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नेतृत्व बदलाव से नहीं सुधरेंगे Wipro के हालात, इस ब्रोकिंग फर्म ने बताई बड़ी वजह
ऐसे में थियरी डेलपोर्ट का जाना तय माना जा रहा था. मगर, यह फैसला इतना जल्दी हो जाएगा, इसकी किसी को उम्मीद नहीं थी. उनके इस्तीफे से विप्रो में चल रही समस्याएं एक बार फिर सबके सामने आ गई हैं.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 month ago
विप्रो की लीडरशिप में एक और बड़ा बदलाव हो गया है. साल 2020 में पद संभालने वाले थियरी डेलपोर्ट (Thierry Delaporte) ने मात्र 3 साल में ही इस्तीफा दे दिया है. अब उनकी जगह श्रीनि पलिया (Srini Pallia) लेने वाले हैं. साल 2023 से कंपनी के शीर्ष नेतृत्व में बड़े बदलाव आ चुके थे. ऐसे में थियरी डेलपोर्ट का जाना तय माना जा रहा था. मगर, यह फैसला इतना जल्दी हो जाएगा, इसकी किसी को उम्मीद नहीं थी. उनके इस्तीफे से विप्रो में चल रही समस्याएं एक बार फिर सबके सामने आ गई हैं. इस्तीफे पर नोमुरा इंडिया ने कहा कि हम विप्रो की रणनीति पर नजर बनाए हुए हैं और हमें लगता है कि वित्त वर्ष 2025 में रिवेन्यू ग्रोथ के मामले में पीछे रहेगा.
विप्रो की रणनीति पर रहेगी नजर
विप्रो के सीईओ के इस्तीफेक बाद ब्रोकिंग फर्म नोमुरा इंडिया ने कहा कि विप्रो के सीईओ के रूप में थिएरी डेलापोर्ट का इस्तीफा और इसकी टाइमिंग आश्चर्यजनक थी और जून 2025 में उनके पांच साल के कार्यकाल के अंत से पहले आई. घरेलू ब्रोकरेज ने कहा कि निवेशक नए सीईओ श्रीनिवास पल्लिया की रणनीति पर उत्सुकता से नज़र रखेंगे, जिसका खुलासा 19 अप्रैल को आईटी फर्म के कॉन्फ्रेंस कॉल के साथ होने की संभावना नहीं है. वित्त वर्ष 25 के लिए, नोमुरा इंडिया को उम्मीद है कि रिवेन्यू ग्रोथ के मामले में विप्रो आईटी प्रतिस्पर्धियों से पीछे रहेगी.
श्रीनिवास पल्लिया होंगे विप्रो के नए सीईओ
श्रीनिवास पल्लिया 7 अप्रैल से पांच साल के कार्यकाल के लिए विप्रो के नए सीईओ होंगे. श्रीनिवास 1992 से विप्रो के साथ जुड़े हुए हैं और उन्होंने विप्रो के कंज्यूमर बिजनेस यूनिट के अध्यक्ष और बिजनेस एप्लीकेशन सर्विसेज के ग्लोबल हेड सहित कई लीडरशिप भूमिकाएँ निभाई हैं. हाल ही में, उन्होंने विप्रो के सबसे बड़े और सबसे तेजी से बढ़ते बाजार अमेरिका 1 के सीईओ के रूप में काम किया, जहां उन्होंने कई उद्योग क्षेत्रों का नेतृत्व किया. श्रीनि पल्लिया न्यू जर्सी, यूएस में रहेंगे और 2016 के बाद से विप्रो के पहले इनसाइडर सीईओ होंगे.
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सबकी निगाहें श्रीनिवास पर रहेंगी
नोमुरा इंडिया ने कहा कि एक इनसाइडर होने के नाते श्रीनिवास को एक बाहरी उम्मीदवार की तुलना में ज्यादा मदद मिलेगी, लेकिन उनके एजेंडा स्पष्ट है कि कैसे कंपनी की रिवेन्यू ग्रोथ को फिर से वापस लाना है. विप्रो के कमजोर रिवेन्यू प्रदर्शन ने इसे वित्त वर्ष 2023-24 में अपने अधिकांश लार्ज-कैप भारतीय प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में पिछड़ा बना दिया है. पिछले दो वर्षों में सीनियर लीडरशिप में गिरावट अधिक देखी गई है और हमारे विचार से इसे तत्काल रोकने की आवश्यकता है.
नये सीईओ के अंतर्गत रणनीति में बदलाव?
नोमुरा इंडिया ने इसके साथ ही कहा कि निवेशक नए सीईओ की रणनीति पर करीब से नजर रखेंगे उसे लगता है कि 19 अप्रैल को होने वाली मार्च तिमाही के नतीजों की कॉन्फ्रेंस कॉल के दौरान इसके बारे में खुलासा होने की संभावना नहीं है. पूर्व सीईओ थिएरी ने कई चीजों के साथ प्रयोग किया था और यह स्पष्ट नहीं है कि श्रीनि पल्लिया विकास की गति को पुनर्जीवित करने के लिए इस रणनीति में महत्वपूर्ण बदलाव करेंगे या नहीं.
विप्रो के रिवेन्यू ग्रोथ रहेगी धीमी
ब्रोकरेज का मानना है कि विप्रो के रिवेन्यू ग्रोथ की रिकवरी धीमी रहेगी और निकट भविष्य में सीईओ परिवर्तन के कारण इसमें कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है. नोमुरा इंडिया ने कहा कि हम आने वाली तिमाहियों में उनकी रणनीति पर कड़ी नज़र रखेंगे. हमें लगता है कि वित्त वर्ष 2025 में विप्रो अपने साथियों की तुलना में विकास दर में पिछड़ जाएगा और इसलिए हम वित्त वर्ष 2026 अर्निंग्स पर शेयर (EPS) ईपीएस में हम कोई बदलाव नहीं कर रहे हैं. बता दें कि थिएरी 31 मई तक विप्रो के साथ रहेंगे ताकि आने वाले सीईओ के लिए सुचारू संक्रमण सुनिश्चित किया जा सके.
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