गुजरातः सोशल मीडिया पर भी लड़ा जा रहा है चुनाव, रैलियों से इतर डिजिटल पर है ज्यादा फोकस

गुजरात में विधानसभा चुनाव इस बार रैली, जनसंपर्क, डोर-टू-डोर कैंपेन के बजाए सोशल मीडिया पर ज्यादा लड़ा जा रहा है.

Last Modified:
Monday, 28 November, 2022
gujarat elections

नई दिल्लीः गुजरात में विधानसभा चुनाव इस बार रैली, जनसंपर्क, डोर-टू-डोर कैंपेन के बजाए सोशल मीडिया पर ज्यादा लड़ा जा रहा है. फेसबुक, व्हाट्सऐप, इंस्टाग्राम और ट्विटर पर पार्टियां अपना जोर-शोर से प्रचार करते हुए अपने पक्ष में माहौल बनाने का प्रयास कर रही हैं. पूरे राज्य में पार्टियों की नीतियों को जनता तक पहुंचाने के लिए प्रत्याशी और नेता भी सोशल मीडिया का ज्यादा सहारा ले रहे हैं. यहां पर 5 दिसंबर को विधानसभा के लिए मतदान होना है.

बीजेपी बनी इसमें भी सिरमौर

गुजरात में पिछले 27 सालों से सत्ता पर काबिज बीजेपी डिजिटल तरीके से प्रचार करने में अन्य पार्टियों के मुकाबले सिरमौर बनी हुई है. आम आदमी पार्टी और कांग्रेस भी जनता को अपने पक्ष में करने के लिए इसका सहारा ले रहे हैं, लेकिन उनकी रीच इतनी नहीं हो पा रही है, जितनी होनी चाहिए. 

बीजेपी ने व्हाट्सऐप पर बनाए हैं 50 हजार ग्रुप

बीजेपी ने सोशल मीडिया में अपनी उपस्थिति को पुख्ता करने के लिए डिजिटल मार्केटिंग में लगे कुछ स्टूडेंट्स का सहारा लिया है, जिन्होंने 50 हजार से ज्यादा व्हाट्सऐप ग्रुप बना रखे हैं. प्रत्येक ग्रुप में 150-200 सदस्य हैं, जिन तक ये स्टूडेंट्स जो वॉलियेंटर के तौर पर लगे हैं वो पार्टी की नीतियों को जन-जन तक पहुंचा रहे हैं. भाजपा के पास एक केंद्रीकृत सोशल मीडिया वॉर रूम टीम है जो चौबीसों घंटे काम करती है. सोशल मीडिया टीम रैलियों के मुख्य अंशों से लेकर भाजपा नेताओं के अभियानों तक इसे व्हाट्सएप, ट्विटर, इंस्टाग्राम और फेसबुक पर साझा करती है.

पहली बार किया रोबोट का प्रयोग

भारत के चुनावी इतिहास में पहली बार, एक रोबोट को गुजरात के खेड़ा जिले के नडियाद विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं को भाजपा के पर्चे बांटते देखा गया. जबकि 2012 में 3डी प्रोजेक्शन तकनीक का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया था, 2017 के विधानसभा चुनावों में सोशल मीडिया टूल्स पर महारत को दूसरे स्तर पर ले जाया गया था. इस बार पेश किया गया मूविंग रोबोट डिजिटल इंडिया को अपनाने के लिए बीजेपी की मजबूत पिच का प्रतीक है, जैसा कि पार्टी कहने से कभी नहीं थकती,  नया भारत बनाने की कुंजी है. राजनीतिक टिप्पणीकारों का कहना है कि अभियान नवाचारों के माध्यम से, भाजपा हमेशा यह संदेश देने की कोशिश करती है कि वह बात पर चलती है - कि डिजिटल इंडिया केवल एक नारा नहीं है, बल्कि पार्टी के लिए कुशलता से काम करने का एक तरीका है. यह समझने के लिए कि छोटे-छोटे बदलावों से बीजेपी को कितनी मदद मिलती है.

80 विदेशी मूल के गुजराती पर कर रहें हैं प्रचार

भारतीय मूल के 80 व्यक्तियों (पीआईओ) और अनिवासी भारतीयों का एक समूह भारतीय जनता पार्टी के लिए समर्थन हासिल करने के लिए चुनावी गुजरात में लगन और चुपचाप काम कर रहा है. आने-जाने का खर्च वहन करते हुए और अपने व्यस्त कार्यक्रम से समय निकालकर, ये पीआईओ अपने गाँव वापस आ गए हैं और लोगों से बातचीत कर रहे हैं कि भाजपा को सत्ता में क्यों लाया जाए.

'बीजेपी ओवरसीज' के हिस्से के रूप में, ये गुजराती तीन-आयामी रणनीति पर काम कर रहे हैं - सोशल मीडिया के माध्यम से संचार, अपने संबंधित गांवों में अपने रिश्तेदारों के साथ पारिवारिक कॉल की व्यवस्था करना और लक्षित समूहों को संबोधित करना.गुजरात में ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, यूएसए, फिजी और इंग्लैंड से लगभग 80 लोग हैं. 

VIDEO: JOB करने वाले कैसे बचाएं TAX, जान लीजिए ये 6 तरीके

 


Shyam Rangeela ने कर दिया सीरियस मजाक, PM मोदी के खिलाफ वाराणसी से लड़ेंगे चुनाव

श्याम रंगीला वाराणसी लोकसभा सीट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने जा रहे हैं.

Last Modified:
Wednesday, 01 May, 2024
BWHindia

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मिमिक्री करने वाले श्याम रंगीला (Shyam Rangeela) अब मोदी के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरने जा रहे हैं. श्याम ने उत्तर प्रदेश की वाराणसी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. राजस्थान के इस मिमिक्री आर्टिस्ट ने सोमवार को ट्विटर पर चुनाव लड़ने की घोषणा की थी. हालांकि, तब तब लोगों ने इसे मजाक के तौर पर लिया था, लेकिन अब यह साफ हो गया है कि श्याम कोई मजाक नहीं कर रहे हैं और वह PM मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे. 

इस हफ्ते जाएंगे वाराणसी 
एक मीडिया हाउस से बातचीत में श्याम रंगीला चुनाव लड़ने की पुष्टि की है. उनका कहना है कि वह इस सप्ताह के अंत तक वाराणसी पहुंचेंगे और पीएम मोदी के खिलाफ नामांकन दाखिल करेंगे. रंगीला का कहना है कि वह ऐसा इसलिए कर रहे हैं, ताकि लोकतंत्र जिंदा रहे. 29 साल के श्याम रंगीला को पीएम मोदी की मिमिक्री से ही लोकप्रियता हासिल हुई है. हालांकि, ये बात अलग है कि इसके लिए उन्हें परेशानियों का भी सामना करना पड़ा. पिछले साल राजस्थान के एक जंगल में नीलगाय को खाना खिलाते हुए उनका एक वीडियो वायरल हुआ था. जिसमें वह PM मोदी की नकल कर रहे थे. इस वीडियो को लेकर वन विभाग ने उन्हें नोटिस थमा दिया था. 

