सुधा मूर्ति जहां कई सामाजिक क्षेत्रों में काम कर रही हैं तो वहीं वो अब तक कई पुस्तकें भी लिख चुकी हैं. उन्हें पद्ममश्री से लेकर पद्ममभूषण तक का सम्मान दिया गया है.
देश में समाज सेवा के कई क्षेत्रों में काम करने वालीं विद्वान महिला सुधा मूर्ति को राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू ने राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है. राष्ट्रपति ने सुधा मूर्ति के साथ 4 अन्य लोगों को भी संसद के लिए मनोनीत किया है. सुधा मूर्ति के संसद के अपर हाउस के लिए चयन होने पर पीएम मोदी ने उन्हें बधाई देते हुए राष्ट्रपति का आभार जताया है.
आखिर कौन हैं सुधा मूर्ति
सुधा मूर्ति हालांकि किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं. सुधा मूर्ति मौजूदा समय में इंफोसिस फाउंडेशन की चेयरमैन हैं. सुधा मूर्ति कई किताबें लिख चुकी है और समाज सेवा के कई क्षेत्रों में काम करती हैं. उनके इन्हीं कामों के लिए 2006 में उन्हें पद्मश्री और 2023 में पद्मभूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है. इंफोसिस के प्रमुख रहे नारायण मूर्ति उनके पति हैं जबकि ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक उनके दामाद हैं.
पीएम मोदी ने दी बधाई
पीएम मोदी ने उन्हें राज्यसभा भेजे जाने को लेकर ट्वीट भी किया और लिखा
मुझे खुशी है कि भारत के राष्ट्रपति ने सुधा मूर्ति को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है. सुधा मूर्ति का सामाजिक कार्य, परोपकार और शिक्षा सहित विविध क्षेत्रों में योगदान अतुलनीय और प्रेरणादायक रहा है. राज्यसभा में उनकी उपस्थिति हमारी 'नारी शक्ति' का एक शक्तिशाली प्रमाण है, जो हमारे देश की नियति को आकार देने में महिलाओं की ताकत और क्षमता का उदाहरण है. उनके सफल संसदीय कार्यकाल की कामना करता हूं.
I am delighted that the President of India has nominated @SmtSudhaMurty Ji to the Rajya Sabha. Sudha Ji's contributions to diverse fields including social work, philanthropy and education have been immense and inspiring. Her presence in the Rajya Sabha is a powerful testament to… pic.twitter.com/lL2b0nVZ8F
— Narendra Modi (@narendramodi) March 8, 2024
सुधा मूर्ति की शिक्षा और करियर
सुधा मूर्ति ने इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग और मास्टर ऑफ इंजीनियरिंग की है. 1996 में उन्होंने इंफोसिस फाउंडेशन की स्थापना की जो समाज कल्याण के लिए काम करती है. वो टाटा इंजीनियरिंग एंड लोकोमोटिव कंपनी में नियुक्त पहली महिला इंजीनियर भी रह चुकी हैं. इसके अलावा वो पुणे में एक डेवलपमेंट इंजीनियर के रूप में भी काम कर चुकी हैं. उन्होंने काफी किताबें भी लिखी हैं और वो काफी मशहूर भी रही हैं.
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