 कर दी गई. जानकारी के मुताबिक, सरकार अब तक 1 करोड़ 31 लाख से ज्यादा 'बहनों' के खातों में 5211 करोड़ रुपए ट्रांसफर कर चुकी है. शिवराज सिंह घोषणा कर चुके हैं कि 1250 की राशि को 3000 रुपए तक किया जाएगा. हालांकि, इसके लिए उन्हें चुनावी दंगल में जीत हासिल करनी होगी. 

महिलाओं की भूमिका अहम
CM शिवराज सिंह ने बहुत सोच-समझकर महिलाओं के लिए सरकारी खजाना खोला है. राज्य में कुल 5 करोड़ 61 लाख 36 हजार 229 मतदाता हैं, जिसमें महिलाओं की संख्या 2 करोड़ 72 लाख है. नई वोटर लिस्ट में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है. अब 1 हजार पुरुषों की तुलना में 945 महिला वोटर हो गईं हैं, जबकि 2011 में जेंडर रेश्यो 1 हजार पुरुष पर 931 महिलाओं का था. कम से कम 29 सीटों पर पुरुषों की तुलना में महिला मतदाताओं की संख्या ज्यादा है. भोपाल जिले की ही बात करें, तो यहां महिलाओं की भागीदारी 13% बढ़ गई है. भोपाल में 10 लाख 11 हजार महिलाएं वोट देंगी, जिनमें से 3.17 लाख लाड़ली बहना हैं. ऐसे में शिवराज सिंह उम्मीद कर सकते हैं कि महिलाओं के लिए चलाई गई योजनाओं का फायदा उन्हें वोट के रूप में मिल सकता है. एक रिपोर्ट बताती है कि 2013 के चुनाव की तुलना में 2018 में महिलाओं के वोटिंग शेयर में इजाफा हुआ था और उसका सीधा असर 52 सीटों पर पड़ा था. यानी महिला मतदाता सरकार बनने और बिगाड़ने में अहम भूमिका में हैं. 

चल रही हैं ये योजनाएं
शिवराज सिंह सरकार लाड़ली बहना योजना के साथ-साथ मुख्यमंत्री लाड़ली लक्ष्मी योजना, बालिका स्कूटी योजना, गांव की बेटी योजना, प्रतिभा किरण योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना, कन्या विवाह/निकाह योजना, सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना, कन्या अभिभावक पेंशन योजना, कल्याण विवाह सहायता योजना और प्रसूति सहायता योजना जैसी कई योजनाएं चला रही है. लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत अब तक 14 लाख से ज्यादा बेटियों को 388 करोड़ की छात्रवृत्ति दी गई है. वहीं, स्कूटी योजना में सरकार 12वीं में फर्स्ट आने वाली लड़कियों को स्कूटी देती है.  

शिवराज ने की ये कोशिश
मध्य प्रदेश सरकार हर साल महिलाओं से जुड़ी योजनाओं पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है और इन योजनाओं के प्रचार पर भी भारी-भरकम खर्चा किया जा रहा है. 'लाड़ली बहना योजना' के विज्ञापनों से पूरा प्रदेश पटा पड़ा है. वैसे, तो मतदाता का मन पढ़ना नामुमकिन है, लेकिन महिलाओं के मामले में यह माना जाता है कि उनका वोट का निर्णय काफी हद तक भावनात्मक जुड़ाव से प्रभावित रहता है. शिवराज सिंह ने तमाम योजनाएं लागू करके इसी भावनात्मक जुड़ाव को बनाने की कोशिश की है और बहुत हद तक सफल भी रहे हैं. खासतौर पर, ग्रामीण इलाकों में महिलाओं के बीच उनकी लोकप्रियता बहुत ज्यादा है. अब ये देखने वाली बात होगी कि इस पूरी कवायद का फायदा शिवराज सिंह को मिलता है या फिर सर्वे हकीकत में तब्दील होते हैं.


क्या वास्तव में 2019 के मुकाबले कम हुई है वोटिंग? आपकी सोच बदल देगा ये गणित

लोकसभा चुनाव के 2 चरणों का मतदान हो चुका है. तीसरे चरण की वोटिंग अब सीधे 7 मई को होनी है.

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Tuesday, 30 April, 2024
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लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) में अब तक 2 चरणों की वोटिंग हो चुकी है. 19 अप्रैल को पहले चरण में 102 सीटों पर मतदान हुआ. वहीं, 26 अप्रैल को दूसरे चरण में 88 सीटों पर वोटिंग हुई. इस तरह, लोकसभा की कुल 543 सीटों में से 190 सीटों पर वोटिंग हो चुकी है. दोनों ही चरण के वोटिंग प्रतिशत को 2019 के मुकाबले कम बताया जा रहा है. पहले चरण में औसत मतदान 65.5% रहा, जबकि 2019 में इन्हीं सीटों के 70% से अधिक मतदान हुआ था. इसी तरह, दूसरे चरण में 62% वोटिंग हुई, जो 2019 के मुकाबले करीब 7% कम है. इन आंकड़ों को लेकर अब कयासों का दौर भी शुरू हो गया है. कोई कम वोटिंग प्रतिशत को बीजेपी के पक्ष में बता रहा है, तो किसी का मानना है कि पार्टी के लिए चिंता का विषय है.

क्या है आम धारणा?
आमतौर पर ज्यादा वोटिंग को सत्ता विरोधी लहर के तौर पर देखा जाता है. यह माना जाता है कि मतदाता सरकार के कामकाज से खुश नहीं हैं और बदलाव चाहते हैं. इसलिए बड़ी संख्या में मतदान के लिए अपने घरों से बाहर निकले हैं. जबकि कम मतदान को लेकर आम धारणा है कि लोगों में बदलाव की कोई अभिलाषा नहीं है और इसलिए वोटिंग को लेकर उन्होंने खास दिलचस्पी नहीं दिखाई. हालांकि, बीते कुछ सालों में पूरा गणित बदल गया है. 2019 में पिछली बार की तुलना में अधिक वोट पड़े थे. तब माना गया कि जनता 'अच्छे दिन' की असलियत समझ गई है और उसने बीजेपी को सत्ता से हटाने के लिए वोटिंग की है. लेकिन परिणाम इस कयास से एकदम उलट रहे. भाजपा पहले से अधिक सीटों के साथ सरकार में वापस लौटी.