मैं तो असली फकीर हूं 
श्याम रंगीला का कहना है कि मैं पूरे दिल से चुनाव लड़ने के लिए तैयार हूं और वाराणसी जाने वाला हूं. उन्होंने आगे कहा कि मैं कम से कम यह कहने के लिए चुनाव में खड़ा हुआ हूं कि लोकतंत्र खतरे में नहीं आने दूंगा. वाराणसी में लोगों को वोट के लिए विकल्प मिलेगा. सूरत और इंदौर जैसी स्थिति नहीं होगी. गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के इंदौर और गुजरात के सूरत में कांग्रेस के उम्मीदवारों ने नाम वापस ले लिए हैं. चुनाव लड़ने पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) के डर से जुड़े सवाल पर रंगीला ने कहा कि मुझे कोई डर नहीं है. यदि मेरे खाते चेक किए जाएंगे, तो उन्हें कुछ नहीं मिलेगा. मैं असली फकीर हूं, जो झोला उठाकर चल देगा. हालांकि, ये बात अलग है कि लोग श्याम के इस फैसले को सीरियस मजाक करार दे रहे हैं.

YouTube से मोटी कमाई
श्याम रंगीला ने कहा कि मैं एक समय नरेंद्र मोदी का फैन था. आप कह सकते हैं कि मैं 2016-17 तक मोदी का भक्त था, लेकिन मेरे ऊपर तमाम तरह पाबंदियां लगाई गईं. PM की मिमिक्री के लिए मेरी आलोचना हुई. मुझे टीवी शो के ऑफर मिलते थे, लेकिन बाद में पता चलता था कि स्क्रिप्ट मंजूर नहीं हुई है और मुझे हटा दिया गया है. ऐसा एक बार नहीं कई बार हुआ. तब मुझे पता लगा कि कॉमेडी में भी राजनीति आ गई है. श्याम रंगीला का अपना यूट्यूब चैनल है, जिस पर 921K सब्सक्राइबर हैं. उनके हर वीडियो पर हजारों व्यूज हैं, इस हिसाब से देखा जाए तो अकेले YouTube से ही उन्हें मोटी कमाई हो जाती है.  


क्या वास्तव में 2019 के मुकाबले कम हुई है वोटिंग? आपकी सोच बदल देगा ये गणित

लोकसभा चुनाव के 2 चरणों का मतदान हो चुका है. तीसरे चरण की वोटिंग अब सीधे 7 मई को होनी है.

Last Modified:
Tuesday, 30 April, 2024
BWHindia

लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) में अब तक 2 चरणों की वोटिंग हो चुकी है. 19 अप्रैल को पहले चरण में 102 सीटों पर मतदान हुआ. वहीं, 26 अप्रैल को दूसरे चरण में 88 सीटों पर वोटिंग हुई. इस तरह, लोकसभा की कुल 543 सीटों में से 190 सीटों पर वोटिंग हो चुकी है. दोनों ही चरण के वोटिंग प्रतिशत को 2019 के मुकाबले कम बताया जा रहा है. पहले चरण में औसत मतदान 65.5% रहा, जबकि 2019 में इन्हीं सीटों के 70% से अधिक मतदान हुआ था. इसी तरह, दूसरे चरण में 62% वोटिंग हुई, जो 2019 के मुकाबले करीब 7% कम है. इन आंकड़ों को लेकर अब कयासों का दौर भी शुरू हो गया है. कोई कम वोटिंग प्रतिशत को बीजेपी के पक्ष में बता रहा है, तो किसी का मानना है कि पार्टी के लिए चिंता का विषय है.

क्या है आम धारणा?
आमतौर पर ज्यादा वोटिंग को सत्ता विरोधी लहर के तौर पर देखा जाता है. यह माना जाता है कि मतदाता सरकार के कामकाज से खुश नहीं हैं और बदलाव चाहते हैं. इसलिए बड़ी संख्या में मतदान के लिए अपने घरों से बाहर निकले हैं. जबकि कम मतदान को लेकर आम धारणा है कि लोगों में बदलाव की कोई अभिलाषा नहीं है और इसलिए वोटिंग को लेकर उन्होंने खास दिलचस्पी नहीं दिखाई. हालांकि, बीते कुछ सालों में पूरा गणित बदल गया है. 2019 में पिछली बार की तुलना में अधिक वोट पड़े थे. तब माना गया कि जनता 'अच्छे दिन' की असलियत समझ गई है और उसने बीजेपी को सत्ता से हटाने के लिए वोटिंग की है. लेकिन परिणाम इस कयास से एकदम उलट रहे. भाजपा पहले से अधिक सीटों के साथ सरकार में वापस लौटी.

निकाल रहे अलग-अलग मायने 
2019 के चुनाव परिणाम के लिहाज से देखें, तो कम या ज्यादा मतदान किसी की हार या जीत का पैमाना नहीं है. फिर भी तमाम एक्सपर्ट्स और नेता अपने-अपने हिसाब से दो चरणों के मतदान प्रतिशत के मायने निकाल रहे हैं. कई लोगों का यह भी मानना है कि भाजपा वोटरों और कार्यकर्ताओं के बीच अति आत्मविश्वास भी कम वोटिंग की एक वजह हो सकती है. दरअसल, वे यह मानकर बैठे हैं कि चुनाव परिणाम लगभग तय है, सरकार में भाजपा को ही आना है. जबकि दूसरी तरफ विपक्ष में उत्साह के कमी दिखाई दे रही है. इस वजह से विपक्षी दलों के मतदाताओं में भी वोटिंग को लेकर उत्साह नहीं है. इसके साथ ही गर्मी ने भी लोगों को घरों में कैद होने को मजबूर कर दिया है. 

