क्या Vedanta के 'अच्छे दिनों' की शुरुआत हो चुकी है? इस खबर से तो यही मिल रहे संकेत

अनिल अग्रवाल को बड़े दिनों के बाद अच्छी खबर सुनने को मिली है. उनकी कंपनी में निवेशकों का विश्वास बढ़ा है.

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Monday, 08 April, 2024
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दिग्गज कारोबारी अनिल अग्रवाल (Anil Agarwal) के लिए पिछला कुछ समय खास अच्छा नहीं गया है. कर्ज का बोझ, सरकार से विवाद जैसी तमाम परेशानियां उनकी राह में आई हैं. अब बड़े दिनों के बाद उन्हें एक अच्छी खबर सुनने को मिली है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दुनिया की सबसे बड़ी एसेट मैनेजमेंट कंपनी ब्लैकरॉक ने अग्रवाल की कंपनी वेदांता में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है. इसका सीधा मतलब है कि वेदांता में ब्लैकरॉक का विश्वास बढ़ा है. इसी तरह, अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (ADIA) के साथ-साथ ICICI म्यूचुअल फंड और निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड ने पिछले चार महीनों में वेदांता में हिस्सेदारी बढ़ाई है. 

इन्होंने भी बढ़ाई हिस्सेदारी 
अनिल अग्रवाल के लिए एक और अच्छी बात ये है कि विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) का भरोसा भी वेदांता समूह पर बढ़ा है. उन्होंने अपनी हिस्सेदारी में 1.2 प्रतिशत का इजाफा किया है. जानकार मानते हैं कि वेदांता के लिए यह खबरें बूस्ट का काम करेंगी. दरअसल, डीमर्जर प्लान, कर्ज कम करने की कोशिश और धातुओं की बढ़ती कीमतों ने वेदांता के शेयरों को मजबूती प्रदान की है. इसके चलते घरेलू और अंतरराष्ट्रीय फंड्स की दिलचस्पी वेदांता में  बढ़ी है. ब्लैकरॉक इंक दुनिया में 10 ट्रिलियन डॉलर का एसेट मैनेज करती है और पूरी दुनिया में इस कंपनी की एक खास इमेज है. 

आज बाजार में दिखेगा असर 
रिपोर्ट्स के मुताबिक, निवेशक अब वेदांता में खरीदारी में रुचि दिखा रहे हैं. कई विदेशी और घरेलू निवेशकों ने कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है. यही वजह है कि दिसंबर के बाद से Vedanta का बाजार पूंजीकरण करीब तीन अरब अमेरिकी डॉलर बढ़ा है. वहीं, वेदांता के शेयरों की बात करें, तो पिछले सत्र में ये करीब 3 प्रतिशत की मजबूती के साथ 318.40 रुपए पर बंद हुए थे. इसी दिन कंपनी के शेयर ने 52-सप्ताह का उच्चतम स्तर 322 रुपए छूआ था. इस आल अब तक ये 23.82% रिटर्न दे चुका है. निवेशकों के बढ़ते विश्वास की खबर का कुछ न कुछ असर आज वेदांता के शेयरों पर देखने को मिल सकता है.

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कर्ज कम करने की कोशिश
हाल ही में खबर आई थी कि वेदांता पर कर्ज का बोझ कम करने की कोशिश के तहत अनिल अग्रवाल अपना स्टील कारोबार बेचना चाहते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि वेदांता लिमिटेड के स्वामित्व वाली ESL स्टील बिकने जा रही है. ESL की वर्तमान क्षमता 1.5 मिलियन टन है. अग्रवाल के स्टील कारोबार को खरीदने वालों की दौड़ में आर्सेलर मित्तल के लक्ष्मी मित्तल (Lakshmi Mittal) और जय सराफ की कंपनी निथिया कैपिटल शामिल हैं. जय सराफ आर्सेलर मित्तल के पूर्व एग्जीक्यूटिव हैं और वह ESL स्टील पर बोली लगाने के लिए एक कंसोर्टियम बना रहे हैं, जिसमें निथिया कैपिटल सहित कुछ अन्य इन्वेस्टर्स शामिल हो सकते हैं.

इतना है कंपनी कर कर्ज
वेदांता लिमिटेड के मालिकाना हक वाली ईएसएल स्टील की वर्तमान क्षमता 1.5 मिलियन टन है, जिसे कंपनी ने दोगुना करने का लक्ष्य रखा है. हालांकि, अब कंपनी अपनी इस यूनिट को बेच रही है. दरअसल, अनिल अग्रवाल वेदांता के कर्ज को जल्द से जल्द कम करना चाहते हैं. इसी क्रम में वह अपने नॉन-कोर एसेट्स को बेच रहे हैं. ईएसएल स्टील की बिक्री अग्रवाल की इसी योजना का हिस्सा है. बता दें कि वेदांता लिमिटेड ने कुछ वक्त पहले विभिन्न व्यवसायों को अलग करने के लिए छह लिस्टेड यूनिट्स बनाने की घोषणा की थी. कंपनी पर करीब 20,000 करोड़ रुपए का कर्ज है.

पहले भी बनाई थी योजना
वेदांता ने 2022 के आखिरी में भी ईएसएल स्टील को बेचने की बात कही थी, मगर बाद में इस योजना को रोक दिया गया. अब कंपनी फिर से स्टील कारोबार को बेचने की दिशा में आगे बढ़ रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, स्टील कारोबार को कुछ खरीदने में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई है. अगले कुछ महीनों में डील पूरी हो सकती है. वेदांता ने 2018 में 5,320 करोड़ में ईएसएल स्टील का अधिग्रहण किया था. गौरतलब है कि अडानी समूह को लेकर पिछले साल आई हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद से वेदांता जैसी कंपनियां अपना कर्ज कम करने पर ज्यादा फोकस कर रही हैं.
 


