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IBLF: क्या भारत 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है?
‘इंडिया बिजनेस लिटरेचर फेस्टिवल’ (IBLF) के दूसरे एडिशन का आयोजन गुरुग्राम में किया जा रहा है. इस दौरान $10 Trillion Dream किताब के लेखक ने भी अपने विचार रखे.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
#IBLF: क्या भारत 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है? इस सवाल का जवाब ‘BW Business World’ द्वारा आयोजित ‘इंडिया बिजनेस लिटरेचर फेस्टिवल’ (IBLF) के दूसरे एडिशन में मिला. $10 Trillion Dream के लेखक सुभाष चंद्र गर्ग ने बताया कि इस लक्ष्य तक कैसे पहुंचा जा सकता है. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि इस विषय पर किताब लिखने का ख्याल उन्हें कैसे आया.
अर्थव्यवस्था पर है केंद्रित
Adult Publishing Group की पब्लिशर Milee Ashwarya के सवालों का जवाब देने से पहले लेखक, Subhanjali के इकॉनोमिक, फाइनेंस एंड फिस्कल पॉलिसी एडवाइजर और पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने पिछले साल प्रकाशित अपनी किताब $10 Trillion Dream के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि यह किताब भारतीय अर्थव्यवस्था पर केंद्रित है. साथ ही इसमें यह भी बताया गया है कि अर्थव्यवस्था को तेजी से ऊपर की तरफ ले जाने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं.
ऐसे आया आईडिया
सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा कि अर्थव्यवथा जैसे मुद्दे पर बात करना आसान है, लेकिन सही रास्ता चुनकर आगे बढ़ना मुश्किल. उन्होंने बताया कि यह किताब लिखने का आईडिया उन्हें सरकार द्वारा बजट में 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के बयान से आया था. हालांकि, बाद में सरकार ने इस लक्ष्य को घटाकर 5 ट्रिलियन कर लिया. अगर हम अपनी अर्थव्यवस्था की बात करें, तो पिछले 4 सालों में इसका प्रदर्शन खास अच्छा नहीं रहा है. जो लक्ष्य हमने निर्धारित किया है, उसके लिहाज से गति बहुत धीमी है.
डिजिटल इकॉनमी भविष्य
गर्ग का कहना है कि अर्थव्यवस्था के मामले में हमें डायग्नोस्टिक करना जरूरी है कि हम कहां हैं, क्या करना चाहिए आदि. डिजिटल इकॉनमी भविष्य हैं और हमारे सामने 3 बड़ी चुनौतियां हैं - आप डिजिटल इकॉनमी कैसे तैयार करते हैं?, आप एनवायरनमेंट और उससे मिलने वाले अवसरों को कैसे संभालते हैं?, आप रिलेटिव इन्फ्रास्ट्रक्चर का कैसे ध्यान रखते हैं, जो जरूरी है? यदि हम इन्हें ध्यान में रखते ही सही नीति बनाते हैं तो अर्थव्यवस्था बेहतर रहेगी. अन्यथा गलत या कमजोर नीतियों के साथ अर्थव्यवस्था को मजबूत नहीं किया जा सकता.
लाभ बताना जरूरी
Milee Ashwarya के इस सवाल पर कि अर्थव्यवस्था की वर्तमान स्थिति के बारे में आप क्या सोचते हैं? ये कैसी चल रही है? क्या सरकार ने सबकुछ सही किया है? सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा - पिछले 4 सालों में अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा, महज 13% की ग्रोथ हासिल हुई है. सरकार ने कुछ अच्छी नीतियां बनाई हैं, लेकिन हार्ड रिफार्म अभी देखना को नहीं मिला. विवादित कृषि कानूनों को वापस लेने से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि अगर सरकार लोगों को किसी नीति या कानून का लाभ बताने में असफल रहती है, तो बात आगे नहीं बढ़ सकती.
चीन से की तुलना
उन्होंने आगे कहा कि हमारे पास कई लोकप्रिय नेता रहे हैं. पूर्व में जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी और अब नरेंद्र मोदी, लेकिन उनके इकॉनमी रिकॉर्ड उतने अच्छे नहीं रहे हैं. बजट से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि चूंकि यह वर्तमान सरकार का आखिरी पूर्ण बजट है, इसलिए इसमें हार्ड रिफार्म की उम्मीद नहीं है. क्या हम 10 ट्रिलियन के सपने को पूरा कर सकते हैं? इस पर सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा - कुछ दशक पहले भारत और चीन बराबर थे. दोनों की अर्थव्यवस्था अच्छी स्थिति में नहीं थीं, लेकिन आज चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है. इसे देखकर कहा जा सकता है कि 10 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है. बस नीतियां सही होनी चाहिए.
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