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आखिर इस प्रमुख कंपनी के चेयरमैन का क्यों कम हुआ वेतन?
कंपनी ने चेयरमैन और सीएफओ के वेतन में कमी की है जबकि कंपनी के सीईओ अभी भी सबसे ज्यादा सैलरी लेने पाले सीईओ बने हुए हैं.
ललित नारायण कांडपाल 11 months ago
इस साल के शुरुआत में कई जाने माने अर्थशास्त्रियों ने कहा था कि वर्ष 2023 पिछले साल के मुकाबले सकारात्मक रहेगा लेकिन स्थितियां फिर भी इस साल कठिन बनी रहेंगी. आधे साल के बाद ही कहीं जाकर हालात कुछ हद तक सुधरने की संभावना है. उन्हीं अर्थशास्त्रियों की भविष्यवाणी सही होती हुई दिखाई दे रही है. दुनिया के बाद अब भारत की बड़ी-बड़ी कंपनियों ने कठिन कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. इस कड़ी में नामी टेक कंपनी विप्रो के चेयरमैन रिशद प्रेमजी की सैलरी में लगभग आधे की कमी कर दी गई है. कंपनी के इस कदम को कठिन आने वाले दिनों में कठिन परिस्थितियों से जोड़कर देखा जा रहा है.
पहले कितनी मिलती थी रिशद प्रेमजी को सैलरी
रिशद प्रेमजी को वर्ष 2023 के लिए 951353 डॉलर सैलरी मिलेगी. जबकि पिछले साल यानी वर्ष 2022 में उन्हें 1819022 डॉलर की सैलरी मिली थी. ये सैलरी पिछले कारोबार साल से 50 प्रतिशत कम सैलरी है. महामारी के बाद पहली बार उनके मुआवजे में इतनी बड़ी कमी देखने को मिल रही है. महामारी के दौरान उनके वेतन में 31 प्रतिशत की कटौती हुई थी.
कमीशन में हुई है कटौती
उनके मुआवजे में जो कमी हुई है उसमें सबसे बड़ा भाग कमीशन का है. वर्ष 2019-20 में उन्हें .68 मिलियन डॉलर का कमीशन मिला था, जबकि पिछले साल उन्हें कमीशन के तौर पर .98 मिलियन डॉलर का मुआवजा मिला था. रिशद प्रेमजी को कंपनी के शुद्ध लाभ पर .35 फीसदी कमीशन मिलता है. लेकिन वर्ष 2023 के लिए ये नेगेटिव हो गया है. इसलिए इस साल उन्हें कोई कमीशन नहीं मिलेगा. ऐसा नहीं है कंपनी ने अकेली चेयरमैन के मुआवजे में कमी करने का निर्णय लिया है कंपनी ने विप्रो के सीएफओ जतिन प्रवीण चंद्र दलाल के मुआवजे में भी कमी करने का निर्णय लिया है. उन्हें पिछले साल वर्ष 2022-23 में .11 मिलियन डॉलर यानी 8.11 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया है जोकि लगभग 32 फीसदी कम है.
लेकिन सीईओ को मिल रही है सबसे ज्यादा सैलरी
विप्रो कंपनी के चेयरमैन और सीएफओ के मुआवजे में भले ही कमी हुई हो लेकिन इस कंपनी के सीईओ अभी भी सबसे ज्यादा सैलरी पाने वाले सीईओ बने हुए हैं. हालांकि उनके वेतन में इस साल मामूली इजाफा किया गया है. पिछले साल उन्हें 79.81 करोड़ रुपये दिए जा रहे थे जबकि इस साल यानी वर्ष 2023 में 82.41 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. अगर देखा जाए तो ये राशि डॉलर के सेंस में .5 फीसदी कम हुई है जबकि रुपयों के सेंस में इसमें इजाफा हुआ है. कंपनी ने अमेरिका के सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमिशन के पास दायर किए गए फॉर्म 20 एफ में इस जानकारी को साझा किया है. कंपनी के इस साल चौथी तिमाही के नतीजे भी उतने उत्साहनजक नहीं हैं. EBIT मार्जिन में 200 बीपीएस की कमी हुई है और ये 15.7 फीसदी पर आ गया है जबकि पिछले Q4 में 16.3 फीसदी पर स्थिर था.
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