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Mutual Fund बिजनेस की तैयारी में Reliance की ये कंपनी, SEBI के पास दायर किए दस्तावेज
भारत के बाजार में मौजूदा समय में 45 कंपनियां काम कर रही हैं जबकि कई अन्य आने की तैयारी कर रही हैं. उम्मीद है कि भारत का म्युचूअल फंड बाजार 50 लाख करोड़ के पार जा सकता है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 4 months ago
म्युचूअल फंड कारोबार तेजी से आगे बढ़ रहा है. लगातार बढ़ते सेंसेक्स और कई क्रेडिट एजेंसियों के भारत को लेकर जताए गए अनुमान को देखते हुए अब रिलायंस की एक कंपनी भी अपना म्युचूअल फंड लेकर आ रही है. रिलायंस की कंपनी जियो फाइनेंशियल अब BlackRock फाइनेंशियल मैनेजमेंट के साथ मिलकर अपना म्युचूअल फंड लाने की तैयारी कर रही है. कंपनी ने इसे लेकर सेबी में आवेदन भी कर दिया है.
पिछले साल ही दोनों कंपनियों ने किया है आवेदन
पिछले साल ही दोनों कंपनियों ने इसे लेकर सेबी के पास आवेदन किया है. दोनों कंपनियों ने 19 अक्टूबर 2023 को सेबी के पास आवेदन किया था. सेबी की स्टेटस रिपोर्ट में ये दिख रहा है कि ये अंडर प्रोसेस है. अकेले जियो ही ज्वॉइंट वेंचर में म्युचूवल फंड लाने को लेकर प्रयास नहीं कर रहा है बल्कि अबीरा सिक्योरिटीज ने भी सेबी के पास इसे लेकर आवेदन किया है. अबीरा सिक्योरिटीज कोलकाता की एक स्टॉक ब्रोकिंग कंपनी है. इस कंपनी की शुरुआत 2012 में हुई थी. इस कंपनी ने 2022 में आवेदन किया था.
तेजी से बढ़ रहा है म्युचूअल फंड बाजार
अगर मौजूदा बाजार को लेकर नजर डालें तो वहां 45 कंपनियां ट्रेड कर रही हैं. जबकि कई और कंपनियां इस कारोबार में उतरना चाह रही हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, Angle one को सेबी से म्युचूअल फंड कारोबार के लिए सहमति मिल चुकी है जबकि कई और कंपनियां भी इस कारोबार में उतरना चाह रही हैं. जानकारों का मानना है कि भारत की म्युचूअल फंड इंडस्ट्री 50 लाख करोड़ रुपये के पार जा सकती है.
क्या कहती हैं अलग- अलग रिपोर्ट
भारत के बाजार को लेकर सभी एजेंसियां बहुत सकारात्मक है. सभी का मानना है कि भारत की ग्रोथ रेट इसी तरह से बनी रहेगी. इसका असर शेयर बाजार पर भी देखने को मिलेगा. पैंटोमैथ की रिपोर्ट कहती में भारत के एसआईपी बाजार को लेकर भी कई बातें कहीं गई हैं. इनमें बताया गया है कि घरेलू एसआईपी प्रवाह इक्विटी में खुदरा प्रवाह के प्रमुख स्रोत के रूप में उभरा, जो वित्त वर्ष 2023 में 130 अरब रुपये तक पहुंच गया और वित्त वर्ष 24 में 153 अरब रुपये तक पहुंचने का अनुमान है. रिपोर्ट बाजार के बारे में कहती है कि उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाएं, विशेष रूप से बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण (एलएसईएम) ने सफलतापूर्वक 726.77 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश आकर्षित किया है, जिसके परिणामस्वरूप कुल 33.55 बिलियन अमेरिकी डॉलर का उत्पादन हुआ है.
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