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इस ठग ने गवर्नर को दिया 25 लाख का लोन, IAS और IPS हैं कंपनी में एडवाइजर्स!
मनोज सिन्हा सांसद हुआ करते थे और अपने चुनावी एफिडेविट में उन्होंने इस कर्ज को ‘अनसिक्योर्ड लोन’ की श्रेणी में रखा था.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
हाल ही में एक बड़ा ही दिलचस्प मामला सामने आया है. उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने संजय राय शेरपुरिया नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया है. इस मामले में दिलचस्प यह है कि शेरपुरिया ने प्रधानमंत्री कार्यालय तक अपनी पहुंच बताकर न सिर्फ बहुत से लोगों को ठग लिया बल्कि जम्मू कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा को 25 लाख रुपये का लोन भी दिया है.
चुनाव और शेरपुरिया का कर्ज
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो संजय राय शेरपुरिया ने जम्मू और कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा को 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले 25 लाख रुपयों का लोन दिया था. तब मनोज सिन्हा गाजीपुर लोकसभा सीट से सांसद हुआ करते थे और अपने चुनावी एफिडेविट में उन्होंने संजय शेरपुरिया से लिए गए इस कर्ज को ‘अनसिक्योर्ड लोन’ की श्रेणी में रखा था. 2019 के लोकसभा चुनावों में मनोज सिन्हा BSP (बहुजन समाजवादी पार्टी) के उम्मीदवार अफजल अंसारी से हार गए और अगले ही साल उन्हें जम्मू और कश्मीर का उप-राज्यपाल नियुक्त कर दिया गया. इस मामले पर मनोज सिन्हा ने तो कोई जवाब नहीं दिया लेकिन उनके एक करीबी ने बताया कि 2015-16 के बाद से शेरपुरिया और मनोज सिन्हा का कोई संपर्क नहीं हुआ. मनोज सिन्हा ने कई बार कर्ज चुकाने की कोशिश भी की लेकिन शेरपुरिया से संपर्क नहीं होने की वजह से वह कर्ज नहीं चुका पाए.
मनोज सिन्हा का चुनावी एफिडेविट
अगस्त 2020 में मनोज सिन्हा को जम्मू और कश्मीर भेजा गया था. 2019 के उनके चुनावी एफिडेविट में शेरपुरिया से लिए गए पैसों का जिक्र तो किया ही गया है लेकिन साथ ही पांच अन्य ‘अनसिक्योर्ड लोन्स’का जिक्र भी किया गया है और इन लोन्स का टोटल 57 लाख रुपये होता है. मनोज सिन्हा ने शेरपुरिया से सबसे ज्यादा 25 लाख रुपये का कर्ज लिया है लेकिन इसके अलावा उन्होंने अन्य लोगों से 3 लाख, 6 लाख, 8 लाख और 15 लाख रुपयों का कर्ज लेने का जिक्र भी अपने चुनावी एफिडेविट में किया है. 2019 का चुनाव हार जाने के बावजूद भी मनोज सिन्हा अपने इलाके में काफी एक्टिव रहे. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 1999 और 1996 में भी मनोज सिन्हा को गाजीपुर से सांसद के रूप में चुना गया था .
कौन है संजय राय शेरपुरिया?
उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार ऐसी बहुत शिकायतें सामने आ रही थीं कि प्रधानमंत्री समेत केंद्रीय और राज्य सरकार के मंत्रियों और भारतीय जनता पार्टी के जाने-माने नेताओं से नजदीकी दिखाकर बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी की जा रही है. शिकायत मिलने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स को इस मामले की जांच का जिम्मा सौंपा गया. फर्जी दस्तावेजों के आधार पर संजय राय शेरपुरिया ने कई कंपनियां बना रखी थीं जिसके लिए उसने कई बैंकों से लोन भी लिया था और बाद में फरार हो गया था. शेरपुरिया ने Youth Rural Entrepreneur नाम से एक संस्था भी बना रखी है. इस संस्था में सभी डायरेक्टर, डमी डायरेक्टर हैं लेकिन सोशल मीडिया पर वह खुद को इस संस्था का कर्ता-धर्ता दिखाता है. इस संस्था के खाते में जनवरी में दो बार छह करोड़ रुपये जमा किये गए थे और इसके अलावा भी इस खाते में अलग-अलग तरीकों से पैसे जमा करवाए गए थे.
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