इतने बढ़ गए हैं मतदाता
पिछले यानी 2019 के लोकसभा चुनाव से यदि तुलना की जाए, तो निश्चित तौर पर मतदान का प्रतिशत कम नजर आएगा. लेकिन क्या वास्तव में जैसा दिखाई दे रहा है वैसे ही है? कहने का मतलब है कि दोनों चुनावों के पहले-दूसरे चरण के आंकड़ों में भले ही अंतर है, पर क्या इसे मतदान में कमी कहा जा सकता है? चलिए थोड़ा विस्तार से समझते हैं. 2019 में देश में कुल मतदाता थे 89.6 करोड़ और 2024 में यह संख्या है 97 करोड़. यानी पिछली बार के मुकाबले रजिस्टर्ड वोटर्स की संख्या इस बार ज्यादा है. चुनाव आयोग के अनुसार, दुनिया में सबसे ज्यादा 96.88 करोड़ मतदाता लोकसभा चुनाव में वोटिंग के लिए रजिस्टर्ड हैं. इसमें 18 से 29 साल की उम्र वाले 2 करोड़ नए वोटर्स भी शामिल हैं. 

क्या ऐसी तुलना जायज है?
अब सवाल ये उठता है कि जब इस बार मतदाताओं की कुल संख्या 2019 से ज्यादा है, तो दोनों चुनावों के आंकड़ों की तुलना के आधार पर कम वोटिंग % की बात कहना क्या जायज है? इसे एक उदाहरण के तौर पर समझते हैं. मान लीजिए की पिछले चुनाव में 1 लाख पंजीकृत मतदाता थे और 50 प्रतिशत मतदान हुआ. इस बार 2 लाख मतदाता हैं और 48 प्रतिशत मतदान हुआ, तो क्या उसे पहले से कम वोटिंग प्रतिशत कहा जा सकता है? कुल मतदाताओं के हिसाब से मतदान का प्रतिशत कम या ज्यादा हो सकता है, लेकिन इसे 2019 की तुलना में कम नहीं कहा जा सकता. 

बरकरार रहेगा सूरज का सितम  
वहीं, मौसम की बात करें तो उसका मिजाज अभी तल्ख ही रहने वाला है. मौसम विभाग के अनुसार, अप्रैल से जून तक देश के अधिकांश हिस्सों में तापमान सामान्य से अधिक रह सकता है. लोकसभा चुनाव के सात में से अभी 2 चरण पूरे हुए हैं. अब 7 मई, 13 मई, 20 मई, 25 मई और 1 जून को बाकी के चरणों के लिए वोट डाले जाएंगे. इस दौरान देश के अधिकतर हिस्सों में प्रचंड गर्मी का असर देखने को मिलेगा और लू भी चलती रहेगी. एक रिपोर्ट बताती है कि लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार अवधि के दौरान, करीब 72% निर्वाचन क्षेत्रों में अधिकतम तापमान 35°C या इससे ज्यादा रह सकता है.


Happy Birthday :BJP की सबसे अमीर महिला मंत्री हैं मीनाक्षी लेखी? जानिए कितनी है संपत्ति?

मंगलवार यानी 28 अप्रैल को सांसद व विदेश और संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी का जन्मदिन है. मीनाक्षी लेखी के पास करोड़ों की संपत्ति है. 

Last Modified:
Tuesday, 30 April, 2024
BWHindia

भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने लोकसभा चुनाव 2024 में अपने कई मौजूदा सांसदों का टिकट काटा है, जिसमें एक नाम लोकसभा सांसद और कैबिनेट की मंत्री मीनाक्षी लेखी (Meenakshi Lekhi) का भी है.  मीनाक्षी लेखी की जगह इस बार बांसुरी स्वराज (सुषमा स्वराज की बेटी) को नई दिल्ली सीट से उम्मीदवार बनाया है. बावजूद इसके  मीनाक्षी लेखी दिल्ली में पार्टी के लिए जोरों-शोरों से प्रचार-प्रासर कर रही हैं. आपको बता दें, आज यानी 30 अप्रैल को मीनाक्षी लेखी का जन्मदिन है. तो चलिए आज इस खास मौके पर हम जानते हैं कि मीनाक्षी लेखी कितनी संपत्ति की मालकिन हैं?

भाजपा की सबसे अमीर महिला मंत्री
30 अप्रैल 1967 को दिल्ली में जन्मी मीनाक्षी लेखी वर्तमान में सांसद व विदेश और संस्कृति राज्य मंत्री हैं. वह भाजपा की ओर से लोकसभा में दो बार नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र से सांसद भी रह चुकी हैं. मीनाक्षी लेखी अपनी संपत्ति को लेकर भी चर्चाओं में रहती हैं, क्योंकि ये केंद्र सरकार के कैबिनेट की सबसे अमीर महिला मंत्री हैं. कैबिनेट में निर्माला सीतारमण, अनुप्रिया पटेल, स्मृति ईरानी समेत जितनी भी महिला मंत्री हैं, उनमें सबसे ज्यादा संपत्ति मीनाक्षी लेखी के पास है. मीनाक्षी लेखी ना सिर्फ महिलाओं में बल्कि केंद्र सरकार के टॉप-10 दौलतमंद मंत्रियों में भी शामिल हैं. वहीं, मीनाक्षी लेखी सुप्रीम कोर्ट की वकील भी हैं. उनके पति अमन लेखी (Aman Lekhi) भी देश के दिग्गज वकील हैं और सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करते हैं. अमन लेखी भारत के पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल भी रह चुके हैं. उनकी गिनती देश के सबसे महंगे वकीलों में भी होती है. 

करोड़ों की संपत्ति, लाखों में निवेश  
चुनावी हलफनामे के अनुसार मीनाक्षी लेखी की कुल संपत्ति 36 करोड़ रुपये है. इसमें चल और अचल संपत्ति दोनों शामिल है. मीनाक्षी लेखी और उनके पति अमन लेखी के अलग-अलग बैंक खातों में लगभग 3 करोड़ रुपये जमा हैं. मीनाक्षी लेखी ने कंपनियों में बांड, डिबेंचर और शेयर में 6 लाख रुपये निवेश किए हुए हैं. इसके अलावा एलआईसी या अन्य बीमा पॉलिसियों में 76 लाख रुपये से ज्यादा निवेश किए हैं. मीनाक्षी लेखी के नाम पर कोई कार नहीं है, लेकिन उन्होंने अपने पति अमन लेखी के 6 वाहनों का जिक्र किया है, जिसकी कुल कीमत 2 करोड़ रुपये है.

आलीशान घर, लाखों के गहने
मीनाक्षी का दिल्ली के साउथ एक्सटेंशन में एक आलीशान घर है, जिसकी कीमत 22 करोड़ रुपये है. वहीं, 1 करोड़ रुपये की कीमत का एक अपार्टमेंट भी है. वहीं, दिल्ली में इनके दो और फ्लैट हैं, जिनकी कीमत 4 करोड़ रुपये है. मीनाक्षी लेखी के पास 49 लाख और अमन लेखी के पास 25 लाख के गहने हैं. कुल मिलाकर उनके परिवार के पास सोने व चांदी के 81 लाख रुपये के गहने हैं. मीनाक्षी के पति के पास लगभग डेढ़ करोड़ रुपये का कमर्शियल स्पेस है. 