निकाल रहे अलग-अलग मायने 
2019 के चुनाव परिणाम के लिहाज से देखें, तो कम या ज्यादा मतदान किसी की हार या जीत का पैमाना नहीं है. फिर भी तमाम एक्सपर्ट्स और नेता अपने-अपने हिसाब से दो चरणों के मतदान प्रतिशत के मायने निकाल रहे हैं. कई लोगों का यह भी मानना है कि भाजपा वोटरों और कार्यकर्ताओं के बीच अति आत्मविश्वास भी कम वोटिंग की एक वजह हो सकती है. दरअसल, वे यह मानकर बैठे हैं कि चुनाव परिणाम लगभग तय है, सरकार में भाजपा को ही आना है. जबकि दूसरी तरफ विपक्ष में उत्साह के कमी दिखाई दे रही है. इस वजह से विपक्षी दलों के मतदाताओं में भी वोटिंग को लेकर उत्साह नहीं है. इसके साथ ही गर्मी ने भी लोगों को घरों में कैद होने को मजबूर कर दिया है. 

इतने बढ़ गए हैं मतदाता
पिछले यानी 2019 के लोकसभा चुनाव से यदि तुलना की जाए, तो निश्चित तौर पर मतदान का प्रतिशत कम नजर आएगा. लेकिन क्या वास्तव में जैसा दिखाई दे रहा है वैसे ही है? कहने का मतलब है कि दोनों चुनावों के पहले-दूसरे चरण के आंकड़ों में भले ही अंतर है, पर क्या इसे मतदान में कमी कहा जा सकता है? चलिए थोड़ा विस्तार से समझते हैं. 2019 में देश में कुल मतदाता थे 89.6 करोड़ और 2024 में यह संख्या है 97 करोड़. यानी पिछली बार के मुकाबले रजिस्टर्ड वोटर्स की संख्या इस बार ज्यादा है. चुनाव आयोग के अनुसार, दुनिया में सबसे ज्यादा 96.88 करोड़ मतदाता लोकसभा चुनाव में वोटिंग के लिए रजिस्टर्ड हैं. इसमें 18 से 29 साल की उम्र वाले 2 करोड़ नए वोटर्स भी शामिल हैं. 

क्या ऐसी तुलना जायज है?
अब सवाल ये उठता है कि जब इस बार मतदाताओं की कुल संख्या 2019 से ज्यादा है, तो दोनों चुनावों के आंकड़ों की तुलना के आधार पर कम वोटिंग % की बात कहना क्या जायज है? इसे एक उदाहरण के तौर पर समझते हैं. मान लीजिए की पिछले चुनाव में 1 लाख पंजीकृत मतदाता थे और 50 प्रतिशत मतदान हुआ. इस बार 2 लाख मतदाता हैं और 48 प्रतिशत मतदान हुआ, तो क्या उसे पहले से कम वोटिंग प्रतिशत कहा जा सकता है? कुल मतदाताओं के हिसाब से मतदान का प्रतिशत कम या ज्यादा हो सकता है, लेकिन इसे 2019 की तुलना में कम नहीं कहा जा सकता. 

बरकरार रहेगा सूरज का सितम  
वहीं, मौसम की बात करें तो उसका मिजाज अभी तल्ख ही रहने वाला है. मौसम विभाग के अनुसार, अप्रैल से जून तक देश के अधिकांश हिस्सों में तापमान सामान्य से अधिक रह सकता है. लोकसभा चुनाव के सात में से अभी 2 चरण पूरे हुए हैं. अब 7 मई, 13 मई, 20 मई, 25 मई और 1 जून को बाकी के चरणों के लिए वोट डाले जाएंगे. इस दौरान देश के अधिकतर हिस्सों में प्रचंड गर्मी का असर देखने को मिलेगा और लू भी चलती रहेगी. एक रिपोर्ट बताती है कि लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार अवधि के दौरान, करीब 72% निर्वाचन क्षेत्रों में अधिकतम तापमान 35°C या इससे ज्यादा रह सकता है.


Happy Birthday :BJP की सबसे अमीर महिला मंत्री हैं मीनाक्षी लेखी? जानिए कितनी है संपत्ति?

मंगलवार यानी 28 अप्रैल को सांसद व विदेश और संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी का जन्मदिन है. मीनाक्षी लेखी के पास करोड़ों की संपत्ति है. 

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Tuesday, 30 April, 2024
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भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने लोकसभा चुनाव 2024 में अपने कई मौजूदा सांसदों का टिकट काटा है, जिसमें एक नाम लोकसभा सांसद और कैबिनेट की मंत्री मीनाक्षी लेखी (Meenakshi Lekhi) का भी है.  मीनाक्षी लेखी की जगह इस बार बांसुरी स्वराज (सुषमा स्वराज की बेटी) को नई दिल्ली सीट से उम्मीदवार बनाया है. बावजूद इसके  मीनाक्षी लेखी दिल्ली में पार्टी के लिए जोरों-शोरों से प्रचार-प्रासर कर रही हैं. आपको बता दें, आज यानी 30 अप्रैल को मीनाक्षी लेखी का जन्मदिन है. तो चलिए आज इस खास मौके पर हम जानते हैं कि मीनाक्षी लेखी कितनी संपत्ति की मालकिन हैं?

भाजपा की सबसे अमीर महिला मंत्री
30 अप्रैल 1967 को दिल्ली में जन्मी मीनाक्षी लेखी वर्तमान में सांसद व विदेश और संस्कृति राज्य मंत्री हैं. वह भाजपा की ओर से लोकसभा में दो बार नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र से सांसद भी रह चुकी हैं. मीनाक्षी लेखी अपनी संपत्ति को लेकर भी चर्चाओं में रहती हैं, क्योंकि ये केंद्र सरकार के कैबिनेट की सबसे अमीर महिला मंत्री हैं. कैबिनेट में निर्माला सीतारमण, अनुप्रिया पटेल, स्मृति ईरानी समेत जितनी भी महिला मंत्री हैं, उनमें सबसे ज्यादा संपत्ति मीनाक्षी लेखी के पास है. मीनाक्षी लेखी ना सिर्फ महिलाओं में बल्कि केंद्र सरकार के टॉप-10 दौलतमंद मंत्रियों में भी शामिल हैं. वहीं, मीनाक्षी लेखी सुप्रीम कोर्ट की वकील भी हैं. उनके पति अमन लेखी (Aman Lekhi) भी देश के दिग्गज वकील हैं और सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करते हैं. अमन लेखी भारत के पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल भी रह चुके हैं. उनकी गिनती देश के सबसे महंगे वकीलों में भी होती है. 

