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मुराद पर मुहर: Bilkis Bano के गुनाहगार फिर जाएंगे जेल, SC ने रद्द की सजा माफी
अदालत ने कहा कि गुजरात सरकार को रिहाई का फैसला लेने का कोई अधिकार नहीं है, वह दोषियों को कैसे माफ कर सकती है?
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 4 months ago
बिलकिस बानो गैंगरेप केस (Bilkis Bano Gangrape Case) में सुप्रीम कोर्ट से बड़ी खबर सामने आई है. अदालत ने गुजरात सरकार के फैसले को पलटते हुए 11 दोषियों की समय से पहले रिहाई के फैसले को खारिज कर दिया है. जिसका मतलब है कि दोषियों को फिर से जेल जाना होगा. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि दोषियों की सजा माफी का आदेश पारित करने के लिए गुजरात सक्षम नहीं है. दोषियों को फिर से सजा में माफी की अपील दायर करनी होगी.
क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने?
मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस नागरत्ना ने कहा कि हमारा मानना है कि गुजरात के पास दोषियों को छूट संबंधी आदेश पारित करने का कोई अधिकार नहीं था. दोषियों की रिहाई के समय तथ्यों को छुपाया गया. जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच ने आगे कहा कि गुजरात सरकार को रिहाई का फैसला लेने का कोई अधिकार नहीं है, वह दोषियों को कैसे माफ कर सकती है? सुनवाई महाराष्ट्र में हुई है तो रिहाई पर फैसला भी वहीं की सरकार ले सकती है. जिस राज्य में किसी अपराधी पर मुकदमा चलाया जाता है और सजा सुनाई जाती है, उसी को दोषियों की माफी याचिका पर फैसला लेने का अधिकार है.
बिलकिस ने दायर की थी याचिका
बिलकिस बानो ने गैंगरेप के 11 दोषियों की रिहाई के खिलाफ 30 नवंबर 2022 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. अपनी याचिका में पीड़िता ने दोषियों की रिहाई को चुनौती देते हुए उन्हें तुरंत वापस जेल भेजने की मांग की थी. बता दें कि केस के सभी 11 दोषी 15 अगस्त 2022 को आजादी के अमृत महोत्सव के तहत रिहा कर दिए गए थे. गुजरात सरकार के इस फैसले की पूरे देश में आलोचना हुई थी. लोगों ने इसे बिलकिस के साथ अन्याय करार दिया था. अब सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद सभी दोषियों को वापस जेल जाना होगा. इस तरह, लोगों की बिलकिस के दोषियों को फिर जेल में देखने की मुराद पूरी हो गई है.
दंगों के दौरान हुई थी वारदात
गुजरात में 2002 के दंगों के दौरान बिलकिस से गैंगरेप हुआ था. दंगों के दौरान दाहोद जिले के रंधिकपुर गांव में उग्र भीड़ बिलकिस बानो के घर में घुस गई थी. दंगाइयों से बचने के लिए बिलकिस अपने परिवार के साथ एक खेत में छिपी थी. उस समय बिलकिस की उम्र 21 साल थी और वे 5 महीने की गर्भवती थी. दंगाइयों ने बिलकिस का गैंगरेप किया और उनके परिवार के 7 लोगों की हत्या कर दी थी. जबकि 6 लोग लापता पाए गए, जिनका कोई सुराग नहीं मिला. गैंगरेप के आरोपियों को 2004 में गिरफ्तार किया गया. जनवरी 2008 में CBI की स्पेशल कोर्ट ने 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई. इसके बाद बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी आरोपियों की सजा को बरकरार रखा.
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