Rajnath Singh से ज्यादा अमीर हैं Smriti Irani, पिछले 5 साल में इतनी बढ़ी दोनों की संपत्ति

लोकसभा चुनाव के 5वें चरण के लिए होने वाले मतदान के लिए प्रत्याशियों ने अपना नामांकन दाखिल करना शुरू कर दिया है. बीजेपी के दिग्गज राजनाथ सिंह, स्मृति ईरानी ने भी नामांकन दाखिल किया.

Last Modified:
Tuesday, 30 April, 2024
BWHindia

भाजपा के दो बड़े दिग्गज नेताओं ने अपनी-अपनी सीट से नामांकन किया. इनमें एक तो रक्षामंत्री राजनाथ सिंह हैं, जिन्होंने लखनऊ से पर्चा भरा. वहीं, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अमेठी सीट से नामांकन दाखिल किया. दोनों नेताओं ने हलफनामे में अपनी-अपनी संपत्ति का खुलासा किया है. हलफनामे से पता चलता है कि स्मृति ईरानी रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से ज्यादा अमीर हैं. स्मृति के पास 8.75 करोड़ की प्रॉपर्टी है तो रक्षामंत्री 6.46 करोड़ की संपत्ति के मालिक हैं. दोनों की संपत्ति बीते 5 साल में डेढ़ गुना बढ़ी है.

2.04 करोड़ बढ़ी राजनाथ सिंह की प्रॉपर्टी 

लखनऊ सीट भाजपा का गढ़ है. कभी यहां पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी चुने जाते थे. इसके बाद राजनाथ सिंह ने उनकी विरासत को संभाला, राजनाथ सिंह लगातार तीसरी बार लखनऊ सीट से बीजेपी के उम्मीदवार हैं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के हलफनामे के अनुसार उनकी संपत्ति 6.46 करोड़ है. 2019 में रक्षा मंत्री की संपत्ति 4.42 करोड़ थी. इस तरह उनकी संपत्ति में 2.04 करोड़ का इजाफा हुआ है. खास बात ये है कि राजनाथ सिंह के पास में कोई भी वाहन नहीं है.

राजनाथ सिंह के अकाउंट्स में 3 करोड़ 11 लाख

रक्षा मंत्री ने साल बीतने के साथ टैक्स भी ज्यादा चुकता किया है. 2018-19 में 17 लाख, 2020-21 में करीब 20 लाख, 2021-22 में 18 लाख, 2022-23 में 22 लाख का टैक्स भरा है. खास बात है कि राजनाथ पर किसी तरह का कोई कर्ज नहीं है. रक्षा मंत्री के पास 1 करोड़ से 47 लाख रुपए की कृषि योग्य जमीन है. उनके पास 32 बोर की एक रिवाल्वर और दोनाली बंदूक है. उन्होंने लखनऊ और दिल्ली के अलग-अलग बैंक अकाउंट्स में कुल 3,11,32,962 रुपए जमा कर रखे हैं. उनकी पत्नी के बैंक अकाउंट्स में 90,71,074 रुपए हैं. रक्षा मंत्री के पास 8 लाख रुपए गोल्ड है. जबकि पत्नी के पास करीब 60 लाख के गहने हैं. 

इतनी बढ़ी स्मृति ईरानी की संपत्ति

अमेठी लोकसभा सीट से लगातार तीसरी बार स्मृति ईरानी ताल ठोक रहीं हैं. नामांकन पत्र के साथ दाखिल एफिडेविट के अनुसार स्मृति ईरानी की संपत्ति पिछले लोकसभा चुनाव से बढ़ गई है. लोकसभा चुनाव 2019 में स्मृति ईरानी के पूरे परिवार की कुल संपत्ति लगभग 11 करोड़ थी तो वहीं अब यह संपत्ति लगभग 17 करोड़ से अधिक हो गई है. इसमें 8 करोड़ 75 लाख 24 हजार स्मृति ईरानी के पास और उनके पति जुबिन ईरानी के पास कुल 8 करोड़ 81 लाख 77 हजार की संपत्ति है.

स्मृति ईरानी ने 5 साल में भरा इतना टैक्स

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के पास 1,08,740 रुपए नकदी है, जबकि पति जुबिन ईरानी के पास 3,21,700 नगदी है. स्मृति के बैंक खातों में 25,48,497 रुपये जमा है और उनके पति के बैंक खातों में 39,49,898 राशि जमा है. स्मृति ईरानी ने अपने हलफनामे में पिछले पांच वित्तीय वर्षों के आयकर रिटर्न का खुलासा किया है. ईरानी ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में 97,87,487 रुपए आयकर रिटर्न भरा है. वहीं, 2021-22 में 96,65,665, 2020-21 में 65,57,208, 2019-20 में 83,04,839 और 2018-19 में 61,33,665 टैक्स चुकाया है.

ईरानी पर 16.55 लाख का कर्ज

स्मृति ईरानी पर 16.55 लाख का कर्ज है. हालांकि उनके पति ने कोई कर्ज नहीं लिया है. 2019 में स्मृति के ऊपर किसी तरह का लोन नहीं था. स्मृति ईरानी के पास 27 लाख 86 हजार रुपए की कार है. पति के पास मौजूद कार की कीमत 4 लाख 70 हजार 172 रुपए है. स्मृति ईरानी के पास 37 लाख 48 हजार 440 रुपए के गहने हैं, और उनके पति के पास 1 लाख 5 हजार का गोल्ड है.
 


करोड़ों कमाने वाले इस कांग्रेस प्रत्‍याशी ने थामा बीजेपी का दामन, इतनी है इनकी नेटवर्थ?

कांग्रेस के इस युवा उम्‍मीदवार ने बाजार में कई कंपनियों के शेयरों में निवेश किया है, यही नहीं कई फंड्स में भी पैसा लगाया है. जबकि उनके पास कैश केवल 27 हजार रुपये है. 

Last Modified:
Monday, 29 April, 2024
Akshay Kanti

सूरत लोकसभा का चुनाव जीतने के बाद अब मध्‍य प्रदेश में एक और कांग्रेस पार्टी के लोकसभा प्रत्‍याशी ने बीजेपी का दामन थाम लिया है. इस बार खबर आई है इंदौर से, जहां कांग्रेस के लोकसभा प्रत्‍याशी अक्षय कांति ने बीजेपी का दामन थाम लिया है. उनके बीजेपी ज्‍वॉइन करने की जानकारी मध्‍य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और बीजेपी के पूर्व महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने एक्‍स के माध्‍यम से दी. करोड़ों की कमाई करने वाले अक्षय कांति ने 2022-23 के लिए अपनी आय 2 करोड़ रुपये से ज्‍यादा शो की है. उनकी पत्‍नी की लखपति हैं. 