करोड़ों की संपत्ति, लाखों में निवेश  
चुनावी हलफनामे के अनुसार मीनाक्षी लेखी की कुल संपत्ति 36 करोड़ रुपये है. इसमें चल और अचल संपत्ति दोनों शामिल है. मीनाक्षी लेखी और उनके पति अमन लेखी के अलग-अलग बैंक खातों में लगभग 3 करोड़ रुपये जमा हैं. मीनाक्षी लेखी ने कंपनियों में बांड, डिबेंचर और शेयर में 6 लाख रुपये निवेश किए हुए हैं. इसके अलावा एलआईसी या अन्य बीमा पॉलिसियों में 76 लाख रुपये से ज्यादा निवेश किए हैं. मीनाक्षी लेखी के नाम पर कोई कार नहीं है, लेकिन उन्होंने अपने पति अमन लेखी के 6 वाहनों का जिक्र किया है, जिसकी कुल कीमत 2 करोड़ रुपये है.

आलीशान घर, लाखों के गहने
मीनाक्षी का दिल्ली के साउथ एक्सटेंशन में एक आलीशान घर है, जिसकी कीमत 22 करोड़ रुपये है. वहीं, 1 करोड़ रुपये की कीमत का एक अपार्टमेंट भी है. वहीं, दिल्ली में इनके दो और फ्लैट हैं, जिनकी कीमत 4 करोड़ रुपये है. मीनाक्षी लेखी के पास 49 लाख और अमन लेखी के पास 25 लाख के गहने हैं. कुल मिलाकर उनके परिवार के पास सोने व चांदी के 81 लाख रुपये के गहने हैं. मीनाक्षी के पति के पास लगभग डेढ़ करोड़ रुपये का कमर्शियल स्पेस है. 


Rajnath Singh से ज्यादा अमीर हैं Smriti Irani, पिछले 5 साल में इतनी बढ़ी दोनों की संपत्ति

लोकसभा चुनाव के 5वें चरण के लिए होने वाले मतदान के लिए प्रत्याशियों ने अपना नामांकन दाखिल करना शुरू कर दिया है. बीजेपी के दिग्गज राजनाथ सिंह, स्मृति ईरानी ने भी नामांकन दाखिल किया.

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Tuesday, 30 April, 2024
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भाजपा के दो बड़े दिग्गज नेताओं ने अपनी-अपनी सीट से नामांकन किया. इनमें एक तो रक्षामंत्री राजनाथ सिंह हैं, जिन्होंने लखनऊ से पर्चा भरा. वहीं, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अमेठी सीट से नामांकन दाखिल किया. दोनों नेताओं ने हलफनामे में अपनी-अपनी संपत्ति का खुलासा किया है. हलफनामे से पता चलता है कि स्मृति ईरानी रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से ज्यादा अमीर हैं. स्मृति के पास 8.75 करोड़ की प्रॉपर्टी है तो रक्षामंत्री 6.46 करोड़ की संपत्ति के मालिक हैं. दोनों की संपत्ति बीते 5 साल में डेढ़ गुना बढ़ी है.

2.04 करोड़ बढ़ी राजनाथ सिंह की प्रॉपर्टी 

लखनऊ सीट भाजपा का गढ़ है. कभी यहां पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी चुने जाते थे. इसके बाद राजनाथ सिंह ने उनकी विरासत को संभाला, राजनाथ सिंह लगातार तीसरी बार लखनऊ सीट से बीजेपी के उम्मीदवार हैं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के हलफनामे के अनुसार उनकी संपत्ति 6.46 करोड़ है. 2019 में रक्षा मंत्री की संपत्ति 4.42 करोड़ थी. इस तरह उनकी संपत्ति में 2.04 करोड़ का इजाफा हुआ है. खास बात ये है कि राजनाथ सिंह के पास में कोई भी वाहन नहीं है.

राजनाथ सिंह के अकाउंट्स में 3 करोड़ 11 लाख

रक्षा मंत्री ने साल बीतने के साथ टैक्स भी ज्यादा चुकता किया है. 2018-19 में 17 लाख, 2020-21 में करीब 20 लाख, 2021-22 में 18 लाख, 2022-23 में 22 लाख का टैक्स भरा है. खास बात है कि राजनाथ पर किसी तरह का कोई कर्ज नहीं है. रक्षा मंत्री के पास 1 करोड़ से 47 लाख रुपए की कृषि योग्य जमीन है. उनके पास 32 बोर की एक रिवाल्वर और दोनाली बंदूक है. उन्होंने लखनऊ और दिल्ली के अलग-अलग बैंक अकाउंट्स में कुल 3,11,32,962 रुपए जमा कर रखे हैं. उनकी पत्नी के बैंक अकाउंट्स में 90,71,074 रुपए हैं. रक्षा मंत्री के पास 8 लाख रुपए गोल्ड है. जबकि पत्नी के पास करीब 60 लाख के गहने हैं. 

इतनी बढ़ी स्मृति ईरानी की संपत्ति

अमेठी लोकसभा सीट से लगातार तीसरी बार स्मृति ईरानी ताल ठोक रहीं हैं. नामांकन पत्र के साथ दाखिल एफिडेविट के अनुसार स्मृति ईरानी की संपत्ति पिछले लोकसभा चुनाव से बढ़ गई है. लोकसभा चुनाव 2019 में स्मृति ईरानी के पूरे परिवार की कुल संपत्ति लगभग 11 करोड़ थी तो वहीं अब यह संपत्ति लगभग 17 करोड़ से अधिक हो गई है. इसमें 8 करोड़ 75 लाख 24 हजार स्मृति ईरानी के पास और उनके पति जुबिन ईरानी के पास कुल 8 करोड़ 81 लाख 77 हजार की संपत्ति है.

स्मृति ईरानी ने 5 साल में भरा इतना टैक्स

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के पास 1,08,740 रुपए नकदी है, जबकि पति जुबिन ईरानी के पास 3,21,700 नगदी है. स्मृति के बैंक खातों में 25,48,497 रुपये जमा है और उनके पति के बैंक खातों में 39,49,898 राशि जमा है. स्मृति ईरानी ने अपने हलफनामे में पिछले पांच वित्तीय वर्षों के आयकर रिटर्न का खुलासा किया है. ईरानी ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में 97,87,487 रुपए आयकर रिटर्न भरा है. वहीं, 2021-22 में 96,65,665, 2020-21 में 65,57,208, 2019-20 में 83,04,839 और 2018-19 में 61,33,665 टैक्स चुकाया है.

