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भारतीय Startup की फंडिंग में इतनी बड़ी कमी की क्या है वजह?
पिछले साल के आंकड़ों से इस साल की तुलना करें तो समझ में आता है कि कितनी कमी हुई है. इस साल के पहले Q1 में सिर्फ 2.8 बिलियन डॉलर की निवेश आया है जबकि पहले कई गुना ज्यादा आया था.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
दुनिया भर के बाजार में छाई सुस्ती का असर भारतीय Startup बाजारों पर भी देखने को मिल रहा है. आंकड़े देखकर तो लग ऐसा रहा है कि इसका सबसे ज्यादा असर हमारे देश के Startup कारोबार पर पड़ रहा है. आंकड़े बता रहे हैं कि 2023 की पहली तिमाही (मार्च तिमाही) में Startup में निवेश 2022 की पहली तिमाही की तुलना में 75 प्रतिशत तक घट गया है. जो भारतीय स्टार्टअप कारोबार के लिए अच्छा समाचार नहीं है वो भी ऐसे में जब आने वाले क्वार्टर को सभी उद्योगों के लिए कठिन माना जा रहा है.
सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है लेट-स्टेज फंडिंग
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार स्टार्टअप में फंडिंग कम होने का सबसे ज्यादा असर उन पर पड़ता हुआ दिख रहा है जो लेट-स्टेज फंडिंग (सीरीज़ सी और उससे आगे) से जुड़े हुए हैं, जिसने 2022 की पहली तिमाही और 2023 की पहली तिमाही के बीच 79 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की है. यहां तक कि अगर तिमाही-दर-तिमाही आधार पर, लेट-स्टेज Startup में निवेश के प्रतिशत को देखें तो ये दिसंबर तिमाही के दौरान 23 प्रतिशत तक गिर गई है. इस बीच, 2023 के पहले क्वार्टर में जो निवेश हुआ है वो Q4 2022 की तुलना में उसमें 4 प्रतिशत की मामूली गिरावट देखी गई है, लेकिन Q1 2022 की तुलना में साल-दर-साल 68 प्रतिशत की महत्वपूर्ण गिरावट आई है.
Q1 और Q2 में हुआ था जबर्दस्त निवेश
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार क्वार्टर फंडिंग के मामले में, भारत Q1 और Q2 2022 में दूसरा सबसे अधिक निवेश वाला देश था. जबकि Q3 और Q4 2022 में ये चौथे स्थान पर आ गया. बढ़ती मुद्रास्फीति और ब्याज दरों ने निवेश को काफी प्रभावित किया है. कंपनियां अब नकदी को संरक्षित करने के लिए छंटनी का सहारा ले रही हैं. इस निवेश के अंतर को समझना हो तो अभी-अभी समाप्त हुई तिमाही में के नतीजों को देखा जा सकता है. इस तिमाही में भारतीय Startup में 2.8 बिलियन डॉलर की पूंजी लगाई गई है जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 11.9 बिलियन डॉलर थी. फिनटेक, रिटेल और एंटरप्राइज टेक (सास) शीर्ष प्रदर्शन करने वाले क्षेत्रों के रूप में उभरे. भले ही पिछली तिमाही के बाद से फिनटेक फंडिंग में 150 प्रतिशत की वृद्धि हुई हो, लेकिन इस क्षेत्र में Q1 2022 की तुलना में YoY फंडिंग में 51 प्रतिशत की गिरावट देखी गई.
पहले क्वार्टर में नहीं बना कोई यूनिकॉर्न
मीडिया रिपोर्ट के अनुसारइस क्वार्टर के दौरान Startup में 100 मिलियन प्लस फंडिंग के नौ बड़े राउंड हुए उनमें फोनपे, लेंसकार्ट, मिंटिफाई, इंश्योरेंस देखो, फ्रेशटोहोम, टीआई क्लीन मोबिलिटी और क्रेडिटबी शामिल हुए. Accel, Sequoia Capital, और Alteria Capital 2023 की पहली तिमाही में शीर्ष प्रारंभिक चरण के निवेशक थे, जबकि प्रेमजी इन्वेस्ट, एलिवेशन कैपिटल और चिराटे वेंचर्स ने देर के राउंड में सौदों में भाग लिया. हालांकि वर्ष 2023 के पहले क्वार्टर में कोई नया यूनिकॉर्न नहीं बना जबकि एक साल पहले 14 यूनिकॉर्न पैदा हुए थे. भारत के लगभग 90 प्रतिशत Startup फंडिंग विदेशी पूंजी से आती है. यह पूरी तरह से टिकाऊ नहीं है. भारत को अपने फंडिंग बेस में विविधता लाने और देश में Startup इनोवेशन के लिए बहुत अधिक स्थानीय फंडिंग बनाने की जरूरत है.
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