होम / बिजनेस / ज्यादा IPO आने का आखिर क्या है मतलब? क्या है ये एक अच्छी खबर
ज्यादा IPO आने का आखिर क्या है मतलब? क्या है ये एक अच्छी खबर
हमारे देश में पिछले कुछ समय में IPO के आने की संख्या में जिस तरह से इजाफा हुआ है उसने दुनिया के कई देशों को पीछे छोड़ते हुए टॉप पोजीशन हासिल कर ली है.
ललित नारायण कांडपाल 9 months ago
भारत की इकोनॉमी को लेकर सामने आ रहे आंकड़े हों, कर्ज देने वाली एजेंसियों की क्रेडिट रेटिंग में भारत के अच्छा करने की बात हो, लगभग सभी ओर से इस दिशा में अच्छे संकेत मिल रहे हैं. लेकिन इस बीच भारत के शेयर बाजार में जिस तरह से IPO आए हैं उसने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया है. कंपनी एक्सपेंसन लेकर बाजार से कई दूसरी जरूरतों के लिए पैसा जुटाने के नाम पर आने वाले IPO को लेकर एक सवाल ये भी पैदा होता है कि आखिर इतनी बड़ी संख्या में IPO आने को कैसे देखा जाए. आखिर क्या है इसका मतलब आज अपनी इस स्टोरी में हम आपको यही बताने जा रहे हैं.
आखिर क्यों पैदा हुआ ये सवाल?
दरअसल Ernst & Young India की एक रिपोर्ट की मानें तो वर्ष 2023 में भारत में इतने आईपीओ आ चुके हैं कि वो इस मामले में दुनिया में टॉप पर पहुंच चुका है. जबकि इश्यू प्रोसेस करने के मामले में भारत का नंबर 8वां है. अगर अकेले जून क्वार्टर की बात करें तो 6 कंपनियां अब तक अपना आईपीओ ला चुकी हैं. जबकि ये मार्च क्वार्टर से ज्यादा है. जबकि वहीं पिछले साल की बात करें तो तब 14 IPO आए थे. अकेले एसएमई सेगमेंट की बात करें तो उसमें 32 IPO आ चुके हैं. ये आंकड़ा पिछले साल से 78%ज्यादा है. पिछले साल इस सेग्मेंट में सिर्फ 18 इश्यू आए थे.
आखिर क्या होता है आईपीओ?
आईपीओ का मतलब होता है (Initial Public Offering). इस IPO के जरिए कंपनी शेयर मार्केट में अपने स्टॉक के जरिए पैसा जुटाती है. इसे आसान भाषा में ऐसे भी समझा जा सकता है कि जब कोई भी कंपनी पहली बार अपने शेयर बाजार में लेकर आती है तो उसे IPO कहते हैं.
आखिर क्या है ज्यादा IPO आने का मतलब ?
आखिर कौन सी प्रॉपर्टी है सबसे महंगी और कौन हैं मालिक?
टैग्स