ईरानी पर 16.55 लाख का कर्ज

स्मृति ईरानी पर 16.55 लाख का कर्ज है. हालांकि उनके पति ने कोई कर्ज नहीं लिया है. 2019 में स्मृति के ऊपर किसी तरह का लोन नहीं था. स्मृति ईरानी के पास 27 लाख 86 हजार रुपए की कार है. पति के पास मौजूद कार की कीमत 4 लाख 70 हजार 172 रुपए है. स्मृति ईरानी के पास 37 लाख 48 हजार 440 रुपए के गहने हैं, और उनके पति के पास 1 लाख 5 हजार का गोल्ड है.
 


करोड़ों कमाने वाले इस कांग्रेस प्रत्‍याशी ने थामा बीजेपी का दामन, इतनी है इनकी नेटवर्थ?

कांग्रेस के इस युवा उम्‍मीदवार ने बाजार में कई कंपनियों के शेयरों में निवेश किया है, यही नहीं कई फंड्स में भी पैसा लगाया है. जबकि उनके पास कैश केवल 27 हजार रुपये है. 

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Monday, 29 April, 2024
Akshay Kanti

सूरत लोकसभा का चुनाव जीतने के बाद अब मध्‍य प्रदेश में एक और कांग्रेस पार्टी के लोकसभा प्रत्‍याशी ने बीजेपी का दामन थाम लिया है. इस बार खबर आई है इंदौर से, जहां कांग्रेस के लोकसभा प्रत्‍याशी अक्षय कांति ने बीजेपी का दामन थाम लिया है. उनके बीजेपी ज्‍वॉइन करने की जानकारी मध्‍य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और बीजेपी के पूर्व महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने एक्‍स के माध्‍यम से दी. करोड़ों की कमाई करने वाले अक्षय कांति ने 2022-23 के लिए अपनी आय 2 करोड़ रुपये से ज्‍यादा शो की है. उनकी पत्‍नी की लखपति हैं. 

आखिर कितनी है अक्षय कांति के पास संपत्ति 
अक्षय कांति के पास संपत्ति की जानकारी उन्‍होंने अपने शपथपत्र में दी है जो उन्‍होंने चुनाव आयोग में दाखिल किया था. उस शपथ पत्र में उन्‍होंने जो जानकारी दी है उसके अनुसार 2022-23 में उन्‍होंने 26488955 करोड़ रुपये की कमाई की है. वहीं 2021-22 में अगर उनकी आय की स्थिति देखें तो वो 25215978 करोड़ रुपये रही थी. उनकी पत्‍नी की आय भी लाखों रुपये में है. उनकी पत्‍नी रिचा बम ने 2022-23 में 1876978 रुपये की आय पर आईटीआर भरा है. वहीं 2021-22 में उनकी आय देखें तो वो 2595357 करोड़ रुपये दिखाई गई है. वहीं अक्षय के पास 27 हजार रुपये कैश और उनकी फर्म समृि‍द्ध  हॉस्‍टल के पास 3823200 रुपये हैं. वहीं उनकी पत्‍नी के पास 9 लाख 70 हजार रुपये कैश हैं. 

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इन शेयरों में किया है अक्षय ने निवेश 
वहीं अक्षय क्‍योंकि युवा उम्‍मीदवार हैं तो ऐसे में उन्‍होंने बाजार में बड़ी संख्‍या में निवेश भी किया है. अक्षय ने जिन शेयरों में निवेश किया है उनमें GTB Ltd. के 250 शेयर जिनकी कीमत 8237 रुपये है, LIC India के 15 शेयर जिनकी कीमत 14619 रुपये है, Network 18 media का एक शेयर जिसकी कीमत 87 रुपये, इसी तरह 3990 शेयर Economics Remidies के जिनकी कीमत 39900 रुपये,  124000 शेयर Ratan icon Estate Pvt Ltd के हैं जिनकी कीमत 124000 रुपये हैं. इसके अलावा उनके पोर्टफोलियो में कई म्‍यूचुवल फंड भी शामिल हैं. इनमें Axis Flexi Fund, HDFC Multicap Fund, Kotak Small Cap Fund, सहित कई लाफ इंश्‍योरेंस पॉलिसी भी शामिल हैं. उनके निवेश, लोन, ज्‍वेलरी, से लेकर घर के सामान की कुल कीमत 8 करोड़ रुपये से ज्‍यादा है. इसी तरह उनकी पत्‍नी के पास मौजूद निवेश और दूसरी संपत्ति की कुल कीमत 4 करोड़ रुपये से ज्‍यादा है.  


कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट कर दी जानकारी 
अक्षय कांति बम के बीजेपी का दामन थामने की खबर की जानकारी मध्‍य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने एक्‍स पर दी. उन्‍होंने एक्‍स पर लिखा 
इंदौर से कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी श्री अक्षय कांति बम जी का माननीय प्रधानमंत्री @narendramodi जी, राष्ट्रीय अध्यक्ष @JPNadda, मुख्यमंत्री @DrMohanYadav51 जी व प्रदेश अध्यक्ष @vdsharmabjp जी के नेतृत्व में भाजपा में स्वागत है. 
मध्‍य प्रदेश में 25 अप्रैल तक नामांकन भरे गए थे. नाम वापसी के लिए 29 अप्रैल का दिन आखिरी दिन था, मध्‍य प्रदेश में 13 मई को चुनाव होना है. जबकि 4 जून को लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आएंगे.  

 


 


चुनाव से पहले ट्रोल हो गए रवींद्र भाटी, देशविरोधी ताकतों से फंड लेने का आरोप

बाड़मेर (Barmer) लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार व विधायक रविंद्र भाटी पर देश विरोधी विदेशी ताकतों से फंडिंग लेने का एक बड़ा आरोप लगा है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 17 April, 2024
Last Modified:
Wednesday, 17 April, 2024
Ravi Bhati

बाड़मेर (Barmer) लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे विधायक रविंद्र भाटी पर देश विरोधी विदेशी ताकतों से फंडिंग लेने का एक बड़ा आरोप लगा है. इस आरोप के साथ रविंद्र भाटी के लंदन दौरे की एक तस्वीर वायरल हो रही है. तो चलिए जानते हैं क्या है ये पूरा मामला?

