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सरकार ने कच्चे तेल पर बढ़ाया Windfall Tax, क्या फिर रुलाएंगे तेल के दाम? जानिए पूरी डिटेल
सरकार हर 15 दिन पर विंडफॉल टैक्स की समीक्षा करती है. बाजार में चल रही तेल की कीमतों के आधार पर ही इसकी समीक्षा की जाती है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 month ago
सरकार ने कच्चे तेल पर विंडफाल टैक्स (Windfall Tax) यानी स्पेशल एडीशन एक्साइज ड्यूटी को 41 फीसदी बढ़ा दिया है. अब तेल कंपनियों को इस पर प्रति टन 6800 रुपये की बजाय 9600 रुपये चुकाना होगा. बढ़ी हुई दरें आज यानी 16 अप्रैल से प्रभावी भी हो गई हैं. इससे पहले 4 अप्रैल को भी यह टैक्स 4900 रुपये प्रति टन से बढ़ाकर 6800 रुपये प्रति टन किया गया था. इस प्रकार अप्रैल महीने में लगातार दो बार में सरकार ने विंडफाल टैक्स 96 फीसदी बढ़ा दिया है.
क्या फिर बढ़ेंगे पेट्रोल-डीजल के दाम
ईरान-इजरायल के बीच चल रहा तनाव इस समय अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों पर असर डाल रहा है. आज ब्रेंट क्रूड 91 डॉलर प्रति बैरल के रेट के आसपास जा रहा है और इसमें तेजी का ही रुख देखा जा रहा है. वैश्विक अस्थिरता का क्रूड ऑयल के भाव पर प्रभाव निगेटिव तौर पर ही पड़ता है और इसके कीमतों में उबाल आता है जैसा इस समय देखा जा रहा है. हालांकि भारत सरकार ने डीजल और एविएशन टरबाइन फ्यूल पर शून्य टैक्स लगाया है यानी इन पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. लेकिन अगर ईरान-इजरायल के बीच हालात ऐसे ही रहे तो देश में भी पेट्रोल के दाम में बढ़ोत्तरी की संभावना है.
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क्या होता है Windfall Tax?
अगर आप विंडफॉल टैक्स के बारे में नहीं जानते हैं तो हम आपको बता रहे है कि विंडफॉल टैक्स क्या है, किन कम्पनियों पर लगता है और क्यों लगाया जाता है. विंडफॉल टैक्स सिर्फ कुछ समय के लिए सरकार ऐसी कंपनियों पर लगाती है जो किसी खास हालात के चलते रिकॉर्ड प्रॉफिट कमा रही हो. यह बेहद सामान्य सी बात है कि किसी भी कंपनी को सबसे अधिक प्रॉफिट तब होता है जब उसके प्रोडक्ट की कीमत किसी कारणवश अचानक से बढ़ जाए और उसके चलते उसकी कीमत में बढ़ोतरी हो जाए. रूस-यूक्रेन यूद्ध में तेल कंपनियों के साथ ऐसा ही हुआ था. उस समय कंपनियों ने काफी मुनाफा कमाया था.
सरकार क्यों लगाती है विंडफॉल टैक्स?
विंडफॉल टैक्स का उद्देश्य निजी रिफाइनरों को घरेलू बाजार में सप्लाई को प्राथमिकता देने के बजाय विदेशों में इन ईंधनों को बेचकर बढ़ी हुई वैश्विक कीमतों पर पूंजी लगाने से रोकना है. बता दें, सरकार हर 15 दिन पर विंडफॉल टैक्स की समीक्षा करती है. बाजार में चल रही तेल की कीमतों के आधार पर ही इसकी समीक्षा की जाती है.
पहले नहीं लगता था विंडफॉल टैक्स
भारत सरकार ने जुलाई 2022 में पहली बार कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स लगाया था और इससे पहले ये टैक्स नहीं लगाया जाता था. दरअसल सरकार ने पाया कि कुछ प्राइवेट रिफाइनरीज डीजल, पेट्रोल और एटीएफ की घरेलू बाजार में बिक्री नहीं करके उनका निर्यात कर रही थीं जिससे उन्हें ज्यादा फायदा हो रहा था. इसके बाद सरकार ने विंडफॉल टैक्स के तौर पर निर्यात पर लगने वाला एक तरह का टैक्स लागू किया जो स्पेशल एडिशनल एक्साइज ड्यूटी के रूप में लगता है. हर पखवाड़े में अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों को देखकर विंडफॉल टैक्स को घटाने या बढ़ाने का फैसला किया जाता है.
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