9 साल में पहली बार घाटा...ढलान पर शेयर, TATA की इस कंपनी को लेकर अब क्या हो रणनीति?

टाटा समूह की कंपनी टाटा केमिकल्स के शेयरों में गिरावट का दौर जारी है. कल की तरह आज भी शेयर लुढ़के हैं.

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Tuesday, 30 April, 2024
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टाटा समूह (TATA Group) की कंपनी टाटा केमिकल्स (Tata Chemicals) को मार्च तिमाही में बड़ा घाटा हुआ है. बीते 9 सालों में यह पहला मौका है कि जब कंपनी के तिमाही नतीजे इतने खराब रहे हैं. टाटा केमिकल्स के घाटे की खबर का असर उसके शेयरों पर भी पड़ा है. कंपनी के शेयर आज गिरावट के साथ बंद हुए हैं. किसी भी कंपनी के शेयर उसकी आर्थिक सेहत के आधार पर ट्रेड करते हैं. ऐसे में टाटा केमिकल्स के घाटे का असर उसके शेयरों पर आगे भी देखने को मिल सकता है. शायद यही वजह है कि घरेलू ब्रोकरेज फर्म ने टाटा केमिकल्स के शेयर का टार्गेट प्राइज घटा दिया है.

पहले प्रॉफिट, अब घाटा
टाटा केमिकल्स को जनवरी-मार्च 2024 तिमाही में करीब 850 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है. एक साल पहले की इसी अवधि में कंपनी ने 709 करोड़ रुपए का प्रॉफिट कमाया था. इस तिमाही में ऑपरेशनल रिवेन्यु सालाना आधार पर 21.1 प्रतिशत घटकर 3,475 करोड़ रुपए रह गया है. इसका असर स्टॉक मार्केट में कंपनी की परफॉरमेंस पर पड़ा है. टाटा केमिकल्स का शेयर कल भी करीब 2 प्रतिशत की नरमी के साथ बंद हुए थे और आज यानी मंगलवार को उसमें 2.49% की गिरावट आई है.  

5 सत्रों से जारी है नरमी 
पिछले 5 कारोबारी सत्रों में यह शेयर 4.45% नीचे लुढ़क चुका है. बीते एक साल में इसने 10.30% का रिटर्न दिया है. कहा जा सकता है कि टाटा की इस कंपनी के शेयरों के लिए 2024 अब तक खास अच्छा नहीं गया है. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ब्रोकरेज फर्म कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने टाटा केमिकल्स के शेयर की 'सेल' रेटिंग बनाए रखते हुए इसका Target Price 780 से घटाकर 770 रुपए कर दिया है. फर्म का कहना है कि शायद टाटा संस (Tata Sons) के आईपीओ की उम्मीद में निवेशकों का रुझान टाटा केमिकल्स की तारा बढ़ा था. अब जब आईपीओ की संभावना कम नजर आ रही है, तो उनका उत्साह भी कम हो गया है. 

इतना किया Target Price
कोटक इक्विटीज ने यह भी कहा कि बैटरी केमिकल्स में बड़े विस्तार की कोई भी उम्मीद दिखाई नहीं दे रही है. इसलिए उसने इस शेयर के Target Price 780 से घटाकर 770 रुपए कर दिया है. वहीं, ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल ने न्यूट्रल रेटिंग के साथ टाटा केमिकल्स के शेयर को 980 रुपए का टार्गेट प्राइज दिया है. इस समय कंपनी का शेयर 1072.10 रुपए पर मिल रहा है. यानी ब्रोकरेज फर्म्स को लगता है कि कंपनी का स्टॉक अभी और गोता लगा सकता है. लिहाजा, इसमें निवेश का फैसला सोच-समझकर लें.

गिरावट की ये भी है वजह  
पिछले महीने यानी मार्च में भी टाटा संस के आईपीओ को लेकर सामने आई खबर की वजह से टाटा केमिकल्स के शेयरों में बड़ी गिरावट देखने को मिली थी. 11 मार्च को शुरुआती कारोबार में कंपनी के शेयर 10% तक टूट गए थे. दरअसल, कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि टाटा संस आईपीओ (Tata Sons IPO) लाने से बच रही है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के नियमों के तहत टाटा संस को मौजूदा स्वरूप में आईपीओ लाना होगा और सितंबर 2025 तक लिस्ट होना होगा, लेकिन कंपनी इससे बचने के विकल्प तलाश रही है.

विकल्प तलाश रही कंपनी
टाटा संस ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पास ‘अपर लेयर NBFC यानी नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी नियमों में छूट की अपील की थी, मगर RBI ने इससे इंकार कर दिया. अब कंपनी बैलेंस शीट के रीस्ट्रक्चरिंग का विकल्प तलाश रही है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि यदि कर्ज चुकाकर लोन को रीस्ट्रक्चर करने में टाटा संस सफल रहती है और टाटा कैपिटल में अपनी होल्डिंग को किसी अन्य यूनिट में ट्रांसफर कर देती है, तो उस स्थिति में उसे इन्वेस्टमेंट या अपर लेयर NBFC के रूप में डीरजिस्टर किया जा सकेगा. इससे कंपनी लिस्टिंग से बच जाएगी.

आखिर क्या है लेना-देना?
अब सवाल ये उठता है कि टाटा संस के आईपीओ टालने की खबर से टाटा केमिकल्स का क्या लेनादेना है? दरअसल, टाटा संस में टाटा केमिकल्स की कुल हिस्सेदारी करीब 3 प्रतिशत है. टाटा केमिकल्स को टाटा संस की मेगा लिस्टिंग का सबसे बड़ा लाभार्थी माना जाता रहा है. निवेशकों को उम्मीद थी कि टाटा संस के आईपीओ से टाटा केमिकल्स को भी फायदा होगा, लेकिन आईपीओ के टलने की खबर से निवेशकों का उत्साह एकदम से कम हो गया है और इसका असर कंपनी के शेयरों पर पड़ रहा है. 