ये है आरोप
राजस्थान की बाड़मेर जैसलमेर (Barmer) लोकसभा सीट निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी (Ravindra Singh Bhati) के कारण एक हॉट सीट बन गई है. भाटी को एक ओर खूब जन समर्थन मिल रहा है. वहीं, इस लोकप्रियता के बीच अब रविंद्र सिंह भाटी पर देश विरोधी ताकतों के मिलने और उनसे फंडिंग लेने का संगीन आरोप भी लग गया है. भाटी पर देश विरोधी विदेशी ताकतों से फंडिग लेकर लोकसभा चुनाव लड़ने का आरोप लगा है, इसे लेकर वह सोशल मीडिया पर भी खूब ट्रोल हो रहे हैं. 

भाटी के लंदन दौरे पर उठ रहे सवाल
रविंद्र भाटी पर देश विरोधी विदेशी ताकतों से फंडिग लेने का यह आरोप बीते 2-3 दिन से लगाया जा रहा है. चुनावी सभाओं के साथ-साथ नुक्कड़ रैलियां और सोशल मीडिया के जरिए भी यह सवाल उठाया जा रहा है. दरअसल भाटी फरवरी में लंदन की यात्रा पर गए थे. फरवरी की लंदन यात्रा के दौरान रविंद्र भाटी ने स्थित वेस्टमिंस्टर विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेमोक्रेसी से अंतरराष्ट्रीय संबंधों के रीडर और प्रोफेसर दिब्येश आनंद, एनपी बॉब ब्लैकमैन समेत कई चर्चित लोगों से मुलाकात की थी. प्रोफेसर दिब्येश कश्मीर को लेकर भारत विरोधी प्रदर्शनों में हिस्सा लिया था. भाजपा के कई नेता उस मुलाकात के फोटो पर एक्स पर शेयर करते हुए सवाल उठाते हुए उनके देश विरोधी ताकतों का समर्थन करने और उनके चुनाव में ऐसे लोगों फंडिग लेने के आरोप लगा रहे है.


सोशल मीडिया पर छाया बवाल
भाटी की लंदन यात्रा और इस यात्रा के दौरान उनकी मुलाकातों को लेकर 2- 3 दिन से एक वीडियो तेजी से वायरल होने के बाद उनकी एक पुरानी तस्वीर X पर  #AntiIndiaRavindraBhati के साथ ट्रेंड हो रही है. वहीं, भाटी के समर्थकों ने लाखों ट्वीट कर #आएगा_तो_भाटी_ही #भाटी_दिल्ली_जायेगा और #shamopbjp हैशटैग को ट्रेंडिंग में पहले पायदान पर पहुंचा दिया है और इसके साथ ही पूरे घटनाक्रम का आरोप भाजपा आईटी सेल पर लगाते हुए पार्टी के समर्थन में प्रदेश भर में लोगों ने भाजपा की सदस्यता और पदों से इस्तीफा देने का सिलसिला शुरू कर दिया. 
 

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आरोप सच हुआ तो छोड़ दूंगा राजनीति

रविंद्र सिंह भाटी ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है. भाटी ने कहा है कि अगर से आरोप साबित हो जाएंगे, तो वह राजनीति छोड़ देंगे. बता दें, रविंद्र भाटी बाड़में-जैसलमेर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. उनके सामने भाजपा से कैलाश चौधरी, जो केंद्र में कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री हैं और कांग्रेस के उम्मेदाराम बेनीवाल हैं. 

रविंद्र कुमारी भाटी के पास है इतनी दौलत
भाटी के नामांकन पत्र के अनुसार उनतके पास 5 लाख 33 हजार 45 रुपये की संपत्ति है. उनके नाम न ही कोई जमीन है औरन ही कोई मकान है. वहीं, उनकी पत्नी धाऊ कंवर के पास 20 लाख 32 हजार 340 की संपत्ति है, जिसमें 19 हजार 32 हजार के गहने व बैंक जमा 340 और हाथ में नकदी एक लाख रुपए शामिल हैं. 

ऐसे बढ़ी भाटी की लोकप्रियता

भाटी पहली बार 2019 में उस समय पॉपुलर हुए, जब वे जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर में विपक्षी उम्मीदवार के रूप में खड़े हुए और भारी वोटों से जीते. भाटी उस समय राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के विद्यार्थी संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े हुए थे. उनकी टिकट के लिए दावेदारी थी, लेकिन एबीवीपी ने उन्हें टिकट नहीं दिया. भाटी ने फिर निर्दलीय चुनाव लड़ा और वह 1300 वोटों से जीत भी गए. 
 


X ने हटाए कई पार्टियों और नेताओं के पोस्ट, जानते हैं क्यों?

चुनाव आयोग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स को वाईएसआर कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, एन. चंद्रबाबू नायडू और बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के चुनिंदा आपत्तिजनक पोस्ट हटाने के आदेश दिए हैं. 

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 17 April, 2024
Last Modified:
Wednesday, 17 April, 2024
Election Commission

लोकसभा चुनाव 2024 के मतदान के लिए अब केवल 2 दिन बच गए हैं. वहीं, चुनाव से दो दिन पहले ही राजनीतिक दल व नेताओं ने सोशल मीडिया पर कुछ ऐसी पोस्ट पर शेयर दी, जिसके खिलाफ चुनाव आयोग ने एक बड़ी कार्रवाई कर दी है. तो चलिए आपतो बताते हैं, इन राजनीतिक दल व नेताओं के खिलाफ क्यों और क्या कार्रवाई हुई है?

इन नेतओं की पोस्ट हटाई
एक्स ने वाईएसआर कांग्रेस पार्टी(Yuvajana Sramika Rythu Congress Party) , आम आदमी पार्टी(Aam Admi Party), आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू और बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के कुछ चुनिंदा आपत्तिजनक पोस्ट हटाने के आदेश दिए. एक्स ने बताया कि इन पोस्टों को हटा दिया है. आचार संहिता उल्लंघन करने वाले इन पोस्टों को हटाने के आदेश दो अप्रैल और तीन अप्रैल को जारी किए गए थे.

आचार संहिता का उल्लंघन के तहत पोस्ट हटाने के दिए आदेश
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार चुनाव आयोग ने आचार संहिता उल्लंघन करने वाले इन पोस्टों को हटाने के आदेश 2 अप्रैल और 3 अप्रैल को जारी किए थे. इन पोस्टों को न हटाने पर चुनाव आयोग ने 'एक्स' को 10 अप्रैल को फिर ईमेल भेजे थे. एक्स ने कहा कि भारत के चुनाव आयोग ने निर्वाचित राजनेताओं, राजनीतिक दलों और कार्यालय के उम्मीदवारों द्वारा साझा किए गए, राजनीतिक भाषण वाले पोस्ट पर कार्रवाई करने के लिए आदेश जारी किए हैं. आयोग ने कहा था कि ये आपत्तिजनक पोस्ट आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन था. 