आखिर कितनी है अक्षय कांति के पास संपत्ति 
अक्षय कांति के पास संपत्ति की जानकारी उन्‍होंने अपने शपथपत्र में दी है जो उन्‍होंने चुनाव आयोग में दाखिल किया था. उस शपथ पत्र में उन्‍होंने जो जानकारी दी है उसके अनुसार 2022-23 में उन्‍होंने 26488955 करोड़ रुपये की कमाई की है. वहीं 2021-22 में अगर उनकी आय की स्थिति देखें तो वो 25215978 करोड़ रुपये रही थी. उनकी पत्‍नी की आय भी लाखों रुपये में है. उनकी पत्‍नी रिचा बम ने 2022-23 में 1876978 रुपये की आय पर आईटीआर भरा है. वहीं 2021-22 में उनकी आय देखें तो वो 2595357 करोड़ रुपये दिखाई गई है. वहीं अक्षय के पास 27 हजार रुपये कैश और उनकी फर्म समृि‍द्ध  हॉस्‍टल के पास 3823200 रुपये हैं. वहीं उनकी पत्‍नी के पास 9 लाख 70 हजार रुपये कैश हैं. 

ये भी पढ़ें: रघुराम राजन ने विरासत टैक्‍स पर बढ़ाई कांग्रेस की परेशानी, कही ये अहम बात

इन शेयरों में किया है अक्षय ने निवेश 
वहीं अक्षय क्‍योंकि युवा उम्‍मीदवार हैं तो ऐसे में उन्‍होंने बाजार में बड़ी संख्‍या में निवेश भी किया है. अक्षय ने जिन शेयरों में निवेश किया है उनमें GTB Ltd. के 250 शेयर जिनकी कीमत 8237 रुपये है, LIC India के 15 शेयर जिनकी कीमत 14619 रुपये है, Network 18 media का एक शेयर जिसकी कीमत 87 रुपये, इसी तरह 3990 शेयर Economics Remidies के जिनकी कीमत 39900 रुपये,  124000 शेयर Ratan icon Estate Pvt Ltd के हैं जिनकी कीमत 124000 रुपये हैं. इसके अलावा उनके पोर्टफोलियो में कई म्‍यूचुवल फंड भी शामिल हैं. इनमें Axis Flexi Fund, HDFC Multicap Fund, Kotak Small Cap Fund, सहित कई लाफ इंश्‍योरेंस पॉलिसी भी शामिल हैं. उनके निवेश, लोन, ज्‍वेलरी, से लेकर घर के सामान की कुल कीमत 8 करोड़ रुपये से ज्‍यादा है. इसी तरह उनकी पत्‍नी के पास मौजूद निवेश और दूसरी संपत्ति की कुल कीमत 4 करोड़ रुपये से ज्‍यादा है.  


कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट कर दी जानकारी 
अक्षय कांति बम के बीजेपी का दामन थामने की खबर की जानकारी मध्‍य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने एक्‍स पर दी. उन्‍होंने एक्‍स पर लिखा 
इंदौर से कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी श्री अक्षय कांति बम जी का माननीय प्रधानमंत्री @narendramodi जी, राष्ट्रीय अध्यक्ष @JPNadda, मुख्यमंत्री @DrMohanYadav51 जी व प्रदेश अध्यक्ष @vdsharmabjp जी के नेतृत्व में भाजपा में स्वागत है. 
मध्‍य प्रदेश में 25 अप्रैल तक नामांकन भरे गए थे. नाम वापसी के लिए 29 अप्रैल का दिन आखिरी दिन था, मध्‍य प्रदेश में 13 मई को चुनाव होना है. जबकि 4 जून को लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आएंगे.  

 


 


चुनाव से पहले ट्रोल हो गए रवींद्र भाटी, देशविरोधी ताकतों से फंड लेने का आरोप

बाड़मेर (Barmer) लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार व विधायक रविंद्र भाटी पर देश विरोधी विदेशी ताकतों से फंडिंग लेने का एक बड़ा आरोप लगा है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 17 April, 2024
Last Modified:
Wednesday, 17 April, 2024
Ravi Bhati

बाड़मेर (Barmer) लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे विधायक रविंद्र भाटी पर देश विरोधी विदेशी ताकतों से फंडिंग लेने का एक बड़ा आरोप लगा है. इस आरोप के साथ रविंद्र भाटी के लंदन दौरे की एक तस्वीर वायरल हो रही है. तो चलिए जानते हैं क्या है ये पूरा मामला?

ये है आरोप
राजस्थान की बाड़मेर जैसलमेर (Barmer) लोकसभा सीट निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी (Ravindra Singh Bhati) के कारण एक हॉट सीट बन गई है. भाटी को एक ओर खूब जन समर्थन मिल रहा है. वहीं, इस लोकप्रियता के बीच अब रविंद्र सिंह भाटी पर देश विरोधी ताकतों के मिलने और उनसे फंडिंग लेने का संगीन आरोप भी लग गया है. भाटी पर देश विरोधी विदेशी ताकतों से फंडिग लेकर लोकसभा चुनाव लड़ने का आरोप लगा है, इसे लेकर वह सोशल मीडिया पर भी खूब ट्रोल हो रहे हैं. 

भाटी के लंदन दौरे पर उठ रहे सवाल
रविंद्र भाटी पर देश विरोधी विदेशी ताकतों से फंडिग लेने का यह आरोप बीते 2-3 दिन से लगाया जा रहा है. चुनावी सभाओं के साथ-साथ नुक्कड़ रैलियां और सोशल मीडिया के जरिए भी यह सवाल उठाया जा रहा है. दरअसल भाटी फरवरी में लंदन की यात्रा पर गए थे. फरवरी की लंदन यात्रा के दौरान रविंद्र भाटी ने स्थित वेस्टमिंस्टर विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेमोक्रेसी से अंतरराष्ट्रीय संबंधों के रीडर और प्रोफेसर दिब्येश आनंद, एनपी बॉब ब्लैकमैन समेत कई चर्चित लोगों से मुलाकात की थी. प्रोफेसर दिब्येश कश्मीर को लेकर भारत विरोधी प्रदर्शनों में हिस्सा लिया था. भाजपा के कई नेता उस मुलाकात के फोटो पर एक्स पर शेयर करते हुए सवाल उठाते हुए उनके देश विरोधी ताकतों का समर्थन करने और उनके चुनाव में ऐसे लोगों फंडिग लेने के आरोप लगा रहे है.


