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अगले 7 सालों में इतने ट्रिलियन हो जाएगी भारत की अर्थव्यसवस्था: पुनीत चटवाल
पुनीत चटवाल ने कहा कि आज भारत की इकोनॉमी 6.5 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ रही है इसमें टियर 2 और टियर 3 जैसे शहरों की बड़ी भूमिका है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 7 months ago
IHA BW Hotelier के 7 वें संस्करण में इस इंडस्ट्री के कई नामी लोगों ने भाग लिया. इस इवेंट के एक सेशन में बिजनेस टूडे के एक्सिक्यूटिव डॉयरेक्टर और इंडिया टूडे और आज तक के न्यूज डॉयरेक्टर राहुल कंवल के साथ एक फायर साइट चैट में इंडियन होटल कॉरपोरेशन के एमडी और सीईओ पुनीत चटवाल ने कई अहम बातें कहीं. उन्होंने कहा कि आने वाले 7 सालों में भारत की इकोनॉमी 7 ट्रिलियन हो जाएगी. उन्होंने कहा कि अगले कुछ सालों में भारत की अर्थव्यवस्था में और बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे. अगर मैं कहूं तो कोई चार और पांच चीजें ऐसी हैं जो इसे ड्राइव कर रही हैं, और वो इसमें रेडिकल तरीके से बदलाव ला रही हैं.
7 सालों में इतने ट्रिलियन हो जाएगी इकोनॉमी
ताज होटल के एमडी और सीईओ पुनीत चटवाल ने कहा कल मैं एक इवेंट में था जहां चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर बोल रहे थे. जहां उन्होंने कहा कि अगले 7 सालों में भारत की इकोनॉमी 7 ट्रिलियन की हो जाएगी. अगले कुछ सालों में भारत की अर्थव्यवस्था में और बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे. अगर मैं कहूं तो कोई चार और पांच चीजें ऐसी हैं जो इसे ड्राइव कर रही हैं, और वो इसमें रेडिकल तरीके से बदलाव ला रही हैं. इसमें हम मेट्रो सिटी के बाहर भी बड़े बदलाव देख रहे हैं. हम देख रहे हैं कि वहां पारंपरिक रिसॉर्ट बन रहे हैं. आप उड़ान स्कीम को देख लीजिए जिसमें 50 नए एयरपोर्ट बन रहे हैं आप प्रसाद स्कीम को देख लीजिए जिसमें आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा दिया जा रहा है. ये हमारी ग्रोथ को ड्राइव कर रहे हैं जिसे हमने पहले नहीं देखा है.
दुनिया के मुकाबले भारत की अर्थव्यवस्था में तेजी
ताज होटल के एमडी और सीईओ पुनीत चटवाल ने कहा जब पूरी दुनिया में हम देख रहे हैं कि अर्थव्यवस्था में गिरावट हो रही है वहीं भारत में ये ग्रोथ 6.5 प्रतिशत की है. ये जो 6.5 प्रतिशत की ग्रोथ जो है वो केवल मेट्रो सिटी से नहीं आई है ये दूसरे शहरों से भी आ रही है. आज आप दिल्ली हो या मुंबई सभी को रिओरिएंटेशन की जरूरत है. आप दिल्ली में ही देख लीजिए कि आज हमारे शहर में यशोभूमि जैसे कनवेंशन सेंटर बन चुके हैं, उसी तरह प्रगति मैदान में भारत मंडपम बन चुका है जहां 5000 लोग एक साथ मीटिंग कर सकते हैं. लेकिन हमारे पास उनके लिए कमरे नहीं हैं. दोनों शहरों और मेट्रो सिटी के बाहर सभी जगह रि ओरिएंटेशन की जरूरत है.
कितने पैनीट्रेशन में है हॉस्पिटैलिटी सेक्टर?
वहीं अगर भारत में हास्पिटैलिटी सेक्टर के अंडर पैनीट्रेशन होने की बात करें तो ये अमेरिका में सबसे ज्यादा दिखाई देता है. वहां ये 16.2 है, जबकि चीन में 3.2 है, वहीं भारत में ये 0.1 है. इस पर अपनी बात कहते हुए पुनीत चटवाल ने कहा कि भारत में अगर ये 0.1 की जगह 1.0 हो तो होटल इंडस्ट्री के लिए बेहतर होगा. चटवाल ने ये भी कहा कि अगर प्राइवेट कैपेक्स की बात करें तो उसमें सबसे बड़ी भूमिका होटल इंडस्ट्री की है. ये भारत के इतिहास में इससे पहले कभी नहीं हुआ है. मुझे लगता है कि ये इसमें बदलाव करेगा. उन्होंने कहा कि हम लोग भले ही हम आजाद 75 साल हो गए थे लेकिन हमारे देश में हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में 80 के दशक से काम होना शुरू हुआ. इसमें एशियाड हो, नैम हो, या फिर अब जी 20 समिट हो. इन्हीं इवेंट ने इस सेक्टर को पुश किया है.
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