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Smriti Irani के लिए भी म्यूचुअल फंड्स 'सही' हैं, इन Funds में लगाया है पैसा  

बीजेपी लीडर स्मृति ईरानी की दौलत पिछले पांच सालों में काफी बढ़ी है. उन्होंने कई म्यूचुअल फंड्स में निवेश किया है.

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Tuesday, 30 April, 2024
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म्यूचुअल फंड्स 'सही' हैं, मानने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds) कम समय में अच्छा रिटर्न देने का माध्यम बन गए हैं, इसलिए उन पर दांव लगाने वालों की तादाद लगातार बढ़ रही है. केंद्रीय मंत्री और बीजेपी लीडर स्मृति ईरानी (Smriti Irani) भी बेहतरीन रिटर्न के लिए म्यूचुअल फंड्स को बेस्ट ऑप्शन के तौर पर देखती हैं. उनका पोर्टफोलियो दर्शाता है कि उन्हें इन्वेस्टमेंट के इस विकल्प पर कितना भरोसा है. 

अमेठी से भरा नामांकन
स्मृति ईरानी उत्तर प्रदेश की अमेठी लोकसभा सीट (Amethi Lok Sabha Election) से चुनावी मैदान में हैं. यह लगातार तीसरा मौका है जब BJP ने उन्हें इस सीट से उम्मीदवार बनाया है. 2019 के लोकसभा चुनाव में ईरानी ने कांग्रेस लीडर राहुल गांधी को 55,000 वोटों से हराया था. हालांकि, राहुल गांधी वायनाड की सुरक्षित सीट से जीतकर संसद पहुंचने में सफल रहे. वहीं, कांग्रेस ने अब तक अमेठी से अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है. चर्चा यह भी है कि राहुल गांधी फिर से स्मृति ईरानी का सामना करने के लिए यहां से मैदान में उतर सकते हैं. 

इतना हुआ संपत्ति में इजाफा
स्मृति ने अमेठी से नामांकन भर दिया है. इसके साथ उन्होंने जो एफिडेविट दिया है, उसमें उनकी संपत्ति की जानकारी मौजूद है. इस हलफनामे से यह भी पता चलता है कि उन्होंने कहां, कितना निवेश किया हुआ है. पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले स्मृति ईरानी की संपत्ति में इजाफा हुआ है. इन पांच सालों में उनकी संपत्ति 4 करोड़ 4 लाख 22 हजार 348 रुपए बढ़ी है. वहीं, उनके पति की संपत्ति में 4 करोड़ 14 लाख 19 हजार 976 रुपए का इजाफा देखने को मिला है. अकेले स्मृति के पास 8.75 करोड़ की संपत्ति है.  

इनमें लगा है ईरानी का पैसा
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कई म्यूचुअल फंड्स में पैसा लगाया हुआ है. इसमें SBI Magnum Midcap Fund, SBI Blue Chip Fund, DSP India T.I.G.E.R. Fund, DSP Overnight Fund, SBI Focused Equity Fund, Kotak Emerging Equity Fund और Motilal Oswal ELSS Tax Saver Fund शामिल हैं. अब यह भी जान लेते हैं कि स्मृति ने इनमें से किसमें, कितना इन्वेस्टमेंट किया है. SBI Magnum में उनका निवेश 2,329,577 रुपए, SBI Blue Chip में 1,861,590 रुपए, SBI Focused में 1,238,943 रुपए, DSP India T.I.G.E.R. में 67,934 रुपए, DSP Overnight में 9127 रुपए, Kotak में 1,488,267 रुपए और Motilal Oswal में 1,818,419 रुपए लगाए हैं.


अब भीषण गर्मी में भी आराम से ट्रैफिक मैनेज कर सकेंगे ट्रैफिककर्मी, इस इनोवेशन ने किया कमाल

इस कंपनी के जैकेट में पीसीएम रखे जाते हैं. यही नहीं जैकेट से वेंटिलेशन बनाए रखने के लिए पंखे भी लगाए गए हैं जो तापमाान को बरकरार रखते हैं.  

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Tuesday, 30 April, 2024
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इस बार उत्‍तर भारत में होने वाली गर्मी को लेकर पहले ही मौसम विभाग भविष्‍यवाणी कर चुका है. वहीं दूसरी ओर अभी से तापमान 36 से 38 डिग्री तक जा पहुंचा है. इस भीषण गर्मी में सबसे बड़ी परेशानी ट्रैफिक पुलिसकर्मियों के लिए होती है जिन्‍हें भीड़भाड़ वाले चौराहों पर ट्रैफिक मूवमेंट करनी पड़ती है. लेकिन अब ट्रैफिककर्मियों की इस परेशानी को खत्‍म करने के लिए एक कंपनी ने स्‍नो जैकेट बनाया है जिससे उन्‍हें गर्मी में भी ठंडी का अहसास होता है. इन दिनों गुड़गांव पुलिस के जवान इन जैकेट का परीक्षण कर रहे हैं. 

आखिर क्‍या है जैकेट की टेक्‍नोलॉजी? 
इस जैकेट को निर्माण प्‍लस एडवांस्‍ड टेक्‍नोलॉजी की ओर से बनाया गया है. इस जैकेट में एक वेस्ट होती है, जिसमें बने एक पाउच में फेज चेंज मैटीरियल्स (पीसीएम) रखे जाते हैं. जबकि जैकेट में वेंटीलेशन के लिए दो छोटे पंखें लगाए गए हैं. पंखों को बिजली देने के लिए पोर्टेबल लिओन बैटरी पैक भी है, जो कम से कम आठ घंटे तक शरीर को आरामदेह स्थिति में रख सकता है. इस पूरे किट का वजन 500 ग्राम से भी कम है.