सोशल मीडिया पर छाया बवाल
भाटी की लंदन यात्रा और इस यात्रा के दौरान उनकी मुलाकातों को लेकर 2- 3 दिन से एक वीडियो तेजी से वायरल होने के बाद उनकी एक पुरानी तस्वीर X पर  #AntiIndiaRavindraBhati के साथ ट्रेंड हो रही है. वहीं, भाटी के समर्थकों ने लाखों ट्वीट कर #आएगा_तो_भाटी_ही #भाटी_दिल्ली_जायेगा और #shamopbjp हैशटैग को ट्रेंडिंग में पहले पायदान पर पहुंचा दिया है और इसके साथ ही पूरे घटनाक्रम का आरोप भाजपा आईटी सेल पर लगाते हुए पार्टी के समर्थन में प्रदेश भर में लोगों ने भाजपा की सदस्यता और पदों से इस्तीफा देने का सिलसिला शुरू कर दिया. 
 

इसे भी पढ़ें-X ने हटाए कई पार्टियों और नेताओं के पोस्ट, जानते हैं क्यों?

आरोप सच हुआ तो छोड़ दूंगा राजनीति

रविंद्र सिंह भाटी ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है. भाटी ने कहा है कि अगर से आरोप साबित हो जाएंगे, तो वह राजनीति छोड़ देंगे. बता दें, रविंद्र भाटी बाड़में-जैसलमेर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. उनके सामने भाजपा से कैलाश चौधरी, जो केंद्र में कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री हैं और कांग्रेस के उम्मेदाराम बेनीवाल हैं. 

रविंद्र कुमारी भाटी के पास है इतनी दौलत
भाटी के नामांकन पत्र के अनुसार उनतके पास 5 लाख 33 हजार 45 रुपये की संपत्ति है. उनके नाम न ही कोई जमीन है औरन ही कोई मकान है. वहीं, उनकी पत्नी धाऊ कंवर के पास 20 लाख 32 हजार 340 की संपत्ति है, जिसमें 19 हजार 32 हजार के गहने व बैंक जमा 340 और हाथ में नकदी एक लाख रुपए शामिल हैं. 

ऐसे बढ़ी भाटी की लोकप्रियता

भाटी पहली बार 2019 में उस समय पॉपुलर हुए, जब वे जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर में विपक्षी उम्मीदवार के रूप में खड़े हुए और भारी वोटों से जीते. भाटी उस समय राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के विद्यार्थी संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े हुए थे. उनकी टिकट के लिए दावेदारी थी, लेकिन एबीवीपी ने उन्हें टिकट नहीं दिया. भाटी ने फिर निर्दलीय चुनाव लड़ा और वह 1300 वोटों से जीत भी गए. 
 


X ने हटाए कई पार्टियों और नेताओं के पोस्ट, जानते हैं क्यों?

चुनाव आयोग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स को वाईएसआर कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, एन. चंद्रबाबू नायडू और बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के चुनिंदा आपत्तिजनक पोस्ट हटाने के आदेश दिए हैं. 

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 17 April, 2024
Last Modified:
Wednesday, 17 April, 2024
Election Commission

लोकसभा चुनाव 2024 के मतदान के लिए अब केवल 2 दिन बच गए हैं. वहीं, चुनाव से दो दिन पहले ही राजनीतिक दल व नेताओं ने सोशल मीडिया पर कुछ ऐसी पोस्ट पर शेयर दी, जिसके खिलाफ चुनाव आयोग ने एक बड़ी कार्रवाई कर दी है. तो चलिए आपतो बताते हैं, इन राजनीतिक दल व नेताओं के खिलाफ क्यों और क्या कार्रवाई हुई है?

इन नेतओं की पोस्ट हटाई
एक्स ने वाईएसआर कांग्रेस पार्टी(Yuvajana Sramika Rythu Congress Party) , आम आदमी पार्टी(Aam Admi Party), आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू और बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के कुछ चुनिंदा आपत्तिजनक पोस्ट हटाने के आदेश दिए. एक्स ने बताया कि इन पोस्टों को हटा दिया है. आचार संहिता उल्लंघन करने वाले इन पोस्टों को हटाने के आदेश दो अप्रैल और तीन अप्रैल को जारी किए गए थे.

आचार संहिता का उल्लंघन के तहत पोस्ट हटाने के दिए आदेश
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार चुनाव आयोग ने आचार संहिता उल्लंघन करने वाले इन पोस्टों को हटाने के आदेश 2 अप्रैल और 3 अप्रैल को जारी किए थे. इन पोस्टों को न हटाने पर चुनाव आयोग ने 'एक्स' को 10 अप्रैल को फिर ईमेल भेजे थे. एक्स ने कहा कि भारत के चुनाव आयोग ने निर्वाचित राजनेताओं, राजनीतिक दलों और कार्यालय के उम्मीदवारों द्वारा साझा किए गए, राजनीतिक भाषण वाले पोस्ट पर कार्रवाई करने के लिए आदेश जारी किए हैं. आयोग ने कहा था कि ये आपत्तिजनक पोस्ट आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन था. 

कार्रवाई से सहमत नहीं एक्स
Elon Musk के स्वामित्व वाली कंपनी एक्स ने कहा है कि चुनाव आयोग के आदेशों के अनुपालन में उन्होंने शेष चुनाव अवधि के लिए इन पोस्टों को रोक दिया है. एक्स ने कहा है कि वह इस कार्रवाई से असहमत है और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बनाए रखना चाहते हैं. उन्होंने इस आदेश से प्रभावित यूजर्स को पोस्ट हटाने से पूर्व सूचित भी कर दिया है और पारदर्शिता को देखते हुए वह टेकडाउन के आदेश को यहां प्रकाशित भी कर रहे हैं. साथ ही चुनाव आयोग से भी ये अपील कर रहे हैं कि वे भी पने सभी टेकडाउन आदेशों को पारित करें. बता दें, देश में 19 अप्रैल से लोकसभा चुनाव के लिए मतदान शुरू होने जा रहे हैं. यह चुनाव 7 चरणों में होगा और करीब 44 दिन तक चलेगा. वहीं, 4 जून को मतदान का परिणाम घोषित होगा.
 

