भारत ने चांद को किया फतेह, सफलतापूर्वक लैंड हुआ Chandrayaan-3!

यह लैंडर सफल रूप से अपने प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग हो चुका है और अब पूरे देश की निगाहें विक्रम लैंडर पर टिकी हुई हैं.

Last Modified:
Wednesday, 23 August, 2023
Chandrayaan 3 on Moon

इस वक्त पूरे देश की निगाहें Chandrayaan-3 मिशन पर हैं. Chandrayaan-3 आज शाम को चांद की सतह पर लैंड कर सकता है. देश भर में सोशल मीडिया और विभिन्न टीवी चैनलों पर Chandrayaan-3 की विभिन्न मूवमेंट्स को बार-बार लगातार चलाया जा रहा है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि Chandrayaan-3 की लैंडिंग के साथ भारत चांद के दक्षिणी पोल पर लैंड करने वाला पहला देश बन जाएगा. 

भारत के लिए क्यों महत्त्वपूर्ण है Chandrayaan-3?
Chandrayaan-3 के लैंडर मॉड्यूल को विक्रम साराभाई के नाम पर ‘विक्रम लैंडर’ (Vikram Lander) का नाम दिया गया है. फिलहाल यह लैंडर सफल रूप से अपने प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग हो चुका है और अब पूरे देश की निगाहें विक्रम लैंडर पर टिकी हुई हैं. माना जा रहा है कि 6 बजके 5 मिनट के आस पास यह लैंडर चांद पर लैंडिंग करेगा. इस मिशन के पूरा होने के साथ ही भारत उन देशों की लिस्ट में शामिल हो जाएगा जिनके मून-मिशन अभी तक सफल रहे हैं. यही वजह है कि इस मिशन पर सरकार द्वारा करोड़ों रूपए खर्च किए जाते हैं.

इनके लिए भी महत्त्वपूर्ण है Chandrayaan-3
जहां सरकार द्वारा इस मिशन पर करोड़ों रूपए खर्च किए गए हैं, वहीं ऐसे मिशन को सफल बनाने के लिए बहुत ही कड़ी मेहनत करते हैं. वैसे तो अंतरिक्ष से जुड़े भारत के सभी मिशनों के लिए ISRO (भारतीय स्पेस रिसर्च संस्था) जिम्मेदार होती है लेकिन ISRO के साथ अन्य कई कंपनियां भी होती हैं जो इन अंतरिक्ष मिशनों में शामिल होती हैं. आज जहां एक तरफ पूरे देश की निगाहें Chandrayaan-3 पर टिकी हुई हैं वहीं कुछ कंपनियां भी हैं जो इस मिशन पर बहुत ही करीबी रूप से नजर रखेंगी. आइए जानते हैं ऐसी कंपनियों के बारे में. 

Chandrayaan-3 पर है इन कंपनियों की निगाहें
BHEL:
Chandrayaan-3 के लिए बैटरी की सप्लाई BHEL द्वारा की गई है. BHEL का विस्तृत रूप भारत हेवी इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड है और यह एक सरकारी कंपनी है. 
 

L&T: L&T यानी लार्सन एवं टूब्रो के पास अपना एक एयरोस्पेस यूनिट है और इस यूनिट के द्वारा ऐसे पुर्जों की सप्लाई की गई है जिनका इस्तेमाल Chandrayaan-3 मिशन के लॉन्च व्हीकल में किया गया है. आपको बता दें कि L&T देश की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग एंड कंस्ट्रक्शन कंपनी है. 

Mishra Dhatu Nigam: ये पब्लिक सेक्टर की एक कंपनी है और इस कंपनी ने भी Chandrayaan-3 में इस्तेमाल होने वाले कई अहम मैटेरियल सप्लाई किए हैं. इस कंपनी द्वारा सप्लाई किए गए मैटेरियल का इस्तेमाल इस मिशन का लॉन्च व्हीकल बनाने के लिए किया गया है.

MTAR Technologies: Chandrayaan-3 के मिशन में इस कंपनी का बहुत ही अहम योगदान है. इस कंपनी ने Chandrayaan-3 मिशन के लिए इंजन और बूस्टर पंप जैसे महत्त्वपूर्ण उपकरण प्रदान करवाए हैं. 
 

लैंड हो गया Chandrayaan-3 

Chandrayaan-3 आखिरकार चांद की सतह पर लैंड हो चुका है. पूरे देश द्वारा इस एक पल को सोशल मीडिया चैनलों पर लाइव देखा गया है और इस वक्त पूरे देश में Chandrayaan-3 की सफ़लत लैंडिंग का जश्न मनाया जा रहा है. चांद के दक्षिणी पोल पर लैंड करने वाला भारत पहला देश बन चुका है और Chandrayaan-2 की असफलता के बावजूद ISRO द्वारा Chandrayaan-3 की प्लानिंग की गई और इस मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया. 

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