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गुड़गांव पुलिस कर रही है जैकेट का परीक्षण 
कंपनी के द्वारा निर्माण किए जाने के बाद अब गुड़गांव पुलिस को ये 15 जैकेट दिए गए हैं. इन 15 जैकेटों का उसके ट्रैफिककर्मी परीक्षण कर रहे हैं. क्‍योंकि अभी इनका परीक्षण चल रहा है ऐसे में उन्‍हें होने वाली किसी तरह की परेशानी से लेकर उनके बताए सुझाव पर भी कंपनी काम कर रही है, जिससे उन जैकेट को और बेहतर बनाया जा सके. हालांकि अभी तक जवानों की ओर से किसी तरह बड़े बदलाव के लिए नहीं कहा गया है. 

क्‍या बोले कंपनी के प्रेसीडेंट? 
इस जैकेट को बनाने वाली कंपनी निर्माण प्लस एडवांस्ड टेक्नोलॉजीज के वाइस प्रेसिडेंट विष्णु शशिधरन ने बताया कि बर्फ -प्लस जैकेट को इस तरह तैयार किया गया है कि इसे पहनने वाला व्यक्ति अधिक तापमान में भी आरामदायक महसूस करे. कूलिंग के लिए पीसीएम का प्रयोग बर्फ का बेहतर विकल्प है, क्योंकि आईस पैक्स से कम किया गया तापमान बर्फ के पिघलने पर फिर बढ़ जाता है। 'फेज चेंज मैटीरियल्स' को भारत में प्लस एडवांस्ड टेक्नोलॉजीज ने डिजाइन और तैयार किया है. वेस्ट फैब्रिक और डिजाइन मुंबई में बर्फ के निर्माता ने बनाए हैं. उन्होंने बताया कि बर्फ -प्लस जैकेट, नई तरह की पहनने योग्य कूलिंग तकनीक है. इनका इस्तेमाल निर्माण स्थलों, खदान, भट्ठियों और दुकानों पर काम करने वाले लोगों के अलावा डिलीवरी एजेंट्स, बीमा सर्वेक्षक और फील्ड सेल्स रिप्रजेंटेटिव्स कर सकते हैं. इससे उन्हें अधिक तापमान से बचने में मदद मिलती है. 

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सरकार फ्री में लगाएगी WiFi ! बढ़ेगी Airtel, Jio और Voda की चिंता बढ़ी?

Bharat Sanchar Nigam Limited (BSNL) एक नया ऑपर लेकर आया है, जिसमें नए यूजर्स को वाई-फाई इंस्टॉलेशन के लिए कोई फीस नहीं देनी होगी.

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Tuesday, 30 April, 2024
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अगर आप अपने घर में नया वाई-फाई (WiFi) कनेक्शन लेना चाहते हैं, तो ये खबर आपके काम की हो सकती है. दरअसल, Bharat Sanchar Nigam Limited (BSNL) अपने नए यूजर्स के लिए एक नया ऑफर लाया है. इसमें अच्छी बात ये है कि आपको WiFi Install करवाने के लिए कोई इंस्टॉलेशन चार्ज नहीं देना पड़ेगा. ऐसे में आपके लिए ये काफी अच्छा ऑप्शन साबित होने वाला है. तो चलिए इस ऑफर के बारे में आपको अधिक जानकारी देते हैं. 

नए यूजर्स के लिए बेफतरीन ऑफर
सरकारी टेलीकॉम कंपनी बीएलएनएल आपको ब्रॉडबैंड इंस्टाल करने के लिए एक अच्छा ऑफर दे रही है. ऐसे में अब आप अपने घर में बिना कोई पैसे खर्च किए फ्री में WiFi कनेक्शन लगवा सकते हैं. बीएलएनएल ये ऑफर नए यूजर्स के लिए लाया है. अब नए यूजर्स को WiFi कनेक्शन लगवाने के लिए कोई इंस्टॉलेशन चार्ज नहीं देना होगा, यानी इंस्टॉलेशन सर्विस पूरी तरह फ्री दी जा रही है. साथ ही केबल और अन्य उपकरणों के लिए भी कोई चार्ज नहीं देना होगा. 

बढ़ जाएगी Airtel, Jio और Voda की चिंता बढ़ी?
BSNL की तरफ से BharatFiber और AirFiber सेवाएं ऑफर की जा रही हैं. ये दोनों को ही सेवा आपको बिल्कुल फ्री मिलेंगी. कंपनी ने बताया है कि इन दोनों ही सेवाओं के लिए अब 500 रुपये इंस्टॉलेशन फीस नहीं देनी पड़ेगी. साथ ही जो यूजर्स कॉपर कनेक्शन लेना चाहते हैं, उनसे भी 250 रुपये इंस्टॉलेशन फीस नहीं ली जाएगी. एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस ऑफर से आकर्षित होकर कई सब्सक्राइबर कंपनी की ब्रॉडबैंड सर्विस से जुड़ना चाहेंगे. ऐसे में Airtel, Jio और Voda की चिंता जरूर बढ़ जाएगी, क्योंकि उनके ग्राहक भी इस ऑफर से आकर्षित होकर बीएलएनएल में स्विच कर सकते हैं.  

ऐसे करें आवेदन
अगर आपको भी नया कनेक्शन लगवाना है, तो कंपनी की ऑफिशियल साइट पर जाकर ऑनलाइन अप्लाई कर सकते हैं. इसके लिए लॉगइन करना जरूरी है. यहां आपको घर की पूरी डिटेल फाइल करने के बाद एप्लीकेशन सब्मिट करनी होगी. ये आपके लिए अच्छा ऑप्शन साबित हो रहा है.

पूरे साल मिलेगा ऑफर का लाभ
कंपनी की तरफ से पिछले साल ही ये ऑफर दिया जा रहा था, लेकिन इसे 31 मार्च तक खत्म हो जाना था. ऐसे में कंपनी ने अब इस ऑफर को पूरे साल के लिए बढ़ा दिया है. Airtel, Jio और Vodafone-Idea का टेलीकॉम मार्केट में एक-तरफा राज है. लेकिन अब बीएलएनएल के इस ऑफर से हो सकता है स्थिति में कुछ बदलाव हो. 