इसे भी पढ़ें-IPL 2024 : KKR को हराने वाले बटलर के पास है इतना पैसा कि अकेले खरीद लें पूरी टीम


लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में 309 करोड़पति उम्मीदवार, जानिए कौन है सबसे अमीर

लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिए चुनाव प्रचार बुधवार शाम को थम जाएगा और 19 अप्रैल को वोटिंग होगी. इसके बाद राजनीतिक दल दूसरे चरण के लिए प्रचार अभियान तेज करेंगे.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 17 April, 2024
Last Modified:
Wednesday, 17 April, 2024
ADR Report

लोकसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण का मतदान 26 अप्रैल को होगा. इस चरण में 309 उम्मीदवार करोड़पति हैं जिनकी औसतन संपत्ति 5 करोड़ से ज्यादा है. दरअसल एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने लोकसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण में चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों के हलफनामे का विश्लेषण किया है. दूसरे चरण में कुल 1198 उम्मीदवार मैदान में हैं. इनमें से 1192 उम्मीदवारों के शपथपत्रों का विश्लेषण किया गया है.

उम्मीदवारों की औसतन संपत्ति ₹5.17 करोड़

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने मंगलवार को जारी किए एक विश्लेषण में बताया है कि दूसरे चरण में 1192 उम्मीदवारों से 250 (21%) पर आपराधिक मामले चल दर्ज हैं. वहीं 390 (33%) उम्मीदवार करोड़पति हैं जबकि उम्मीदवारों की औसतन संपत्ति ₹5.17 करोड़ है. आइये जानते हैं कि एडीआर की रिपोर्ट में क्या-क्या है?

भाजपा के 93% और कांग्रेस के 91% उम्मीदवार करोड़पति

रिपोर्ट के मुताबिक, दूसरे चरण में 33% यानी 390 उम्मीदवार करोड़पति हैं. जिन्होंने अपनी संपत्ति एक करोड़ रुपए से ज्यादा घोषित की है. भाजपा के 69 में से 64 (93%), कांग्रेस के 68 में से 62 (91%) उम्मीदवार करोड़पति हैं. जेडीयू (JDU) के 5, टीएमसी (TMC) के 4, शिवसेना (उद्धव गुट) के 4, शिवसेना (शिंदे गुट) के 3, सीपीआईएम (CPIM) के 12 व सीपीआई (CPI) के 2, सपा के 4 उम्मीदवार करोड़पति हैं.

आपके इंटरनेट को मिलेगी सुपर रफ्तार, भारत में ये कंपनी एंट्री को तैयार

वेंकटरमण गौड़ा सबसे अमीर उम्मीदवार

दूसरे चरण में सबसे ज्यादा संपत्ति घोषित करने वाले शीर्ष तीन उम्मीदवारों में पहले स्थान वेंकटरमन गौड़ा हैं. कर्नाटक की मांड्या सीट से कांग्रेस प्रत्याशी गौड़ा के पास 622 करोड़ से अधिक की चल और अचल संपत्ति है. दूसरे स्थान पर कर्नाटक की बेंगलूरू ग्रामीण सीट से कांग्रेस प्रत्याशी डी.के. सुरेश हैं, जिनके पास 593 करोड़ से अधिक की संपत्ति है. तीसरी सबसे धनी प्रत्याशी हेमा मालिनी हैं. मथुरा लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी हेमा मालिनी के पास 278 करोड़ से अधिक की चल और अचल संपत्ति है.

तीन उम्मीदवारों की संपत्ति 500 से 1,400 रुपये 

6 उम्मीदवारों ने अपनी संपत्ति शून्य घोषित की है. वहीं तीन उम्मीदवारों ने अपनी संपत्ति 500 से 1,400 रुपये के बीच की बताई है. 500 रुपये के साथ लक्ष्मण नागोराव पाटिल सबसे कम संपत्ति घोषित करने वाले उम्मीदवार हैं. वह महाराष्ट्र की नांदेड़ सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं, केरल के कासरगोड लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार राजेश्वरी के.आर. ने अपनी संपत्ति महज 1,000 रुपये की घोषित की है. इसके अलावा, महाराष्ट्र की अमरावती सीट से निर्दलीय प्रत्याशी पृथ्वीसम्राट मुकिंदराव ने अपनी संपत्ति 1,400 रुपये घोषित की है.

राज्यवार करोड़पति उम्मीदवार

करोड़पति उम्मीदवारों की संख्या के मामले में कर्नाटक सबसे आगे है, जिसके 32 प्रतिशत उम्मीदवार इस श्रेणी में आते हैं, उसके बाद महाराष्ट्र (29 प्रतिशत) और केरल (33 प्रतिशत) का स्थान है. उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी लोकसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण में चुनाव लड़ने वाले करोड़पति उम्मीदवारों का प्रतिशत काफी अधिक है.
 


चुनाव से पहले आई बड़ी खबर 64 प्रतिशत भारतीयों ने ठाना, मोदी को तीसरी बार पीएम बनाना!

डेलीहंट (Dailyhunt) 'ट्रस्ट ऑफ नेशन' ने देश का सबसे बड़ा ऑनलाइन पोल किया है. इस पोल में 77 लाख लोगों ने हिस्सा लिया, जिनमें से 63.6 प्रतिशत लोगों ने पीएम मोदी की लीडरशिप पर भरोसा दिखाया है.

Last Modified:
Tuesday, 16 April, 2024
Pm Narendra Modi

न्यूज प्लेटफॉर्म Dailyhunt ने मंगलवार को अपने ‘ट्रस्ट ऑफ द नेशन 2024’सर्वे के नतीजे जारी किए. इस ऑनलाइन सर्वे में 77 लाख से अधिक लोगों से बात की गई और 2024 के आम चुनावों से पहले जनता के मन को टटोलने का प्रयास किय़ा. डेलीहंट के मुताबिक ये सर्वे मौजूदा सरकार के काम-काज के बारे में जनता की धारणा को समझने के उद्देश्य से किया गया, जिसमें 61 प्रतिशत लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के कार्यकाल को लेकर संतुष्टि जाहिर की. रिपोर्ट के मुताबिक 63 प्रतिशत लोगों का मानना है कि इन चुनाव में बीजेपी-एनडीए गठबंधन की जीत होगी.

पीएम के रूप में कौन हैं मतदाताओं की पसंद?
1.5 में से 3 लोग (64%) नरेंद्र मोदी को फिर से पीएम बनाने के पक्ष में हैं, 21.8 प्रतिशत लोग राहुल गांधी के पक्ष में हैं.

2. 3 में से लगभग 2 (63%) का मानना है कि आगामी चुनाव भाजपा/एनडीए गठबंधन जीतेगा.

3. दिल्ली में पीएम मोदी को 57.7 प्रतिशत वोट हासिल हुए. वहीं, राहुल गांधी को 24.2 प्रतिशत वोट मिले, जबकि योगी आदित्यनाथ को 13.7 प्रतिशत वोट मिले. 

