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70 घंटे काम करने के बयान के बाद अब नारायण मूर्ति बोले, सरकार की क्या है जिम्मेदारी?
नारायण मूर्ति ने 1991 के सुधारों को लेकर कहा कि देश को मनमोहन सिंह, मोंटेक सिंह आहलूवालिया और पी चिदंबरम का आभारी होना चाहिए.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 6 months ago
नारायण मूर्ति के पिछले बयान को लेकर जिस तरह की चर्चा छिड़ी उसमें कारोबारियों से लेकर सभी क्षेत्र के लोगों ने अपने विचार व्यक्त किए. अब इंफोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति ने कहा है कि वो किसी दौर में सोशलिज्म के प्रशंसक हुआ करते थे. लेकिन जैसे ही उन्होंने फ्रांस की यात्रा की तो वहां काफी सारी ऐसी चीजें देखी जिसने उनकी विचारधारा में बड़ा परिवर्तन कर दिया.
मूर्ति बोले मैं पहले सोशलिस्ट था
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नारायण मूर्ति ने मोहनदास पाई के साथ बातचीत में कहा कि मैं फ्रांस जाने से पहले सोशलिस्ट हुआ करता था. मैं एक हाईस्कूल शिक्षक का बेटा हुआ करता था, जिन्हें देश पर गर्व था, नेहरू पर गर्व था. उस वक्त जो कुछ भी हो रहा था उन सभी पर गर्व था. अब वो भले ही परमाणु ऊर्जा हो, इस्पात संयंत्र हो, भाखड़ा नांगल आदि के बारे में सभी को लेकर गर्व हुआ करता था. सरकार जो कुछ भी कर रही थी उस पर गर्व हुआ करता था.
मूर्ति की फ्रांस यात्रा ने कर दिए कई बदलाव
नारायण मूर्ति ने मोहनदास पाई के साथ हुई बातचीत में बताया कि जब 70 के दशक में उन्होंने फ्रांस की यात्रा तो उस यात्रा ने उनके जीवन में कई तरह के बदलाव कर दिए. वहां सबकुछ समृद्ध था, वहां की सड़कें साफ सुथरी हुआ करती थी, मैने वहां की सड़कों पर कोई भिखारी नहीं देखा. सभी ट्रेनें टाइम पर चल रही थी. वहां ये सबदेखकर मेरा समाजवाद में विश्वास टूटने लगा था. उन्होंने कहा कि वो शनिवार को ऑफिस समय के बाद सारबेन यूनिवर्सिटी भी जाएंगे, और वहां कई यंग अर्थशास्त्रियायें से मुलाकात करेंगे. वो वहां समाजवादियों के साथ-साथ पूंजीवादियों को सुनेंगे.
मूर्ति ने सीखी तीन सीख
नारायण मूर्ति ने कहा कि मैने तीन चीजें सीखी हैं. अगर आपको गरीबी को खत्म करना है तो आपको उच्च आय वाली नौकरियों का सृजन करना चाहिए. दूसरा ऐसी नौकरियों के सृजन के लिए कंपनियों पर लगी सभी तरह की रोक को खत्म कर दे. उनके लिए और निवेशकों के लिए कुछ संपत्ति का निर्माण भी करे. तीसरा सबसे महत्वपूर्ण ये है कि वो सड़कें, हास्पिटल, स्कूल और दूसरी चीजों का निर्माण करे, वो भी बिना किसी भ्रष्टाचार के होना चाहिए.
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