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पीएम मोदी की सूर्य घर योजना के लिए उमड़े लोग, अब तक इतने करोड़ लोगों ने किया आवेदन

पीएम मोदी ने इस योजना का ऐलान 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्‍ठा का कार्यक्रम पूरा करने के बाद की थी. सरकार इस योजना के तहत 300 यूनिट तक बिजली फ्री देती है. 

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Tuesday, 30 April, 2024
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चुनावों से पहले सरकार की ओर से पीएम सूर्यघर योजना की शुरुआत की गई थी. इस योजना के तहत लोगों को सोलर प्‍लांट लगाने के लिए सब्सिडी देने की योजना बनाई गई थी. इस योजना को लेकर लोगों में जबरदस्‍त उत्‍साह देखने को मिला है. स्थिति ये है कि अब तक 1 करोड़ से ज्‍यादा लोग इसके लिए आवेदन कर चुके हैं. इस योजना के अंदर 300 यूनिट तक बिजली फ्री मिलती है. यही नहीं आप इस योजना से बिजली पैदा करके भविष्‍य में कमाई भी कर सकते हैं. 

आखिर अब तक कितने लोगों ने किया है आवेदन 
इस योजना को जब लॉन्‍च किया गया है उस दिन सरकार ने इसके पहले चरण में 1 करोड़ लोगों को इसे देने का लक्ष्‍य बनाया था. सरकार की ओर से इस योजना में हजारों रुपये की सब्सिडी भी दे रही है. सरकार की इस योजना में लोगों को इतना फायदा नजर आ रहा है कि अभी तक 1 करोड़ से ज्‍यादा लोग इसमें आवेदन कर चुके हैं. खुद पीएम मोदी कई बार इस योजना का जिक्र अपने भाषणों में कर चुके हैं.

इतनी मिल रही है इसमें सब्सिडी 
सरकार की ओर से लाई गई पीएम सूर्य घर योजना में 18000 रुपये से लेकर 78 हजार रुपये की सब्सिडी दी जा रही है. अगर कोई भी आम आदमी इस योजना के तहत 1 किलोवॉट का कनेक्‍शन लेता है तो वो इसमें 18000 रुपये की सब्सिडी पा सकता है. इसी तरह 2 किलोवाट के कनेक्‍शन पर ये सब्सिडी 30 हजार रुपये है. इसके बाद अगर आपका कनेक्‍शन 2 किलोवाट से ज्‍यादा होता है तो सब्सिडी 78 हजार रुपये तक हो जाती है. सरकार को इस योजना के लिए जिन राज्‍यों से ज्‍यादा आवेदन मिला है उनमें यूपी, असम, बिहार, गुजरात, महाराष्‍ट्र, ओडिशा और तमिलनाड़ु जैसे राज्‍य हैं.

जानिए कैसे करें इसके लिए आवेदन? 
अगर आप इस योजना के तहत आवेदन करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको ttps://pmsuryaghar.gov.in पर जाकर आवेदन करना होगा. इस पर जाकर आपको रजिस्‍ट्रेशन करना होगा. इसके लिए ऑफलाइन आवेदन भी किया जा सकता है. आप नजदीकी पोस्‍ट ऑफिस में जाकर ये आवेदन कर सकते हैं. 

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आप ऐसे पा सकते हैं सब्सिडी 

अगर आप इस योजना के तहत सब्सिडी पाना चाहते हैं तो उसके लिए आपको पोर्टल पर रजिस्‍ट्रेशन करने के बाद अपने बिजली डिस्‍ट्रीब्‍यूटर का सलेक्‍शन करना होगा. उसके बाद अपना कंज्‍यूमर नंबर, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी देना होगा. 

इसके बाद कंज्‍यूमर नंबर और मोबाइल नंबर के साथ लॉगिन करें और फॉर्म के अनुसार रूफटॉप सोलर के लिए आवेदन करें. 

इसके बाद आपके इंस्‍टालेशन की फिजिबिलिटी होगी और उसे अप्रूवल दिया जाएगा. फिजिबिलिटी अप्रूवल के बाद रजिस्‍टर्ड वेंडर से प्‍लांट को इंस्‍टाल कराएं. 

इंस्‍टालेशन होने के बाद नेट मीटर के लिए आवेदन करें. 

नेट मीटर के इंस्‍टालेशन और DISCOM की जांच के बाद पोर्टल से कमिश्‍निंग सर्टिफिकेट जारी होगा. 

सबसे अंत में कमिश्‍निंग रिपोर्ट मिल जाए तो पोर्टल के माध्‍यम से बैंक अकाउंट की डिटेल और एक कैंसिल चेक जमा करें, आपको 30 दिनों के अंदर सब्सिडी का अमाउंट दे दिया जाएगा. 


क्या आपका बैंक भी वसूल रहा है ज्यादा इंट्रेस्ट? जानिए कैसे RBI लगाएगा लगाम

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने एक सर्कुलर जारी करते हुए बैंको को ग्राहकों से वसूले गए अतिरिक्त शुल्क को वापस करने का निर्देश दिया है.

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Tuesday, 30 April, 2024
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अगर आपसे भी बैंक ने गलत या अतिरिक्त ब्याज (Interest) वसूला है, तो अब उनकी खैर नहीं, दरअसल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने कुछ बैंकों द्वारा ब्याज वसूलने में अनुचित तरीकों का इस्तेमाल करने पर चिंता जताई है. आरबीआई ने ऐसे बैंकों को ब्याज प्रक्रिया में सुधार करने और ग्राहकों से वसूले गए अतिरिक्त शुल्क को वापस करने का निर्देश दिया है. 

