होम / बिजनेस / आप बड़ी कंपनी हो या छोटी, देशवासियों को देना पड़ेगा सेफ्टी और भरोसा : राजीव चंद्रशेखर
आप बड़ी कंपनी हो या छोटी, देशवासियों को देना पड़ेगा सेफ्टी और भरोसा : राजीव चंद्रशेखर
जब इस बजट में पीएम मोदी ने रिसर्च एंड इनोवेशन के लिए 12 बिलियन डॉलर सीड मनी का ऐलान किया है ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते हैं कि वो टैलेंट को किस नजरिए से देख रहे हैं.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 3 months ago
DNPA अवॉर्ड में केन्द्रीय आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने अपनी बात रखते हुए कई अहम बातें कहीं. उन्होंने कहा कि इस बात से सभी लोग परिचित हैं कि पिछले 10 सालों में भारत में क्या बदलाव हुए हैं. आज हम अपने जीवन के हर सेगमेंट से जुड़े लोगों से बात कर सकते हैं. पिछले 10 सालों में मौजूदा और भविष्य की तकनीक को लेकर तेजी से विकास हुआ है. अब वो चाहे एआई हो, सेमीकंडक्टर हो, इलेक्ट्रॉनिक हो, वेब 3 हो, आप कही भी देख लीजिए इंडियन स्टॉर्टअप, इंडियन कंपनियां आपको वहां मिलेंगी. ये जो ट्रांसफॉर्मेशन हुआ है ये जबरदस्त है. जहां तक अपने हितों की रक्षा करने की बात है हम लोग एक ऐसे लॉन्चिंग पैड के पास हैं जहां से हम तेजी से ग्रो करेंगे. मैं कह सकता हूं कि भारत की ग्रोथ अब एक ऐसे आर्बिट पर है जहां से वो तेजी से आगे बढ़ रही है.
भारतीय बेहतर क्यों कर रहे हैं?
केन्द्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि ये बताने से पहले मैं दो साल पहले का अनुभव साझा करना चाहता जब मैं मंत्री बना ही था तो मैं 30 स्टार्टअप का एक डेलीगेशन को यूके लेकर गया था. मैं जैसे ही इंडियन हाई कमिशन गया तो मुझे पता चला कि यूके के 7 मंत्री हमसे मिलना चाहते हैं. बाद में पता चला कि वो मुझसे नहीं मिलना चाहते हैं वो स्टार्टअप से मिलना चाहते हैं. उसके उन सभी के साथ मुलाकात हुई और उन सभी ने एक दूसरे के अनुभवों को जाना. लेकिन आखिरी दिन हमारा वहां के पीएम बॉरिश जॉनशन के साथ लंच था. लंच के बाद उन्होंने कहा कि आखिर पीएम मोदी इन स्टार्टअप को क्या खिला रहे हैं जो ये इतना बेहतर कर रहे हैं. पिछले 10 सालों में सरकार अपनी पॉलिसी के जरिए इनोवेशन को आगे बढ़ा रही है. मैं नरेन्द्र मोदी सरकार के पहले समय में एक आंत्रप्रिन्योर रहा हूं और मैं कह सकता हूं कि उस वक्त संघर्ष था, दर्द था और आपके विकास के रास्ते में सरकार का रोड ब्लॉक सामने आ जाता था. लेकिन आज ये सबकुछ बदल गया है और ये सबसे बड़ा बदलाव हुआ है.
सबसे बड़ा चैलेंज क्या है?
मुझे लगता है कि हमें अपने टैलेंट को ग्लोबल लेवल का बनाने की जरूरत है. अब सेमीकंडक्टर और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस में सिर्फ एक इंजीनियर, मास्टर और एक पीएचडी होल्डर की जरूरत नहीं है बल्कि आपको रिसर्च और इनोवेशन करना भी आना चाहिए.आप जिस कॉलेज या इंस्टीट्यूट से पढ़ाई कर रहे हैं वहां आपको ये सब सिखाया गया हो. जब इस बजट में पीएम मोदी ने रिसर्च एंड इनोवेशन के लिए 12 बिलियन डॉलर सीड मनी का ऐलान किया है ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते हैं कि वो टैलेंट को किस नजरिए से देख रहे हैं. आज दुनिया के लिए जीपीयू और डेटा सेंटर सबसे बड़े चैलेंज नहीं हैं बल्कि सबसे बड़ा चैलेंज ये है कि आप ये यंग और स्मॉर्ट माइंड कहां से लाएंगे.
क्या आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की परेशानियों को रोका जा सकता है?
मुझे लगता है कि हमें इससे डरने की बिल्कुल जरुरत नहीं है. एआई हमारी जिंदगी की सबसे बड़ी खोज है. आप ये जानकर कह सकती है कि मैं ओल्ड मैन हूं कि मैने अपनी मास्टर थेसिस 30 साल पहले की थी. उन दिनों हम अपने मॉडल को 6 पैरामीटर और 8 पैरामीटर के आधार पर बनाने की कोशिश कर रहे थे. आज हम चर्चा कर रहे हैं कि मॉडल को 200 बिलियन पैरामीटर या उससे भी ज्यादा पर बनाने को लेकर बात कर रहे हैं. एआई सभी तरह के बदलाव करने वाला है इसमें हम क्या जानते हैं, क्या समझते हैं, ये सबकुछ बदल गया है. आप कोई भी हों, यूएस की कंपनी हों या भारत की या कोई छोटी कंपनी, आप हमारे लोगों को जो भी देंगें वो विश्वसनीय और सुरक्षित होनी चाहिए. वो कोई भी प्लेटफॉर्म हो उसकी सुरक्षा और विश्वास बेहद जरूरी है.
ये भी पढ़ें: किसी भी इंडस्ट्री में जीरो कार्बन टेक्नोलॉजी का होना बेहद जरूरी है
टैग्स