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आज खुश तो बहुत होंगे Ashneer Grover, वजह ही कुछ ऐसी है
अश्नीर ग्रोवर का अपनी पूर्व कंपनी भारतपे के साथ लंबे समय से विवाद चल रहा है. दोनों तरफ से लगातार बयानबाजी होती रहती है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 5 months ago
भारतपे (BharatPe) के पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर अश्नीर ग्रोवर (Ashneer Grover) ने दिल्ली हाई कोर्ट से एक अच्छी खबर मिली है. कोर्ट ने भारतपे के को-फाउंडर शाश्वत नकरानी (Shashvat Nakrani) के उस आवेदन को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने अश्नीर ग्रोवर के भारतपे के शेयर बेचने पर रोक की मांग की थी. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नकरानी ने अदालत से मांग की थी कि उनके द्वारा अश्नीर ग्रोवर को बेचे गए शेयरों की बिक्री, हस्तांतरण या किसी तीसरे पक्ष अधिकार बनाने पर रोक लगाई जाए. हालांकि, दिल्ली उच्च न्यायालय ने इससे इंकार कर दिया है.
बिक्री से पहले देनी होगी सूचना
न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने अश्नीर ग्रोवर से कहा कि वह संबंधित शेयरों को स्थानांतरित करने या बेचने का निर्णय लेने से पहले नकरानी को इसकी सूचना देंगे. अदालत के इस फैसले से ग्रोवर काफी खुश हैं. उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी खुशी जाहिर की है. अश्नीर ने X प्लेटफॉर्म पर लिखा है कि यह आदेश भारत में संस्थापकों के अधिकारों की रक्षा में मददगार साबित होगा. उन्होंने आगे लिखा है कि मैं माननीय उच्च न्यायालय का मेरे पक्ष में और मेरी इक्विटी की रक्षा के लिए आदेश पारित करने के लिए बहुत आभारी हूं.
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कंपनी से चल रहा है विवाद
मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि फिनटेक फर्म भारतपे की स्थापना शाश्वत नकरानी और भाविक कोलाडिया ने मार्च 2018 में की थी और दोनों के पास फर्म में 50% हिस्सेदारी थी. अश्नीर ग्रोवर जुलाई 2018 में तीसरे सह-संस्थापक और बोर्ड सदस्य के रूप में कंपनी में शामिल हुए. उन्होंने कुल 3,192 शेयर खरीदे थे. अश्नीर ने नकरानी से 2,447 और कोलाडिया से 745 शेयर 10 रुपए प्रति शेयर के हिसाब से खरीदे थे. बता दें कि अश्नीर ग्रोवर और भारतपे के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है. BharatPe ने अश्नीर और उनकी पत्नी माधुरी जैन पर धोखाधड़ी के आरोप लगाए हैं. हालांकि, अश्नीर इन आरोपों को बेबुनियाद करार देते आए हैं.
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