बैंकों को दिए ये निर्देश
इस मामले में आरबीआई ने एक सर्कुलर जारी करते हुए कहा है कि मौके पर जांच के दौरान आरबीआई को ऋणदाताओं द्वारा ब्याज वसूलने में कुछ अनुचित तरीकों का इस्तेमाल करने के मामले मिले हैं. इसके बाद सभी बैंको को निर्देश दिया है कि वे लोन देने के तरीके, ब्याज और अन्य शुल्क के संबंध में अपनाई प्रक्रियाओं की समीक्षा करें और जरूरत के अनुसार उसमें बदलावकरें कार्रवाई करें. 

जांच के दौरान सामने आए ये मामले 
जानकारी के अनुसार आरबीआई को मौके पर जांच के दौरान ऐसे मामले मिले, जिसमें कर्ज मंजूरी की तारीख से ब्याज वसूला जा रहा था, जबकि ग्राहक को पैसा देने की तारीख से ब्याज वसूला जाना चाहिए. ऐसे भी मामले सामने आए जहां चेक की तारीख से ब्याज वसूला गया, जबकि ग्राहक को चेक कई दिनों बाद सौंपा गया. साथ ही कुछ बैंक लोन वितरण या दोबारा भुगतान के मामले उस अवधि के लिए ब्याज नहीं ले रहे थे, जिसके लिए लोन बकाया था.

बैंक ग्राहकों को वापस करेगा अतिरिक्त ब्याज
आरबीआई ने कहा है कि जहां भी इस तरह के मामले सामने आए हैं, वहां बैंकों को ग्राहकों से लिए अतिरिक्त ब्याज और अन्य शुल्क वापस करने को कहा गया है. इसके अलावा कुछ मामलों में लोन वितरण के लिए जारी किए गए चेक के बदले बैंकों को फंड ऑनलाइन ट्रांसफर करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.

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रघुराम राजन ने ग्रोथ रेट को लेकर उठाया सवाल, तो कृष्‍णमूर्ति ने दिया ये जवाब...

रघुराम राजन के साथ चर्चा के कार्यक्रम में भारत के पूर्व चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर भी शामिल थे. उन्‍होंने कहा कि मैं ये समझ नहीं पाता कि आखिर वो भारत की ग्रोथ रेट से संतुष्‍ट क्‍यों नहीं हैं.  

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Tuesday, 30 April, 2024
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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन सरकार की अलग-अलग मामलों को लेकर अक्‍सर आलोचना करते रहते हैं. इसी कड़ी में अब पूर्व गवर्नर ने देश की ग्रोथ रेट को लेकर सवाल उठाया है. उन्‍होंने कहा है कि भारत की असली ग्रोथ रेट 8 से 8.5 प्रतिशत नहीं है बल्कि 6 से 6.5 प्रतिशत है. उन्‍होंने जिस कार्यक्रम में ये जानकारी दी उसमें पूर्व इकोनॉमिक एडवाइजर कृष्‍णमूर्ति सुब्रमण्‍यम भी मौजूद थे.

रघुराम राजन ने कही ये बात 
रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने नार्थ वेस्‍टर्न यूनिवर्सिटी के केलोग्‍स बिजनेस स्‍कूल में अपनी बात कहते हुए कहा कि अगर भारत को 2047 तक विकसित अर्थव्‍यवस्‍था बनना है तो उसके लिए जरूरी है कि उसे अगले कई सालों तक 9 से 10 प्रतिशत की तेजी के साथ आगे बढ़ना होगा. उन्‍होंने जब ये बात कही उस वक्‍त उनके सामने भारत के पूर्व चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर मौजूद थे. राजन इससे पहले भी भारत की ग्रोथ रेट को लेकर सवाल उठाते रहे हैं. 

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कृष्‍णमूर्ति सुब्रमण्‍यम ने कही ये बात 
रघुराम राजन के ग्रोथ रेट पर उठाए गए सवाल के जवाब में कृष्‍णमूर्ति ने कहा कि मुझे समझ ये नहीं आता है कि रघुराम राजन भारत की ग्रोथ के आंकड़ों से संतुष्‍ट क्‍यों नहीं हैं. उन्‍होंने कहा कि थोड़ी देर के लिए हम ये मान लेते हैं कि भारत की ग्रोथ रेट 6 से 7 प्रतिशत की तेजी से आगे बढ़ रही है. लेकिन सवाल ये है कि हम इसमें 7 प्रतिशत की महंगाई दर को क्‍यों नहीं देख रहे हैं. उनके इस तर्क पर रघुराम राजन ने कहा कि इस तरह की महंगाई तब बढ़ती है जब आप तेजी से आगे बढ़ रहे होते हैं और आपकी आपूर्ति खत्‍म हो जाती है. देश में लेबर के वेजेज में इजाफा होने लगता है लेकिन भारत में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है. राजन ये भी कहते हैं कि भारत में फार्म्‍स सेक्‍टर में तो पर्याप्‍त लेबर मौजूद है लेकिन मैन्‍युफैक्‍चरिंग और सर्विस में नहीं हैं. उन्‍होंने ये भी कहा कि तेजी से ग्रोथ करते देश में रोजगार एक मजाक है. इसका मतलब है कि ये कम उत्‍पादकता है और उन्‍हें कहीं और नौकरी ढूंढ़नी चाहिए. 

लेबर मार्केट को लेकर कही ये बात 
रघुराम राजन ने लेबर मार्केट को लेकर कहा कि देश में इसकी स्थिति सही नहीं है. इसी का नतीजा है कि देश में ज्‍यादातर लोग सरकारी नौकरी के लिए आवेदन कर रहे हैं. राजन ने ये भी कहा कि मैन्‍युफैक्‍चरिंग ग्रोथ कैपिटल इंसेटिव पार्ट में हो रही है ना कि लेबर इंटेसिव पार्ट में. उन्‍होंने कहा कि अगर हम मैन्‍युफैक्‍चरिंग में लेबर इंसेंटिव पार्ट पर नजर डालें तो उसे देखकर पता चलता है कि 23 में से 12 सेक्‍टर में ये आईआईपी 2016 से कम बना हुआ है. कोरोना के कारण सभी तरह के उद्योगों को इससे भारी नुकसान हुआ है. 