कार्रवाई से सहमत नहीं एक्स
Elon Musk के स्वामित्व वाली कंपनी एक्स ने कहा है कि चुनाव आयोग के आदेशों के अनुपालन में उन्होंने शेष चुनाव अवधि के लिए इन पोस्टों को रोक दिया है. एक्स ने कहा है कि वह इस कार्रवाई से असहमत है और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बनाए रखना चाहते हैं. उन्होंने इस आदेश से प्रभावित यूजर्स को पोस्ट हटाने से पूर्व सूचित भी कर दिया है और पारदर्शिता को देखते हुए वह टेकडाउन के आदेश को यहां प्रकाशित भी कर रहे हैं. साथ ही चुनाव आयोग से भी ये अपील कर रहे हैं कि वे भी पने सभी टेकडाउन आदेशों को पारित करें. बता दें, देश में 19 अप्रैल से लोकसभा चुनाव के लिए मतदान शुरू होने जा रहे हैं. यह चुनाव 7 चरणों में होगा और करीब 44 दिन तक चलेगा. वहीं, 4 जून को मतदान का परिणाम घोषित होगा.
 

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लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में 309 करोड़पति उम्मीदवार, जानिए कौन है सबसे अमीर

लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिए चुनाव प्रचार बुधवार शाम को थम जाएगा और 19 अप्रैल को वोटिंग होगी. इसके बाद राजनीतिक दल दूसरे चरण के लिए प्रचार अभियान तेज करेंगे.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 17 April, 2024
Last Modified:
Wednesday, 17 April, 2024
ADR Report

लोकसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण का मतदान 26 अप्रैल को होगा. इस चरण में 309 उम्मीदवार करोड़पति हैं जिनकी औसतन संपत्ति 5 करोड़ से ज्यादा है. दरअसल एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने लोकसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण में चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों के हलफनामे का विश्लेषण किया है. दूसरे चरण में कुल 1198 उम्मीदवार मैदान में हैं. इनमें से 1192 उम्मीदवारों के शपथपत्रों का विश्लेषण किया गया है.

उम्मीदवारों की औसतन संपत्ति ₹5.17 करोड़

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने मंगलवार को जारी किए एक विश्लेषण में बताया है कि दूसरे चरण में 1192 उम्मीदवारों से 250 (21%) पर आपराधिक मामले चल दर्ज हैं. वहीं 390 (33%) उम्मीदवार करोड़पति हैं जबकि उम्मीदवारों की औसतन संपत्ति ₹5.17 करोड़ है. आइये जानते हैं कि एडीआर की रिपोर्ट में क्या-क्या है?

भाजपा के 93% और कांग्रेस के 91% उम्मीदवार करोड़पति

रिपोर्ट के मुताबिक, दूसरे चरण में 33% यानी 390 उम्मीदवार करोड़पति हैं. जिन्होंने अपनी संपत्ति एक करोड़ रुपए से ज्यादा घोषित की है. भाजपा के 69 में से 64 (93%), कांग्रेस के 68 में से 62 (91%) उम्मीदवार करोड़पति हैं. जेडीयू (JDU) के 5, टीएमसी (TMC) के 4, शिवसेना (उद्धव गुट) के 4, शिवसेना (शिंदे गुट) के 3, सीपीआईएम (CPIM) के 12 व सीपीआई (CPI) के 2, सपा के 4 उम्मीदवार करोड़पति हैं.

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वेंकटरमण गौड़ा सबसे अमीर उम्मीदवार

दूसरे चरण में सबसे ज्यादा संपत्ति घोषित करने वाले शीर्ष तीन उम्मीदवारों में पहले स्थान वेंकटरमन गौड़ा हैं. कर्नाटक की मांड्या सीट से कांग्रेस प्रत्याशी गौड़ा के पास 622 करोड़ से अधिक की चल और अचल संपत्ति है. दूसरे स्थान पर कर्नाटक की बेंगलूरू ग्रामीण सीट से कांग्रेस प्रत्याशी डी.के. सुरेश हैं, जिनके पास 593 करोड़ से अधिक की संपत्ति है. तीसरी सबसे धनी प्रत्याशी हेमा मालिनी हैं. मथुरा लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी हेमा मालिनी के पास 278 करोड़ से अधिक की चल और अचल संपत्ति है.

तीन उम्मीदवारों की संपत्ति 500 से 1,400 रुपये 

6 उम्मीदवारों ने अपनी संपत्ति शून्य घोषित की है. वहीं तीन उम्मीदवारों ने अपनी संपत्ति 500 से 1,400 रुपये के बीच की बताई है. 500 रुपये के साथ लक्ष्मण नागोराव पाटिल सबसे कम संपत्ति घोषित करने वाले उम्मीदवार हैं. वह महाराष्ट्र की नांदेड़ सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं, केरल के कासरगोड लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार राजेश्वरी के.आर. ने अपनी संपत्ति महज 1,000 रुपये की घोषित की है. इसके अलावा, महाराष्ट्र की अमरावती सीट से निर्दलीय प्रत्याशी पृथ्वीसम्राट मुकिंदराव ने अपनी संपत्ति 1,400 रुपये घोषित की है.

राज्यवार करोड़पति उम्मीदवार

करोड़पति उम्मीदवारों की संख्या के मामले में कर्नाटक सबसे आगे है, जिसके 32 प्रतिशत उम्मीदवार इस श्रेणी में आते हैं, उसके बाद महाराष्ट्र (29 प्रतिशत) और केरल (33 प्रतिशत) का स्थान है. उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी लोकसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण में चुनाव लड़ने वाले करोड़पति उम्मीदवारों का प्रतिशत काफी अधिक है.
 


चुनाव से पहले आई बड़ी खबर 64 प्रतिशत भारतीयों ने ठाना, मोदी को तीसरी बार पीएम बनाना!

डेलीहंट (Dailyhunt) 'ट्रस्ट ऑफ नेशन' ने देश का सबसे बड़ा ऑनलाइन पोल किया है. इस पोल में 77 लाख लोगों ने हिस्सा लिया, जिनमें से 63.6 प्रतिशत लोगों ने पीएम मोदी की लीडरशिप पर भरोसा दिखाया है.

