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रुपये की गिरावट से एक्सपोर्ट को मदद मिलेगी या नहीं? जानिए वित्त मंत्री का जवाब
21 सितंबर को जब फेड ने ब्याज दरों में 75 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया था, तब से दुनिया भर की करेंसीज में उथल पुथल है. डॉलर इंडेक्स 113 के पार निकल चुका है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
नई दिल्ली: रुपये में बढ़ती कमजोरी ने सबकी चिंता बढ़ा दी है. रुपया सोमवार को 58 पैसे कमजोर होकर डॉलर के मुकाबले 81.67 पर बंद हुआ था. जो कि इसका अबतक सबसे निचला स्तर है. लगातार चार सत्रों से गिर रहा रुपया इस दौरान अबतक 193 पैसे तक कमजोर हो चुका है. ऐसे में सबकी निगाहें रिजर्व बैंक की ओर उठ चुकी हैं, अब अगला कदम क्या होगा.
RBI का हस्तक्षेप उथल-पुथल को रोकने के लिए
सोमवार को एक कार्यक्रम के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि रिजर्व बैंक का हस्तक्षेप रुपये के एक्सचेंज रेट में उथल पुथल से बचाव के लिये था. वित्त मंत्री ने इस दौरान कहा कि केंद्रीय बैंक का कदम एक्सचेंज रेट को फिक्स करने का नहीं है. कुछ दिन पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बयान आया था कि रुपये ने दुनिया की बाकी करेंसीज के मुकाबले अच्छा प्रदर्शन किया है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने जो भी कदम उठाए हैं उसकी असर दुनिया की सभी करेंसीज पर होगा. हमें सिर्फ इतना सुनिश्चित करना है कि ये उतार चढ़ाव ज्यादा गंभीर न होने पाए
दुनिया की सभी करेंसीज में गिरावट
21 सितंबर को जब फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 75 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया था, तब से दुनिया भर की करेंसीज में उथल पुथल है. डॉलर इंडेक्स 113 के पार निकल चुका है. इधर UK में टैक्स कटौती के ऐलान के बाद पाउंड रिकॉर्ड निचले स्तर तक फिसल गया. UK ने $48.7 बिलियन की टैक्स कटौती का ऐलान किया है. UK में इतनी बड़ी टैक्स कटौती बीते 50 सालों के इतिहास में कभी नहीं हुई थी. पाउंड ही नहीं चीन का येन और युआन भी 20 सालों के निचले स्तर पर हैं. आंकड़े बताते हैं कि डॉलर की मजबूती ने दुनिया भर की करेंसीज की हालत को पतला किया है.
'कमजोर रुपये से एक्सपोर्ट को मदद नहीं'
गिरते रुपये से एक्सपोर्ट को मदद मिलेगी, इस दावे पर वित्त मंत्री ने कहा कि ये थ्योरिटिकली तो ठीक है, लेकिन आज की परिस्थिति में जब दुनिया में मंदी का माहौल है, डिमांड भी ज्यादा नही है, ऐसे में रुपये की गिरावट भी एक्सपोर्ट्स को बहुत ज्यादा मदद नहीं करने वाली है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के ये बयान कल से शुरू होने वाली दो दिवसीय मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक से ठीक पहले आ रहे हैं. ऐसी पूरी संभावना है कि मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी रेपो रेट में इजाफा कर सकती है. इस साल मई से ब्याज दरों के बढ़ने का सिलसिला शुरू हुआ था. तब से लेकर अबतक 140 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी ब्याज दरों में की जा चुकी है.
इधर रुपये की गिरावट को लेकर आज वित्त सचिव अजय सेठ का भी बयान आया है, उन्होंने कहा है कि भारत की फॉरेक्स स्थिति काफी स्थिर है, भारत के पास पर्याप्त मात्रा में फॉरेक्स रिजर्व है. डॉलर की मजबूती से दुनिया भर की करेंसीज में दबाव है. जहां जरूरत होगी वहां रिजर्व बैंक कदम उठाएगा.
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