 


Wipro के नए सीईओ पर पैसों की बरसात, जानते हैं कितनी है Srinivas Pallia की सैलरी?

श्रीनिवास पल्लिया विप्रो के नए सीईओ हैं. वह इस दिग्गज आईटी कंपनी के साथ पिछले कई सालों से जुड़े हुए हैं.

Last Modified:
Tuesday, 30 April, 2024
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दिग्गज आईटी कंपनी विप्रो (Wipro) के नई सीईओ श्रीनिवास पल्लिया (Srinivas Pallia) को भारी-भरकम सैलरी मिलने वाली है. एक रिपोर्ट के अनुसार, श्रीनिवास को कंपनी ने 4.5 मिलियन डॉलर यानी करीब 37.53 करोड़ से 7 मिलियन डॉलर (करीब 58.40 करोड़ रुपए) तक का सालाना पैकेज ऑफर किया है. पल्लिया ने हाल ही में विप्रो के सीईओ और एमडी की जिम्मेदारी संभाली है. 

काफी पुराना है रिश्ता
श्रीनिवास पल्लिया ने थिएरी डेलापोर्टे की जगह ली है. डेलापोर्टे का कार्यकाल अगले साल यानी 2025 में समाप्त होने वाला था, लेकिन वह पहले ही चले गए. पल्लिया का विप्रो के साथ रिश्ता 1992 में जुड़ा था. तब से अब तक वह कंपनी में विभिन्न प्रमुख पदों पर काम कर चुके हैं. वह विप्रो की कंज्यूमर बिजनेस यूनिट के चेयरमैन, बिजनेस एप्लिकेशन सर्विस के ग्लोबल हेड और अमेरिकाज 1 के नाम से पहचानी जाने वाली स्ट्रेटजिक मार्केट यूनिट के सीईओ भी रहे हैं.  

किसे रिपोर्ट करेंगे पल्लिया?
पल्लिया अमेरिका में रहेंगे और विप्रो के चेयरमैन रिशद प्रेमजी को रिपोर्ट करेंगे. रिशद प्रेमजी ने 2007 में विप्रो जॉइन के थी. वह अजीम प्रेमजी के बेटे हैं. 2019 में कंपनी के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन बनने से पहले उन्होंने कई पदों पर काम किया था. रिशद ने वेसलियन यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स की पढ़ाई करने के बाद हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से MBA किया था. वह नैसकॉम के चेयरमैन भी रह चुके हैं. श्रीनिवास पल्लिया को सीधे उन्हीं को रिपोर्ट करना होगा.  

पैकेज में ये सब शामिल
पल्लिया के पैकेज की बात करें, तो उसमें 1.7 से 3 मिलियन डॉलर तक की बेसिक सैलरी शामिल है. इसके साथ ही उन्हें हर साल 1.7 मिलियन डॉलर से 3 मिलियन डॉलर के टार्गेट वैरिएबल पे का भुगतान किया जाएगा. यह भुगतान कंपनी के प्रदर्शन के आधार पर बोर्ड ऑफ डायरेक्टर द्वारा निर्धारित किया जाएगा. पल्लिया को कुल 4 मिलियन डॉलर का स्टॉक कम्पनसेशन भी दिया जाएगा, जिसमें 1.4 मिलियन डॉलर के अमेरिकी डिपॉजिटरी शेयर्स, प्रतिबंधित स्टॉक यूनिट्स और 2.6 मिलियन डॉलर मूल्य के अन्य स्टॉक्स शामिल हैं. 

शेयरों का खराब प्रदर्शन
उन्हें 4 मिलियन डॉलर का स्टॉक अवार्ड भी मिलेगा. इसका भुगतान उन्हें धीरे-धीरे किया जाएगा. जैसे कि 2024 में 25%, 2026 में 25% और 2027 में शेष 50% दिया जाएगा. वहीं, विप्रो के स्टॉक की बात करें, तो इसमें आज भी नरमी का रुख है. खबर लिखे जाने तक कंपनी का शेयर गिरावट के साथ 462.40 रुपए पर कारोबार कर रहा था. इसका पिछले 5 दिनों का रिकॉर्ड भी अच्छा नहीं रहा है. इस साल अब तक इस आईटी स्टॉक में 3 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट आई है. इस शेयर का 52 वीक का हाई लेवल 545.90 रुपए है.


Stock Market: आज इन शेयरों में निवेश से बन सकता है आपका दिन, तेजी के मिले हैं संकेत

शेयर बाजार के लिए इस सप्ताह की शुरुआत शानदार रही. कल सेंसेक्स और निफ्टी दोनों उछाल के साथ बंद हुए थे.

Last Modified:
Tuesday, 30 April, 2024
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शेयर बाजार (Stock Market) के 'अच्छे दिन' चल रहे हैं. इस सप्ताह के पहले कारोबारी दिन ही बाजार बड़ी छलांग के साथ बंद हुआ. इस दौरान, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 941.12 अंक चढ़कर 74671.28 और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 223.45 अंकों की उछाल के साथ 22643.40 पर पहुंच गया. अंतरराष्‍ट्रीय बाजारों में मजबूती के बीच निवेशकों द्वारा चौतरफा की गई खरीदारी के चलते बाजार में यह तेजी देखने को मिली. चलिए जानते हैं कि आज कौनसे शेयर ट्रेंड में रह सकते हैं.