Last Modified:
Tuesday, 16 April, 2024
Pm Narendra Modi

न्यूज प्लेटफॉर्म Dailyhunt ने मंगलवार को अपने ‘ट्रस्ट ऑफ द नेशन 2024’सर्वे के नतीजे जारी किए. इस ऑनलाइन सर्वे में 77 लाख से अधिक लोगों से बात की गई और 2024 के आम चुनावों से पहले जनता के मन को टटोलने का प्रयास किय़ा. डेलीहंट के मुताबिक ये सर्वे मौजूदा सरकार के काम-काज के बारे में जनता की धारणा को समझने के उद्देश्य से किया गया, जिसमें 61 प्रतिशत लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के कार्यकाल को लेकर संतुष्टि जाहिर की. रिपोर्ट के मुताबिक 63 प्रतिशत लोगों का मानना है कि इन चुनाव में बीजेपी-एनडीए गठबंधन की जीत होगी.

पीएम के रूप में कौन हैं मतदाताओं की पसंद?
1.5 में से 3 लोग (64%) नरेंद्र मोदी को फिर से पीएम बनाने के पक्ष में हैं, 21.8 प्रतिशत लोग राहुल गांधी के पक्ष में हैं.

2. 3 में से लगभग 2 (63%) का मानना है कि आगामी चुनाव भाजपा/एनडीए गठबंधन जीतेगा.

3. दिल्ली में पीएम मोदी को 57.7 प्रतिशत वोट हासिल हुए. वहीं, राहुल गांधी को 24.2 प्रतिशत वोट मिले, जबकि योगी आदित्यनाथ को 13.7 प्रतिशत वोट मिले. 

4. उत्तर प्रदेश में पीएम पद के लिए नरेंद्र मोदी पहली पसंद बने, उन्हें 78.2 प्रतिशत वोट मिले. जबकि, राहुल गांधी को सिर्फ 10 प्रतिशत वोट मिले.

5.पश्चिम बंगाल में भी पीएम मोदी 62.6 प्रतिशत वोट पीएम पद की पहली पसंद है. जबकि ममता बनर्जी राहुल गांधी से भी पीछे हैं

दक्षिणी राज्यों में कड़ा मुकाबला 
1. तमिलनाडु में राहुल गांधी 44.1 प्रतिशत वोट के साथ आगे रहे, जबकि पीएम नरेंद्र मोदी 43.2 प्रतिशत वोट के साथ उनसे पीछे रहे. 
2. हालांकि, केरल में कड़ी टक्कर दिखी, जिसमें पीएम मोदी को 40.8 प्रतिशत और राहुल गांधी को 40.5 प्रतिशत वोट मिले हैं.
3.तेलंगाना में पीएम नरेंद्र मोदी को 60.1 प्रतिशत वोट मिले. वहीं, राहुल गांधी को 26.5 प्रतिशत वोट मिले, जबकि एन. चंद्रबाबू नायडू 6.6 प्रतिशत वोट से पीछे रहे.

4. आंध्र प्रदेश में पीएम मोदी को 71.8 प्रतिशत वोट मिले. राहुल गांधी को 17.9 प्रतिशत वोट मिले जबकि एन. चंद्रबाबू नायडू 7.4 प्रतिशत पर पीछे रहे.


इस मामले में मनोज तिवारी से पहले ही हार चुके हैं कन्‍हैया कुमार, जानते हैं क्‍या है मामला? 

दिल्‍ली की नॉर्थ ईस्‍ट लोकसभा सीट सबसे हॉट सीट बन चुकी है. इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस दोनों के उम्‍मीदवार मशहूर हैं और अक्‍सर चर्चा में रहते हैं.  

Last Modified:
Monday, 15 April, 2024
Kanhaiya Kumar and Manoj tiwari

कांग्रेस पार्टी ने जब से दिल्‍ली की नॉर्थ ईस्‍ट सीट से बीजेपी सांसद मनोज तिवारी के खिलाफ जेएनयू के पूर्व अध्‍यक्ष कन्‍हैया कुमार के नाम का ऐलान किया है तब से ये सीट हॉट सीट में बदल गई है. हर कोई इसी का जिक्र कर रहा है. हालांकि इस सीट पर जनता किसे चुनेगी ये तो 4 जून को ही पता चलेगा लेकिन एक मामले में कन्‍हैया कुमार चुनाव की ये जंग पहले ही हार चुके हैं. कन्‍हैया और मनोज तिवारी की दौलत का जो अंतर है उसमें कन्‍हैया अपनी जमानत बचाते भी नहीं दिख रहे हैं. 

आखिर मनोज तिवारी के पास है कितनी दौलत 
मनोज तिवारी इस सीट से मौजूदा समय में सांसद हैं. वो इससे पहले 2019 में जब इस सीट से चुनाव लड़े थे उस वक्‍त उन्‍होंने अपनी संपत्ति का जो ब्‍यौरा दिया था उसके अनुसार, उनके पास 24 करोड़ रुपये से ज्‍यादा की संपत्ति है वहीं दूसरी ओर 1 करोड़ रुपये से ज्‍यादा की देनदारी भी है. उनके पास 3 लाख 50 हजार रुपये का कैश है जबकि 20 से ज्‍यादा बैंकों में उनके पास 7,35,74,960 करोड़ रुपये हैं. इसी तरह से उनकी निवेश की हुई राशि पर नजर डालें तो एलआईसी की 12 लाख 50 हजार की पॉलिसी, रिती प्रोडक्‍शन के नाम पर 9,32,635 लाख का पर्सनल लोन, 4 लाख की ज्‍वैलरी, 45 लाख की दूसरी संपत्ति सहित ऑडी, इनोवा, मर्सिडीज और होंडा सिटी सहित फॉर्चुनर कार की कीमत 54 लाख 3 हजार 436 रुपये है. कुल मिलाकर उनके पास 8 करोड़ 64 लाख 11 हजार 31 रुपये की संपत्ति है. इसी तरह से 15 करोड़ 76 लाख 56 हजार रुपये की अचल संपत्ति है. इसी तरह से उनके उपर 1 करोड़ 36 लाख 18 हजार 755 रुपये की देनदारी है. 

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कन्‍हैया कुमार की कितनी है संपत्ति? 
वहीं कांग्रेस पार्टी के उम्‍मीदवार कन्‍हैया कुमार की संपत्ति पर नजर डालें तो उनके पास 5 लाख रुपये की संपत्ति है. जबकि किसी भी तरह की देनदारी नहीं है. कन्‍हैया कुमार की ओर से जो आईटीआर फाइल की गई है उसके अनुसार, 2017-18 में 6,30,360 रुपये की आईटीआर फाइल की गई है जबकि 2018-19 में 2,28,290 रुपये की आईटीआर फाइल की गई है. उनके पास 24000 रुपये कैश हैं जबकि बैंक में 1,63,698 रुपये हैं. 1,70,150 रुपये उन्‍होंने एलआईसी में निवेश किया है जबकि कुल मिलाकर उनके पास 357848 रुपये की चल संपत्ति है. जबकि 2 लाख रुपये गैर कृषि योग्‍य भूमि है. 