4. उत्तर प्रदेश में पीएम पद के लिए नरेंद्र मोदी पहली पसंद बने, उन्हें 78.2 प्रतिशत वोट मिले. जबकि, राहुल गांधी को सिर्फ 10 प्रतिशत वोट मिले.

5.पश्चिम बंगाल में भी पीएम मोदी 62.6 प्रतिशत वोट पीएम पद की पहली पसंद है. जबकि ममता बनर्जी राहुल गांधी से भी पीछे हैं

दक्षिणी राज्यों में कड़ा मुकाबला 
1. तमिलनाडु में राहुल गांधी 44.1 प्रतिशत वोट के साथ आगे रहे, जबकि पीएम नरेंद्र मोदी 43.2 प्रतिशत वोट के साथ उनसे पीछे रहे. 
2. हालांकि, केरल में कड़ी टक्कर दिखी, जिसमें पीएम मोदी को 40.8 प्रतिशत और राहुल गांधी को 40.5 प्रतिशत वोट मिले हैं.
3.तेलंगाना में पीएम नरेंद्र मोदी को 60.1 प्रतिशत वोट मिले. वहीं, राहुल गांधी को 26.5 प्रतिशत वोट मिले, जबकि एन. चंद्रबाबू नायडू 6.6 प्रतिशत वोट से पीछे रहे.

4. आंध्र प्रदेश में पीएम मोदी को 71.8 प्रतिशत वोट मिले. राहुल गांधी को 17.9 प्रतिशत वोट मिले जबकि एन. चंद्रबाबू नायडू 7.4 प्रतिशत पर पीछे रहे.


इस मामले में मनोज तिवारी से पहले ही हार चुके हैं कन्‍हैया कुमार, जानते हैं क्‍या है मामला? 

दिल्‍ली की नॉर्थ ईस्‍ट लोकसभा सीट सबसे हॉट सीट बन चुकी है. इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस दोनों के उम्‍मीदवार मशहूर हैं और अक्‍सर चर्चा में रहते हैं.  

Last Modified:
Monday, 15 April, 2024
Kanhaiya Kumar and Manoj tiwari

कांग्रेस पार्टी ने जब से दिल्‍ली की नॉर्थ ईस्‍ट सीट से बीजेपी सांसद मनोज तिवारी के खिलाफ जेएनयू के पूर्व अध्‍यक्ष कन्‍हैया कुमार के नाम का ऐलान किया है तब से ये सीट हॉट सीट में बदल गई है. हर कोई इसी का जिक्र कर रहा है. हालांकि इस सीट पर जनता किसे चुनेगी ये तो 4 जून को ही पता चलेगा लेकिन एक मामले में कन्‍हैया कुमार चुनाव की ये जंग पहले ही हार चुके हैं. कन्‍हैया और मनोज तिवारी की दौलत का जो अंतर है उसमें कन्‍हैया अपनी जमानत बचाते भी नहीं दिख रहे हैं. 

आखिर मनोज तिवारी के पास है कितनी दौलत 
मनोज तिवारी इस सीट से मौजूदा समय में सांसद हैं. वो इससे पहले 2019 में जब इस सीट से चुनाव लड़े थे उस वक्‍त उन्‍होंने अपनी संपत्ति का जो ब्‍यौरा दिया था उसके अनुसार, उनके पास 24 करोड़ रुपये से ज्‍यादा की संपत्ति है वहीं दूसरी ओर 1 करोड़ रुपये से ज्‍यादा की देनदारी भी है. उनके पास 3 लाख 50 हजार रुपये का कैश है जबकि 20 से ज्‍यादा बैंकों में उनके पास 7,35,74,960 करोड़ रुपये हैं. इसी तरह से उनकी निवेश की हुई राशि पर नजर डालें तो एलआईसी की 12 लाख 50 हजार की पॉलिसी, रिती प्रोडक्‍शन के नाम पर 9,32,635 लाख का पर्सनल लोन, 4 लाख की ज्‍वैलरी, 45 लाख की दूसरी संपत्ति सहित ऑडी, इनोवा, मर्सिडीज और होंडा सिटी सहित फॉर्चुनर कार की कीमत 54 लाख 3 हजार 436 रुपये है. कुल मिलाकर उनके पास 8 करोड़ 64 लाख 11 हजार 31 रुपये की संपत्ति है. इसी तरह से 15 करोड़ 76 लाख 56 हजार रुपये की अचल संपत्ति है. इसी तरह से उनके उपर 1 करोड़ 36 लाख 18 हजार 755 रुपये की देनदारी है. 

ये भी पढ़ें: इस कंपनी के एक्‍सटेंशन प्‍लान से पावर सेक्‍टर में होने जा रही है टक्‍कर, ये है पूरी योजना

कन्‍हैया कुमार की कितनी है संपत्ति? 
वहीं कांग्रेस पार्टी के उम्‍मीदवार कन्‍हैया कुमार की संपत्ति पर नजर डालें तो उनके पास 5 लाख रुपये की संपत्ति है. जबकि किसी भी तरह की देनदारी नहीं है. कन्‍हैया कुमार की ओर से जो आईटीआर फाइल की गई है उसके अनुसार, 2017-18 में 6,30,360 रुपये की आईटीआर फाइल की गई है जबकि 2018-19 में 2,28,290 रुपये की आईटीआर फाइल की गई है. उनके पास 24000 रुपये कैश हैं जबकि बैंक में 1,63,698 रुपये हैं. 1,70,150 रुपये उन्‍होंने एलआईसी में निवेश किया है जबकि कुल मिलाकर उनके पास 357848 रुपये की चल संपत्ति है. जबकि 2 लाख रुपये गैर कृषि योग्‍य भूमि है. 

नॉर्थ दिल्‍ली बनी हाई प्रोफाइल सीट
दिल्‍ली की 7 लोकसभा सीटों में बीजेपी के खिलाफ कांग्रेस और आम आदमी पार्टी मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं. इनमें चार सीटों पर आम आदमी चुनाव लड़ रही है जबकि तीन सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ रही है. मनोज तिवारी नॉर्थ दिल्‍ली से दो बार चुनाव लड़ चुके हैं जबकि कन्हैया कुमार इससे पहले बेगुसराय से चुनाव लड़ चुके हैं. कन्‍हैया कुमार राहुल गांधी की न्‍याय यात्रा में भी काफी सक्रिय रहे थे. मनोज तिवारी एक ओर जहां अभिनेता से लेकर गायक के तौर पर मशहूर हैं वहीं दूसरी ओर कन्‍हैया कुमार जेएनयू मामले को लेकर चर्चा में आए थे.