इनमें आ सकता है उछाल
मोमेंटम इंडिकेटर मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डिवर्जेंस (MACD) ने आज के लिए कुछ शेयरों में तेजी और कुछ में मंदी के संकेत दिए हैं. सबसे पहले तेजी वाले शेयरों की बात करते हैं. IRCTC, Vadilal Industries, Westlife Foodworld, Shriram Finance और VST Tillers Tractors में आज तेजी देखने को मिल सकती है. जाहिर है ऐसे में इन शेयरों पर दांव लगाकर आप मुनाफा भी कमा सकते हैं. हालांकि, BW हिंदी आपको सलाह देता है कि स्टॉक मार्केट में निवेश से पहले किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से परामर्श जरूर कर लें, अन्यथा आपको नुकसान भी उठाना पड़ सकता है. 

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इनमें है मंदी के संकेत
MACD ने Mankind Pharma, Waaree Technologies, Ion Exchange और Bajaj Finance में मंदी का रुख दर्शाया है. इसका मतलब है कि इन शेयरों में आज गिरावट आ सकती है. लिहाजा इनमें निवेश को लेकर सावधान रहें. मैनकाइंड फार्मा के शेयर कल उछाल के साथ 2,375 रुपए पर बंद हुए थे. इस साल अब तक ये शेयर 20% चढ़ चुका है. Waaree Technologies के शेयर में सोमवार को 4 प्रतिशत से ज्यादा की नरमी आई और यह 1,813.60 रुपए पर पहुंच गया. इसी तरह, Ion Exchange और Bajaj Finance भी कल बढ़त के साथ कारोबार करते रहे.

इनमें मजबूत खरीदारी
अब उन शेयरों के बारे में जानते हैं, जिनमें मजबूत खरीदारी देखने को मिल रही है. इस लिस्ट में, SBI, ICICI Bank, Axis Bank, Divis Labs और Grasim Industries का नाम शामिल है. इनमें से कुछ शेयरों ने अपना 52 वीक का हाई लेवल पार कर लिया है. एसबीआई की बात करें, तो कल यह शेयर करीब 3 प्रतिशत की मजबूती के साथ 825 रुपए पर बंद हुआ था. इसी तरह, ICICI Bank के लिए भी कल का दिन अच्छा रहा. मोबाइल ऐप की गड़बड़, सहायक कंपनी के डीमर्जर को लेकर विवाद के बावजूद बैंक के शेयर मजबूती हासिल करने में कामयाब रहे. इसी तरह, Axis Bank और Grasim Industries के शेयरों में भी सोमवार को उछाल देखने को मिला.


बाबा को बड़ा झटका: Divya Pharmacy के ये 14 प्रोडक्ट्स बैन; आज SC में फिर सुनवाई 

रामदेव की मुश्किलों का अंत होता दिखाई नहीं दे रहा है. सुप्रीम कोर्ट की लताड़ के बीच उन्हें उत्तराखंड से भी झटका लगा है.

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Tuesday, 30 April, 2024
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विज्ञापनों में बड़े-बड़े दावे करना बाबा रामदेव (Baba Ramdev) को बहुत भारी पड़ रहा है. सुप्रीम कोर्ट इस मुद्दे पर जहां बाबा को जमकर फटकार लगा चुका है. वहीं, अब उनके लिए उत्तराखंड से भी बुरी खबर आई है. राज्य सरकार ने बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि की दिव्य फार्मेसी (Divya Pharmacy) के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. राज्य के औषधि नियंत्रण विभाग के लाइसेंस प्राधिकरण ने दिव्य फार्मेसी के 14 प्रोडक्ट्स पर बैन लगा दिया है और उनके लाइसेंस भी सस्पेंड कर दिए हैं. 

इन उत्पादों पर लगा बैन
उत्तराखंड सरकार ने बाबा रामदेव की कंपनी द्वारा प्रकाशित भ्रामक विज्ञापन के चलते यह कार्रवाई की है. बाबा की कंपनी के जिन उत्पादों को प्रतिबंधित किया गया है उनमें, श्वासारि गोल्ड, श्वासारि वटी, ब्रोंकोम, श्वासारि प्रवाही, श्वासारि अवलेह, मुक्ता वटी एक्स्ट्रा पावर, लिपिडोम, बीपी ग्रिट, मधुग्रिट, मधुनाशिनी वटी, लिवामृत एडवांस, लिवोग्रिट, पतंजलि दृष्टि आई ड्रॉप और आईग्रिट गोल्ड शामिल हैं. इसके अलावा, बाबा और आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज एक्ट के उल्लंघन के लिए आपराधिक शिकायत भी दर्ज कराई गई है.  

माफी मिलेगी या लगेगी फटकार? 
वहीं, पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज फिर सुनवाई होगी. पिछली सुनवाई में अदालत ने रामदेव और उनकी कंपनी पतंजलि आयुर्वेद को जमकर फटकार लगाई थी. इसके बाद पतंजलि आयुर्वेद ने अखबारों में बड़े फॉण्ट के साथ सार्वजनिक तौर पर माफीनामा भी छपवाया, जिसमें कहा गया कि हम सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करते हैं. साथ ही बाबा रामदेव ने यह भी कहा है कि इस तरह की गलती दोबारा नहीं होगी. हालांकि, ये बात अलग है कि इससे पहले अदालत बाबा का माफीनामा अस्वीकार कर चुकी है. अब देखने वाली बात ये होगी कि आज की सुनवाई में क्या होता है. बता दें कि इस मामले में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने बाबा और पतंजलि के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. 

इधर मिल गया नोटिस
इस बीच, खबर है कि रामदेव की FMCG कंपनी पतंजलि फूड्स लिमिटेड को GST इंटेलिजेंस महानिदेशालय (DGGI) की तरफ से शो-कॉज नोटिस भेजा गया है. इस नोटिस में चंडीगढ़ स्थित डीजीजीआई द्वारा 27.5 करोड़ रुपए की जीएसटी की मांग की गई है. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, डीजीजीआई चंडीगढ़ को जांच में कुछ फर्जी चालानों का पता चला है. आरोप है कि इसके आधार पर पतंजलि फूड्स द्वारा लगभग 27.46 करोड़ के फर्जी क्लेम किए गए.