नॉर्थ दिल्‍ली बनी हाई प्रोफाइल सीट
दिल्‍ली की 7 लोकसभा सीटों में बीजेपी के खिलाफ कांग्रेस और आम आदमी पार्टी मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं. इनमें चार सीटों पर आम आदमी चुनाव लड़ रही है जबकि तीन सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ रही है. मनोज तिवारी नॉर्थ दिल्‍ली से दो बार चुनाव लड़ चुके हैं जबकि कन्हैया कुमार इससे पहले बेगुसराय से चुनाव लड़ चुके हैं. कन्‍हैया कुमार राहुल गांधी की न्‍याय यात्रा में भी काफी सक्रिय रहे थे. मनोज तिवारी एक ओर जहां अभिनेता से लेकर गायक के तौर पर मशहूर हैं वहीं दूसरी ओर कन्‍हैया कुमार जेएनयू मामले को लेकर चर्चा में आए थे.
 


घोषणा पत्र के 10 संकल्प जिसके भरोसे बीजेपी को 400 पार का विश्वास

भाजपा का घोषणा पत्र विकसित भारत के लिए मोदी की गारंटी पर केंद्रित है. जिसमें महिला, युवा, गरीब और किसानों के उत्थान पर जोर दिया गया है.

Last Modified:
Monday, 15 April, 2024
BJP Menifesto

भाजपा ने संकल्प पत्र के नाम से जो घोषणा पत्र जारी किया, उस पर अन्य दलों के घोषणा पत्रों के मुकाबले अधिक ध्यान दिया जाना और चर्चा होना इसलिए स्वाभाविक है, क्योंकि एक तो वह सत्ता में है और दूसरे, तीसरी बार सरकार बनाने के लिए आश्वस्त दिख रही है. भाजपा ने अपने संकल्प पत्र के माध्यम से न केवल विकसित भारत का खाका पेश किया है, बल्कि देश को आत्मनिर्भर और विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का भरोसा भी दिलाया है. अपने इन वादों को महत्व देने के लिए उसने उन्हें मोदी की गारंटी के रूप में इसे पेश किया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में जारी किया गया यह चुनावी घोषणा पत्र गरीबों, युवाओं, किसानों और महिलाओं पर केंद्रित है. लोकसभा चुनाव-2024 के संकल्प पत्र को जारी करने के दौरान पीएम मोदी ने इन चार वर्गों से एक-एक व्यक्ति को ये संकल्प पत्र सौंपा. बता दें कि भारतीय जनता पार्टी ने इस लोकसभा चुनाव में '400 पार' का नारा दिया है, यानि कि पार्टी 400 से ज्यादा लोकसभा सीटों पर कब्जा जमाना चाहती है. क्या इन वादों से बीजेपी फिर से तीसरी बार सस्ता में वापसी कर पाएगी. आइए जानते हैं, बीजेपी के 'संकल्प पत्र' की प्रमुख बातें

- 5 साल के लिए फ्री राशन

केंद्र सरकार साल 2020 से 80 करोड़ से ज्यादा परिवारों को फ्री राशन दे रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह योजना आने वाले पांच साल तक जारी रहेगी. उन्होंने कहा, 'हम सुनिश्चित करेंगे कि गरीब के खाने की थाली पोषणयुक्त हो. साथ ही मन को संतोष देने वाली और सस्ती हो.

- जीरो बिजली बिल

पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के माध्यम से हर महीने मुफ्त बिजली उपलब्ध कराई जाएगी. जिससे बिजली बिल जीरो हो जाएगा.

- लखपति दीदी

एक करोड़ ग्रामीण औरतों को लखपति दीदी बनाकर सशख्त किया. अब 3 करोड़ महिलाओं क लखपति बनाएंगे. 

- कामकाजी महिलाओं के लिए सुविधाएं

औद्योगिक और व्यवसायिक क्षेत्र में कामकाजी महिलाओं के लिए हॉस्टल का निर्माण किया जाएगा. जिलमें शिशुगृह की सुविधा होगी. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आने वाले पांच साल नारीशक्ति नई भागीदारी के होंगे.

- 70 साल के ऊपर के लोगों को आयुष्मान योजना

बीजेपी ने संकल्प लिया है कि 70 साल से ऊपर के हर वृद्ध को आयुष्मान योजना के दायरे में लाया जाएगा. उन्हें पांच लाख रुपये तक मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी.

- बुलेट ट्रेन

हम बुलेट ट्रेन कॉरिडोर विकसित कर रहे हैं. बुलेट ट्रेन नेटवर्क के विस्तार के लिए उत्तर, दक्षिण और पूर्व में कॉरिडोर के लिए फिजिबिलिटी अध्ययन करेंगे.

- तीन करोड़ घर बनाने का संकल्प

बीजेपी सरकार ने गरीबों को पक्के मकान बनाकर दिए हैं. अब जो जानकारियां राज्य सरकार को मिल रही हैं. उन परिवारों के लिए तीन करोड़ घर बनाने का संकल्प लेकर आगे बढ़ेंगे. अभी हमने घर-घर सिलेंडर पहुंचाए हैं. अब पाइपलाइन से सस्ती रसोई गैस पहुंचाने के लिए काम करेंगे.

- वन नेशन, वन इलेक्शन

एक देश, एक चुनाव संबंधित मुद्दों की परीक्षण के लिए उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया है. उनकी सिफारिशों के सफल कार्यान्वयन की दिशा में काम किया जाएगा.

- मेडिकल एजुकेशन में सीट बढ़ेगी

नए एम्स और विभिन्न नए जिला-स्तरीय में मेडिकल कॉलेजों के माध्यम से यूजी और पीजी मेडिकल में सीट बढ़ाई जाएंगी.

- समान नागरिक संहिता कानून

समान नागरिक संहिता देश के संविधान के अनुच्छेद में राज्य नीति के निर्देशक सिद्धांतों के रूप में दर्ज है. बीजेपी का मानना है कि जब तक समान नागरिक संहिता को अपनाया नहीं जाएगा, तब तक महिलाओं को समान अधिकार नहीं मिल सकता.